Рет қаралды 53,120
#kotdwar #kanvashram #uttarakhand #lansdowne
Mahabgarh और चक्रवर्ती सम्राट भरत की जन्मभूमि
Pauri Series में आज Uttarakhand के Pauri Garhwal के यमकेश्वर विधानसभा के अंतर्गत पौराणिक पर्वत श्रृंखलाओं और अनेकों ऋषि मुनियों की ध्यान - तपोस्थली, आश्रमों और सिद्ध पीठों का उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों में जैसे विष्णु पुराण, महाभारत काल का भीष्म पर्व, कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम् आदि पुराणों में वर्णित है, जिसमें मणिकूट पर्वत एवं हिमकूट पर्वत उल्लेखनीय हैं। मणिकूट पर्वत में श्री नीलकंठ महादेव, यमकेश्वर महादेव, अचलेश्वर महादेव, मां भुवनेश्वरी देवी, मां चण्डेष्वरी देवी, मां विंध्यवासिनी, गणडांडा आदि देव स्थल हैं। दूसरी ओर हिम कूट पर्वत श्रृंखलाओं से जुड़े महाबगढ़ शिवालय, कोटेश्वर महादेव मंदिर स्थित है।इसी इलाके में भारत देश के नाम की कहानी छिपी है।इसी इलाके में एक अनोखी प्रेम कहानी की दास्तान है। तो शुरू करते हैं The Story of Bharat
कोटद्वार से महाबगढ़ की दूरी-65 किमी
कोटद्वार से 65 किमी पहाड़ी सड़क मार्ग से दुगड्डा, हनुमंती, कांडाखाल, पौखाल, नाली खाल, नाथू खाल, कमेडी खाल तक वाहन से पहुंचे। कमेडी खाल से 700 मी चढ़ाई का पैदल रास्ता है।गढ़वाल राइफल्स का मुख्यालय लैंसडौन, महाबगढ़ से लगभग ३५ कि.मि. की दूरी पर है।महाबगढ़ को सिद्धों का डांडा कहा जाता है।यहाँ पर गढ़वाल के 52 गढ़ो में से एक महाबगढ़ है जिसे असवालों का भी गढ़ कहा जाता है।
महाबगढ़ का इतिहास
इन पर्वत श्रृंखलाओं में कई ऋषि-मुनियों जैसे मृकण्ड, मार्कण्डेय, कश्यप, कण्व ऋषि जैसे तपस्वियों की तपोस्थली रही है, जहां यदा-कदा दुर्वासा ऋषि भ्रमण करते थे । इसका वर्णन विष्णु पुराण में मिलता है ।
श्री बाबा महाबगढ़ शिवालय पर्वतराज कैलाश के ठीक सामने विराजमान हैं । ऋषिकाल में ये शिवालय मंदार एवं कल्प वृक्षों से आच्छादित रमणीक स्थल रहा है।
महाबगढ़ शिवालय अष्ट मूर्तियों में विराजमान हैं। राजशाही काल में गढ़वाल के 52 गढ़ों में से एक प्रसिद्ध गढ़ महाबगढ़ भी था जो राजा भानु देव असवाल के राज्य का हिस्सा था जो बाद में असवाल गढ़ के रूप में भी प्रचलित हुआ। वर्तमान में महाबगढ़ गढ़वाल संसदीय क्षेत्र व यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वर्तमान में किमसेरा गांव का पौराणिक नाम कण्वाश्रम था, हिम कुट पर्वत से 3 किलोमीटर नीचे शकुंतला एवं दुष्यंत के पुत्र भरत की जन्मभूमि भरपूर नामक गांव है। भरपूर गांव का पौराणिक नाम भरतपुर था
भरपूर गाँव कोटद्वार 65 किमी की दूरी पर स्थित है।गाँव में 15 परिवार रहते है।इसी गाँव के पास फलिंडा के वृक्ष के नीचे चक्रवर्ती सम्राट भरत का जन्म बताया जाता है।इन्ही के नाम पर देश का नाम भारत वर्ष पड़ा।राजा दुष्यंत और शकुंतला का प्रेम प्रसंग मालन नदी के किनारे हुआ।वर्तमान में जो कण्व आश्रम है वहाँ से 12 कोस दूर पर किमसेरा के पास कण्व ऋषि का आश्रम रहा है।स्थानीय लोग बताते है कि राजा दुष्यंत को शकुंतला को कण्व ऋषि के आश्रम में दिखी।राजा दुष्यंत को शकुंतला से प्रेम हो गया।यही पर दोनों का गंधर्व विवाह हो गया।बाद में भरपूर गाँव में ही भरत का जन्म और लालन पालन हुआ।
महाबगढ़ और प्राचीन कण्वाश्रम एक इतिहासिक क्षेत्र है।यहाँ से आप कोतद्वार, हरिद्वार,गंगा नदी,ऋषिकेश,देहरादून, लैंसडाउन, मसूरी सहित हिमालय की सभी प्रमुख चोटियां बन्दरपूँछ,गंगोत्री,केदारनाथ,चौखम्भा,नंदादेवी,
त्रिशुल और पंचाचूली दिखाई देती है।समुद्र तल से 7 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित महाबगढ़ एक प्राचीन धार्मिक स्थल के साथ ही ट्रेकिंग,बर्ड वाचिंग,जंगल सफारी,रॉक क्लाइम्बिंग सहित कई साहसिक अभियानों के केंद्र बिंदु बन सकता है।यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त के अलौकिक नजारा दिखाई देता है।
संपर्क:प्रशांत खंडूड़ी-9870715728
if you like my work and content please support
Sandeep singh
ICICI BANK
695401503641
Ifsc code
ICIC0006954
On patreon:
/ ruraltales
email-gusai.sandeep4@gmail.com
facebook page:
/ ruraltales007
instagram -@rural_tales
My Equipment-
1.panasonic lumix G 85
amzn.to/3fpZ3yY
2.mobile holder tripod mount adapter
-amzn.to/3oSmR1C
3.universal carry travel bag-
amzn.to/2Ss4Wmd
4.sandisk ultra micro sd card 128 gb
amzn.to/2RPifgC
5.techblaze 3way monopod grip
amzn.to/34qspa2
6.gopro hero 7 black
amzn.to/3oT4Hge
7.travel backpack for hiking trekking
amzn.to/2RT7WIh
8.dji action camera
amzn.to/3fPA2w3