मेरे को समझ नही आरहा कितनी बार सुनु।मेरे रोम रोम में समा गया ये भजन । अब तो पद्य भजन खोजता ही रहता हु। लिखित में भाईजी हनुमान प्रसाद जी पोदार
@SarvasvaShriVrindavan Жыл бұрын
Ye shri rasik bihari dev ji ka padd hai
@shyamashyam24823 күн бұрын
Ye Bhajan nahi bhaiya ye Hari kripa patro ka jiban dasa hai jo Brahma ko bhi bhag nahi wo kisi kisi ko milta Radha Rani ke kripa se
@Being-b7i26 күн бұрын
Adbhut vani 👍
@AjaySharma-pk9uy Жыл бұрын
वाह! राग वृन्दावनी सारंग.
@actoraryan9Ай бұрын
Raag darbari hai ye not Sarang
@Vrindavan9892 жыл бұрын
भाग बड़ौ वृन्दावन पायौ - श्री रसिक बिहारी देव, श्री रसिक बिहारी देव जू की वाणी, सिद्धांत के पद (03) (राग विहागरौ) भाग बड़ौ वृन्दावन पायौ। श्रीवृन्दावन अखंड वास करनेवाले निज आश्रित जनों से श्री रसिक देव कह रहे हैं "हे भाई! तुमको सर्वोपरि श्रीनित्यविहारिनीजू का निज विलासरस महल श्रीवृन्दावन का अखंड वास प्राप्त हो गया है, यह तुम्हारा अहो भाग्य है। जा रज कौं सुर नर मुनि वंछित विधि संकर सिर नायौ॥ मनुष्य, देवता एवं मुनिगण भी वृन्दावन की इस रज की वांछा करते हैं, एवं ब्रह्मा तथा भगवान शिव इस रज को माथे पर चढ़ाते हैं। बहुतक जुग या रज बिनु बीते जन्म जन्म डहकायौ। श्री राधा के चरण कमलों से आच्छादित श्री वृंदावन की रज के बिना यह दुर्लभ मानव जीवन असंख्य बार व्यर्थ गया है। सो रज अब कृपा करि दीनी अभै निसान बजायौ॥ उसी रज ने मुझ पर अब कृपा की है और मुझे सर्वोच्च आश्रय और अपार आनंद प्रदान किया है। आइ मिल्यौ परिवार आपने हरि हँसि कंठ लगायौ। जो वृंदावन आता है वह अपने वास्तविक सम्बन्धी अर्थात श्री श्यामा श्याम और सखियों (उनके रसिक भक्त) से मिलता है। वे सम्बन्धी खुले हाथों से हमारा स्वागत करते हैं और श्री हरि प्रसन्नता पूर्वक अपने कंठ से लगाते हैं। स्यामा स्यामा जू बिहरत दोऊ सखी समाज मिलायौ॥ श्री श्यामा श्याम नित्य ही वृंदावन के विभिन्न स्थानों में विचरण करते हैं और हमें उनके सखी (रासिकों) से मिलने में सहायता करते हैं तथा हमें उनका सहयोग प्रदान करने में भी सहायता करते हैं। सोग संताप करौ मति कोई दाव भलौ बनि आयौ। इस दिव्य स्थान पर पहुंचकर, भक्तों से मिल कर और श्यामा श्यामा की कृपा और वृंदावन की रज को पाकर, किसी को भी फिर कभी दुखी नहीं होना चाहिए, क्योंकि लक्ष्य की प्राप्ति हो गयी है और अनगिनत जन्मों का चक्कर आखिरकार समाप्त हो गया है। श्रीरसिकबिहारी की गति पाई धनि धनि लोक कहायौ॥ श्री रसिक बिहारी देव कहते हैं, "श्री बिहारीजी और बिहारिनी श्री राधारानी का प्रेम प्राप्त कर के और वृंदावन की पावन रज से युक्त होकर अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझना चाहिए।" - श्री रसिक बिहारी देव, श्री रसिक बिहारी देव जू की वाणी, सिद्धांत के पद (03
@akanshachaturvedi19492 жыл бұрын
Jay ho
@shreejidigitaldepalpur9866 Жыл бұрын
😊🌹🌹 श्री राधे................
@mohitsahu83662 жыл бұрын
श्री राधा गोविंद श्री सीताराम श्री राधा गोविंद श्री सीताराम
@YashKumar-h4xАй бұрын
मैने जिस दिन से भजन सुना।उसी दिन से एक ही भजन मन में आता भाग्य भादौ बृंदावन पायो🎉,🙏🙏
@jyotibala43472 жыл бұрын
Jai jai vdn dham
@virendrajaiswal41367 ай бұрын
Shri Sadgurudev Bhagwan ko koti koti pranam
@geetasinghal3695 Жыл бұрын
महाराज जी -नयन आप के दर्शन के अभिलाषी ।।कृपया कीजिए। ।