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प्रतिरक्षा तंत्र क्या है | immune system in hindi | pratiraksha tantra | immunity in Hindi Biology
1. कोशिका मध्यस्थ प्रतिरक्षा (Cell mediated inmunity) : इसके अन्तर्गत T-लिम्फोसाइट्स रोगाणुओं द्वारा निर्मित प्रतिजनों (antigens) के सम्पर्क में आने पर सक्रिय हो जाते है। T-लिम्फोसाइट्स की संख्या में वृद्धि सक्रिय होने के पश्चात होती है, इनमें समसूत्री विभाजन (milosis) होता है। कई प्रकार की T-लिम्फोसाइट्स का निर्माण विभाजन के पश्चात होता है। निर्मित लिम्फोसाइट्स निम्न प्रकार की होती हैं
(a) किलर T-लिम्फोसाइट्स (Killer T-lymphocytes) : रोगाणुओं की कोशिकाओं पर किलर T-लिम्फोसाइट्स सीधे आक्रमण कर उसे नष्ट कर देते हैं।
(b) सहायक T-लिम्फोसाइट्स (Helper T-lymphocytes) : सहायक T-लिम्फोसाइट्स कुछ पदार्थ स्नावित करती है जिससे किलर T-लिम्फोसाइट्स व B-लिम्फोसाइट्स सक्रिय होती हैं।
(c) स्मरण कोशिकाएँ (Memory cells) : कुछ कोशिकाएँ रोगाणु के सम्पर्क में आने पर संवेदनशील (sensitized) होकर लसीका ऊतक में स्मरण कोशिकाओं के रूप संग्रहीत हो जाती हैं। यदि दूसरी बार संक्रमण होता है तो ये कोशिकाएँ तत्काल क्रियाशील हो जाती हैं और उसी रोगाणु विशेष के प्रति प्रतिरक्षियों का निर्माण प्रारम्भ कर देती हैं।
(d) दमनकारी या सुप्रेसर T-लिम्फोसाइट्स (Suppressor T-lymphocytes) : ये कोशिकाएँ संक्रमण समाप्त होने के पश्चात् शरीर के प्रतिरक्षा तन्त्र की सक्रियता को रोक देती है। इनमें से कुछ स्मृति कोशिकायें बनाती हैं।
2. प्रतिरक्षी मध्यस्थ प्रतिरक्षा (Antibody mediated immunity)
प्रतिरक्षियों (antibodies) का उत्पादन B-लिम्फोसाइट्स करती है। प्रतिरक्षियों का उत्पादन B लिम्फोसाइट्स दो प्रकार से करती हैं। कुछ :-लिम्फोसाइट्स सक्रिय होकर प्लाज्मा कोशिकाओं (plasma cells) में भिनित हो जाती हैं तथा कुछ लसीका ऊतक में रहकर प्लाज्या कोशिकाएँ प्रतिरक्षी उत्पन्न करती हैं। विशिष्ट रोगाणुओं या उनके विषैले पदार्थों (toxins) को ये प्रतिरक्षी लसीका व रुधिर में पहुंचकर नष्ट करती हैं। कुछ सक्रिय B-लिम्फोसाइट्स लसीका ऊतक में स्मरण कोशिकाओं के रूप में संग्रहित हो जाती है। दूसरी बार जब शरीर पर आक्रमण होता है, तब ये स्मरण कोशिकाएं अपने जैसी लाखो कोशिकाएं निर्मित कर तीव्रता से प्रतिरक्षियों का उत्पादन प्रारम्भ करती है।
1. अविशिष्ट प्रक्रिया (Non-specific response) : ऐसी प्रक्रिया जिसके अन्तर्गत भक्षकाणु कोशिकाएँ (phagocytic
cells) रोगाणुओं पर आक्रमण करके भक्षकाणु क्रिया (phagocytosis) द्वारा उन्हें खाकर नष्ट कर देती हैं। रोगाणुओं के
प्रति भक्षकाणुओं की यह क्रिया एक समान होती है।
2. विशिष्ट प्रक्रिया (Specific response) : जब B-लिम्फोसाइट्स प्रतिजन (antigen) के सम्पर्क में आती हैं तब ये
संवेदनशील या संग्राही हो जाती हैं और उसी प्रतिजन के विरुद्ध विशिष्ट प्रतिरक्षी (antibody) का निर्माण करती हैं।