Rasiya Dangal - अल्लाह हू अल्लाह हू सत्तो शर्मा&साहूकार Vs करण शर्मा वॉटर वर्क्स आगरा Allah Hu Allah

  Рет қаралды 22,203

Pk music 4K

Pk music 4K

Күн бұрын

#Rasiya_Dangal_अल्लाह_हू_अल्लाह_हू #सत्तो_शर्मा&#साहूकार Vs #करण_शर्मा #वॉटर_वर्क्स_आगरा_Allah_Hu_Allah#pk_rasiya_dangal #pk_rasiya_dangal #pk_rasiya_dangal
Title :- Allah_Hu_Allah
Singer :- होती लाल शास्त्री
Music :- #Pk_Rasiya_Dangal
Writer :- संजय शर्मा
Video Director :- Pk भाई
Audio_Recording :- प्रेम शंकर 8958795018
Date - : 22. अप्रैल .2023
Label & Copyright ©:- Pk_Rasiya_Dangal
हमारे चैनल को Subscribe करें -
रसिया सम्राट गायक-
रसिया गायक मुकेश शर्मा, संतोष छाता Prahlad Chaudhari, बन्नो शर्मा, शंभू बागड़ी, करन शर्मा, ओमवीर शर्मा, रामवीर प्रधान जी, विजेंद्र शर्मा, सत्तो शर्मा, Pk_super studio_KZbin pk_super_studioगुरु चंद्र शर्मा के छोटे वाले', गुरु विजेंद्र शर्मा, विजेंद्र शर्मा, डांसर रिंकू भाई, रसिया सम्राट गायक, रसिया गायक रामबाबूशर्मा_सम्राट दलवीर बृजवासी. दिनेश तोमर
भर दो झोली (Bhar Do Jholi) - HD क़व्वाली वीडियो - कादर खान - सबरी ब्रदर्स
(भर दो झोली मेरी या
मोहम्मद लौटकर मैं न
जाऊँगा खाली)
शहे-मदीना सुनो,
इल्तिजा खुदा के लिए
करम हो मुझ पे
हबीबे-खुदा, खुदा के लिए
हुज़ूर, गुंचा-ए-उम्मीद
अब तो खिल जाए
तुम्हारे दर का सवाली
हूँ, तो भीक मिल जाए
भर दो झोली मेरी या
मोहम्मद
लौटकर मैं न जाऊँगा
खाली
तुम्हारे आस्ताने से
ज़माना क्या नहीं पाता
कोई भी दर से खाली
मांगने वाला नहीं जाता
भर दो झोली मेरी
सरकारे-मदीना
भर दो झोली मेरी
ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊँगा
खाली
तुम ज़माने के मुख्तार
हो या नबी
बेकसों के मददगार हो या
नबी
सब की सुनते हो अपने हो
या गैर हो
तुम गरीबों के ग़मख्वार
हो या नबी
भर दो झोली मेरी
सरकारे-मदीना
भर दो झोली मेरी
ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊँगा
खाली
हम है रंजो-मुसीबत के
मारे हुए
सख्त मुश्किल में है ग़म
से हारे हुए
या नबी कुछ खुदारा हमें
भीक दो
दर पे आयेहै झोली पसारे
हुए
भर दो झोली मेरी
सरकारे-मदीना
भर दो झोली मेरी
ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊँगा
खाली
है मुखालिफ ज़माना किधर
जाए हम
हालते-बेकसी किसको
दिखलाए हम
हम तुम्हारे भिकारी है
या मुस्तफा
किसके आगे भला हाथ
फैलाए हम
भर दो झोली मेरी
सरकारे-मदीना
भर दो झोली मेरी
ताजदारे-मदीना
लौटकर मैं न जाऊँगा
खाली
कुछ नवासों का सदका अता
हो
दर पे आया हूँ बनकर
सवाली
हक से पायी वो
शाने-करीमी
मरहबा दोनों आलम के
वाली
उसकी किस्मत का चमका
सितारा
जिसपे नज़रें-करम तुमने
डाली
ज़िंदगी बख्श दी बंदगी
को
आबरू दीने-हक की बचा ली
वो मुहम्मद का प्यारा
नवासा
जिसने सजदे में गर्दन
कटा ली
जो इब्ने-मुर्तजा ने
किया काम खूब है
कुर्बानी-ए-हुसैन का
अंजाम खूब है
कुर्बान हो के फ़ातेमा
ज़हरा के चैन ने
दीन-ए-खुदा की शान बढाई
हुसैन ने
बख्शी है जिसने
मज़हब-ए-इस्लाम को हयात
कितनी अज़ीम
हज़रत-ए-शब्बीर की है ज़ात
मैदान-ए-कर्बला में
शहे-खुश खिसाल ने
सजदे में सर कटा के
मुहम्मद के लाल ने
ज़िन्दगी बख्श दी बंदगी
को
आबरू दीन-ए-हक़ की बचा ली
वो मुहम्मद का प्यारा
नवासा
जिसने सजदे में गर्दन
कटा ली
हश्र में उनको देखेंगे
जिस दम
उम्मती ये कहेंगे ख़ुशी
से
आ रहे है वो देखो
मुहम्मद
जिनके काँधे पे कम्बली
है काली
महशर के रोज़ पेश-ए-खुदा
होंगे जिस घडी
होगी गुनहगारों में किस
दर्जा बेकली
आते हुए नबी को जो
देखेंगे उम्मती
एक दुसरे से सब ये
कहेंगे ख़ुशी ख़ुशी
आ रहे है वो देखो
मुहम्मद
जिनके काँधे पे कम्बली
है काली
सर-ए-महशर गुनहगारों से
पुर्सिश जिस घडी होगी
यकीनन हर बशर को अपनी
बख्शीस की पड़ी होगी
सभी को आस उस दिन कम्बली
वाले से लगी होगी
कि ऐसे में मुहम्मद की
सवारी आ रही होगी
पुकारेगा ज़माना उस घडी
दुःख दर्द के मारों
न घबराओ गुनहगारों, न
घबराओ गुनहगारों
आ रहे है वो देखो
मुहम्मद
जिनके काँधे पे कम्बली
है काली
आशिक-ए-मुस्तफा की अज़ां
में
अल्ला-अल्लाह कितना असर
था
सच्चा ये वाकया है
अज़ाने-बिलाल का
एक दिन रसूले-पाक से
लोगों ने यूँ कहा
या मुस्तफा अज़ान ग़लत
देते है बिलाल
कहिये हुज़ूर आपका इस
में है क्या खयाल
फरमाया मुस्तफा ने ये
सच है तो देखिये
वक़्त-ए-सहर की आज अज़ां और
कोई दे
हज़रत बिलाल ने जो
अज़ान-ए-सहर न दी
कुदरत खुदा की देखो न
मुतलक सहर हुई
आये नबी के पास कुछ
असहाब-ए-बासफा
की अर्ज़ मुस्तफा से ऐ
शाह-ए-अम्बिया
है क्या सबब सहर न हुई आज
मुस्तफा
जिब्रील लाये ऐसे में
पैगाम-ए-किब्लिया
पहले तो मुस्तफा को अदब
से किया सलाम
बाद अस्सलाम उनको खुदा
का दिया पयाम
यूँ जिब्राइल ने कहा
खैर-उल-अनाम से
अल्लाह को है प्यार
तुम्हारे गुलाम से
फरमा रहा है आपसे ये
रब्ब-ए-ज़ुल्जलाल
होगी न सुबह देंगे न
जबतक अज़ां बिलाल
आशिके-मुस्तफा की अज़ान
में
अल्ला-अल्लाह कितना असर
था
अर्श वाले भी सुनते थे
जिसको,
क्या अज़ां थी
अज़ान-ए-बिलाली
काश, ‘पुरनम' दयार-ए-नबी
में
जीते जी हो बुलावा किसी
दिन
हाल-ए-ग़म मुस्तफा को
सुनाऊं
थाम कर उनके रौज़े की
जाली
भर दो झोली मेरी या
मोहम्मद
लौटकर मैं न जाऊँगा
खाली ...शायर पुरनम
अलाहाबादी.
Qawwali: Bhar Do Jholi Meri Ya Muhammad
Qawwal(Singers): Sabri Brothers
Shah-E-Madina Suno Ilteja Khuda Ke Liye
Karam Ho Mujh Pe Habeeb-E-Khuda Khuda Ke Liye
Huzoor Ghuncha-E-Umeed Ab To Khil Jaye
Tumhare Dar Ka Gada Hoon To Bheek Mil Jaaye
Bhar Do Jholi Meri Ya Muhammad
Laut Kar Main Na Jaunga Khali
Tumhare Aastane Se Zamana Kya Nahi Pata
Koi Bhi Dar Se Khaali Mangne Wala Nahi Jata
Bhar Do Jholi Meri Sarkar-E-Madina
Bhar Do Jholi Meri Tajdare-Madina
Bhar Do Jholi...

Пікірлер: 33
He bought this so I can drive too🥹😭 #tiktok #elsarca
00:22
Elsa Arca
Рет қаралды 48 МЛН
Throwing Swords From My Blue Cybertruck
00:32
Mini Katana
Рет қаралды 11 МЛН
March 11, 2023
1:03:34
Manoj Kumar
Рет қаралды 3,2 МЛН