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बजरंग बाण | पाठ करै बजरंग बाण की हनुमत रक्षा करै प्राण की | जय श्री हनुमान | तिलक प्रस्तुति 🙏 Watch the video song of ''Darshan Do Bhagwaan'' here - • दर्शन दो भगवान | Darsh...
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रावण के अत्याचार से दुःखी होकर देवता और ऋषि मुनि ब्रह्मा जी के साथ विष्णु जी से पृथ्वी वासियों की रक्षा करने के लिए कहते हैं। विष्णु जी राजा दशरथ के घर जन्म लेकर रावण का वध करने की लीला को रचने की बात कहते हैं। राजा दशरथ के कोई भी संतान नहीं थी वो अपने राज गुरु वशिष्ठ जी से पुत्र प्राप्ति का यज्ञ करने के लिए कहते हैं तो वशिष्ठ जी राजा दशरथ को श्रिंग मुनि जी के पास जाकर उनसे पुत्र कामेशठि यज्ञ करने की प्रार्थना करे। श्रिंग मुनि जी राजा दशरथ के लिए यज्ञ करने के लिए माँ जाते हैं और यज्ञ कर ने के बाद राजा दशरथ के घर 4 पुत्रों का जन्म होता है। अयोध्या में ख़ुशी का माहौल बन जाता है।राजा के चारों पुत्रों का नाम श्री राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखते हैं। श्री राम विष्णु जी का अवतार थे। चारों पुत्रों को राजा दशरथ अच्छे से पालन पोषण करते हैं और बड़े होने पर उन्हें राजा दशरथ गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भेजते हैं। गुरुकुल में गुरु वशिष्ठ जी उन्हें योग अस्त्र शास्त्र और शास्त्र का ज्ञान देते हैं और गुरु माँ उन्हें संगीत और नृत्य की शिक्षा देती हैं। गुरुकुल की शिक्षा प्राप्त करने के बाद दशरथ पुत्र लौट आते हैं। रानियाँ अपने पुत्रों को देख कर बहुत खुश होती है।