पति-पत्नी यदि दलित नौकरी करते हैं तो उनके लिए क्यों ये रुकावट सर्वणों पर भी लगनी चाहिए ये सब बाल्मीकि समाज गुमराह हो रहा है इससे बाल्मीकि समाज और अकेला पड़ जायेगा
@surendrakumarchaudhari54132 ай бұрын
भाईयो लड़ना नहीं वैसे ऐ आदेश लड़ाने के लिए ही है!
@devendranayak75192 ай бұрын
लड़ने और लड़ाने के लिए आदेश भी हो जाए तो क्या भाई - भाई जो लड़ना ही नहीं चाहते हैं, आदेश के कारण क्यों लड़ने लगेंगे। बात क्रीम और क्रीमी लेयर की नहीं है, ऐसा sc st जिसे आरक्षण का कोई लाभ अभी तक नहीं मिला है, यदि आदेश के चलते उसे भी लाभ मिल जाए तो दूसरों को दिक्कत नहीं होना चाहिए। रह गई बात पूजा पाठ की, तो नए मंदिर बनाएं , और sc st को पुजारी बनना चाहिए। Sc st भी पूजा पाठ सीखें। करें भी।
@udaypalsingh35522 ай бұрын
court me baithe huya judge jatiwadi he
@ajaykumar-oy3lj2 ай бұрын
Aaps hamlog ko nahi ladna hai 🙏🙏
@nawabsinghnawabsingh90432 ай бұрын
Are bhai bina padhe kase mil jayega to jamine bhi bat do aour shiksha sbke leye ek saman
@devendranayak75192 ай бұрын
छुआछूत तो ट्रेन में, बस में, टैक्सी में, कार में ढावा में, रेस्टोरेंट, टी स्टाल में होटल में, लॉज में, धर्मशाला में किराना, दूध, सब्जी की दुकान में, कपड़ा, जूता, गहने, फर्नीचर दुकान में, कहीं पर भी नहीं है। कोविड के दौर में पूरे संसार में इन जगहों पर छुआछूत यानि दो गज की दूरी को अनिवार्य किया गया था, मगर कोविड में भी कोई मानने को तैयार नहीं था। पुलिस भी परेशान हो गई थी। छुआछूत तभी मिटेगा जब कोई भी किसी के प्रति छुआछूत का भाव नहीं रखेगा। अगर आप स्वयं किसी भी के प्रति छुआछूत का भाव रखते हैं तो आप को यही लगता रहेगा कि अमुक व्यक्ति हमसे छुआछूत मानता है। इसलिए खुद को सुधारिए।