सत्य बचन श्री मान सत्य बचन पंडित जी जैसी करनी वैसी भरनी
@k.p.baudhha51495 ай бұрын
ऐसे वैज्ञानिक स्वभाव वाले विज्ञान दृष्टिकोण वाले अगर पैदा हो जाए तो पूरी धरती महान हो जाए
@kabirasharm11125 ай бұрын
सत्य सिद्धांत और प्रकृति के कारण कार्य व्यवस्था की समझ रखने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद
@k.p.baudhha51492 ай бұрын
@@kabirasharm1112सत्य कहाने के लिए मुझे प्रोत्साहित करने वाले को धन्यवाद
@ramasre661425 күн бұрын
कर्म करने के लिए फ्री छोड़ा है अच्छा हो या बुरा, परिणाम परमात्मा देते हैं।
@susheelyadav50082 ай бұрын
आज़ जीवन में पहली बार बहुत सी बातो का सटीक उत्तर मिला है। ये विडियो नहीं अपितु ज्ञान का भंडार है। ये विडियो बेहद ही ज्ञानवर्धक है
@dr.subashchand44395 ай бұрын
तार्किक विचार 👌👌
@Dr_Rajkumar_Maurya5 ай бұрын
अंधे कोड़ी आलसी देव देव चिल्लाई शुद्ध विवेक की विज्ञान जान देव भरोसे नहीं 100% सत्य वाक्य ऐसे संतो को तहे दिल से सलूट
@udaypandey78424 ай бұрын
Bihar sarkar badh apada ka pisa loot khasot kar hadp leta hai
@shivbahaduryadav79365 ай бұрын
बिल्कुल सत्य कहा महराज जी आपने ,मनुष्य के जीवन मे घटने वाली हर घटना का जिम्मेदार मनुष्य स्वयं है,ईश्वर न किसी को सुख देता है न दुख देता है,ईश्वर तो प्राणियो के किये हुए कर्मो का हिसाब देता है,जो जितना पाप-पुण्य करेगा ईश्वर हिसाब लगाकर उसे वही लौटा देता है,अतः कर्म से ही भाग्य बनता और बिगङता है,ईश्वर किसी के कर्म अथवा उसके फल अर्थात भाग्य मे कोई भी हस्तक्षेप नही करता है।सिर्फ कर्मो का हिसाब करता है। जय सियाराम। जय श्री राधे। जय श्री कृष्ण।
@roopksingh88295 ай бұрын
बिल्कुल सही बात है परमात्मा ने मनुष्य को गीता ज्ञान देकर उसको सही गलत सब बता दिया, और सबको श्रेष्ठ कर्म करने के छोड़ दिया, अब जैसा कर्म करोगे वैसा फल पाओगे।
@yashwantvaishnav6153Ай бұрын
कोउ न काहु सुख-दुःख कर दाता, निज कृत कर्म भोगु सब भ्राता।
@c.vsingh22125 ай бұрын
महाराज जी, मेरे विचार से परमात्मा की प्रकृति में जो उथल पुथल होती है बह परमात्मा की इच्छा से होता है जिसे यह कहा गया कि उसकी बिना मर्जी के एक पत्ता नहीं हिलता बाकी सारे कार्य करने के लिए मनुष्य स्वतन्त्र है। जैसा करेगा वैसा भरेगा।
@dgaurav005 ай бұрын
प्रकृति में जो उथल-पुथल होती है वह किसी व्यक्ति रुपी परमात्मा की इच्छा से नहीं बल्कि प्रकृति के जो गुण धर्म है जो स्वगत नियम है उसे नियमों के तहत होती है ऐसा समझ लेना ही सत्य का बोध है
@dilipvyas3293 ай бұрын
Apke hisab se prakrati hi sb kuch he bhagwan jesi kuch nhi he
@subhashchandraojha73445 ай бұрын
ज्ञानी बाबाओं की सुनामी आ गयी है
@MaheshPatel-d7f5 ай бұрын
परमात्मा नहीं है तो महाराज जी परमात्मा कोन है 🙏
@harbhagwansoni22325 ай бұрын
जाहि प्रभु दारुण दुख दही,ताकि मति पहले हर लेई
@SantoshPrajapati-vv6rt3 күн бұрын
Jay Shriram Jay Shriram Jay Shriram
@opshukla69125 ай бұрын
परमात्मा की इच्छा से ही आप यह सब बोल पा रहे हैं 🎉🎉🎉🎉
@roopksingh88295 ай бұрын
तो परमात्मा यह बुलवा रहे हैं यह ज्ञान दे रहे इसको समझो।
@gohilrajendra28295 ай бұрын
Right
@rajnilochan38625 ай бұрын
Saheb bandagi saheb 👏👏
@yadoram69sahu526 ай бұрын
Bahut hi sunder Vichar. Parkhi sant ko prnam
@inderchandsarswat98365 ай бұрын
😂😂
@ashokgupta12415 ай бұрын
परमात्मा किसी से कुकर्मों को करने की नही कहता है। भगवत गीता में भगवान ने कहा कि जो जैसा करेगा वैसा ही फल प्राप्त करेगा। इसलिए दुष्ट दुराचारी पापियो राक्षसों को कैंसर किडनी लकवा सहित विभिन्न प्रकार की बिमारियों से सम्मानित करता है ईश्वर।
@RamniwaskoharPrajapati5 ай бұрын
होस सभालते अच्छे रास्ते पर चलते हुए भी बल्ड कैंसर हो जाता है 5 साल बच्चा को कैन्सर हो जाता है
@jivubhaipatel29844 ай бұрын
भगवान निराकार है। यानी प़रकूती ही को परमात्मा कहा है। वेद पुराण गीता रामायण और महाभारत ये सब। महान लेखक ने लिखा है। ये सब में से हमें ज्ञान प्रदान होता है।
@kashiramkoli38555 ай бұрын
सर्व प्रथम तो सत असत का ज्ञान होना चाहिए।
@ChandraShing-bz3rz2 ай бұрын
जय श्री राधे कृष्णा महाराजजी जो जैसा कर्म करता है वो बेसा ही फल पाते है
@pravinkorram24745 ай бұрын
बहुत ही सुंदर ज्ञानवर्धक, जानकारी आप हमेशा परोस्ते रहे साहब बंदगी
@rammanohar50465 ай бұрын
Aapko tatha aapke vicharon ko sat sat Naman
@chetanshirsath38723 ай бұрын
साहेब बंदगी साहेबजी
@SurendrakumarYadav-xp6ly4 ай бұрын
बहुत सुन्दर। धन्यवाद।
@MohanKoli-x9nАй бұрын
🎉 साहेब बंदगी गेरेनपडताहेकयो
@rkyadav12334 ай бұрын
Bahut sundar ❤❤
@GaganKumar-h6d5 ай бұрын
परमात्मा न चाहे तो आपकी सांस भी नही चलेगी पंडित जी
@AshokKumar-r4f1t2 ай бұрын
yadi mata pita ki kirpa nahi hoti to parmatma sans kidhr dalta andh bhakt
@sandeeptrehan5244Күн бұрын
Sab prmatma ki ichha se hi hota
@VijayKumar-xp2ks2 ай бұрын
राधे राधे जय श्री कृष्ण 🙏🙏🙏
@JagrutiBen-rd5pe6 ай бұрын
🌹 saheb bandagi saheb guruji 🌹
@shribhagawansharma6123 ай бұрын
Kotisah parnam Very good mahatma g
@hanumanshayvaram28115 ай бұрын
ॐश्री दादू दयाल सतगुरु गुरु दाता गुरु पिताजी दादू संत शिरोमणि दादू संत श्री श्री 1008 श्री श्री दादू संत शिरोमणि दादू संत कबीर दास जी महाराज ही है ही ॐश्री दादू दयाल सतगुरु गुरु दाता गुरु पिताजी दादू संत शिरोमणि दादू संत श्री श्री 1008 श्री श्री दादू संत शिरोमणि दादू संत दादू दयाल जी महाराज ही है ही 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
प्रकृति ही ब्रह्म है ;ब्रह्म ही माया है ।ब्रह्म को ईश्वर का नाम देकर दुनिया को डफोला बनाना शुरू से चालक लोगो ने अपनी आजीविका साधन बनाया मुर्तिया बना कर धन मिठाइया खाना दासी लीला करना शैतान कर्म ही है ;इन्सान कर्म नही है।गरीब की बुद्धि को ताला लगा दिया है ,वे विवेकहीन होकर अन्धो की चाल चल रह् है ---- भगवान बुद्ध
@surtaram86625 ай бұрын
@Ukr-t2p ब्रह्म five elements and तीन गुण then other no god never god.
@c.vsingh22125 ай бұрын
@@surtaram8662 आपने लिखने की कोशिश तो सही लिखने की है लेकिन सही से लिख नहीं पाए।ब्रह्म इस ब्रह्माण्ड का मूल कारण बीज है जो समस्त ब्रह्माण्ड का उत्पत्ति कर्ता है प्रकृति उसकी प्रेरणा शक्ति है जो सृजन करते हुए सबमें व्यापक है और ईन्वर ब्रह्म का पर्यायवाची नाम या यूं कहें कि सब सुरों यानि दैविय शक्तियों में श्रेष्ठ है इसलिए ईश्वर ही ब्रह्म है और ब्रह्म ही पूरण परमात्मा है।रही जो बातें आपने और लिखी हैं उनका इस उपरोक्त कथन से कोई मेल नहीं बैठता।बह सब कर्मकाण्डियों के कार्य हैं जिन्हें कोई स्वीकार करता है तो कोई नकारता है।इस विषय में आस्तिक या नास्तिक होने का भी कोई कारण नहीं है क्योंकि अपना अपना विश्वास है। परमात्मा के होने के कुछ संकेत ऐसे हैं जिन्हें परमात्मा का प्रबल विरोधी भी अनजाने में उन संकेतों को स्वीकार कर लेता है लेकिन अज्ञानता के अंधेरे में उनको न समझना ही उसका परमात्मा पर विश्वास न करने का कारण बना रहता है लेकिन अंत मृत्यु से पहले उन संकेतों पर विश्वास तो करने लगता है पीड़ा के कारण शव्द रूप में बोलने भी लगता है लेकिन स्थिति ऐसी बन जाती है उस समय कि जैसे रोटी रोटी कहने से रोटी मूंह में नहीं जाती भूख शांत नहीं होती क्योंकि बिना प्रयास किए बिना अभ्यास किए बच्चा रोटी खाना नहीं सीखता ठीक यही स्थिति उस समय उस मृत्यु शैय्या पर पड़े मनुष्य की होती है इस लिए बह संकेत रूपी शव्द फिर उसके लिख कोई लाभ नहीं पहुंचाते। क्योंकि उन सांकेतिक शब्दों का उस व्यक्ति ने अपने जीवन काल अभ्यास ही नहीं किया।और मनुष्य कष्टकारी मृत्यु को प्राप्त हो प्राण छोड़ देता है।माफ करना समझ में आ जाए तो ठीक वरना कमेंट करके बता देना कि गलत लिखा है आपने तो मैं अपना कमेंट डिलीट कर दुंगा धन्यवाद।
@jivubhaipatel29844 ай бұрын
Shi kaha.
@jivubhaipatel29844 ай бұрын
मेरे हिसाब से कर्म का सिद्धांत ग़लत है। जब जापान में नागासाकी ओर हिरोशिमा पर अणुबोम ऐटेक हुआ ओर दो ढाई लाख लोगों की मौत हो गई तो क्या ईश्वर ने इतने सब लोगों को दो शहरों में ऐसे सब के कर्म के हिसाब से इकठ्ठा कर दिया गया हो गया। ये सब सोच कर यह कर्म का सिद्धांत ग़लत साबित हो सकता है।
@surtaram86624 ай бұрын
@@jivubhaipatel2984 ईश्वरवाद ही काल्पनिक हैं.only nature yin yan circle 's mayajal no more.
@KhyatiNagosh3 ай бұрын
Mai kanker zila se hu, aap ka suvicha bhut acha lga dhnwad.
@ashwanisrivastava40775 ай бұрын
जन्म जीवन मृत्यु योंनी स्वर्ग नरक सुख दुःख वर्ण कुल वंश ये सब चिज कर्म के ऊपर ही निर्भर करता है। मन विचार और क्रिया से किया हुवा कर्म ही भविष्य निर्धारण करता है। कर्मो की गणना, कर्मो का लेखा जोखा - यमलोक के धर्माधिकारी प्रभु श्री चित्रगुप्त जी करते हैं और इनके द्वारा ही भुत काल, वर्त्मान काल, भविष्य काल निर्धारण होता है और जीवन की कुंडली बनाई जाती हैं। जय श्री चित्रगुप्त भगवान् 🙏🙏🚩🚩
महात्मा जी जो कुछ बता रहे है वह बिलकुल ठीक कहते है l
@VipinKumar-oi1vg4 ай бұрын
निःस्वार्थ समाज सेवी के अद्भुत उदाहरण हैं संत रामपाल जी महाराज समाज को दहेज प्रथा, नशा, भ्रष्टाचार, पाखंड, अंधविश्वास, छुआछात आदि से मुक्ति दिलाने के लिए संत रामपाल जी महाराज निःस्वार्थ भाव से पिछले करीब 30 वर्षों से संघर्षरत हैं। जिसमें उनके अनुयायी भी बढ़ चढ़कर भाग ले रहे हैं। जिससे एक स्वच्छ समाज तैयार हो रहा है।
@OmPrakash-no4mc6 ай бұрын
❤ Satnam sat Saheb Bandagi Om Prakash Das Sindhiya Samastipur
@jayeshbhai79673 ай бұрын
जिसै संसार आत्मा कह रही है वो हमारा परम चैतन्य शरीर हे जिसको ईस लोक परलोक और मृत्यु लोक का ऐहसास करता है आत्मा अजर-अमर निर्बंध नित्य नवीन अविनाशी निर्लेप और निर्छुत हे ऊसे कोई भी चीज छू नही शकती है हमारा परम चैतन्य शरीर जो हमारा मुल है ईसको मिटना ही पुर्ण मुक्ति हे आत्मा परमात्मा को किसी भी ऐहसासो की जरूरत नहीं है सुख दुःख मान अपमान लाभ हनी ऐ सब हमारे-आपके परम चैतन्य शरीर को ऐहसास होता है आत्मा को ऐ सब सारी बातें स्पर्श नही करती हे आत्मा सदा के लिए मुक्त है और चेतन्य ता ऐ आत्मा का गुण नही नही तो आत्मा बंधन मे माना जाएगा इसलिए चेतना (ऐहसास करनी की शक्ति) ऐ आत्मा नही हे ऐ अटल सत्य है,👈👈👈👈👈👈🙏🙏🌹🌹🌹
@diljeetsingh834 ай бұрын
ਸਹੀ ਬੋਲਾ ਸ਼ੁਕਰੀਆ
@rakeshprasad83085 ай бұрын
पता अगर ईश्वर की मर्जी से हिलता है तो बुरे कर्म भी ईश्वर की ही मर्जी से हो रहा है तो फिर इंसान की ग़लती क्या है
@spiritualwithscientificpro78055 ай бұрын
Kaha likha hai iswer ki marzi se patta hilta hai ye sab bible ki baat hai sanatan dharm me kahi nhi likha iswer karm aur karm fal me koi hastakshep krta hai
@ChandanKumar-bh3iw3 ай бұрын
@@spiritualwithscientificpro7805 exactly 💯😊😊😊
@VikekBhai3 ай бұрын
Insan ke andar do atmaen Hoti hai ek atma aur ek sukshm atma jisko jivatma kahate Hain yahi Satya hai Jay Mahakal
@VikekBhai3 ай бұрын
@@spiritualwithscientificpro7805Jo Insan Apne atma ko jaanta hai vah Parmatma ko kabhi bhi galat raste per nahin chalne dega yani apne aap ko galat rasta nahin chalayega to vahi Satya ko jaanta hai baki nahin Jay Mahadev
@spiritualwithscientificpro78053 ай бұрын
@@VikekBhai acha sahab gyaan Dene ke liye dhanyawaad
@AmitAmit-be9vf5 ай бұрын
Bohot acha parwachn laga aapka ji , Jo aapne btaya vo sahi hi hai
@kamleshbeautifulkumar50255 ай бұрын
He govind he sri Krishna he basudev he dewakinandan sri Krishn aap ki kripa aapram par h
@SACHAISerubru10085 ай бұрын
❤ Satay bachan Saheb bandagi Satnam Saheb
@jamunalalsharma9616Ай бұрын
परमात्मा ने अपनी परमाप्रकृति (creating force) के माध्यम से विश्व ब्रह्माण्ड की रचना की है। जीव जगत को अपने अपने कर्म के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है। तदनुसार कर्मफल भोगता है। परमात्मा की इच्छा के बिना इस ब्रह्माण्ड की रचना नहीं हो सकती। वेद में कहा गया। में एक हूं बहुत होजाऊं ये है परमात्मा की इच्छा। आप केवल भौतिक जगत की बात कर रहे हैं। जो ध्रुव सत्य नहीं हैं। आप भी विचार करें। जमुना लाल शर्मा हिंडौन सिटी
@ganeshchandrasuyal35765 ай бұрын
ऐसा लगता है आपका ज्ञान भ्रामक ज्ञान है .
@OmPrakash-no4mc6 ай бұрын
Satya Saheb Bandagi Om Prakash Das Sindhiya Samastipur
@KeharSingh-vp1ub18 күн бұрын
जैसे बछड़ा सौ गायों मे से अपनी मां को डूंढ लेता है वैसे ही करम अपने करता को डूंढ लेता है जी
Bahut sundar vichaar pravachan parsstuti ke liye ❤ mahapurushji ko dhanbad ji satkaar bhara❤❤ dhan nirankarji❤❤❤❤❤
@rajvirsingh66185 ай бұрын
मनुष्य कर्म करने के लिए स्वतंत्र है भोगने के लिए परतंत्र है
@RajnderRajnder-uw7lq5 ай бұрын
कर्म करने में भी स्वतंत्र नही है l इसके लिए यह चौपाई देखे,, होईहैह सोई जो राम रची राखा ll
@HitjoriSharan5 ай бұрын
शक्ति भगवान की और इच्छा जीव की इसलिए किए गए कर्मों का फल जीव को प्राप्त होता है अच्छे कर्मों का अच्छा बुरे कर्मों का बुरा
@surendraranjan67665 ай бұрын
Apki soch satiya hai guruji
@bijayapanda96895 ай бұрын
Nice sweet true logical proof real gyan disclosure. Thanks a lot. OM..
@dgaurav005 ай бұрын
Thank you ji
@ganeshchandrasuyal35765 ай бұрын
मान्यवर ऐसा लगता है आपका ज्ञान बहुत ही काम है आपको निष्पक्ष अध्ययन की जरूरत है. दुराग्रह से प्रेरित ज्ञान मैं कमी होती है .
@dollykumari57236 ай бұрын
Saheb Jee Saheb bandagi bahut he sunder perbachan tha
@ambarkumar53155 ай бұрын
Shree sad gharu Maharaj kee jay❤❤❤
@RanjanSingh-xt3qk2 ай бұрын
इवान प्रारंध बोध का उद्यान है जहां नियति परक स्मृति की भूमिका हर प्राणी निभाता है।
@maheshsaklani28894 ай бұрын
परमात्मा एक बहुत बड़ी शक्ति। है इसका मूल है उसकी प्रेरणा के कोई भी उसकी इच्छा विरुद्ध कोई काम नहीं हो सकताहै मनुष्य जीव जन्तु कोई हरक़त नहीं कर सकता है यह बड़ा सूक्ष्म विषय है अन्तर ज्ञानी ही इसको समझ सक्ता है परिस्थितियाऊबनती हैं घटना घटेगी पूर्व जन्म के कर्मों के कारण क्योंकि हानि लाभ जीवन मरण यश अपयश विधि हाथ
इंशान,परिवार,के,लिए,बुरे,कर्म,करता, है,उसका,फल, बच्चो,ओर,पत्नी,को,भुगतना,पड़ता,कर्म,किसे,नहीं, छोड़ेगा,ओर,पता,फिर, चलता, है
@UdaramKukna-p6u3 ай бұрын
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 🙏🙏‼️
परमात्मा तो सदैव अच्छा ही करता है अच्छा बुरा हमारी बुद्धि समझता हैइतनी सी बात नहीं समझ पाऐ
@rajendrajesus74415 ай бұрын
Jai gurudev Datta Jai shree ram ji ki jai shree Mata
@ArunKumar-sm3se4 ай бұрын
Saheb Bandagi
@gyanentertainment79452 ай бұрын
साहेब आपने बिल्कुल सत्य कहा कि मनुष्य स्वतंत्रत है इसके उपर किसी की सत्ता नहीं है, कोई अलौकिक शक्ति नहीं है यहां तक तो सत्य है, पर जब कहते हैं कि कर्म फल से भगवान भी नहीं बच पाए तो मनुष्य किस खेत की मूली है, यही वाणी आपकी सारी महत्वपूर्ण वाणियों पर कालिख पोत देती है। एक जगह कहते हैं कोई ईश्वर नहीं है तो फिर भगवान कहां से आया। अपनी वाणी पर ध्यान दीजिए। साहेब बंदगी साहेब।
@sahdevchaurssiya52975 ай бұрын
Guruji aapne bilkul sahi bataya eshwar kisi manushya ka bhagya nahi banata hai manushya apne karmo ke dowara apna bhagya banata hai 🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩jay shri ram
@MahaveerSingh-hs9qt4 ай бұрын
Bahut. Hi. Achcha. Satsang. Lagha. ❤.
@munnalal-ui6lb5 ай бұрын
श्रीमान जी कबीर जी स्पष्ट कुर्मा रहे हैं। ना कुछ किया ना कर सकूं ना कुछ करें शरीर करने वाला और है लोग कहे कबीर कबीर।। अच्छा बुरा लाभ हानि दुख सुख मरना मरना चोरी करना बदी करना नेकी करना। अगर इन्हें परमात्मा को अर्पण कर दिया जाए। तो आदमी बंधन मुक्त हो जाएगा किसी को ब्रह्म ज्ञान कहते हैं। मनुष्य कब फसता है जब वह अपने ऊपर लेता है इसी कारण बंधन में बढ़ जाता है। अच्छा या बुरा मैं नहीं किया सब मैं तेरा हुकुम है। सब में तेरी ताकत है। मेरी ताकत का तो कोई मतलब ही नहीं बनता। तो बताइए मैं क्या किया?🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@kavigovindsoniyatharth54035 ай бұрын
सत्य यही लगता है।❤
@kavigovindsoniyatharth54035 ай бұрын
पर कर्म करते समय परमात्मिक स्मरण हो तो ज्यादा अच्छा है।यह जानकारी भी परमात्मा ही de रहे हैं,हमें।
@munnalal-ui6lb5 ай бұрын
@@kavigovindsoniyatharth5403 उसके लिए ही तो निरंतर सुमिरन बताया है। अंत काल में जहां मनुष्य का ध्यान होगा खुशी नहीं जाना पड़ेगा।
@munnalal-ui6lb5 ай бұрын
@@kavigovindsoniyatharth5403 जय श्री कृष्णा
@rprakash99775 ай бұрын
परम्+आत्मा अर्थात् परमात्मा केवल सकारात्मक ऊर्जा है जो हमें बुराई से आगाह कराती है,,, स्वार्थ और मनमानी से ही हम कुकर्म करते हैं
@shivajighatage14273 ай бұрын
Hare Krishna 🙏
@yadoram69sahu526 ай бұрын
Saheb bandagi Ji bahgwanwadi
@dr.vijaysahu48813 ай бұрын
परमात्मा(आत्मा) की मर्जी से नहीं होता बल्कि उसकी सत्ता से जीव(प्रकृति वशीभूत) कर्ता होता है आत्मा(परमात्मा) अकर्ता होता है परंतु उसके(आत्मा) सकाश से होता है यदि जीव अपने मूल स्वरुप( आत्मा) में लौट जाए तो वह स्वंय आत्मा(परमात्मा) ही है।
@dr.vijaysahu48813 ай бұрын
पूण्य और पाप मन की मर्जी से होता है
@vlogwithyatishkandhari62935 ай бұрын
तो प्रभु जी अगर कर्म ही सब कुछ है,कर्म ही करना और भोगना का दायित्व मनुष्य पर खुद ही है तो भगवान का क्या रोल रहे गया। कृप्या रोशनी डालिए इस कथन पर
@ShivakantPatel-nr4ms5 ай бұрын
ज्येहोआपकी
@Madan-l7t5 ай бұрын
जय हो संता की
@umadhakal96508 күн бұрын
Sahi bat
@ramkereprasad56365 ай бұрын
Authentic philosophy I support you.
@starmakerprayagsingh65424 ай бұрын
Dhanyavad mahatman, sabko apne karmo ka hisab chukta karna hota hai,lekin jo karm akarm tatha vikarm se pare ho chuke hai unhe karm nahi bandhate ve sada atma me leen rahakar mukt awastha me rahte hai, aise durlabh santo ko kotinvar pranam
@BabasyamPartteti4 ай бұрын
चोरी, डकैती, बलात्कार सब परमात्मा के मर्जी से ही होता है
@kratisingh92295 ай бұрын
AAP sahi kah rahe h I like it video Jai bheem Jai savidhan Jai mulnivashi namo bhuday
@kapurchanddhapade94895 ай бұрын
Kabir saheb alah akbar ki jay
@ramasre5045 ай бұрын
पुराने भगवानों के उदाहरण न देकर कलयुग के किसी भगवान का उदाहरण देते हुए समझाने का कष्ट करें तब कुछ समझ में आयेगा
@piyushagrawal9605 ай бұрын
U r right guruji
@UdaramKukna-p6u3 ай бұрын
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया 🙏🙏‼️
@Satish-on4qe4 ай бұрын
Pandit Ji sab parmatama ki icha se hota
@ramswroopprajapat3056 ай бұрын
सत साहेब बंदगी साहेब जी
@rajeshwarprasadyadav88995 ай бұрын
संत साहब बंदगी !सबकुछ कर्म करने से होता है परमात्मा से नहीं तो वर्षा कैसे होती है बाढ कैसे आती है रात-दिन कैसे हो ता है ?बुढापा कैसे?मृत्यु कैसे?कृपया स्पष्ट करें!
@dgaurav005 ай бұрын
जैसे पाप कर्म करते समय मन भयभीत हो जाता है और पुण्य कर्म करते समय मन प्रसन्न हो जाता है यह भाई और प्रसन्नता कोई परमात्मा नहीं देता है यह प्रकृति का नियम है और वृश्चिक रूप में आत्मा परमात्मा है जो आपके अंदर विराजमान है वर्षा प्रकृति गति नियमों के समायोजन से होती है और रात दिन प्रकृति के नियमों से होता है बुढ़ापा मृत्यु यह सब शरीर और पांच तत्वों के समीकरण का एक सिस्टम है उसे सिस्टम के तहत सब कुछ होता है यह सब देने वाला कोई मन बुध्दि चित्त अहंकार वाला व्यक्ति विशेष परमात्मा नहीं है अगर परमात्मा वर्षा करवाता तो खेत में करवाता फसल में करवाता रोड में गली में आंगन में कीचड़ हो जाता है वहां वर्षा नहीं करवाता। अगर परमात्मा वर्षा करवाता तो जहां बाढ़ आती है वहां वर्षा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए थी और जहां सुख है वहां वर्ष होनी चाहिए थी क्योंकि वह तो सर्व समर्थ है सब कुछ जानता है फिर कहीं पर बाढ़ कहीं पर सुख क्यों इसलिए बारिश प्रकृति के नियमों के अनुकूलता से होती है उसमें किसी ईश्वर का कोई हाथ नहीं