बहुत सुंदर तरीके से आपने बताया,,सादर प्रणाम 🙏🙏❣️❣️,,गुरुदेव मेरे ससुर जी के देहांत की तिथि माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि है तो क्या बरसी बीत गई है और हम इस बार को 17जनवरी को पड़ने वाले गणेश चतुर्थी तिथि पर उनकी पुण्य तिथि मना सकते हैं???कितने ब्राह्मणों को भोजन कराएं?? घर की सभी बहन बेटियों को बुलाना जरूरी है ??
@enpworld28 күн бұрын
2025 में माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी 1 फरवरी, 2025 को है। यह तिथि हिंदू धार्मिक कैलेंडर के अनुसार है। यह तिथि हर साल बदलती रहती है क्योंकि यह चंद्र कैलेंडर पर आधारित होती है। इसलिए बरसी की सही तारीख जानने के लिए आप अपने ससुर जी के देहांत का वर्ष ( साल ) बताने की कृपा करें ।
@mahimashukla862528 күн бұрын
@enpworld जी गुरू जी 🙏🙏,,मेरे ससुर जी के देहांत का दिनांक 11जनवरी 2023 है,,उनकी बरसी का दिनांक है 29 जनवरी 2024को था,,🙏
@enpworld27 күн бұрын
@mahimashukla8625 आप अपने ससुर जी की पुण्यतिथि उनके देहांत के दिनांक की तिथि पर मनाएंगे अर्थात 11 जनवरी 2025 को आप अपने ससुर जी की पुण्यतिथि मनाएंगी पुण्यतिथि में आप कितने ब्राह्मण को भोजन कराना है ; किसे बुलाएंगे और किसी नहीं बुलाएंगे यह पूर्णतः आप के मन की इच्छा पर निर्भर करता है इसमें किसी भी तरह की कोई बाध्यता नहीं रहती बस ध्यान रखना होता है कि आपके किसी निर्णय द्वारा पुण्य आत्मा को तकलीफ ना हो । (माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि 31 जनवरी 2025 की शाम से शुरू होकर 1 फरवरी 2025 को समाप्त होगी * महत्व: माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी को गणेश जयंती के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। )
@mahimashukla862527 күн бұрын
@@enpworld जी,,बहुत बहुत धन्यवाद आपका गुरु जी 🙏🙏
@nishashanbhag77132 ай бұрын
Where can we do pitra shraddha for pitra dosh and remove dosh forever
@enpworld28 күн бұрын
Shraddh for Pitra Dosh can be performed at various locations, both sacred and personal. Here are some common options:- * Home:- Shraddh can be performed at home, especially if it's a simple ceremony. However, it's crucial to ensure cleanliness and proper arrangements for the rituals. * Ghats on Holy Rivers:- Performing Shraddh on the banks of sacred rivers like the Ganges (Ganga) is considered highly auspicious. Many people believe that offering prayers and performing rituals on these riverbanks helps ancestors attain moksha (liberation). * Temples:- Some temples have designated areas or perform collective Shraddh ceremonies, especially during Pitru Paksha (the fortnight dedicated to ancestors). * Cremation Grounds:- Shraddh can also be performed at the cremation grounds of ancestors, as it is believed to be a place of spiritual significance. Important Considerations:- * Consult a Priest:- It's advisable to consult a qualified priest or pandit for guidance on the specific rituals, procedures, and necessary materials for performing Shraddh effectively. * Sincerity and Purity:- The most important aspect of Shraddh is performing it with sincerity, purity of mind, and devotion. I hope this helps🙏
@SatyaVratt2 ай бұрын
tithi se ek din pehle akhand ramayan path karwa ke tithi wale din hawan karwa sakte hein kya ji?
@enpworld2 ай бұрын
Ji han yesa kiya ja sakta hai🙏
@devendrathapa7190Ай бұрын
guru jee पुन्य तिथि पुजा के दिन मुन्डन (बाल कटवाना)का कितना महत्त्व है ?
@enpworldАй бұрын
पुण्यतिथि के दिन मुंडन कराने का महत्व: हिंदू धर्म में पुण्यतिथि के दिन मुंडन कराने की परंपरा काफी पुरानी है। इसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण बताए जाते हैं - * मृतक की आत्मा की शांति:- माना जाता है कि मुंडन करने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। बालों को आत्मा से जोड़कर देखा जाता है और मुंडन करके माना जाता है कि आत्मा से भौतिक संसार का नाता टूट जाता है। * पातक का निवारण:- पुण्यतिथि के दिन पातक लगता है। मुंडन करने से यह पातक दूर होता है और व्यक्ति शुद्ध हो जाता है। * शोक व्यक्त करना:- मुंडन को शोक व्यक्त करने का एक तरीका भी माना जाता है। बालों को काटकर व्यक्ति यह दिखाता है कि वह मृतक के निधन से कितना दुखी है। * नई शुरुआत:- मुंडन को एक नए जीवन की शुरुआत के रूप में भी देखा जाता है। यह व्यक्ति को दुःख से उबरकर आगे बढ़ने का संदेश देता है। * समाज से जुड़ाव:- मुंडन करने से व्यक्ति समाज के नियमों और परंपराओं से जुड़ता है। गरुड़ पुराण में उल्लेख:- गरुड़ पुराण में भी मुंडन के महत्व का वर्णन मिलता है। इसमें कहा गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा अपने परिवार वालों के साथ मोह बना रहता है और वह अपनी मृत्यु को स्वीकार नहीं कर पाती है। मुंडन करने से आत्मा का मोह कम होता है और वह अपने अगले जन्म की ओर बढ़ जाती है। पुण्यतिथि के दिन मुंडन कराने की परंपरा कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यह धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।
@SagarKumar-zi7ko5 ай бұрын
Sir isko manane ka bilkul sadharan upay btaiye..jaise ki keval diya jlaya skta h kya
@enpworld5 ай бұрын
Aapke man aur atma mein jo aadar aur Samman ka bhav hai bus utna hi kafi hai ek Atma ko Parmatma se milane ke liye . Aap sampurn Aatmiy bhav se hath jodkar ek Diya jala kar bhi apne punyaatma ke prati Aadar samarpit kar sakte hain. Aapane to yah suna hi hoga- "मन चंगा तो कठोती में गंगा" "A pure heart can see God in everything." मन (Man): Mind, heart, or soul * चंगा (Changa): Pure, good, clean * तो (To): Then * कठोती (Kathoti): A small earthen pot, often used for water storage. Om Shanti Om 🙏
@dheerajkharare465211 ай бұрын
3 रे 4थे और आने वाले पुण्य स्मरण हर साल करने चाहिए या नही लडु मिठाई का भोग फोटो के आगे रखकर अगरबत्ती जलाना चाहिए या नही गुरजी बताऐ?
@enpworld11 ай бұрын
अपनी स्नेह, श्रद्धा और इच्छा को ध्यान में रखते हुए और समस्त परिवार के सदस्यों के मनोभाव को ध्यान में रखते हुए आप प्रत्येक वर्ष सरल और साधारण तरीके से पुण्यतिथि का आयोजन कर सकते हैं तीसरे और चौथे वर्ष तक ही पुण्यतिथि मनाईए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है यह आपकी मनोइच्छा और पुण्य आत्मा के प्रति अपने स्नेह और ममता पर निर्भर करता है कि आप उन्हें कब तक स्मरण करना चाहते हैं आपको जिस वर्ष यह प्रतीत होता है कि आपके परिचित पुण्य आत्मा को मोक्ष प्राप्ति मिल गई है। आप उस वर्ष से पुण्यतिथि मनाना रोक सकते हैं और भविष्य के जीवन के लिए आगे बढ़ सकते हैं । और रही फोटो के आगे प्रसाद रखने और अगरबत्ती जलाने की तो आप यह अवश्य कर सकते हैं
@dmcindianfan537410 ай бұрын
Your 1000th subscriber also my mom left us a week ago on 13 March 😢😮 Hey Hari Narayan Vishnu give my mom soul Om Shanti Om 😊🥺
@enpworld10 ай бұрын
Om Shanti Om 🙏
@Rachisho_Collection Жыл бұрын
Kya isdin satynrayan bhgwan ki Puja kra sakte h
@enpworld Жыл бұрын
Ji Ha
@awantikagupta8460 Жыл бұрын
Meri maa ko gujre aaj ek saal hua hai aaj ke din mujhe kya karna chahiye plx batye
@enpworld Жыл бұрын
आज उनकी पुण्यतिथि है यदि आप सक्षम हैं तो विधिवत पुण्यतिथि मनायें और आशीर्वाद लीजिए । और यदि आप किसी कारणवश पुण्यतिथि मनाने में असक्षम है तो उन्हें सच्चे मन से याद कर उनके द्वारा किए गए पुण्य कर्मों के लिए उन्हें धन्यवाद अर्पित कर उनसे आशीर्वाद लीजिए ।🙏
@awantikagupta8460 Жыл бұрын
@@enpworld Mai unki beti hu or meri mausi log ka kahna hai es saal nhi manaya jayega aisa kyo kya ek saal hone par nhi manaya jata
@enpworld Жыл бұрын
पुण्यतिथि को प्रत्येक वर्ष मनाया जा सकता है यदि आपके बढ़ो ने पुण्यतिथि को इस वर्ष ना मना कर अगले वर्ष मनाने का निर्णय लिया है तो आप उनके निर्णय का सम्मान करें । और इस वर्ष पुण्य आत्मा को उनकी पुण्यतिथि में उनके पुण्य कर्मों के लिए धन्यवाद अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करें ।
@amitkumarsil4558 Жыл бұрын
Mera pitaji December 18/12/2022 main death ho gaye the.Aaj 9 month ho gaya,kya mera pita ki mukti abhi nhi milegi?
@enpworld Жыл бұрын
किसी व्यक्ति द्वारा किए गए कर्मों से जो पुण्य , उस व्यक्ति विशेष ने एकत्रित किए हैं वही पुण्य उसकी मुक्ति का मार्ग है । आप इस बात की चिंता ना करें कि मेरे प्रियजन की आत्मा को मुक्ति मिली है या नहीं मिली है । मुक्ति किसी भी आत्मा की आखिरी बिंदु होता है इसके पहले प्रत्येक आत्मा को कई चरणों से गुजरना होता है इन चरणों में पहला चरण आत्मा को शांति मिलना हो सकता है इसके पश्चात वह आत्मा मोक्ष के चरणों पर आगे बढ़ सकता है किसी आत्मा की शांति के लिए अपने बुजुर्गों या गुरुजनों के मार्गदर्शन में पूजा-पाठ , सत्संग ,पितृपक्ष में श्रद्धा और पुण्यतिथि इत्यादि का आयोजन किया जा सकता है । यदि आपको लगता है मेरे प्रियजन की आत्मा को शांति नहीं मिली है तो आप अपने बुजुर्गों या गुरुजनों के पास जाइए और अपनी स्थिति (अर्थात मन: स्थिति ) को बताइए इसके पश्चात आपके गुरुजन उचित पूजा विधि का मार्गदर्शन करेंगे , क्योंकि पितृपक्ष में श्राद्ध और पुण्यतिथि में पूजा इत्यादि के लिए निश्चित समय तिथि निर्धारित है ।
@oshindixit86787 ай бұрын
Agar chcha ki death feb m hui h..or bhai ki shdi krni ho to kya 6 mahine m barshi kr skte h ya 11 mahine bd hi kre
@enpworld7 ай бұрын
ऐसा कोई भी उत्सव या आयोजन जिससे पुण्य आत्मा को शांति का अनुभव हो या उसे शांति की ओर अग्रसर करें। उस उत्सव या आयोजन को निकटतम शुभ अवसर पर आप संपन्न कर सकते हैं।🙏
@MonikaSingh-sz6wm Жыл бұрын
Pindadan Kar ki nai ponaithipar guru gi 🙏
@enpworld Жыл бұрын
पूर्वजों की मृत्युतिथि पर श्राद्ध(पिंडदान) किया जाता है। शास्त्रों की मान्यता है कि पितृपक्ष में पूर्वजों को याद कर किया जाने वाला पिंडदान सीधे उन तक पहुंचता है और उन्हें सीधे स्वर्ग तक ले जाता है।
@vaishalidiyawar1148 Жыл бұрын
Dakshin me muh kare ya uttar me Puja ke time
@enpworld Жыл бұрын
उत्तर दिशा में मुंह करके पूजा आरंभ करें । आप पूर्व दिशा में मुंह करके भी पूजा आरंभ कर सकते हैं ।
@vaishalidiyawar1148 Жыл бұрын
Pitro ki pooja kis disha me muh karke kare
@enpworld Жыл бұрын
पूर्व या उत्तर दिशा में मुंह करके आप पूजा आरंभ कर सकते हैं
@reenaahirwar4566 Жыл бұрын
Kis tthi ke anusar punyatithi manaye hindu calender ya angreji calendar
@enpworld Жыл бұрын
आपके यहां जो भी कैलेंडर उपलब्ध है और आप जिस कैलेंडर में सहज रूप से दिन/ तिथि इत्यादि की गणना कर सकती हैं उसके अनुसार आप पुण्यतिथि मना सकती हैं। अनिवार्य रूप से पुण्यतिथि मनाने के लिए तिथि अर्थात Date (तारीख)का ध्यान रखें। ओम शांति 🙏
@varshaji423 Жыл бұрын
Meri dadisaas ko shant hue 10 mahine ho gye h Or muje beta hua h jo ki 1 mhine ka hai, kya hume ab bhi dadisaas ki barsi karni chahiye ya ladka ho jane se nhi karna chahiye??? Pariwar ke kuchh bujurg keh rhe h ab barsi nhi hogi Kyunki ladka ho gya h barsi se pahle hi, to ab koi sudak nhi h jb ki aadhe bujurg keh rhe h ki nhi ladka ho gya to kya barsi to karni pdegi kiski baat maane kiski nhi kripya aap hi samaadhaan btaae
@enpworld Жыл бұрын
किसी पुण्य आत्मा की बरसी मनाने का संबंध, उस पुण्य आत्मा की आत्मा को शांति पहुंचाने से है, उनके द्वारा किए गए कर्मों के प्रति धन्यवाद अर्पित करने से है और उनकी बची हुई इच्छाओं से उन्हें मुक्त करने से है। यदि आपको और आपके परिवार वालों को लगता है कि परिवार में नए सदस्य के जन्म लेने से आपकी दादी सास(पुण्यात्मा) की आत्मा को सुख और शांति पहुंचेगी तब आपको अवश्य ही बरसी मनाकर अपनी खुशी के लिए उन्हें धन्यवाद अर्पित करना चाहिए। आपके प्रियजनों का विचार बरसी मनाने के संबंध में अलग-अलग है तो बाहरी दिखावे के लिए बरसी न मनाए।
@varshaji423 Жыл бұрын
@@enpworld haan bde taauji ki family keh rhi h ki ab barsi kyu jb apne ghr m khushi aa gyi h to?? Sirf ghr m hi barsi wale din dhoop dhyan kr do, lekin chacha sasur ki family keh rhi h ki achhe se dhoom dhaam se barsi kro pahli barsi h ye to, wahi smjh nhi aa rha kiski baat ka maan rkhe kisko mana kre
@anshikadubey9095 Жыл бұрын
Kya zaruri hai ki sirf ladkye hi yhe puja ker sakte ager puravjan ke beta nahi hai tho kya ladki ker sakti hai yhe
@enpworld Жыл бұрын
पूजा के लिए लड़का या लड़की (अर्थात लिंग भेदभाव) का कोई स्थान नहीं है। पूजा कोई भी सच्चे मन से कर सकता है और पूजा का आयोजन करवा सकता है। ईश्वर और हमारे पूर्वजों के लिए चाहे वह लड़का हो या लड़की वे सभी उनकी संतान ही कहलाते हैं।
@Pk-on9cr Жыл бұрын
Punay thithi kaya pitrupach mein hi manate hain?
@enpworld Жыл бұрын
पुण्यतिथि उस दिन मनाते हैं जिस दिन पुण्यात्मा की मृत्यु दिन की तारीख होती है। और पितृपक्ष में पुण्य आत्मा को श्राद्ध दिया जाता है। पुण्यतिथि और पितृपक्ष में श्राद्ध दोनों का संबंध पुण्यात्मा से है किंतु ये दोनों अलग-अलग चीज है और अलग-अलग समय में किया जाता है।
@dhaneshray80625 ай бұрын
पुण्य तिथि तारीख अंग्रेजी वाली या पंचांग वाली करना है महोदय @@enpworld
@JigneshChavda-u3i5 ай бұрын
Titi me havan kese kare
@Anshikagaur-u1j Жыл бұрын
Kya akele ham punyatithi ki puja khudse kar sakte hai plz reply guru ji
@enpworld Жыл бұрын
Ha ,agar aap akele punyatithi ki pooja karna chahte hai to aap kar Kate hai. magar dhyan rakhe jis vyakti vishesh ki punyatithi mana rahe hai unke Priyajan punyatithi me shamil ho to achha hota hai
@varshadohare3660 Жыл бұрын
Pooja jis din death hui thi uss date par karni chahie ya uss din ki tithi par please reply kijiyega
@enpworld Жыл бұрын
जिस दिनांक अथवा तिथि को कोई दिवंगत हुआ है , उस तिथि (Date) को हर वर्ष पुण्यतिथि के रूप में मनाना है ।🙏
@agrimsainiarnavsainivlogs979 Жыл бұрын
Agr family me do bete hai ek karna chah rha h punythithi or ek nhi tb kya akela kr skta hai
@enpworld Жыл бұрын
जी हां बिल्कुल पुण्यतिथि का आयोजन कर सकता है इसमें किसी चिंता की बात नहीं है घर-परिवार में ऐसे मतभेद की स्थिति होते रहती है।
@komirai39526 ай бұрын
Misrit til gud jauo sabka havn vi kara h kya
@enpworld5 ай бұрын
Ji avashya kar sakte hain. Jyada uchit hoga Aapke (yajman) pandit dwara sujhae Gaye samagri ka upyog aap havan hetu kare. Om Shanti 🙏
@rekhasingh1125 Жыл бұрын
Har shal vashi manana chahiye kripya marg darshan kare
@enpworld Жыл бұрын
आप अपनी मनः स्थिति के आधार पर 3 या 5 वर्ष तक लगातार बरसी मना सकती हैं। या अपनी इच्छा अनुसार आप आजीवन भी बरसी मना सकती है।
@pravinsinhthakor6854 Жыл бұрын
Pynyatithi kyare na ujvay
@Pk-on9cr Жыл бұрын
Punaytithi ko ek hi bar khana Banta hai?
@enpworld Жыл бұрын
पुण्यतिथि में खाना एक ही बार बनाने की ऐसी कोई पाबंदी नहीं है ।
@florina5631 Жыл бұрын
अगर ब्राह्मण या पंडित ना मिले! समय पर तो क्या घर का कोई सदस्य ये विधि कर सकता है 🙏🏻🙏🏻 बताए जरूर जरूर 🙏🏻🙏🏻
@enpworld Жыл бұрын
हर वह व्यक्ति जो ब्रह्म अर्थात ज्ञान को जानता है ब्राह्मण है। इसमें कोई हर्ज नहीं जो ज्ञान रूपी ब्रह्म को जानता है पूजा की विधियां कर सकता है।
@florina5631 Жыл бұрын
@@enpworld dhanyawad aapka बहुत बहुत 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 गुरुजी
@nishashanbhag77132 ай бұрын
Where can we do pitra shraddha for pitra dosh and remove dosh forever
@enpworld2 ай бұрын
Pitra Shraddh can be performed at any holy place, like - 1. Pious Rivers- The banks of sacred rivers like the Ganga, Yamuna, Saraswati, Godavari, and Narmada are considered ideal locations for Pitra Shraddh. These rivers are believed to purify the souls of departed ancestors. 2. Holy Pilgrimage Sites- Places like Varanasi (Kashi), Haridwar, Prayagraj (Allahabad), Gaya, and Ujjain are highly revered pilgrimage sites where Pitra Shraddh is performed with great significance. 3. Temples- Many temples across India are dedicated to ancestors and are considered auspicious for performing Pitra Shraddh. Some temples even offer specific rituals and pujas for Pitra Shraddh. 4. Home- Pitra Shraddh can also be performed at home, especially if it is not feasible to travel to a holy place. However, it is important to consult a knowledgeable priest to ensure the rituals are performed correctly. Pitru Paksha- It is traditionally believed that Pitra Shraddh should be performed during Pitru Paksha, a period of 16 lunar days dedicated to honoring ancestors. However, it can be performed on any day of the year, especially on the death anniversary of an ancestor. 🙏