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एक वक्त था जब बैंगलुरु को एक हजार झीलों का शहर कहा जाता था. लेकिन एक एक कर के ये झीलें गायब होने लगीं. जो थोड़ी बहुत बचीं हैं उनकी हालत इतनी बुरी हो चुकी थी कि बैंगलुरु रहने लायक ही नहीं बचा था. फिर यहां के कुछ लोगों ने इन झीलों को बचाने का काम अपने हाथों में ले लिया.