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देश में कानून बनाने की जिम्मेदारी संसद की है। इसके लिए संसद में जनता के प्रतिनिधियों को लोक महत्व के अलग अलग मुद्दों पर अपने विचार रखने के प्रावधान है। साथ ही सरकार को कार्यक्रम और नीतियों के निर्माण के लिए राजी करने की दृष्टि से संसद के नियमों और प्रक्रियाओं में गैर सरकारी सदस्यों को भी विधान की शुरुआत करने का उपाय किया गया है। इसके तहत मंत्री के अलावा कोई भी सासंद.. लोक सभा या राज्य सभा में किसी भी महत्वपूर्ण मुद्दें पर बिल लाकर कानून बनाने की प्रक्रिया की शुरुआत कर सकता है। सासंदों द्वारा लाए गए इस तरह के बिल को प्राइवेट मेंबर बिल कहा जाता है। सदन के अंदर प्राइवेट मेंबर बिल और अन्य विधेयकों की प्रक्रियाओं में कोई अंतर नहीं है। लेकिन विधेयक पेश करने की सूचना अवधि, विधेयकों की अधिकतम संख्या और चर्चा के लिए प्रक्रियाओं में प्राइवेट मेंबर बिल के लिए कुछ खास नियम हैं। पहली लोक सभा के गठन के बाद से अनेक प्राइवेट मेंबर बिल को संसद में पेश किया गया लेकिन अब तक सिर्फ 14 प्राइवेट मेंबर बिल ही पारित हो पाए। आज विशेष के इस अंक में बात करेंगे प्राइवेट मेंबर बिल की... जानेंगे क्या होता है प्राइवेट मेंबर बिल और इसे सदन में कैसे पेश किया जाता है ... इसके साथ ही बात करगें अब तक पारित हुए प्राइवेट मेंबर बिल के इतिहास की....
Anchor - Vaibhav Raj Shukla
Producer - Rajeev Kumar, Ritu Kumar, Abhilasha Pathak
Production - Akash Popli
Reporter - Vipul Aggarwal, Bharat Singh Diwakar
Graphics - Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor -Satish Chandra, Chandan Kumar