Raja Dashrath Samadhi Sthal Ayodhya । महाराज राजा दशरथ जी का समाधि स्थल अयोध्या by Rakesh Gupta

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RAKESH GUPTA

RAKESH GUPTA

Күн бұрын

Maharaj Raja Dashrath Samadhi Sthal Ayodhya । महाराज राजा दशरथ जी का समाधि स्थल अयोध्या

Пікірлер: 38
@NarayanSingh-vn6nq
@NarayanSingh-vn6nq 9 ай бұрын
इस समाधि का दर्शन करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं
@nanjundaswamyg4607
@nanjundaswamyg4607 3 жыл бұрын
Jai maharaj Dasarath ji ko jai sri ram jai seetha mata, jai lakshman, jai Bharath jai shutrugan, jai hanuman ji.
@pushpachauhan9050
@pushpachauhan9050 3 ай бұрын
इस समाधि का दरशन करने से शनि पीड़ा कभी नही सताती है
@mahidalal5528
@mahidalal5528 2 жыл бұрын
Jai shri ram jai shri ram jai jai ram jai shri ram jai laxman jee ke jai seta maa ke .jai shri ram jai shri ram jai shri ram
@shlokmishra3218
@shlokmishra3218 2 жыл бұрын
Jai shree ram 🚩🙏🙏🙏
@durgapujachilwariya4858
@durgapujachilwariya4858 2 жыл бұрын
Sitaram
@kingJasvinderBSingh
@kingJasvinderBSingh 10 ай бұрын
आपका धन्यवाद sir🙏🙏🙏
@deepakpatidar4417
@deepakpatidar4417 3 жыл бұрын
जय श्री राम🙇‍♂️🙏🍋
@satendrapayasi9866
@satendrapayasi9866 3 жыл бұрын
Jai shri ram
@mahidalal5528
@mahidalal5528 2 жыл бұрын
Bhut bhut shukrya apka bhai thx upload krna k leya god bless you .jai shri ram jai shri ram jai shri ram jai shri ram ⚘🌷🤗😊🙏
@GulshansirGKG2023
@GulshansirGKG2023 8 ай бұрын
बिलहरघाट में है
@Theloveofgardening
@Theloveofgardening 3 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏
@suraj1008
@suraj1008 3 жыл бұрын
Bahoot badiya.
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
धन्यवाद
@krishanchander466
@krishanchander466 Жыл бұрын
Jai shree seeta ram
@ramanu3540
@ramanu3540 10 ай бұрын
जय श्रीराम
@happytripathi7182
@happytripathi7182 3 жыл бұрын
💪🤘
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
🙏❤️🤗
@ShubhamTiwari-bo7iw
@ShubhamTiwari-bo7iw 3 жыл бұрын
भाई,एक वीडियो अयोध्या एयरपोर्ट में जा रहे , गाव , धर्मपुर, गंजा, कुट्टिया, कुशमाहा में आकर बनाएं और सबको दिखाएं कि कैसे यहां पूरा ग्रामसभा ही ध्वस्त होना है
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
Ok apna contact bhejo
@Aaji6732
@Aaji6732 29 күн бұрын
जैन धर्म के अनुसार राजा दशरथ के प्राण उनके घर मै नही बल्कि उन्होंने प्रभु श्री राम जी के वनवास से पहले ही राज पाट त्याग र्वैराग्य को धारण कर दिगम्बर जैन मुनि बन वन मै चले गए थे और त्याग तपस्या करके समाधि मरण किया
@VijayKumar-gi3ze
@VijayKumar-gi3ze 3 жыл бұрын
Uttar Pradesh news ka video
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
Kona sa
@amruthsolanki2311
@amruthsolanki2311 3 жыл бұрын
Jai shree ram
@rajagopalanchitra7060
@rajagopalanchitra7060 7 ай бұрын
Jai Siya Ram!
@manishchaurasiya3021
@manishchaurasiya3021 2 жыл бұрын
Kal mai bhi gaya tha darshan karne jai siyaram ram 🙏🙏🙏🙏🙏
@SinghRajeshIndori
@SinghRajeshIndori 6 ай бұрын
Bhagwan k baare me koi b information swagat yogya hai par apko video me sthan ka naam aur kis road par hai ye b share karna chahiye thaa.. Jai Shree Ram🙏🚩🙏
@NarayanSingh-vn6nq
@NarayanSingh-vn6nq 9 ай бұрын
जानकारी देने के लिए धन्यवाद
@pompoovlogs2332
@pompoovlogs2332 3 жыл бұрын
Kaash... Main waha jab tha tab ge sab dekh pata...😔 Thnq bhai🥺🧡
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
हम है आप की सेवा के लिए
@ashokgondane2412
@ashokgondane2412 3 жыл бұрын
जय श्रीराम 🙏🙏🙏
@ayodhyahub7809
@ayodhyahub7809 3 жыл бұрын
Jai Shri Ram
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
जय श्रीराम🙏
@srideviboya7328
@srideviboya7328 3 жыл бұрын
@@RaqeshGupta it is most sacred place I bowdown my head for showing the sacred place of Maharaj Rama's pita samadhi. thankyou very much sir
@datusinghkharwal8258
@datusinghkharwal8258 3 жыл бұрын
Jay Shri Ram
@funwithfriend6852
@funwithfriend6852 3 жыл бұрын
Bahut khubsurat drishya hi bhai
@RaqeshGupta
@RaqeshGupta 3 жыл бұрын
Dhanyawad bhai🙏
@shantikaam3795
@shantikaam3795 2 жыл бұрын
राजा दशरथ के मुकुट का एक अनोखा राज, पहले कभी नही सुनी होगी यह कथा आपने !!!!!!!!!! अयोध्या के राजा दशरथ एक बार भ्रमण करते हुए वन की ओर निकले वहां उनका समाना बाली से हो गया। राजा दशरथ की किसी बात से नाराज हो बाली ने उन्हें युद्ध के लिए चुनोती दी। राजा दशरथ की तीनो रानियों में से कैकयी अश्त्र शस्त्र एवं रथ चालन में पारंगत थी। अतः अक्सर राजा दशरथ जब कभी कही भ्रमण के लिए जाते तो कैकयी को भी अपने साथ ले जाते थे इसलिए कई बार वह युद्ध में राजा दशरथ के साथ होती थी। जब बाली एवं राजा दशरथ के मध्य भयंकर युद्ध चल रहा था उस समय संयोग वश रानी कैकयी भी उनके साथ थी। युद्ध में बाली राजा दशरथ पर भारी पड़ने लगा वह इसलिए क्योकि बाली को यह वरदान प्राप्त था की उसकी दृष्टि यदि किसी पर भी पद जाए तो उसकी आधी शक्ति बाली को प्राप्त हो जाती थी। अतः यह तो निश्चित था की उन दोनों के युद्ध में हर राजा दशरथ की ही होगी। राजा दशरथ के युद्ध हारने पर बाली ने उनके सामने एक शर्त रखी की या तो वे अपनी पत्नी कैकयी को वहां छोड़ जाए या रघुकुल की शान अपना मुकुट यहां पर छोड़ जाए। तब राजा दशरथ को अपना मुकुट वहां छोड़ रानी कैकेयी के साथ वापस अयोध्या लौटना पड़ा। रानी कैकयी को यह बात बहुत दुखी, आखिर एक स्त्री अपने पति के अपमान को अपने सामने कैसे सह सकती थी। यह बात उन्हें हर पल काटे की तरह चुभने लगी की उनके कारण राजा दशरथ को अपना मुकुट छोड़ना पड़ा। वह राज मुकुट की वापसी की चिंता में रहतीं थीं। जब श्री रामजी के राजतिलक का समय आया तब दशरथ जी व कैकयी को मुकुट को लेकर चर्चा हुई। यह बात तो केवल यही दोनों जानते थे। कैकेयी ने रघुकुल की आन को वापस लाने के लिए श्री राम के वनवास का कलंक अपने ऊपर ले लिया और श्री राम को वन भिजवाया। उन्होंने श्री राम से कहा भी था कि बाली से मुकुट वापस लेकर आना है। श्री राम जी ने जब बाली को मारकर गिरा दिया। उसके बाद उनका बाली के साथ संवाद होने लगा। प्रभु ने अपना परिचय देकर बाली से अपने कुल के शान मुकुट के बारे में पूछा था। तब बाली ने बताया- रावण को मैंने बंदी बनाया था। जब वह भागा तो साथ में छल से वह मुकुट भी लेकर भाग गया। प्रभु मेरे पुत्र को सेवा में ले लें। वह अपने प्राणों की बाजी लगाकर आपका मुकुट लेकर आएगा। जब अंगद श्री राम जी के दूत बनकर रावण की सभा में गए। वहां उन्होंने सभा में अपने पैर जमा दिए और उपस्थित वीरों को अपना पैर हिलाकर दिखाने की चुनौती दे दी। रावण के महल के सभी योद्धा ने अपनी पूरी ताकत अंगद के पैर को हिलाने में लगाई परन्तु कोई भी योद्धा सफल नहीं हो पाया। जब रावण के सभा के सारे योद्धा अंगद के पैर को हिला न पाए तो स्वयं रावण अंगद के पास पहुचा और उसके पैर को हिलाने के लिए जैसे ही झुका उसके सर से वह मुकुट गिर गया। अंगद वह मुकुट लेकर वापस श्री राम के पास चले आये। यह महिमा थी रघुकुल के राज मुकुट की। राजा दशरथ के पास गया तो उन्हें पीड़ा झेलनी पड़ी। बाली से जब रावण वह मुकुट लेकर गया तो तो बाली को अपने प्राणों को आहूत देनी पड़ी। इसके बाद जब अंगद रावण से वह मुकुट लेकर गया तो रावण के भी प्राण गए। तथा कैकयी के कारण ही रघुकुल के लाज बच सकी यदि कैकयी श्री राम को वनवास नही भेजती तो रघुकुल सम्मान वापस नही लोट पाता। कैकयी ने कुल के सम्मान के लिए सभी कलंक एवं अपयश अपने ऊपर ले लिए अतः श्री राम अपनी माताओ सबसे ज्यादा प्रेम कैकयी को करते थे।
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MrBeast
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Help Me Celebrate! 😍🙏
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Alan Chikin Chow
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