Рет қаралды 43,953
निकुंजवन में जब बहुत ढूंढने पर भी श्याम सुंदर नही मिले तब गोपियों को बहुत विरह हुआ वन के पेड़ पत्तों से शाखाओं से फूलों से लता पताओं से श्याम का पता पूछती है जब पता नही मिलता तो गोपियाँ श्याम सुंदर को पुकारती हैं और एक दूसरे को आशा बंधाती है कि आशा रख पगली वो आएंगे
स्वर : श्रद्धेय श्री धीरज बावरा जी
भजन संध्या करने के लिए संपर्क करें 8077921770