कोई उम्मीद बर नहीं आती कोई सूरत नज़र नहीं आती..... ग़ालिब की ग़ज़ल को बहुत ही खूबसूरत अंदाज मनमोहक मधुर स्वर में गाया है डा राधिका चौपड़ा जी का अभिनंदन है शुभकामनाएं 🎉🎉🎉🎉🎉🎉
@kamleshkumardiwan6 ай бұрын
मोहिबान उर्दू संस्था और झिलमिल न्यूजर्सी का शुक्रिया🎉🎉🎉🎉🎉