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Panchasukt Pavman is Hymn from Rigveda and is chanted to worship Lord Vishnu. Generally the Homam or Abhisheka of the Hymn is done
To negate all the sins we have done unknowingly. The sins can be in the form of violence, insulting elders, stealing, lying, etc.
It cleanses your soul and makes your mind pure.
It purifies your life and destroys all your sins.
It negates all your present as well as past lives sins.
It brings prosperity and wealth in the life of its devotees.
One can achieve peace of mind and calmness with it.
It shows you the path of salvation and helps in achieving moksha.
पंचसूक्त पवमान यह ऋग्वेद (९ मंडल) में समाविष्ट सूक्त है जिसमे भगवान विष्णु की आराधना की जाती है | यही भगवान पुरुषोत्तम है इसलिए अधिकमास में इस सूक्त द्वारा अभिषेक व यागादि भी किए जाते है | इस सूक्त का श्रवण,
१) वर्त्तमान तथा भूतमे घटे हिंसा, अनादर, चौर्य, असत्यादी विविध पापोंका परिमार्जन करता है |
२) आत्मशुद्धि व ह्रदय पवित्र करता है |
३) यह श्रवण या पाठ करता को समृद्धता एवं सम्पन्नता प्रदान करता है |
४) यह शांति व स्थितप्रज्ञता स्थितिद्वारा मोक्ष की ओर अग्रेसर करता है |
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