अच्छे लोग नही डर रहे है. शायद आप डर रही हो.......फ्लाँप शौ
@khizarsyed847719 сағат бұрын
NICE. SPEECH. PRIYANKAJI
@jaybhavani763819 сағат бұрын
सच बात बोली प्रियांकाजी....
@shubhamvadagave896120 сағат бұрын
अरे बहन, लीलाव होता है , किसी भी प्रोजेक्ट को सौंपने से पहले।
@rajeshharsora580621 сағат бұрын
Sahi. Priyanka.
@abhaykhare593021 сағат бұрын
पप्पूभाई कि तो सून रहा देश. बबली की भी सुन रहे है. द्वैष निकल रहा है बाहर.😂😂😂सोरोस की टूलकिट तिलमिला रही है
@abhaykhare593021 сағат бұрын
पूरा देश निर्भय बन रहा है.....😂😂😂😂
@jaybhavani763819 сағат бұрын
देश निर्भय था और रहेगा!!! बस्स व्यापारिंयौ देश बचाना है!!
@abhaykhare593019 сағат бұрын
@jaybhavani7638 देश सही हथों में है इसलिये सेफ है
@jaybhavani763819 сағат бұрын
@@abhaykhare5930 सेफ है तो मणिपुर क्युॅं जल रहा है,सेफ सिर्फ अदाणी अंबानि है!!!
@abhaykhare593018 сағат бұрын
@jaybhavani7638 मणिपूर खाँग्रेसियों के काल से जल रहा है. अडाणी अंबानी देश के ही सपूत है् सोरोस टूलकीट को ध्वस्त करने से डीप स्टेट क्रोधीत हुआ है. उनके पाले हूए लोग अडानी अंबानी की चढती कमान देख नही सकते. क्योंकी अडानी अंबानी बडे हो गये तो डीप स्टेटवालों का मुनाफा कम होगा इसका मतलब इनका साम्राज्य ढल जाएगा. इसिलिये भारतीय उद्योजकों के लिये वह बडे गढ्ढे खोद रहे है इसमें भारत के कुछ सपूत कुछ कपूत समझी नासमझी में अडानी अंबानी का विरोध कर रहे है.हमे गर्व है अगर कोई भारतीय जागतिक लेवल पर कम्पीट करेगा तो. हमे जलन नही होती. मात्सर्यभाव देश को ले डुबेगा इसकी चिंता इनको कतई नही है यह देश का दुर्भाग्य है.
@abhaykhare593018 сағат бұрын
@@jaybhavani7638 मणिपूर तो खांँग्रेसियों की ही देन है. दुसरी बात अडानी अंबानी की. यह भारतिय उद्योजक जागतिक लेवृ पर टक्कर दे रहे है. ये बात सोरोस जैसे डीप स्टेटवालोंको रास नही आती. क्योंकी कोई भारतिय इनसे कम्पीट करेगा तो इनका मूनाफा खतम होगा. तो वह भारत में पाले हूए लोगों से पैसे देकर विरोध करवातै है......आप समझदार हो.
@suhasdamle797516 сағат бұрын
एखाद्या पट्टीच्या वक्तृत्व कलासाधकासारखं, ओघवत्या हिंदी भाषेवरील प्रभुत्त्व, तडफदार, सहजता, मुद्देसूद, संयमी पण परखड असं हे अभ्यासपूर्ण भाषण होतं..देशाचे प्रश्न, सरकारची कमतरता मांडतांना विखारी विषारी अभिनिवेश नव्हता.. पोशाखी राजाचा उल्लेख हे सत्यही होतं आणि टोलाही होता..अटलबिहारीजी, सुषमा स्वराज अशा संसद गाजवणाऱ्या व्यक्ती परत आठवल्या..हल्लीच्या भयानक, शुष्क, बोजड, कर्कश्य संघी हिंदी च्या तुलनेत कैकपट श्रवणीय झालं..प्रियांकाचे सर्व गुण , विचार या भाषणामुळे दैशासमोर आले..म्हातारपण आलेल्या congress जनांमुळे आणि विझलेल्या तरूणांमुळे मंद झालेला पक्ष हे दोघे बहीणभाऊ परत वर आणतील ही आशा वाटायला लागली..