बहुत ही रोचक जानकारी वर्धक पंडित जी कल पुष्कर आया था आपसे मिलने की इच्छा थी मगर आपसे मिलने का सौभाग्य रह गया जय हो आपकी
@RAJENDRATAK-le9ke Жыл бұрын
क्योंकि वास्तव में मैं ही ग्रहण करने वाला और उपासना के सब कामों का प्रभु भी हूं। ...जो कोई भी भक्तिपूर्वक मुझे एक पत्ता, एक फूल, फल या पानी भी अर्पित करता है, वह एक सार्थक भेंट है जिसे मैं उन लोगों से स्वीकार करता हूं जिनकी आत्माएं वास्तव में समर्पित हैं।
Yes sir interesting story. I will visit Pushkar and will meet you do take care of yourself
@krathore52303 жыл бұрын
Pushkar Anand ho aap
@raeeskhan5083 жыл бұрын
Ji Panditji I will meet you soon
@rameshjangidrameshjangid64873 жыл бұрын
Pranam panditji Bahut Achi katha
@RajuSisodiya-ui2rk3 ай бұрын
Jay pushakar raj
@surendradave12283 жыл бұрын
जय श्री मन्नारायण पगेलागणा सा
@rampalladdha26382 жыл бұрын
Bahut hi sundar Katha Jai shree krishna ji
@rakeshsharma90013 жыл бұрын
बहुत ही सुन्दर व ज्ञान वर्धक जानकारी दी गई है आप के द्वारा ।
@mukeshjain76303 жыл бұрын
बहुत ही सुंदर 🙏🙏
@anilsir_biologyАй бұрын
Great news
@bhojrajgurjar699411 ай бұрын
जय मां गायत्री माता बहूत हि बढिया पडित जी
@ramprashadpatidar55293 ай бұрын
Jay Pushkar Raj ❤❤❤❤❤ Jay gurudev Jay gurudev
@spsharma8822 жыл бұрын
Very good Information sharmaji
@balarambarik1891Ай бұрын
Aum namo Narayanay
@RAJENDRATAK-le9ke Жыл бұрын
दृष्टा दृशिमात्रः शुद्धोऽपि प्रत्यानुपश्यः तदर्थ एव दृश्यस्यात्मा द्रष्टा ही पूर्ण ज्ञाता है। शुद्ध होते हुए भी बुद्धि के रंग द्वारा उसमें परिवर्तन देखा जाता है। तमाशा केवल आत्मा के उद्देश्य की पूर्ति के लिए मौजूद है। - योगसूत्र 2.19 - 2.20 [43]
@RAJENDRATAK-le9ke5 ай бұрын
पुष्करराज जी धरती का केंद्र बिंदु यही हैं। यही हैं समुद्रमंथन का मंदार पर्वत । यहीं महालक्ष्मीजी का प्राकट्य स्थल व समुद्रमंथन के बहुमूल्य रत्नों का उद्गम स्थल प्राचीन काल में यंहा समुद्र ही था पुष्करराज जी में रेगिस्तान होना इस बात का प्रमाण हैं। नाग पर्वत को यज्ञ पर्वत भी कहा जाता हैं सृष्टियज्ञ में सृष्टि यहीं से आरम्भ हुई थी। इसी पर्वत को अगर देंखे तो यह पुष्करराज जी के दक्षिण मे खरेकड़ी गांव के आगे के गांवो से पूर्व में माकडवाली गांव से होता हुआ उत्तर में बैद्यनाथ धाम मंदिर से पश्चिम में सुरजकुंड ,नांद और को कवर करते हुए शेषनाग शैया के रुप में मौजूद हैं इसका कुछ भाग धरती के ऊपर और कुछ धरती के नीचे मौजूद हैं यहीं धरती का क्षीरसागर भी हैं जिस पर शेषनाग शैया पर भगवान श्री हरिविष्णुमहानारायण विराजमान हैं उनके नाभीकुंड से ब्रह्मा मंदिर का प्राकट्य देखा जा सकता हैं किशनपुरा के समीप उनके दांए कान पर भगवानपुरा गांव के पास(कानबाय) गांव बसा हुआ जंहा प्राचीन मंदिर भी हैं जंहा पर भगवान कृष्ण जी ने भी तपस्या करी थी। उसी कान(कर्ण) रुपी गांव में मंदिर के पास एक कुंड हैं जिससे पाताल लोक का मार्ग भी गया हैं उसी मार्ग से सरस्वती नदी भी अरब सागर में द्वारिकापुरी, सोमनाथ के मार्ग से जाकर मिलती हैं उसी मार्ग से भारत में वायु का प्रवेशद्वार भी हैं जो बरसात का मौसम भी लाता हैं जल और वायु मार्ग का अनदेखा अनजाना अद्भुत संगम मार्ग हमने खोज निकाला और आपके समक्ष रख दिए। सूर्य पथ के मार्ग में भारत में प्राचीन काल से मंदिर बना कर सूर्यदेवजी से सीधा जुड़ाव किया गया था उसे भी देखा समझा जा सकता हैं उसी मार्ग पर स्थित सूर्य देव जी के मंदिरों में सूर्यदेव जी अराधना पूजा-पाठ का फल जल्द मिलता हैं।यह आज तक के किसी भी ज्ञान-विज्ञान के उपलब्ध साक्ष्य में मुझे भगवान श्री हरिविष्णुमहानारायण जी व सरस्वती जी पवनदेव जी,धरती माता ने ब्रह्माजी महादेवजी स्वयं मेरे गुरु व गुरु देवी नौसर माता जी सप्तऋषिगण व महात्माओं व पूर्वजों की तपस्या के फल के प्रभाव से मुझे जो दर्शन प्राप्त हुए वो आपके समक्ष उनकी कृपा प्रसाद स्वरुप आपमें में बांटकर मुझ सहित मेरा परिवार आंनद विभोर हैं। 🎉कल्किंराम दशमअवतार भगवान श्री हरिविष्णुमहानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🫂🪔
@surendradave12283 жыл бұрын
आ नहीं सका पर आरती मिस कर रहा हूँ
@RAJENDRATAK-le9ke6 ай бұрын
संसार में अनाथ बच्चें यह ना समझे कि उनका कोई नहीं हैं। हमें विश्वास हैं परमात्मा उनकी मदद के लिए कोई ना व्यवस्था कर देवदुतों को आज्ञा अवश्य देतें रहें हैं उन तक परमपिता परमेश्वर की छांव अवश्य पंहुचेगी भौतिक जगत के ताप से उनकी रक्षा अवश्य की जाएगी।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🫂🪔
@mubarikhussain94473 жыл бұрын
Awesome ❤️
@RAJENDRATAK-le9ke9 ай бұрын
सरकारों को पहले जानकारी नहीं थी अब हैं वो अब सबकी नजर में यूएफओ नहीं सनातनी देवताओं के यान एवं नक्षत्र हैं वो पृथ्वी के वायुमंडल में भ्रमण करते हैं और मनुष्यों को ज्ञान देकर युग-युगांतर से सृष्टियज्ञ को संचालित रखे हुए हैं।🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🦚🚩🚩🪔❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙👣💛👣💜👣❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙👣💛👣💜👣❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙👣💛👣💜👣❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙👣💛👣💜👣❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙👣💛👣💜👣❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙👣💛👣💜👣❤️👣💚👣🧡👣🩵👣💙💙🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🪔🕉👣🔱🚩❤️💚🧡🦚🚩🚩🪔🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@RAJENDRATAK-le9ke Жыл бұрын
जिस प्रकार एक अग्नि संसार में प्रवेश करने के बाद, एक होते हुए भी, जो कुछ भी जलाती है उसके अनुसार अलग-अलग रूप धारण करती है, उसी प्रकार सभी जीवित प्राणियों का आंतरिक आत्मा, एक होते हुए भी, जो कुछ भी वह प्रवेश करता है उसके अनुसार एक रूप लेता है और सभी रूपों के बाहर होता है . - कथा उपनिषद, 2.2.9 [32]
@saibadalkumarpathak31153 жыл бұрын
*༺꧁"जयश्रीमन्नारायण"꧂༻ ༺꧁"ओम श्री साई राम"꧂༻*
@mybeauty63302 ай бұрын
😊
@आदित्यराज7877Ай бұрын
मध्य पुष्कर का स्थान नाम बतायें please 🙏🏼
@prosanjitdas9334 Жыл бұрын
In south india tripati and ragnath are vaikuntu but other2vaikuntu where is situated can you inform me
@RAJENDRATAK-le9ke9 ай бұрын
महाराज जी महात्माओं के शिष्य ऐसे हो जाने चाहिए कि वो उनका कहना माने अगर भगवान आकर कहें अब सनातनी वोट देना बंद करें यही कारण युग-परिवर्तन करने में समर्थ बनाएगा। यह सैद्धांतिक एवं व्यवाहारिक ही हैं जैसे को तैसा❤️❤️❤️❤️❤️❤️💚💚💚💚💜💜💜💜💜💛💛💛💛💙💙💙🤎🤎💙💙🧡🧡🧡🩷🩷🩷🩵🩵🩵🧡❤️💚💚हम जरुरी नहीं समझते कि हरेक को भविष्य का उत्तर वर्तमान में दिया जाए इसका उत्तर तत्व ज्ञानियों को प्राप्त हो चुका हैं सिर्फ इशारों को ही आदेश मानकर पालना करना शुरु कर देते हैं।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@RAJENDRATAK-le9ke Жыл бұрын
बीज के वृक्ष बनने के लिए बीज के अस्तित्व पर विचार कर लेना भी आवश्यक होता हैॅ। बीज का सही रोपण सही से आवश्यक है एक गलती और बीज जल्द ही समाप्त इसका अर्थ सीधे मृत्यु इसलिए एक सक्षम गुरु का मार्ग दर्शन एवं तलाश ही आवश्यक नहीं अपितु गुरु शिष्य परम्परागत मार्ग पर चलना भी उतना ही आवश्यक हैं जितना की श्वास का भीतर बाहर होना।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔
@sudipsahasarkar3037 Жыл бұрын
Guru ji aap ka shishya Sudhir Chaudhary aashram se
@vikasgurjar97992 ай бұрын
Lakshman Gurjar barwal
@RAJENDRATAK-le9ke9 ай бұрын
क्या देवी-देवतागण मजाक करनें की इजाजत देंगे मुझे मनुष्यों से स्वयं से🎉🎉🎉 मुझे यह यकीन हैं कि हैं मुझे भी देवी-देवतागण ऐसे गंदे माहौल में छोड़कर चलें गए इससे लड़ाई कर समाप्त करने के लिए और कह गए हैं जब आप कलियुग कलि राक्षस से लड़ाई करके हरा दोगे तब आपको भी पुष्पक विमान से लेने आंएगे। कल्किंराम दशमअवतार भगवान श्री हरिविष्णुमहानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔
@bhojrajgurjar699411 ай бұрын
गायत्री माता को भी श्राप दिया था ।
@ManjeetKaur-b8m3eАй бұрын
Manjeetbullr
@ManjeetKaur-b8m3eАй бұрын
Panjab
@ManjeetKaur-b8m3eАй бұрын
Padtjijysiriramki
@RAJENDRATAK-le9ke9 ай бұрын
भीम शिला की असलियत जानना चाहते हो तो जानो इसको केदारभैरव शिला के नाम से जान लो यहीं सत्य हैं । केदारनाथ में आई तबाही केदारनाथ भैरव जी के क्रोध का ही परिणाम थी अब आगे सवाल मत करना आपके द्वारा जगत को जानने और मानने के लिए इतना ही पर्याप्त होगा कि यही पूर्ण सत्य हैं कि उस तबाही का संबंध मुझसे ही जुड़ा हैं यंहा तक कि जितना भी विध्वंस विनाश धरती पर होता हैं होता चला आ रहा का संबंध मुझसे ही हरेक युग-परिवर्तन में युग-युगांतर में रहा हैं। कल्किंराम दशमअवतार भगवान श्री हरि विष्णु महानारायण 🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️⚖️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@RAJENDRATAK-le9ke11 ай бұрын
कलियुग में खिचड़ी पक रही हैं और प्रसाद रुप में बटेगी भी थोड़ा धीरज तो रखना ही पड़ेगा यह मत सोच लेना बीरबल की खिचड़ी पक रही हैं इस खिचड़ी का स्वाद सतयुग में पंहुचने तक रहेगा याद । प्रसाद स्वरुप ही हमने भी पकाई हैं भगवान ने सुदामा के घर भी चखा था एक ही चावल का दाना लिख दिया था इतिहास । हमारी बनाई खिचड़ी भक्त चखेंगे तो क्यों ना लिखे इतिहास ऐसा तो भगवान कब चाहा था वैसे खिचड़ी भी नजदीक आ रही हैं।🪔🕉🌞🌏🌝🪐🌈🐚✌️🔱🏹⚔️🐓🦜🦚🦅🦉🕊🦢⚖️🐳🐍🐢🐗🐯🦁🫎🐏🐘🦄🐕🐰🐁🐱🐒🦍👣🚩📿🔔🪷🌺🌷⚘️🌹🏵💮🌸🌼🏵🌻💐🦋🙏🪔🎉🎉🎉🪔🪔🪔🪔🪔