गुरुजी एक बात पहुंचानी आप तक,2020 ki एक घटना के बाद सच की खोज में मैं निकला , सच की खोज में फिर मैंने लाखों गुरुजनों की भीड़ में, आचार्य प्रशांत सर, अवध सर, विकास सर, अमृत सर, आशीष एंटिल सर को अपना गुरु माना फिर तो दुनिया का सब जंजाल आप लोगों ने समझा दिया सच जानकर दुनिया से बैराग सा हो गया है/ ''न मैं मुसलमान बन पाया, न मैं हिन्दू बनूँगा, इंसान की औलाद हूँ, इंसान रहूँगा, ऐसा ही था मैं, ऐसा ही हूँ मैं और ऐसा ही रहूंगा/ आप लोगों का अज्ञानी शिष्य गलती के लिए माफ़ी चाहता हूँ जय हिंद सर