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Пікірлер: 288
@explorer_bgs2 жыл бұрын
कुछ वीडियो देखना शुरू किया और दर्शन को लेकर ऐसी आग जली की अब कितना भी सुन को, चिंतन करो सब कम लगने लगा है! बहुत-बहुत धन्यवाद!💐
@damodarshifubhardwaj62748 ай бұрын
जय हो रामानुज जय हो रामानुज। श्री भाष्यकार रामानुज स्वामीजी महाराज को जय हो जय हो❤
@binodsonthalia17313 жыл бұрын
परमपुरुष, परमपूज्य और श्रधेय ऋषि सत्ता के वाहक महात्मन आपको कोटिशः नमन।ऐसा धुरंदर और विशिष्ट ज्ञानी हमने आज तक नही देखा। आप अनंत काल तक लोककल्याण में संलग्न रहें यही परमात्मा से विनती है।
@trilokinathpandey64442 жыл бұрын
साधुवाद
@AkhileshKumar-fq2fn Жыл бұрын
U
@punitpujara8068 Жыл бұрын
Ghoda g your
@punitpujara8068 Жыл бұрын
DddDDrredd
@aanndsaxena919011 ай бұрын
ÄZÀ 13:28 😮😊😅@@AkhileshKumar-fq2fn
@priyankamate4617 Жыл бұрын
ॐ नमो लक्ष्मी नारायणा ॐ नमो पार्वतीपते हर हर महादेव
@anchalsingh189 ай бұрын
🙏🏻 गुरु जी आप ज्ञान के असीम भंडार है । जिस सरलता से आप गूढ़ विषयों को समझाते है उसके लिए बहुत बहुत नमन है आप को 🙏🏻
@कृष्णार्थीराकेशविजयवर्गीय6 ай бұрын
गीता का सिद्धांत ही सर्वोच्च है , गीता समंदर है , ये सब सिद्धांत गीता से ही निकले है ...!!..जय श्रीकृष्णा 💖
@tarungupta2001 Жыл бұрын
गुरुजी आज आपकी बहुत याद आ रही है। Miss you so much.
@amitattafe2 жыл бұрын
majja aa gya itni saralta se vishitadvet aur vedant ka farq kabhi nahi suna na parra. Apki vidvatta aur pragya ko pranam.
@theronthatwon37053 жыл бұрын
परम पूज्य आचार्य आपके चरणों में कोटिश वंदन कितनी सरल वाणी में आपने इतने गूढ़ विषय को बताया है मैं धन्य हो गया
@user-zq6yp9pp4i3 жыл бұрын
Bahut bahut dhaniyawad is jankari ke liye maja aagaya yaha sunkar
@shambhusharan3432 жыл бұрын
❤️
@namratpreetsingh26 күн бұрын
Mai ek Jain hun. Lekin mujhe ye video bohot hii pasand aayi.❤ Hindu Dharma bohot hii vishaal ek samudra ki tarah hai. Mujhe bohot kuch sikhne ko mila, kaafi dilschasp aur informative tareeke se iss Buddhe ne samjhaya.❤🙏
@govardhanjii48802 жыл бұрын
ऋषि सत्ता के वाहक महात्मन आपको कोटिशः नमन
@sonamchanjor813118 күн бұрын
डॉक्टर साहब आप ज्ञान का सागर है जीव सुख चाहता दुखी नहीं चाहता अतः दुःख का parmanent निरोध तथा परम सुख का मार्ग ज्ञान (विद्या) की जीज्ञासा ही जीव का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए ।
@sudeepanand29482 жыл бұрын
विशिष्टाद्वैत वेदान्त के प्रवर्तक रामानुजाचार्य जी एक ऐसे वैष्णव सन्त थे जिनका भक्ति परम्परा पर बहुत गहरा प्रभाव रहा। श्री रामानुजाचार्य बड़े ही विद्वान और उदार थे। उन्हें कई योग सिद्धियां भी प्राप्त थीं। आइये Ramanujacharya के जीवन के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं - भक्ति के महान आचार्य ‘रामानुजाचार्य’ Ramanujacharya भारत की भूमि वो पवित्र भूमि है जिसपर कई संत-महात्माओं ने जन्म लिया। उन्हीं महान संतों में श्री रामानुजाचार्य जी का नाम होना गौरव की बात है जिन्होंने अपने सत्कर्मों द्वारा लोगों को धर्म की राह से जोड़ने का कार्य किया। श्री रामानुजाचार्य द्वारा अपने शिष्यों को दिए गए अन्तिम निर्देश : सदैव वेदादि शास्त्रों एवं महान वैष्णवों के शब्दों में पूर्ण विश्वास रखो । भगवान् श्री नारायण की पूजा करो और हरिनाम को एकमात्र आश्रय समझकर उसमे आनंद अनुभव करो। भगवान् के भक्तों की निष्ठापूर्वक सेवा करो क्योंकि परम भक्तों की सेवा से सर्वोच्च कृपा का लाभ अवश्य और अतिशीघ्र मिलता है । काम, क्रोध एवं लोभ जैसे शत्रुओं से सदैव सावधान रहो, हमेशा बचकर रहो।
@prashantawasthi266310 ай бұрын
पूज्य आदरणीय गुरूजी के चरणों में सादर दंडवत प्रणाम 🙏🙏
@duttav.k.4663 жыл бұрын
भारत को जोड़ने के लिए एकमात्र विकल्प । हर भारतीयों को रामानुजाचार्य की दर्शन का ज्ञान होना चाहिए । नेताओं के corruption के कारण यह ज्ञान और कर्म प्रायः लुप्त हो गया था । मोदी जी को कोटि-कोटि धन्यवाद ।
@basappasolase53722 жыл бұрын
Koti koti dhanywad
@कृष्णार्थीराकेशविजयवर्गीय6 ай бұрын
अद्भुत विश्लेषण किया है , आपने , जय हो !!!..💖
@chandraprakashpandey61442 жыл бұрын
जय श्रीमन्नारायण बहुत गुढ ज्ञान प्राप्त किया आप के द्वारा
@darkenergy96443 жыл бұрын
भगवद्गीता, भक्ति प्रधान ग्रन्थ है उपरांत ज्ञानयोग कर्मयोग ध्यानयोग आते हैं, सर्व धर्म परिताज्य मामेक शरणम् वज्र,,शरणागति महत्वपूर्ण है भगवान श्री कृष्ण कीं,,जय श्री कृष्ण जय भगवद्गीते कृष्ण वंदे जगद्गुरु
@ANISHNAIR873 жыл бұрын
Gita does not give such sweeping statements that only bhakti is superior. ध्यानेनात्मनि पश्यन्ति केचिदात्मानमात्मना | अन्ये साङ् ख्येन योगेन कर्मयोगेन चापरे || 13: 25|| तेषां ज्ञानी नित्ययुक्त एकभक्तिर्विशिष्यते | प्रियो हि ज्ञानिनोऽत्यर्थमहं स च मम प्रिय: ।। 7:17 Tanslations पर निर्भर रहोगे फिर ऐसा ही समझोगे। कृष्ण के उत्तर अर्जुन के प्रश्नो के संद्रभ मे है। जिस संद्रभ मे प्रश्न वैसा उत्तर। भगवान कृष्ण का जोर " योगस्त " अवस्था की और है। भक्ति, कर्म, ध्यान, ज्ञान का पडाव सब योग मे स्थितप्रज्ञ होना है। यह सारे एक दूसरे के परियाय है। गीता को कृष्ण के संस्कृत श्लोक से जान ने का प्रयास करो । अगर शब्दो पे जाऐ तो श्लोक मे जहाँ योग या योगस्त कहाॅ है उसे translation मे भक्ति बताया है कुछ भक्ति वेदांती आचार्यो ने। ज्ञान की प्राप्ती के लिऐ श्रध्दा (भक्ति) चाहिऐ और बिना ज्ञान के भक्ति पूर्ण नहि हो सकती। अस्तिक रहित कर्म के लिऐ भक्ति और ज्ञान चाहिऐ। If you do not know sanskrit read mutiple translations of acharyas. Would recommend Shankarbhasya and Ramanuj bhasya of Gita Press.
@darkenergy96443 жыл бұрын
@@ANISHNAIR87 श्री भगवद्गीता योग समन्वय हैं सभी योगों का समन्वय कर दिया योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण ने ,साधक संजीवनी जेसी टीका भाष्य नहीं हुआ आजतक आपने जो शंकराचार्य रामानुजन ईसकोन औशो रामकृष्ण मिशन अरविंदो आदि सभी भाष्य पढें हैं मैने कोई भी साधक संजीवनी जेसा अध्यात्मिक ज्ञान नहीं छू सके 🙏🙏😀😀
@ANISHNAIR873 жыл бұрын
@@darkenergy9644 मेरा मत् कृष्ण कया कह रहे उस पर है । जब आप रस्वयं मान रहे है समन्वय की बात तो गीता केवल भक्ति प्रधान कैसे हुई। ऐसा होता तो 18 अध्याय कहना ही क्यो पढ़ता । आप के दुसरे से मत से सहमती है, असहमती केवल पहले मत से थी जिसका खंडन आपने स्वयं कर दिया। धन्यवाद
@priyankamate46173 жыл бұрын
जय श्रीहरी रामकृष्ण परब्रम्ह
@umeshj73432 жыл бұрын
@@ANISHNAIR87 18 अध्याय इसलिए कहने पड़े कि भगवान के समझाने के बाद भी अर्जुन की जिज्ञासा शांत नहीं हुई और अर्जुन की उलझनें फिर भी दूर नहीं हुई, तब तक वह प्रश्न पर प्रश्न कर रहे थे तब क्यों कि अर्जुन भगवान के अति प्रिय थे तब भगवान ने अंत में विशेष कृपा करके अर्जुन से कहा कि, अब भी अगर तुझे कुछ संशय है तो मैं तुझे अंतिम और सबसे अधिक रहस्य वाली बात बताता हूँ कि तू कुछ भी मत कर जैसा मैंने पहले कहा है, तू बस संसार के धर्म, नियम, कर्तव्य त्यागकर केवल एक मात्र मेरी शरण में आ जा, मैं तुम्हारे समस्त पापों को धो दूंगा और तुम्हे शाश्वत शांति प्रदान करूँगा॥ भगवान के ऐसा कहने के बाद अर्जुन ने फिर कोई प्रश्न नहीं किया और अर्जुन भगवान से बोले कि अब मुझे कोई और संशय नहीं है, मुझे स्मृति की प्राप्ति हो गयी और अब आप जैसे जो भी कहेंगे, मैं वो ही करूँगा ॥ इस प्रकार भगवान की पूर्ण रूप से शरणागति ही गीता का सार है, एक वासुदेव के सिवाय कुछ भी नहीं है, यह पूर्ण रूप से स्वीकार कर लेना ही भगवान की असली शरणागति है वासुदेव: सर्वम्
@path1993 жыл бұрын
अब जाके सही ज्ञान मिला है। प्रणाम गुरुजी।
@DevaEkoNaaraayanah2 жыл бұрын
*_श्रीमद्रामानुज आचार्य की व्यवस्था में, भक्ति या भक्ति का प्यार अज्ञात संस्था के लिए बेजोड़ प्रेम नहीं है। कुछ दार्शनिकों ने प्रेम और ज्ञान के पथ को बहुत अलग बताया है। उनमें से कुछ ने ज्ञान को प्रेम से उच्चतम बताया है। दूसरों ने प्रेम को ज्ञान से श्रेष्ठ बताया है, और लोगों को प्रेम से ही जानने का आग्रह किया है। स्वामी रामानुज के लिए, ज्ञान और प्रेम एक मार्ग हैं। व्यक्तिगत आत्मा और भगवान को वेदांत से सटीक समझ, और परमेश्वर की सेवा के रूप में सभी कार्यों के परिणामस्वरूप प्रदर्शन - न कि शासन के बाहर, लेकिन समझ की प्राकृतिक प्रगति के रूप में - प्रेम की खेती की ओर जाता है। ज्ञान ही प्रेम में बदल जाता है, जो बदले में भगवान के अधिक ज्ञान की ओर जाता है। प्यार भगवान को जानने का एक परिणाम है, और यह भगवान को बेहतर जानने की ओर ले जाता है। जैसे कि ज्ञान से उत्पन्न होता है और अधिक ज्ञान की ओर जाता है, खुद से प्यार ज्ञान का एक रूप है। दो अलग अलग पथ नहीं हैं, लेकिन केवल एक है। ज्ञान का नतीजा प्यार है, और प्यार का परिणाम बेहतर जानना है। बेहतर जानने से बेहतर प्यार हो जाता है, और अधिक प्यार से परमेश्वर के लिए गहरा प्रेम होता है। जब गहन प्यार फलित होता है, आत्मा बंधन से मुक्त होती है और प्यार में अपने प्रभु के साथ एकजुट होती है।_* ⚙\!/श्रीमते रामानुजाय नमः\!/🐚
@parmodthakur9675Ай бұрын
Jaya Shriman Narayana Ramanunja philosophy is most realistic..
@rosyvohra38044 жыл бұрын
Very beautiful. I Thank you Guruji, with my deepest gratitude and respect . You are really doing a great work by enlightening us. using simple and clear language for our easy understanding.
@IPR-LegalCaseUpdate-IPROLOGY3 жыл бұрын
विशिष्ट द्वैतवाद ज्यादा रोचक और अनुकरणीय है।
@vikrant_sharma237212 күн бұрын
Prabhu aapki aatma ko sadaiv shanti de. Marnoparant bhi aapka gyan hume raah dikha raha hai. !
@veenashukla67996 ай бұрын
ओम् ..जब सब कुछ ब्रह्म ही है तो मै कौन?कौन किसे पूजेगा कौन किसे पायेगा?यदि जीव भिन्न है तो क्यो भिन्न है क्या उद्देश्य है ..असंभव है उसकी महिमा को जांन पाना..शरणागत् ..हो जाना मात्र रास्ता है..तेरी जैसी इच्छा ईश्वर ..सर्वमान्य है❤,💯👏
@RamaMurthyPrabhala3 жыл бұрын
Dear Guru ji you are a true Acharya. Pranam.
@kedarnathpandey67562 жыл бұрын
Very clear teaching in simple words
@brc1233215 ай бұрын
Acharya nehi ho sakte, uske liye Geeta, Brahma Sutra aur Upanishad ke aapna Bhaishya (Commentry) likhna parta hain
@amitkushwaha30793 жыл бұрын
प्रणाम पूज्य आदरणीय🙏❤ हाथ की वीडियो इतनी ज्ञानवर्धक और सीख देने वाला होता है कि अब मैं पशोपेश में हूं कि पहले कौन सा देखू 🙏🌹
@Piyush-we2ix Жыл бұрын
Mind blowing flow of knowledge.👍👍👍🙏🙏🙏
@narasimhabhagavatula8360 Жыл бұрын
Very great personality. Great samanvayam of philosophies. Very simple and high thinker. Sankaras advaita as I understood is away of living in simple way and keeping desires to minimum. And realistion to individual will keep santust. Late Sinha sab big nidhi.
@કૌશલરાવલ2 жыл бұрын
Koti vandan prbhu 🙏🏻🙏🏻
@akshaypatyal322811 ай бұрын
महाज्ञानी, प्रकांड पंडित, प्रणाम है आपको श्री मान
@maisurivora10723 жыл бұрын
I m upsc aspirant.M coming here for understood bhaktism.N now I m very well understand these philosophies .Thanks to you sir🙏
@rohitagarwal60202 жыл бұрын
Hindi or English medium?
@MrTruthandlight2 жыл бұрын
Improve ur english grammer.
@romilmahant2971 Жыл бұрын
First improve your grammer.
@VaibhavSnehi Жыл бұрын
same here mate.
@kantiprasadtyagi81812 жыл бұрын
जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के सिद्धांत से मेल खाता है ,श्रद्धेय आचार्य जी का निरुपण नमन ।
@chetan10082 жыл бұрын
@ 31:01 ब्रह्म के पांच रूप हैं सबसे पहला सबसे उंचा रूप है 1.परब्रह्म = वसुदेव -सबका मालिक है सारे जगत को चलाने वाला मुझे चलाने वाला रक्षा करने वाला दूसरा रूप है वयू 3 वयू हैं a. वयू = संकरशन है = जिसे शेशनाग भी कहते हैं = के अवतार -बलदेव - के अंदर १.बल तथा २.संसार को चलाने की शक्ति b. वयू परद्युमन के अंदर एशव्रय आनन्द देने वाली शक्ति एवं वीरतव तथा c. अनिरुद्ध = वरदायनी शक्ति है अपने को छोटा या बड़ा रूप करके संसार को चलाने के लिए रूप बदलना मैनीफैसटेशन पावर आफ ब्रहम ( प्रकटीकरण की शक्ति ) 3 विभव रूप है विभव - भव - पराभव - वैभव भव का मतलब है होना भव का मतलब है वैभव यानि संपन्नता, पेड़ों पर प्रचुर फल, चिड़िया का गाना नदीयों की कलकल आनन्द देने के लिए संपन्नता ही भगवान का विभव रूप में दिखाई देना है विभव रूप में ही अवतार आते हैं 4. अंतरयामी है = जीव रूप में हमारे अंदर बैठा रहता है इसलिए अंदर की सब बात जानता है @ 38:54 5. अर्चवातार = मूर्ति रूप जैसी तेरी भावना है भगवान के प्रति वह वैसे रूप में आस्था को दृढ़ करने के लिए प्राप्त हो जाउंगा मूल श्लोकः ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्। मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः।।4.11।। स्वामी रामसुखदास द्वारा हिंदी अनुवाद ।4.11।। हे पृथनन्दन ! जो भक्त जिस प्रकार मेरी शरण ग्रहण करते हैं, मैं उन्हें उसी प्रकार आश्रय देता हूं; क्योंकि सभी मनुष्य सब प्रकार से मेरे मार्गका अनुकृति करते हैं। हिंदी अनुवाद स्वामी तेजोमयानंद द्वारा ।4.11।। जो मुझे जैसे भजते हैं, मैं उन पर वैसे ही अनुग्रह करता हूं; हे पार्थ मनुष्य सब प्रकार से, मेरे ही मार्ग का अनुवर्तन करते हैं।।
@rajendrasinghrana53033 жыл бұрын
गुरूजी के चरणों में सादर दंडवत प्रणाम। 🙏🙏🙏🙏
@TheQuestURL3 жыл бұрын
Pranam sir!
@bulusuniversity6815 Жыл бұрын
NAMAN ACHARYA JI KI CHARANO MEIN👍👌💐
@bhupinderjeetsatsangi69412 жыл бұрын
Aapka Saral bhasha mein Samjha Dena Hamen bahut Achcha lagta hai aur bahut Kuchh Hamen Gyan prapt Hota Hai uske liye aapka बहुत-बहुत dhanyvad Pranam
@gopamaitra3493 Жыл бұрын
Mahatma you are really knowledgeable person and your speech is really beyond description. I am very glad to listen to your speech as well as grateful to you. Pranam Maharaj. Pls make more and more videos. It was my question that how shall I implement this idea in my daily life.
@VaibhavSnehi Жыл бұрын
Unfortunately and sadly, he passed away 9 months ago
@devjungkunwar3782 Жыл бұрын
😢@@VaibhavSnehi
@YogeshMate-c9n11 ай бұрын
हरी ओम तत्सत❤
@priyankamate46173 жыл бұрын
जय श्रीहरी कृष्ण परब्रम्ह ❣️
@NitishKumar-cv8rw8 ай бұрын
om shanti...... kaas bachpan se guru ji ko sunne ka avsar prapt huaa hota.......ANMOL VIDYA......
@rajeshcharkhe17266 ай бұрын
Jai shree Krishn 🙏🙏
@divyamitra9853 жыл бұрын
Example of train tracks and cloud over sun 👍👍👍👍👍
@gauravgoswami86273 жыл бұрын
Guru charno me prnam 🙏
@priyankamate4617 Жыл бұрын
जय श्री गणेश जी ❤
@krishanputra14872 жыл бұрын
माया चैतन्य स्वरूप हैं। जय मां भवानी 🔥👏।
@krishanputra14872 жыл бұрын
धन्यवाद एवं हार्दिक शुभकामनाएं, शुभ प्रभात। जय मां भवानी 🔥👏😍।
@sreenivasreddy91002 жыл бұрын
KOTI KOTI NAMAN GURUDEV
@chanderkanta57152 жыл бұрын
आभार डाक्टर सिन्हा 🙏आप शतायु हों
@shrawan08253 жыл бұрын
बहुत सुन्दर प्रस्तुति दी है
@chanderkanta57152 жыл бұрын
बहुत सुंदर कहा आपने, सूर्य ही तो बादल को बनाता है वाष्पीकरण के द्वारा , इसलिए इस से ये कहा जा सकता है कि ब्रह्म से माया पृकट होती है
@vipindobhal272 жыл бұрын
आप ज्ञान का सागर है🙏
@nirmalsharma72703 жыл бұрын
Great !!!! Very easily explained
@koraiemon2 жыл бұрын
I used to be an Advaita follower but after realising Shiva 🙏🏻 that feels absurd now no more following any philosophies truth can be revealed by sadhana 🙏🏻 however vishsitadwaita is nice also Ramanujacharya ji did great work he even allowed prostitutes to seek for truth 🙏🏻 Ramanuj ji deserves the most respect 🙏🏻
@koraiemon2 жыл бұрын
@@Evaisgalaxy there is no soul in Sanatana Dharma brother. Atman is not the soul. No path is wrong they all lead to one another. It depends upon your perspective. If you see 6 from upside it appears as 9 and if you see 9 from downside it appears as 6. The presentation is different but the end goal is same i.e. to end sufferings of the "individual" by realising the "atman" or "shiva". Also yes the body might be doing it but ramanujacharya ji was a true saint he never did casteism he always lived for others for teaching others. There is no bad thing about him. He was a true gem.
All in all problem is nirgum or sagun The philosophy is depend own thinking but brahm is power of our country
@kamalpurigoswami10543 жыл бұрын
Very deep and intlingent lecture
@PSLALNAURANGABAD01JAMO7 ай бұрын
गुरुदेव 15वर्ष पहले आप का लेक्चर सुने होते तो जीवन और अच्छा होता !
@rajeevrajput6920 Жыл бұрын
संकल्प ,सही जानकारी और श्रद्धा हो तो आप अपना भगवान खुद बना सकते हो
@rajseo Жыл бұрын
I pray, aapki aatma brahm me vilin hui ho. Miss you!
@subratasaxena89814 жыл бұрын
वहुत सुन्दर,आप महान है
@Abhinaypariharvideo Жыл бұрын
जय गुरु महाराज
@hariomdwivedi49223 жыл бұрын
Koti koti naman may God blessu for enlightenment
@NaveenKumar-hw8cv2 жыл бұрын
Pranam Guru ji
@mohdjunaid96294 жыл бұрын
Dhanyabad guruji. 🙏🙏🙏
@mangatram46692 жыл бұрын
jay sachidanandji 🙏🙏🙏
@havemore Жыл бұрын
Gratitude Guruji 🙏 Thankyou, Vikash Sir 😊
@sikanderkumar64012 жыл бұрын
Wat a great lec guru ji ...proud 2b ur listner
@yamiiiiii-l1y6 ай бұрын
Thank you so much!❤🙇♀
@manojparashar65602 жыл бұрын
🕉🚩बहुत सुंदर 🛐
@bhavanabehal52844 жыл бұрын
Awesome lecture 🙏💮🌺
@prashantparandekar57233 жыл бұрын
Great knowledge
@GS-um6ww3 жыл бұрын
Excellent narrative 👏
@satyanbabu67232 жыл бұрын
Phenomenal..
@jtgeete3 жыл бұрын
गूढ़ अर्थ ,,नमन
@acharyaprabhakarjimaharaj2 ай бұрын
बहुत ही अच्छा लगा
@minaroy2677 Жыл бұрын
सादर प्रणाम 🙏🌹🌸🌹🌸🙏हरि 🕉
@roliguide3 жыл бұрын
very nicely explained Sir Thanks
@shivhastir44453 жыл бұрын
Knowledge agaadh hai namaskar aabhar
@lawreence-52347 ай бұрын
Thanks...
@prateeksanchihar95352 жыл бұрын
कृपया एक वीडियो वल्लभाचार्यजी के शुद्ध अद्वेत पर भी बनाइये।
@SahityaAdhyayan4 жыл бұрын
विशिष्टाद्वैत सिद्धांत का सुंदर व्याख्यान
@kuljitkaur615 ай бұрын
Wah wah.
@Meaning_of_the_lifeАй бұрын
Very good philosophy
@dollytewary5028 Жыл бұрын
🙏 सर आपका ज्ञान अतुल्य है
@rahulk9343 жыл бұрын
Thanks for your clarification sir
@Zeeshan-bv7mo7 ай бұрын
Great ❤💫
@naradramsahu66425 ай бұрын
Jay ho
@biswaranjanmishra96892 жыл бұрын
Dhanyabad guru ji
@manasbanerjee96403 жыл бұрын
Pranam Guruji. Very interesting.
@meenadahal82142 жыл бұрын
Jay shree man Narayan prabhu
@AVANINDRAPRAKASHSHUKLA28 күн бұрын
Mahakal ki jai ho
@ShivKumar-th5we2 жыл бұрын
Jaigurudev.
@durbadalabhoi40104 ай бұрын
Superb❤
@UpdeshSinghRana3 жыл бұрын
Shat Shat Naman
@chetan10082 жыл бұрын
@ 10:40 ब्रहम के अंदर के भेद 1. सजातीय भेद नहीं है एको ब्रह्म द्वीतीय नास्ति 2. विजातीय भेद भी नहीं है 3. स्वगत भेद है जैसे एक ही शरीर में आंख और हाथ में भेद है
@priyampandey80242 жыл бұрын
Brahmai ved amritam ......... 🙏
@neerajverma41227 ай бұрын
सीथा सीथा विष्णु भक्ति का प्रभाव दिख रहा है. शंकर भाष्य ही श्रेष्ठ है
@brc1233215 ай бұрын
Shankar bhashya Mahayan Buddhism ke thoda sa parivartan karke (Kuch shabda alag hain) banayi geyi hain