प्रभु मिल गया तो जीने का आधार मिल गया BY Dinesh Pathik Ji / Vaidik Prachar || Parbhu Mil Gya To

  Рет қаралды 113,495

VAIDIK PRACHAR

VAIDIK PRACHAR

Күн бұрын

वैदिक भजन व वैदिक उपदेश के कार्यक्रम की कवरेज के लिए व अन्य वीडियो हमारे पास भेजने के लिए सम्पर्क करें।
Harshit Sharma (+91 88148-35357) WHATSAPP OR TELEGRAM
Our Another Social Media Platform
Facebook:- / vaidikprachar
Instagram:- / vaidikprachar
Whatsapp Group:- chat.whatsapp....
प्रतिदिन अन्य वैदिक प्रचार के कार्य्रकम देखने के लिए हमारे वैदिक प्रचार के FACEBOOK व KZbin के चैनल से जुड़े।
Thankyou For Visit "Vaidik Prachar" Channel
Vaidik Prachar Team 🙏🙏
Video is for educational purpose only.Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for "fair use" for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
#Vaidikprachar #Aryasamaj #Swamidayanand

Пікірлер: 34
@NISHUDESWALJAAT-RAJ
@NISHUDESWALJAAT-RAJ Ай бұрын
Vaidik baram ki. Jay
@sumitrakalra3195
@sumitrakalra3195 5 ай бұрын
बहुत सुंदर भजन दिनेश जी
@rajgemarff0035
@rajgemarff0035 2 ай бұрын
Bahut hi Sundar bhajan
@adityaaryasaini2476
@adityaaryasaini2476 Жыл бұрын
Bahut Sundar
@prakashsharma8058
@prakashsharma8058 8 ай бұрын
मधुर आवाज में प्रस्तुत भजन धन्यवाद 🎉🎉🎉🎉
@babulalbabulalrathor6115
@babulalbabulalrathor6115 Жыл бұрын
बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीय पथिक जी
@rajkumarrawal6281
@rajkumarrawal6281 Жыл бұрын
ओऊम वैदिक अभिवादन सादर नमस्ते जी वेदों की ओर लोटो वेद ही ईश्वरीय ज्ञान है वेद की ज्योति जलती रहे ओऊम का झंडा ऊंचा रहे वेदों के महा विद्वान स्वामी दयानंद सरस्वती जी महाराज की जय परम पिता परमात्मा का बहुत ही सुन्दर वर्णन भजन के द्वारा सुनाया
@ruhanigamingteachingpiano5336
@ruhanigamingteachingpiano5336 7 ай бұрын
बहुत बहुत सच्चा भजन है एक एक शब्द सही है मन खुश हो जाता सुन कर 🙏👌👍😊🌹🙏
@tilakram7594
@tilakram7594 Жыл бұрын
सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@mahenderahlawat2827
@mahenderahlawat2827 Жыл бұрын
जय आर्यवर्त सनातन संस्कृति
@jaidevverma-ek8bs
@jaidevverma-ek8bs 5 ай бұрын
Bahut sunder naye bhajan suna naman ❤🎉
@UmeshgaundGaund
@UmeshgaundGaund 4 ай бұрын
अति सुंदर भजन बहुत सुंदर भजन
@shashichopra2259
@shashichopra2259 Жыл бұрын
Bahut sundar bhajan 🙏👌🎊💐🎉
@jagpalyadav5334
@jagpalyadav5334 6 ай бұрын
अति सुन्दर जी, नमन है आपको बारम्बार
@MahendraSingh-h3w
@MahendraSingh-h3w 2 ай бұрын
जय गुरुदेव सत चित आनंद ओ3म
@jeetendrakumar6875
@jeetendrakumar6875 2 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद आप को, मार्गदर्शन करने के लिए,,🙏🙏
@KhushbooPatel-lp1qs
@KhushbooPatel-lp1qs 28 күн бұрын
Vah
@sarasyogbhakti
@sarasyogbhakti Жыл бұрын
जय जय हो मधुर स्वर....
@NarayanBhadaeit
@NarayanBhadaeit 2 ай бұрын
आती सुंदर गाया महाराज जी हामारा कोटी कोटी प्रणाम ॐ शिव बज रंग जय श्रो राम
@gitasharma7257
@gitasharma7257 Жыл бұрын
🙏🙏🙏बहुत सुंदर 👌👌👌👌👌
@chetanjain1918
@chetanjain1918 2 ай бұрын
सुंदर
@Yashvir.norangpur
@Yashvir.norangpur 3 ай бұрын
Cheers to good times, good friends, and even better memories! May your birthday be a launching pad for countless shared experiences, heartwarming laughter, and moments that will forever hold a special place in your heart!❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
@vimlamittal7365
@vimlamittal7365 Жыл бұрын
🙏🙏
@RohitSingh-zl7tp
@RohitSingh-zl7tp Ай бұрын
❤❤❤
@ShivaniH-t4y
@ShivaniH-t4y 9 ай бұрын
❤❤👏👏👏👏👏🎉🎉🎉
@anitadabas918
@anitadabas918 4 ай бұрын
🙏🙏🚩
@NISHUDESWALJAAT-RAJ
@NISHUDESWALJAAT-RAJ Ай бұрын
🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@nirmalatomer-wz9uc
@nirmalatomer-wz9uc Жыл бұрын
Very Very Very Very Very nice song 👌👌👌👌👌👌👌👍👍👍👍👍👍👌👌👌👌💪💪💪💪💪💖💖💖💖💖🌹🌹🌹🌹🌹🤣🤣🤣🤣🙏🙏🙏🙏🙏
@Priyankamylove84143
@Priyankamylove84143 5 ай бұрын
Mujhe to Mila ni parmatma..sayad unhe hi milta hoga . Jo dhanvan hai
@हिमांशुगुप्ता-ज1ङ
@हिमांशुगुप्ता-ज1ङ 2 ай бұрын
कहा ढूंढ रहे है ये बता दीजिए वहा जहा आपकी आत्मा है या वहा जहा आपकी आत्मा नहीं है ।।। क्योंकि ईश्वर तो हर जगह है मिलेगा वही जहां आत्मा और परमात्मा दोनों होंगे
@ratneshpatel2949
@ratneshpatel2949 8 ай бұрын
*रूपगुणविहीन नृत्य को, नृत्य नहीं कहते हैं।* *********************** *मार्कण्डेय पुराण के,प्रथम अध्याय के,36 वें श्लोक में,नारद जी ने, स्वर्ग की अप्सराओं को, नृत्य की मनोहरता बताते हुए कहा कि -* *गुणरूपविहीनाया: सिद्धिर्नाट्यस्यस्य नास्ति वै।* *चार्वधिष्ठानवन्नृत्यं नृत्यमन्यद् विडम्बनम्।।* नारदजी ने देवराज इन्द्र से कहा कि - हे देवेन्द्र! जिस नर्तक का रूप सौन्दर्य नहीं होता है, जिस नर्तक के नृत्य में,हाव, भाव,हेला,आदि गुण नहीं होते हैं,ऐसे नृत्य को नाट्यशास्त्र के अनुसार उस नर्तक को नृत्यसिद्ध नर्तक नहीं कहते हैं। नृत्य करनेवाले का अधिष्ठान अर्थात भावोत्पादक प्रसंग होना चाहिए,तो ही नृत्य, नृत्य कहा जाता है। यदि गुण और रूप तथा प्रसंग,हाव भाव,हेला रहित, नृत्य होता है तो,वह नृत्य तो एक बिडम्बना है। अर्थात नृत्य नहीं, एकमात्र कूदना ही है। एकबार स्वर्गाधीश भगवान इन्द्र ,नन्दनवन में,अप्सराओं के साथ विराजमान थे, उसी समय देवर्षि नारद जी पहुंच गए थे। भगवान इन्द्र ने नारद जी का स्वागत सत्कार करने के पश्चात कहा कि - हे देवर्षि! आप इन अप्सराओं में से,जिस अप्सरा का नृत्य देखना चाहेंगे,वही अप्सरा आपको नृत्य और संगीत से,आपको प्रसन्न करेगी। नारद जी ने कहा कि - हे देवराज! हमको तो किसी का नृत्य नहीं देखना है, और न ही संगीत श्रवण करना है। नारद जी ने,नृत्यकला की विशिष्टता बताते हुए,देवराज इन्द्र से कहा कि - *गुणरूपविहीनाया: सिद्धिर्नाट्यस्य नास्ति वै।* *नृत्य करनेवाले स्त्री पुरुष नर्तक में,रूप और नृत्य के गुण होना चाहिए।* *नृत्य के गुण और रूप।* ********************** नाट्यशास्त्र के ज्ञाता से,तथा नाट्यशास्त्र की ज्ञात्री से, ही शिक्षा ग्रहण करना आवश्यक है। नृत्य,एक ऐसी कला है,जिससे, देखनेवाले दृष्टा को, भावाभिभूत किया जाता है। रौद्र रस, भयानक रस,वीररस,हास्यरस,करुण रस, श्रृंगार रस,बीभत्स, अद्भुत रस और शान्त रस ,इन नव संख्याक रसों की उद्भावना, नृत्य से ही होती है। जिस रस की अभिव्यक्ति,करना होती है,उस रस के अनुसार ही, *रूप अर्थात वेष* सौन्दर्य धारण करना चाहिए। *इसी को, नाट्यशास्त्र में,नृत्य का गुण,तथा इसी को नाट्यशास्त्र में, नृत्य का रूप कहते हैं।* *यदि किसी नर्तकी स्त्री को, किसी पुरुष को मोहित करने के लिए, नृत्य करना है तो,उसका वेष भी आकर्षक होना चाहिए।* *मंद मंद माधुर्यपूर्ण स्मितहास तथा लज्जा आदि गुणों का प्रदर्शन भी नृत्य में ही होना चाहिए।* यदि कोई नर्तकी, सुन्दर वस्त्राभूषणों को धारण किए बिना ही, निर्लज्जता से नृत्य करती है तो,वह नर्तकी पुरुष के हृदय में, आकर्षक भावना को उत्पन्न करने में समर्थ नहीं हो सकती है। *ऋतुओं के अनुसार भाव प्रदर्शन तथा भावों के अनुसार ही वस्त्राभूषण धारण करके ही नृत्य, और आकर्षक होगा।* *नौ रसों की विशिष्टता तो यही है कि - देखनेवाले के हृदय सिन्धु में, भावों की तरंगें उठने लगें,तो ही नर्तक नर्तकी के नाट्य की सिद्धि कही जाती है।* *चार्वधिष्ठानवन्नृत्यम्।* *चारु अर्थात मनोहर। अधिष्ठान अर्थात भावोत्पादक आधार,प्रसंग के सहित, नृत्य ही नृत्य है।* यदि गुण और रूप युक्त नृत्य नहीं होता है तो -- *नृत्यमन्यद् विडम्बनम्।* *नारद जी ने कहा कि - हे देवराज! जिस नृत्य में, वेषभूषा,आकृति,हाव भाव हेला आदि कोई भी गुण नहीं होते हैं,उसको नृत्य शब्द से नहीं कहा जाता है।* *वह तो नृत्यबिडम्बना अर्थात नृत्य का अनुकरण मात्र है।* *जैसे - विवाह आदि में,कोई भी स्त्री पुरुष,किसी भी नाट्यशास्त्र के ज्ञान के बिना ही,कैसे भी हस्त पाद आदि का क्षेपण करते रहते हैं।* *आनन्दोल्लास की अभिव्यक्ति का नाम, नृत्य बिडम्बना है।* *नाट्यशास्त्र के अनुसार,हाव भाव सहित नवों गुणों को अभिव्यक्त करनेवाले नृत्य को ही नृत्य कहते हैं।* *सरकस जैसे कूर्दन करना,तथा अंग प्रत्यंग को,किसी भी प्रकार से क्षेपण, अवक्षेपण,आकुंचन, प्रसारण करना तो नृत्य नहीं है।* *आचार्य ब्रजपाल शुक्ल वृंदावनधाम। 1-6-2024*
@chanderbhansuratiya3351
@chanderbhansuratiya3351 11 ай бұрын
बहुत सुन्दर
@sumitrakalra3195
@sumitrakalra3195 5 ай бұрын
बहुत सुन्दर भजन दिनेश जी
@subhasharyaarya9768
@subhasharyaarya9768 3 ай бұрын
बहुत ही सुन्दर
Vampire SUCKS Human Energy 🧛🏻‍♂️🪫 (ft. @StevenHe )
0:34
Alan Chikin Chow
Рет қаралды 138 МЛН