Creator of the Universe Jai Vishwakarmanehe Namo Namaha
@santhammanarayanan54432 жыл бұрын
🙏ഓം ശ്രീ വിശ്വകർമ പരബ്രഹ്മണേ നമോ നമഃ 🙏
@kongbrailatpamranjana97993 жыл бұрын
🌻🌻🌻🍋🍋🍋🍊🍊🍊Jai Shree Vishnurupay Vishwanath Vishwarupay Vishwatma Vishwakarma Namo Namah
@sureshvishwakarma70512 жыл бұрын
ॐ नमो विश्वकर्मने परब्रह्माने 🙏🙏🙏🙏
@sureshvishwakarma70512 жыл бұрын
*देवाचार्यस्य महतो विश्वकर्मस्य धीमतः।* *विश्वकर्मात्मजश्चैव विश्वकर्ममयः स्मृतः॥* - (वायुपुराणम्/उत्तरार्धम्/अध्यायः 22, श्लोक - 20) अर्थात - धीमान(श्रेष्ठ बुद्धि वाले) विश्वकर्मा बड़े-बड़े देवताओं के आचार्य (गुरु) हुए और उनके पुत्र भी उन्हीं के समान गुणों वाले हुए। जीतेन्द्र विश्वकर्मा छतरपुर मप्र 🙏🚩💐💐
@subhrajitswain89042 жыл бұрын
Om sri biswokarmaya namha
@atulnath14543 жыл бұрын
Jai viswakarma ji ki jai ho baba
@Rinkoox-sharma3 күн бұрын
ॐ नमो विश्वकर्मा नमः
@jyotheeshkumarkelath20583 жыл бұрын
Viswakarma, Chief Architecture of the Universe.
@kovassavenko17233 жыл бұрын
He only creater of all universes that means all planets galaxies and black holes and many more
@SanjeevKumar-et4gn3 жыл бұрын
ॐ विश्वकरमाय नमः
@kongbrailatpamranjana97994 ай бұрын
Shree Vishnu Vagaban ki another name Shree Vishwakarma Vagaban When Shree Vishnu acts as an Karmakaram🔥🌬️🏜️🏞️🏝️🏖️🌅🌄🌈🌊🌬️🌀🌪️⚡🌌🌠🕳️🌞🌝☀️🌤️⛅🌥️🌛⭐🪐🌑🌒🌓🌔🌔🌏🌎🌍🌌🌕🏹🥏🪃🎷🎺🎹🧶🎸⚖️🔩🪚🪚🔧🔧🔨⚒️⚒️🛠️🛠️⛏️⛏️⛏️⚙️🔗⛓️⛓️📎🖇️📏📏📐🖌️🖍️🖍️🖊️🖊️🖊️✒️🖋️✏️📝📖📚📒📔📕📗🔖🗒️📘📙📄📃📋📋📊📉🗄️🗄️📂📌📍✂️🗑️📰🗞️🏷️📦📦📫📬📬📭✉️📧📨💌📥🗳️🕧🕐🕜🕑🕰️⌛⏳⏲️⌛⏳📣📣📿🔮🔍🗝️🔑🔐🔐🔏🔒🔓
@yellaihswami47202 жыл бұрын
JAYAHOOOOOOOOOOOO SRI GAAYATHRI SAMETHA SRI VISWAKARMA BAGAVAAN KI JAI
@babyrani66842 жыл бұрын
Shree vishawkarmne namo namah
@prajithpp36763 жыл бұрын
Om sree virat viswakarmane nama
@sureshvishwakarma70512 жыл бұрын
ॐ सर्व जगत के उत्पन्न करता विराट विश्वकर्मा 🚩 🙏यजुर्वेद अध्याय ३१ मंत्र १७ का भाष्य 🙏 ॐ अद्भ्य: सम्भृत: पृथिव्यै रसाच्च विश्वकर्मण: समवर्त्तताग्रे। अस्य त्वष्टा विदधद्रुपमेति तन्मर्त्यस्य देवत्वमाजानमग्रे।। 🚩भाष्यम् -(अद्भ्य:संभृत:०) ॐ तेन पुरुषेण पृथिव्यै पृथिव्युत्पत्तर्थमद्भ्यो रस: संभृत: संगह्य तेन पृथिवी रचिता। एवमग्निरसेनाग्ने: सकाशादाप उत्पादिता: । अग्निश्च वायो: सकाशाद्, वायुराकाशादुत्पादित:, आकाश: प्रकृते: ,प्रकृति: स्वसामर्थ्याच्च। विश्वं सर्वं कर्म क्रियमाणमस्य स विश्वकर्मा, तस्य परमेश्वरस्य सामर्थ्यमध्ये कारणाख्येअग्रे सृष्टे: प्राग्जगत्समवर्त्तत वर्त्तमानमासीत्। तदानीं सर्वमिदं जगत्कारणभूतमेव नेदृशमिति। तस्य सामर्थ्यस्यांशान् गृहीत्वा त्वष्टा रचनकर्त्तेदं सकलं जगद्विदधत्। पनश्चेदं विश्वं रूपवत्त्वमेति। तदेव मर्त्यस्य मरणधर्मकस्य विश्वस्य मनुष्यस्यापि च रूपवत्त्वं भवति। ( आजानमग्रे) वेदाज्ञापनसमये परमात्माज्ञप्तवान् वेदरूपामाज्ञां दत्तवान् मनुष्याय- धर्मयुक्तेनैव सकामेन कर्मणा कर्मदेवत्वयुक्तं शरीरं धृत्वा विषयेन्द्रियसंयोगजन्यमिष्टं सुखं भवतु तथा निष्कामेन विज्ञानपरमं मोक्षाख्यं चेति।।१७।। भाषार्थ-(अद्भ्य: संभृत:०) उस परमेश्वर पुरुष ने पृथ्वी की उत्पत्ति के लिए जल से सारांश रस को ग्रहण करके ,पृथ्वी और अग्नि के परमाणुओं को मिला के पृथ्वी रची है । इसी प्रकार अग्नि के परमाणु के साथ जल के परमाणुओं को मिला के जल को, वायु के परमाणुओं के साथ अग्नि के परमाणुओं को मिला के अग्नि को और वायु के परमाणुओं से वायु को रचा है। वैसे ही अपने सामर्थ्य से आकाश को भी रचा है ,जो कि सब तत्वों के ठहरने का स्थान है। ईश्वर ने प्रकृति से लेके घास पर्यंत सब जगत को रचा है। 👉 इससे ये सब पदार्थ ईश्वर के रचे होने से उसका नाम विश्वकर्मा है। जब जगत उत्पन्न नहीं हुआ था ,तब वह ईश्वर के सामर्थ्य में कारण रूप से वर्तमान था। (तस्य०)जब जब ईश्वर अपने सामर्थ्य से इस कार्य रूप जगत को रचता है, तब-तब कार्य जगत रूप गुण वाला होके स्थूल बनके देखने में आता है। (तन्मर्त्यस्य देवत्वमाजानमग्रे०) जब परमेश्वर ने मनुष्य शरीर आदि को रचा है , तब मनुष्य भी दिव्य कर्म करके देव कहाते हैं और जब ईश्वर की उपासना से विद्या, विज्ञान आदि अत्युत्तम गुणों को प्राप्त होते हैं, तब भी उन मनुष्यों का नाम देव होता है क्योंकि कर्म से उपासना और ज्ञान उत्तम है । इसमें ईश्वर की यह आज्ञा है कि जो मनुष्य उत्तम कर्म में शरीर आदि पदार्थों को चलाता है ,वह संसार में उत्तम सुख पाता है और जो परमेश्वर ही की प्राप्ति रूप मोक्ष की इच्छा करके उत्तम कर्म, उपासना और ज्ञान में पुरुषार्थ करता है, वह उत्तम देव होता है (ऋग्वेद वेद भाष्य भूमिका सृष्टि विद्या विषय अध्याय८ मंत्र१७) 🚩अखंड विश्वकर्मा ब्राह्मण महासभा कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण भारत वर्ष🚩 पंडित रामदरश शास्त्री रीवा मध्यप्रदेश 🙏 🙏ॐ नमो विश्वकर्मणे 🙏
@trailerkingavanish63643 жыл бұрын
Jai Shree vishawkarma bhagwan ki jay ho super ❤ song pick
@harisharyaa92463 жыл бұрын
🌺🙏🌺 OM VISWAKARMANE POTRI 🌺🙏🌺
@Aaj_ka_jhooth3 жыл бұрын
Jai ho viswkrma jee
@bhagwanjadhav14513 жыл бұрын
जय श्री विश्वकर्मा भगवान
@g.rajithavedhanth68113 жыл бұрын
Pitha maha vishwakarma. Namo namaha
@ShubhamKumar-cs7qx3 жыл бұрын
Om mere dada mere pita visbvhutesu vishwkarmo nhmo namha
@ShubhamKumar-cs7qx3 жыл бұрын
Om vishwkarmo namho namha me apn dada vishwathma namo namha
@angelofloveiam502 жыл бұрын
Happy hanuman Jayanti chaitra navagraha nakshatram pink full moon
@beenareji54033 жыл бұрын
Om vishwa kamane nama🙏
@rajeshvighnesrajeshvignesh10223 жыл бұрын
Jai viswakarma
@jeevannirmalabenjamin96063 жыл бұрын
Om om om
@pampanandy31442 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
@sanjayjagtap46273 жыл бұрын
Jay vishwkarmay name name!!
@yellaihswami47202 жыл бұрын
🌹🌹🌹🌹👏👏🌹🌹🌹🌹
@Vishaltiwari5303 жыл бұрын
Jai ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@krishanu-d1k2 жыл бұрын
Jai Bhagwan Vishwakarma 🙏🏻🙏🏻
@kathiravanshankar46563 жыл бұрын
Very very nice 😍 Thanks for uploading
@oracleowen3 жыл бұрын
Great praise and love to the Soul which creates this Universe so beautifully
@akittu351 Жыл бұрын
ok Bhola Shankar Narayan ke music Vishwakarma 30 years and Vishwakarma all Vishwakarma 30 years and Vishwakarma all
@vvacharya47553 жыл бұрын
Vishwakarma namo namaha 🙏🙏🙏🙏🚩
@sambasivaraochoda8742 жыл бұрын
Viswakarma created the Universe and created 33 devatas assigned them rolrs and monitored
@dineshsihag89913 жыл бұрын
Jay ho
@basantnarayan66212 жыл бұрын
Baba vishakrma puja basant pur
@pampanandy31442 жыл бұрын
Save saiprint
@Heather_123633 жыл бұрын
Jay vishwakarma dev 🙏 very clear voice and nicely composed. 👍
@bhuvanamani25113 жыл бұрын
நமஸ்காரம்🙏🙏
@ratilallsahadeo55113 жыл бұрын
JAI SHREE SATCHITANAND
@prasadsivaraman98652 жыл бұрын
ഓംവിശ്വകർമ്മായ നമ:
@adityagaming28613 жыл бұрын
Chhama karo biswakam mere galti ko
@sureshvishwakarma70512 жыл бұрын
विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों के पूर्वजों का परिचय विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण ब्रह्मा (त्वष्टा विश्वकर्मा) के पुत्र अंगिरा, अग्नि, वायु, आदित्य, अत्रि, भृगु, पुलस्त्य, वशिष्ठ आदि ऋषियों की श्रेष्ठ संतान हैं। जिसने अपना जीवन पांच वैदिक कर्म काष्टकार, स्वर्णकार, लौहकार, ताम्रकार, शिल्पी अपनाये और आज तक यही काम करते आ रहे हैं। ये पांचों वैदिक कर्म सभी मनुष्य जाति को सुख देने वाले है। जब से मनुष्य पैदा होकर पहली सांस लेता है और मरते समय आखरी सांस लेता है मनुष्य विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मणों का ऋणी रहता है। विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण सुखकारक, मंगलकारी, कल्याणकारी, जीविकापार्जन, आदि सभी लाभ मनुष्यों को देता रहता है और स्वयं पांच वैदिक कर्म करके साधारण जीवनयापन करता आया है। भूखा मर जाता है, परन्तु कभी भीख नहीं मांगता। हमेशा हर जाति, हर वर्ग को विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण सम्मान देता आया है। यदि कोई उसका उपहास, या अपमान करता भी है तो वो पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जी पर छोड़ देता है और उपहास, और अपमान करने वाला व्यक्ति या परिवार कष्टों को भोगता है, और अंतिम समय पर उसकी अत्यन्त दुर्दशा होना पाया गया है। अतएव् विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण का हमेशा सम्मान करना चाहिए। और सुख दुख में उसकी मदद करनी चाहिए। विश्वकर्मा वैदिक ब्राह्मण आदिकाल से ही इस सृष्टि को चलाने में हमेशा अपना योगदान देते हैं जैसा कि यह ज्ञान सभी को है की चारों वेदों में विश्वकर्मा जी को पर् ब्रह्म परमेश्वर की संज्ञा दी गई है। पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जी ने समस्त जगत को उत्पन्न किया है शाब्दिक अर्थ में विश्व+कर्मा *विश्व से अभिप्राय संपूर्ण जगत।* *कर्मा का अभिप्राय जगत की समस्त क्रिया का संपादन करना* अथार्त विराट परमेश्वर जिसका नाम *ओ३म* हैं, वहीं *पर् ब्रह्म* है वही *जगत कर्ता* है वह सारे विश्व की *विद्या एवं गुणों का धारक* है। पुराणों और शास्त्रों में आदि काल से विश्वकर्मा जी को 10 रूप में संसार में अवतरित होने का उल्लेख मिलता है। १- पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान २- त्वष्टा विश्वकर्मा ब्रह्मा भगवान ३- चतुर्वेदी अंगिरा ऋषि विश्वकर्मा (अंगिरस् विश्वकर्मा) ४- त्वष्टा शिल्पाचार्य महर्षि विश्वकर्मा भगवान ५- भौवन विश्वकर्मा ६- विश्वकर्मा विश्वरूप ७- ब्रह्मकुलोत्पन विश्वकर्मा ८- आचार्य विश्वकर्मा ९- प्रजापति विश्वकर्मा १०- जगद्गुरु आदि विश्वकर्मा पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जिनका नाम *ओ३म* है, की वंश परंपरा है। इस समस्त संसार की सच्ची परंपरा है जिन्हें इस धरती का समस्त समाज व्यवहारिक रूप से स्वीकार भी करता है अन्य समुदाय का प्राणी पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जी के नाम को इंजीनियर, सृष्टि रचयिता, पालनहार, सभी कर्मों का जन्मदाता स्वीकार करता है और पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जी को हमेशा इस मंत्र द्वारा प्रार्थना करता है त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वंम मम देव देव।। जो मनुष्य पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जी के विराट स्वरूप को जान जाता है उसकी सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं जो मनुष्य 8 अक्षर वाले मंत्र *ओ३म नमो विश्वकर्मणे* से भी पर् ब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा भगवान जी का ध्यान तथा अनुष्ठान करता है वह मनुष्य वर्चस्व पाते हैं जन्म मरण वगैरह के बंधनों से छूट जाते हैं। इसी प्रकार परब्रह्म परमेश्वर विश्वकर्मा गायत्री मंत्र मनुष्य को अनेक प्रकार की सिद्धि, सुख और वैभव देने वाला है। *ॐ सवैरूपाय विद्यहे विश्वकर्मणे धीमहि तन्नो पर् ब्रह्म प्रचोदयात्:।* जगत के सभी प्राणियों को हर रोज नियम से इस गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए। ओ३म नमो विश्वकर्मणे! ।।इति।। पंडित गोपाल धीमान बिजनौर M.Sc., M.Ed 7906724767
@purnachandrabanerjee44723 жыл бұрын
The tune is simple, soothing and creates gentle and positive vibrations. Regards
@akittu351 Жыл бұрын
o ok Bhola Shankar Narayan ke music Vishwakarma 30 years and Vishwakarma all Vishwakarma
@primadhiyan85883 жыл бұрын
It's today.. Thank u for the information
@deepthirajan17613 жыл бұрын
Thankyou for this mantra.
@dileeppolumaati59322 жыл бұрын
(Nethala baby rani) ni(bhoomi🌎) gurinchi Hindu🕉️ gudi 🏛vadha poojinchaali ani chebithe, (Nethala baby rani) ni yeedchi, yeedchi thannesthaaru. Ani nandhyaala lo vunna (Sri jagajjanani maatha)🕉️ki thelusu.
@sureshvishwakarma70512 жыл бұрын
*ब्राह्मणो के इष्टकर्म और पूर्तकर्म* ब्राह्मणो के दो प्रकार के कर्मो से परिचय कराएंगे। एक है ' इस्ट ' कर्म और दूसरा है ' पूर्त ' कर्म। इस्ट कर्म से ब्राह्मणो को स्वर्गप्राप्ति होती है और पूर्त कर्मो से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अर्थात जो ब्राह्मण इस्ट कर्म ही सिर्फ करके पूर्त कर्म ना करें उसे मोक्ष नहीं मिल सकता है जो सनातन धर्म में मनुष्यों का अंतिम लक्ष्य है। इसके प्रमाण स्वरूप कुछ धर्मशास्त्र से प्रमाण निम्न है , *इस्टापूर्ते च कर्तव्यं ब्राह्मणेनैव यत्नत:।* *इस्टेन लभते स्वर्ग पूर्ते मोक्षो विधियते॥* - (अत्रि स्मृति) - (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ - ६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी) अर्थात - इष्टकर्म और पूर्तकर्म ये दोनों कर्म ब्राह्मणो के कर्तव्य है इसे बड़े ही यत्न से करना चाहिए है। ब्राह्मणो को इष्टकर्म से स्वर्ग की प्राप्ति होती है और पूर्तकर्म से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी प्रकार की व्याख्या यम ऋषि ने भी धर्मशास्त्र यमस्मृति में की है जो निम्न है ; *इस्टापूर्ते तु कर्तव्यं ब्राह्मणेन प्रयत्नत:।* *इस्टेन लभते स्वर्ग पूर्ते मोक्षं समश्नुते* - (यमस्मृति) - (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ १०६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी) अब अत्रि ऋषि की अत्रि स्मृति नामक धर्मशास्त्र के आगे के श्लोक से इष्ट कर्म और पूर्त कर्मो के अन्तर्गत कौन से कर्म आते है उसकी व्याख्या निम्न है ; *अग्निहोत्रं तप: सत्यं वेदानां चैव पालनम्।* *आतिथ्यं वैश्यदेवश्य इष्टमित्यमिधियते॥* *वापीकूपतडागादिदेवतायतनानि च।* *अन्नप्रदानमाराम: पूर्तमित्यमिधियते॥* - (अत्रि स्मृति) - (अष्टादशस्मृति ग्रन्थ पृष्ठ - ६ - पं.श्यामसुंदरलाल त्रिपाठी) अर्थात - ब्राह्मणो को अग्निहोत्र(हवन), तपस्या , सत्य में तत्परता , वेद की आज्ञा का पालन, अतिथियों का सत्कार और वश्वदेव ये सब इष्ट कर्म के अन्तर्गत आते है। ब्राह्मणो को बावड़ी, कूप, तालाब इत्यादि तालाबो का निर्माण, देवताओं के मंदिरों की प्रतिष्ठा जैसे शिल्पादि कर्म , अन्नदान और बगीचों को लगाना जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है ऐसे कर्म पूर्त कर्म है। उपर्युक्त सभी अकाट्य प्रमाणो से ये सिद्ध होता है कि ब्राह्मणो के सिर्फ षटकर्म जैसे इष्टकर्म ही नहीं है अपितु शिल्पकर्म जैसे पूर्तकर्म भी है जिनमें बावड़ी, कूप, तालाब इत्यादि तालाबो का निर्माण, देवताओं के मंदिरों के निर्माण एवं प्रतिष्ठा जैसे कर्म शिल्पकर्म के अन्तर्गत आते है जिसके करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है जो सनातन धर्म का अंतिम और सर्वोच्च लक्ष्य है। पूर्तकर्म (शिल्पादि कर्म) का उल्लेख अथर्ववेद में भी आया है। महर्षि पतंजलि ने शाब्दिक ज्ञान को मिथ्या कहा है। कल्प के व्यावहारिक ज्ञाता को ही ब्राह्मण कहा जाता है। क्योंकि उसी वेदांग कल्प के शुल्व सूत्र से शिल्पकर्म की उत्पत्ति हुई है। ब्रह्मा जी ये सृष्टि को अपनी सर्जना से कल्पित अर्थात निर्मित करते है उन्हीं ब्रह्मा जी की सृजनात्मक कल्पना शक्ति जिसमें होती है वहीं ब्राह्मण कहलाता है। सर्जनात्मक विधा ही निर्माण अर्थात शिल्पकर्म कहलाती है। - पं.संतोष आचार्य
@bharathijyo73123 жыл бұрын
Thank you 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@DebipriyaBasuOfficial3 жыл бұрын
Nice 🙏🙏🙏
@rrns8253 жыл бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@sureshvishwakarma70512 жыл бұрын
शास्त्रज्ञ विश्वकर्मा ऋग्वेद वैदिक परम्परा का श्री मुख है और ऋग्वेद में विश्वकर्मा ऋषि है, मंत्रद्रष्टा भी और देवता भी है।'ऋषयो मंत्रद्रष्टार:'श्रुतिवाक्योनुसार वेद मंत्रों का द्रष्टा या उनका साक्षात्कार करने वाला अथवा आध्यात्मिक तत्वों का द्रष्टा और प्रयोक्ता मंत्र द्रष्टा ऋषि कहलाता है। वेद मंत्रों का अनुभुतिजन्य तत्व दर्शन समझने वाले त्रिकालक्ष, दिव्य दृष्टि सम्पन्न परोक्ष दृष्टया को भी ऋषि कहते हैं। रत्न कोष के अनुसार ऋषि के सात प्रकार हैं __ब्रह्मर्षि, देवर्षि, महर्षि,परमर्षि,काण्डर्षि,श्रुतर्षि, और राजर्षी उपनिषद में वर्णित है कि ऋषिगण जो आसक्ति से परे विशुद्ध अंत:करण वाले होते हैं,वे परमात्मा को प्राप्त हो कर ज्ञान से तृप्त और परमशान्त हो जाते हैं __संप्राप्यैनमृशयो ज्ञानतृप्ता:कृतात्मानो,वितरागा:प्रशान्ता: ।(मुण्डकोपनिषद _३,२,५) । गीता ५,२५में ऋषियों को 'सर्वभुत हितेरता: सभी प्राणियों के हित में रत रहने वाले को ऋषि कहा गया है, अमरकोश ३,७,४३ में 'ऋषय: सत्यवचस: सत्य वाणीधारक को ऋषि कहा गया है। वैदिक ऋषियों ने वेदों में न केवल विश्वकर्मा के देवत्व एवं विराट स्वरूप अपने प्रातिम चक्षु से दर्शन किया अपितु उसका ऋषित्व भी प्रतिपादित हुआ ,,, एक ऋषि के रूप में विश्वकर्मा का प्रथम उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है। ऋग्वेद के दशम् मण्डल के दो सूक्त ८१ एवं ८२ के १४ मंत्रों का ऋषि 'भौवन विश्वकर्मा ' है और वही इन सुक्तों का देवता भी विश्वकर्मा ही है। यही १४ मंत्र यजुर्वेद के अध्याय १७ में मंत्र संख्या १७से३२ तक अति है। यजुर्वेद में १४ मंत्रों के अति दो और मंत्र हैं।इन मंत्रों के ऋषि और देवता विश्वकर्मा हैं। इन्हें विश्वकर्मा सुक्त सूक्त कहते हैं। इसी अध्याय _१७ के मंत्र ७८ का ऋषि विश्वकर्मा हैं। वैदिक ऋषि विश्वकर्मा को वैदिक 'देवता विश्वकर्मा 'के प्रति उपर्युक्त संदर्भित मंत्रों में व्यक्त विचार अद्भुत और अलौकिक है।इन मंत्रों में ' विश्वकर्मा देवता ' ऋग्वैदिक युग की सर्वोच्च दैवी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए उसके काम और नाम में साम्य परिलक्षित होता है क्योंकि वह देव,अदेव,जीव,जगत, पृथ्वी, जलवायु, सूर्य चंद्र आदि सभी का सृजन करता है। विशाल और वैविध्य पूर्ण जगत की तरह उसका विराट स्वरूप था। विश्वतचक्षुरुत विश्वतोमुख विश्वतोबाहुरुत विश्वतस्पात्,सं बाहुम्यां धमति सं पतत्रैर्द्यावाभूमि जनयन देव एक: ।(ऋग्वेद १०,८१,३) पं गोपाल शर्मा पांचाल अखंड विश्वकर्मा ब्राह्मण महासभा अध्यक्ष यू पी,, रजिस्टर्ड सम्पूर्ण भारत ग्राम पचमा पोस्ट जमुई पंडित निचलौल जिला महराजगंज यू पी मोबाइल नं 7518554573 क्रमशः
@vikramsinghviki66382 ай бұрын
🪔 J 👏🏻 visakrma 🪔 ji 🥰 ki 🪔 j 🪔👏🏻🪔🥰
@pallaviprasadpallu33393 жыл бұрын
Ma'am please upload sri lalitha suprabhatam with lyrics
@freeindianmarriagecenter68892 жыл бұрын
जय हो
@hussainivip35853 жыл бұрын
hussaine bb bb
@narayansunani68052 жыл бұрын
Om viswakarma namah my family is save carefully find God and my mother is fine and good health care and happiness and good characters please help me God my life good successful good characters and good job and bsc complete pass God please help me God my father is good and health care and happiness and good characters and good characters please help me God 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@AmrutaTayde3 жыл бұрын
Didi aapse bat karne ka hai.
@AmrutaTayde3 жыл бұрын
Madam number dijiye Aapka.... Mere se Delete ho gaya
@narayansunani6805 Жыл бұрын
Om viswakarma namah 🙏❤️🙏
@yellaihswami47202 жыл бұрын
JAYAHOOOOOOOOOOOO GURUDEVA
@kathiravanshankar46563 жыл бұрын
Om Namo vishwakarmane 🙏
@shivnarayan9913 жыл бұрын
जय विश्वकर्माजी
@RameshSharma-kx3yk3 жыл бұрын
Jai baba vishwakarma 🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹
@Vishaltiwari5303 жыл бұрын
Jai ho 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@ananthamurthy83643 жыл бұрын
Nam vishwavkaram
@sairohit54143 жыл бұрын
Om Vishwakarma pithamaha🙏
@dileeppolumaati59322 жыл бұрын
(Nethala baby rani) ni (bhoomi🌎) gurinchi Hindu🕉️ gudi🏛 vadha poojinchaali 🥥🥥🥥🥥ani chebithe, (Nethala baby rani) ni yeedchi, yeedchi thannesthaaru. Ani nandhyaala lo vunna (Sri jagajjanani maatha)🕉️ki thelusu.