पन्ना धाम से श्री प्राणनाथ जी अंतर्ध्यान तिथि का वर्णन श्री देवकरन गांधी जी के द्वारा

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Pranami bhajans

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Күн бұрын

प्राणाधार सुन्दरसाथ जी ! श्रीजी के पंचभौतिक तन से होने वाली लीला को छिपाने का आदेश जब मूलस्वरुप श्री राज जी की तरफ से होता है तब श्री 5 पद्मावती पुरी धाम पन्ना जी में श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की तीज के दिन एक विशेष लीला होती है ।
सुबह उठकर आज सभी सुन्दरसाथ देखते हैं कि श्रीजी ध्यान/चितवनि में रसमग्न हैं । सुन्दर साथ श्रीजी के ध्यान से उठने की प्रतीक्षा करते हैं जिस कारण सभी का भोजन प्रसाद लेना भी शेष रह जाता है क्योंकि बिना श्रीजी को भोग लगाए कोई भी अन्न का दाना तक ग्रहण नहीं करता था । जब काफी समय तक श्रीजी ध्यानावस्था से नहीं उठे तब सभी को बहुत चिंता व घबराहट होने लगी, बंगला जी सहित सम्पूर्ण पन्ना जी में सन्नाटा छा गया ।
बहुत समय बीतने के बाद सायं काल के समय श्रीजी ध्यानावस्था से उठे और सभी सुन्दर साथ से बात की । लेकिन आज के बात करने के तरीके और पहले के बात करने के तरीके में अन्तर था। श्रीजी ने सभी को भोजन करने का आदेश दिया और सभी सुन्दर साथ को इस बात का संकेत करते हुए कि "अब हम रहयो न जावहीं, मूल मिलावे बिन। हृदय चढ़ चढ़ आवहीं, संसार लगत अगिन" पुनः परमधाम के ध्यान में लीन हो गए ।
श्रीजी के इन वचनों को सुनकर सुन्दर साथ के हृदय में कंपन शुरू हो गया । सभी में बात फैल गई कि अब श्रीजी हमसे बात नहीं करेंगे ।
तीज का पूरा दिन बीतने के बाद चौथ का दिन आता है लेकिन श्रीजी अभी भी ध्यानावस्थित ही हैं। जिस जिस सुन्दर साथ ने यह बात सुनी की अब हमारे प्राण प्रियतम श्रीजी हमसे बात नहीं करेंगे तो उन सुन्दर साथ ने पानी पीने में जितना समय लगता है उतना समय भी इस संसार में रहना व्यर्थ समझा और अपने प्राणों को त्याग दिया।
सुन्दर साथ के द्वारा शरीर को छोड़ने का क्रम चलता ही रहा । दोपहर के बाद से ही महाराजा श्री छत्रसाल जी के मन में भी श्रीजी से मिलने की व्याकुलता उत्पन्न हो गई परंतु अत्याधिक बारिश के कारण केन नदी में बाढ़ आयी थी, जिस कारण विचारों में दृढ़ता नहीं हो पा रही थी । लेकिन श्री छत्रसाल जी के हृदय की अग्नि ने उनको शांत नहीं बैठने दिया और वे उसी बिगड़ते मौसम में ही अपने धाम धनी से मिलने निकल पड़े । जब पन्ना जी पहुंचते हैं तब वहाँ के दृश्य को देखकर एकदम से उनका हृदय स्तब्ध रह जाता है । सुन्दर साथ के शवों को देखकर उनकी चिंता और बढ़ जाती है और वे बंगला जी में विद्यमान श्रीजी के पास जाते हैं लेकिन श्रीजी को ध्यानावस्था में देखकर महाराजा श्री छत्रसाल जी के धैर्य का बांध टूट जाता है और विरह वेदना से युक्त होकर दर्द भरे शब्दों में वे अपने दुख को इन शब्दों के रुप में व्यक्त करते हैं -
मारो राज रसिक चितवत नहियाँ ॥ टेक ॥
सखीरी कैसे के मोहे रेन कटे, दिन जात रहो मुहियां चुहियां ॥ १ ॥
सखीरी कहा कहों पिछले सुख की, कहो जात कछू मोपे नहियां । सखीरी जो घरमें तो संग रहों, वन वींथन में जहियां तहियां ॥ २ ॥
सखीरी कुंज कछारन बागन में, गहि संग फिरों वहियां गहियां। सखीरी कैसे के मोहे नीको लगे, कबहूँ जो न्यारी रही नहिया ॥ ३ ॥
सखीरी क्रीट साकुंडल माल लसे, सब साथ बसें हियड़े महियाँ । सखीरी खेंच साकुंडल फेंट गही, हठ छोड़ हसे वतियां कहियां ॥ ४ ॥
सखीरी या छव को सुख अंत न गयो, जो रहो जिनको तिनहूँ महियाँ ॥ ५ ॥
( पन्ना जी में आज भी चौथ के दिन जब श्री छत्रसाल जी के आने का समय होता है उसी समय को याद करके, श्री बंगला जी में उनकी उपस्थिति मानकर अर्जुन सिंह जू देव द्वारा रचित यह पद गाया जाता है)
जैसे ही छत्रसाल जी दुखी होकर अपने आपको अपनी कटारी से मारने का प्रयास करते हैं श्रीजी ध्यानावस्था से उठकर छत्रसाल जी का हाथ पकड़ लेते हैं और उन्हें अपनी मौजूदगी का एहसास कराकर अपनी पहचान देते हैं ।
उसके बाद श्रीजी पुनः परमधाम व मूलस्वरुप की चितवनि में डूब जाते हैं।
इसके पश्चात्‌ पंचमी के दिन सुबह के समय में छत्रसाल जी, लालदास जी सहित अन्य प्रमुख सुन्दर साथ श्रीजी को श्री गुम्मट जी के नीचे बनी तलहटी में चंदन के झूले/सिंहासन पर विराजमान करा देते हैं -
लेखन - आचार्य करन शर्मा पन्ना धाम
।सुंदर साथ जी आपको इस वीडियो से कोई समस्या हे तो आप 9755728701 नम्बर पर संपर्क कर सकते हे 🙏🙏.
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Пікірлер: 20
@Khushi-gj8yi
@Khushi-gj8yi 2 ай бұрын
प्रणाम महाराज जी 🙏💐🙏💐🙏💐🙏
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@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@Bhanmati-g3p
@Bhanmati-g3p 2 ай бұрын
आपके श्री चरणों में कोटी कोटी प्रणाम सुन्दर साथ जी ❤❤❤❤❤❤
@Pranamibhajans
@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@rekhamahida1381
@rekhamahida1381 2 ай бұрын
❤pream prnamji ❤
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@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@pravinkumarpravinkumar2143
@pravinkumarpravinkumar2143 2 ай бұрын
Koti koti Pranam ji
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@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@omprakashtomar5597
@omprakashtomar5597 2 ай бұрын
Shri raj g shri shyama g ke charno me kiti koti parnam g
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@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@SuriliPaswan
@SuriliPaswan 2 ай бұрын
Prem pranam ji 🙏🙏🙏♥️♥️♥️ shree ji saheb ji meharabaan ♥️♥️♥️♥️♥️
@Pranamibhajans
@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@KiranGupta08
@KiranGupta08 2 ай бұрын
Prem pranam ji ❤❤❤❤❤❤
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@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@bharatjobanputra2866
@bharatjobanputra2866 2 ай бұрын
Dandvat Pranam Ji 🌷🌹🙏
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@Pranamibhajans 2 ай бұрын
🙏🙏❤️❤️
@omprakashtomar5597
@omprakashtomar5597 2 ай бұрын
@shubhanshdhami9546
@shubhanshdhami9546 2 ай бұрын
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@Pranamibhajans
@Pranamibhajans 2 ай бұрын
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哈哈大家为了进去也是想尽办法!#火影忍者 #佐助 #家庭
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