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आज लोकतंत्र का गला घुटते अपनी आँखों से देखा है, मैं नेता नहीं कॉमेडियन हूँ ,फिर भी नामांकन दाखिल करने निकला, सोचा जो होगा देखा जाएगा, लेकिन ये जो हो रहा है ना तो सोचा था ना देखा जा रहा🙏🏽
प्रस्तावक भी थे, फॉर्म भी भरा हुआ था, बस कोई लेने को तैयार नहीं था, कल फिर कोशिश करेंगे