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🌻इतने फल लगे हुए है पर कहीं बाहर से ऐसेंस नजर नही आता, खुश्बू दार और रसदार फल लगे हुए है,,,,,,,,,,,,।
🌻खुद के लिए यही प्रार्थना करनी है कि भगवान मेरा जीवन ऐसा बनाओ जो सबके भले के लिए हो,,,,,,,,,,,।
🌻कहीं बाहर नही बस स्वयंम में स्थित होना है,,,,,,,,,,,,।
🌻कोई कैसे भी मूड में हो हमारे अंदर इतना शुद्ध भाव होना चाहिए कि हम अपने भाव से उसके खराब मूड के चैनल को बदल कर आनंदित कर सके,,,,,,,,,,,,,,।
🌻सबसे बड़ा यज्ञ ज्ञान यज्ञ , सबसे बड़ा धन ज्ञान धन,,,,,,,,,,,।
🌻सच्चा सन्यास ये होता है कि हमारे भीतर बाहरी चीजो का आकर्षण ना हो,,,,,,,,,,,,,।
🌻शुक्राने सतगुरु जी के हरि ॐ,,,,,,,,,,,,,।
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