Рет қаралды 57
प्रभु भोज अनुग्रहकारी परमेश्वर द्वारा पापियों को प्रदत्त आत्म परिक्षण का एक करुणामय अवसर और अनुभव है। यह प्रबंध हमारे विश्वास, आत्मिक पोषण और भलाई के लिए है, बशर्त की हम इसमें मसीह पर अपने विश्वास, परमेश्वर की पवित्रता के प्रति सम्मान, उसकी आज्ञाओं के पालन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और सच्चे पश्चाताप के साथ सम्मिलित हो। …इस बात को स्मरण रखते हुए कि पापों की क्षमा के लिये किए गये परमेश्वर के प्रबंध का अर्थ पाप के प्रति उसकी घृणा का कम हो जाना नहीं है, उसके अनुग्रहकारी होने का अर्थ पापों के प्रति उसकी उदारता नहीं है और उसकी दया का अर्थ उसके न्याय का विलुप्त हो जाना नहीं है ।
Self-Preparation before participating in Lord' Supper (1 Cor. 11:29-32): The Lord's Supper is a gracious opportunity and experience of self-examination given to sinners by a merciful God. This ordinance is intended for our faith, spiritual nourishment, and well-being, provided we partake in it with faith in Christ, reverence for God's holiness, commitment to obey His commandments, and genuine repentance. … Remembering that God's provision for the forgiveness of sins does not imply a lessening of His hatred for sin, His graciousness does not mean His generosity toward sin, and His mercy does not signify end of His justice.