Рет қаралды 3,791
पंजाब में इन दिनों गेहूं के खेत लहलहा रहे हैं, लेकिन इसे पैदा करने वाले किसानों की समस्या कम नहीं हो रही। जिस धरती से पैदा होना वाला अनाज देश के कई राज्यों में जाता है, वहां के किसान तंगहाली में जीने को मजबूर हैं। राज्य के किसानों का मानना है कि यहां खेती के लिए मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती जा रही हैं।
पठानकोट के कुछ किसान हमें बताते हैं कि 2 साल पहले मजबूर होकर गन्ने की खेती छोड़ गेहूं की शुरू कर दी। उससे भी आमदनी में कोई इजाफा नहीं हुआ। किसानों ने बताया कि गन्ने की खेती छोड़ने के पीछे मुख्य कारण गन्ने की मीलों से पेमेंट आने में देर होना था, पेमेंट में कई साल लग जाते थे। इसके अलावा फसलों में लगने वाली बीमारी के कारण भी यह फ़ैसला लेना पड़ा।
किसान बताते हैं कि हालात ऐसे हैं कि कई किसानों ने खेतीबाड़ी छोड़ दी और दूसरे काम जैसे डेयरी चला रहे या मजदूरी कर रहे हैं। यही वजह है कि भगवंत मान सरकार ने बीते वर्ष गन्ने की फसल के लिए प्रति क्विंटल 360 रुपये से बढ़ाकर 380 रुपये सरकारी रेट करने का फैसला किया, लेकिन किसानों के मुताबिक यह इजाफा काफी नहीं है।
Zaffar Iqbal reports.
#punjab #farmers #punjabfarmers
Support Independent Journalism. Support Mojo. Here: rb.gy/5f3ppi
Subscribe to us for more updates:
Follow us on Twitter: / themojo_in
Like us on Facebook: / themojostory
Instagram: / mojostory.in
For more videos: / @mojostory
Disclaimer: The views of guests who appear on Mojo Story, as well as the views of interviewees or speeches by public figures or those in the news, are their personal opinions. At no point do they reflect the views of the organization.