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आरबीआई ने एक सर्कुलर जारी कर बैंकों के फ्लोटिंग रेट पर दिये जाने वाले सभी नये पर्सनल या रिटेल लोन और एमएसएमई लोन को एक अक्टूबर 2019 से रेपो रेट या एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करना ज़रुरी कर दिया है।। बैंक फिलहाल MCLR या बेस रेट के आधार पर ब्याज़ दर तय करते हैं। एक अक्टूबर से लागू होने वाली नयी व्यवस्था के तहत उन्हें रेपो रेट के आधार पर ब्याज़ दरें तय करनी होंगी। बैंकों को हर तीन माह पर इनकी समीक्षा करनी होगी। आरबीआइ का यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल जनवरी से लेकर अब तक रेपो रेट में 1.10 प्रतिशत अंक की कटौती के बावजूद बैंकों ने ग्राहकों को कर्ज की दरों में लगभग 0.40 प्रतिशत अंक की राहत ही दी है। आरबीआइ ने बार-बार बैंकों से आग्रह भी किया है कि वे रेपो रेट में कटौती के अनुरूप अपनी ब्याज दरों में भी कमी करें।
Guest: Sidhartha, National Economic Editor, TOI,
V K Suri, Banking and Financial Expert,
Ajay Dua, Former Secretary, Ministry of Commerce & Industry,
Ashok Nag, Former Advisor, RBI,
Anchor:- Kavindra Sachan