इक मधुर स्वर में बसी, एक नई बात है, आपकी आवाज़ में छुपा, सुरों का साथ है। सप्त सुरों की सजी महफ़िल, जैसे सजी शाम है, हर दिल की गहराई में, आपकी पहचान है। रफ़ी की धुनों को जो, फिर से आप लाए हैं, उनकी मधुर यादों को, जीवन में जगाए हैं। सुनके दिल कहे यही, जीवन का संगीत हो, आपके सुरों में बसा, हर सुख का मीत हो। गाते रहिए यूं ही सदा, सुरों का जादू फैलाएं, हम सबके दिलों को आप, संगीत से महकाएं। इक हसीन शाम तो क्या, हर पल को सजीव करें, केलकर जी, आपकी गायकी को, बार-बार नमन करें।