त्रेतायुग में कबीर साहेब ने मुनींद्र ऋषि रूप में एक पहाड़ी के आस-पास रेखा खींचकर सभी पत्थर हल्के कर दिये थे। फिर बाद में उन पत्थरों को तराशकर समुद्र पर रामसेतु पुल का निर्माण किया गया था। इस पर धर्मदास जी ने कहा हैं :- "रहे नल नील जतन कर हार, तब सतगुरू से करी पुकार।जा सत रेखा लिखी अपार, सिन्धु पर शिला तिराने वाले।धन-धन सतगुरु सत कबीर, भक्त की पीर मिटाने वाले।" #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी प्रमाणित ज्ञान दे रहे हैं Kabir is God
@RadhakrushnSharma6 ай бұрын
अवधुत दादा गुरुजी धन्य हैं आप अच्छा ज्ञान चर्चा करते हैं
@kauravganesh Жыл бұрын
जय हो गुरुदेव प्रभु,दादा गुरु महाराज की जय हो।
@RadhakrushnSharma6 ай бұрын
आपका आशीर्वाद प्राप्त होता रहे
@ManjulikaShrivastava4 ай бұрын
सत्यम शिवम सुन्दरम
@RadhakrushnSharma3 ай бұрын
प्रकृति ही परमात्मा है ऐसा दर्शन करवाया ऐसे अवधूत दादा गुरुजी कोटि कोटि कोटि नमन एक दुख होता है दादा गुरुजी आपके लिए असभय कॉमेंट करते हैं
@nkvyas9911 Жыл бұрын
नर्मदा मैया की जय
@kavitapawar56143 ай бұрын
वाह... गुरूजी,.अदभूत प्रवचन🙏
@SindhavVithal-jp3ti3 ай бұрын
Jay ho dada guru. Adbhut vastvik gyan dete hai dada guru.
@hariomchouriya12943 ай бұрын
कबीर परमेश्वर जी ने काल ब्रह्म को दिये वचन अनुसार त्रेतायुग में राम सेतु अपनी कृपा से पत्थर हल्के करके बनवाया। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का Kabir is God तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
@BhalchandraBhalerao-s2v4 ай бұрын
Jai Guru Dev ki. Sadar,Pranam
@hariomchouriya12943 ай бұрын
जिस कविर्देव/कबीर साहेब/हक्का कबीर/कबीरन/खबीरा के प्रमाण शास्त्रों (वेद, गीता, क़ुरान, बाइबल, गुरुग्रंथ साहिब) में मिलते हैं वह कोई और नहीं बल्कि पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब ही हैं जो 600 वर्ष पहले काशी में आये थे। जिन्होंने सद्भक्ति व समाज सुधार का मार्ग बताया। #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
@hariomchouriya12943 ай бұрын
चारों युगों में अपनी प्यारी आत्माओं को पार करने आते हैं परमेश्वर कबीर जी परमात्मा कबीर जी सतयुग में सत सुकृत नाम से प्रकट हुए थे। उस समय अपनी एक प्यारी आत्मा सहते जी को अपना शिष्य बनाया और अमृत ज्ञान समझाकर सतलोक का वासी बनाया। #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना
@shakuntalaagrawal608Ай бұрын
Aapka aashirvad milta rahe
@ritusingh652613 күн бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏
@hariomchouriya12943 ай бұрын
#वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला कबीर परमात्मा माँ के गर्भ से जन्म नहीं लेते, ना ही उनकी कोई पत्नी थी। क्योंकि वे तो सबके उत्पत्तिकर्ता हैं। ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 96 मंत्र 17 में प्रमाण है कि कविर्देव शिशु रूप धारण कर लेता है। लीला करता हुआ बड़ा होता है। कविताओं द्वारा तत्वज्ञान वर्णन करने के कारण कवि की पदवी प्राप्त करता है वास्तव में वह पूर्ण परमात्मा कविर् (कबीर साहेब) ही है। कबीर, "ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बन दिखलाया। काशीपुरी जल कमल पे डेरा तहां जुलाहे ने पाया।। मात पिता मेरे कछु नाही, ना मेरे घर दासी। जुलहे का सुत आन कहाया, जगत करे मेरे हासी।।"
@vivekparmar46723 ай бұрын
👌
@hariomchouriya12943 ай бұрын
ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3, मंडल 9 सूक्त 93 मंत्र 2 में लिखा है कि वह परमेश्वर सशरीर प्रकट होता है और सशरीर अपने निज लोक को चला जाता है। कबीर परमेश्वर सन् 1398 (विक्रम संवत 1455, ज्येष्ठ पूर्णमासी) को शिशु रूप में प्रकट हुए। और सन् 1518 (वि. सं. 1575) को सशरीर सतलोक चले गए।
@hariomchouriya12943 ай бұрын
परमपिता परमेश्वर कभी भी माँ से जन्म नहीं लेते। ऋग्वेद मंडल 10 सूक्त 4 मंत्र 3 पूर्ण परमात्मा जब शिशु रूप धारण करके यहां आते हैं तब उनका जन्म किसी मां के द्वारा नहीं होता। #वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
@shivkumarmath50134 ай бұрын
Dada gurudev ji ki jai jo
@hariomchouriya12943 ай бұрын
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का Kabir is God त्रेतायुग में कबीर साहेब मुनींद्र ऋषि नाम से आये। तब रावण की पत्नी मंदोदरी, विभीषण, हनुमान जी, नल - निल, चंद्र विजय और उसके पूरे परिवार को कबीर परमात्मा ने शरण में लिया जिससे उन पुण्यात्माओं का कल्याण हुआ। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
@hariomchouriya12943 ай бұрын
कबीर परमेश्वर का कलयुग में प्रकट होना ज्येष्ठ मांस की पूर्णमासी सन् 1398(विक्रम संवत 1455) को पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब काशी में शिशु रूप में प्रकट हुए। साहेब होकर उतरे, बेटा काहू का नाहीं। जो बेटा होकर उतरे, वो साहेब भी नाहीं।। पूर्ण परमेश्वर कबीर साहेब सशरीर आये और अनेकों लीलाएं करके पुनः सशरीर सतलोक चले गए। क्योंकि पूर्ण परमात्मा कभी भी न जन्म लेता है और न उसकी मृत्यु होती है।
@karunahir84494 ай бұрын
Jay gurudev
@hariomchouriya12943 ай бұрын
क्या आप जानते हैं कि हनुमान जी को त्रेतायुग में मुनीन्द्र ऋषि रूप में परमात्मा मिले थे, जिन्होंने हनुमान जी को अपना अमरलोक दिखाया था और सतभक्ति प्रदान की थी। #सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का
@hariomchouriya12943 ай бұрын
#सच्चा_इतिहास_परमात्मा_का Kabir is God द्वापर युग में कबीर परमेश्वर ने ही द्रौपदी का चीर बढ़ाया जिसे जन समाज मानता है कि वह भगवान कृष्ण ने बढ़ाया। कृष्ण भगवान तो उस वक्त अपनी पत्नी रुकमणी के साथ चौसर खेल रहे थे। तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी
@hariomchouriya12943 ай бұрын
क्या आप जानते हैं पूर्ण परमात्मा चारों युगों में आते हैं, अच्छी आत्माओं को मिलते हैं। "सतयुग में सत्यसुकृत नाम से, त्रेता में मुनीन्द्र नाम से आये, द्वापर में करुणामय नाम से तथा कलयुग में अपने वास्तविक नाम कबीर नाम से प्रकट हुए।" #परमात्माका_चारोंयुगों_मेंआना संत रामपाल जी महाराज जी
@hariomchouriya12943 ай бұрын
ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 “अभी इमं अध्न्या उत श्रीणन्ति धेनवः शिशुम्। सोममिन्द्राय पातवे।। परमेश्वर जब भी शिशुरूप में पृथ्वी पर आते हैं तो उनका पालन पोषण कुंवारी गायों के दूध से होता है। #वेदों_अनुसार_कबीरप्रभु_लीला
@nimmagaddavijaya44804 ай бұрын
Jaiguruvugari
@김순희-y7w9t5 ай бұрын
🙏👏🙏🌻🤗
@bhaktisagargd1085 ай бұрын
आक्सीजन मात्र जीवनी शक्ति नहीं है
@bali98253 ай бұрын
Oxygen nahin hoga to.
@khandurajchavan94742 ай бұрын
@@bali9825परमेश्वर ने मानव और जीव जंतू को निर्माण किया है तो उस मानव और जीव जंतू को जिवीत रहने के लिये सारा बंदोबस्त किया है, कुछ ईश्वर प्राप्ती का ज्ञान और जीवन मृत्यू के फेरे से मोक्ष पाने का ज्ञान देने बोलो
@PramodTiwari-q8sАй бұрын
Ye kis puran ko pad ke aaya.bhagvan ne tumko ped lagane ke liye bheja hai.bhagwan ne kaha k varkchhno me wo pepal ka vrkchh hai.