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पिछले कुछ वर्षो में झारखण्ड के किसानों का रुझान मछली पालन की तरफ काफी बड़ा है ,छोटे बड़े किसान अपने स्तर पर या सरकार की सहायता से मछली पालन कर रहे हैं। पहले जहाँ बाहर के राज्यों से मछली झारखण्ड में आ रही थी ,वही अब मछली पालको के प्रयास से राज्य मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के कगार पर है। जैसे खेती के लिए अच्छे बीज की आवश्यकता होती है ठीक वैसे ही अच्छे मछली उत्पादन के लिए गुणवत्तापूर्ण मतस्य बीज की जरुरत होती है। आज इस छेत्र में कई लोग आगे आ रहे है जो मछली के जीरे का वैज्ञानिक विधि से उत्पादन कर रहें हैं। इसका परिणाम यह रहा है की नदियों में मिलने वाली मछलियां अब तालाबों में आसानी से पाली जा रही है, इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ रहा है बल्कि लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो रहा है वही राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हो रही है.