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प्रेमचन्द की रचना-दृष्टि, विभिन्न साहित्य रूपों में अभिव्यक्त हुई। वो बहुमुखी प्रतिभा संपन्न साहित्यकार थे। प्रेमचंद की रचनाओं में तत्कालीन इतिहास बोलता है। उनके हृदय में गरीबों एवं पीड़ितों के लिए सहानुभूति का अथाह सागर था। उन्होंने अपनी रचनाओं में जन साधारण की भावनाओं, परिस्थितियों और उनकी समस्याओं का मार्मिक चित्रण किया। उनकी कृतियाँ भारत के सर्वाधिक विशाल और विस्तृत वर्ग की कृतियाँ हैं। आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट प्रेमचंद सादे और सरल जीवन के मालिक थे। एक पूरी पीढ़ी को गहराई तक प्रभावित कर प्रेमचंद ने साहित्य की यथार्थवादी परंपरा की नींव रखी। उनका लेखन हिन्दी साहित्य की एक ऐसी विरासत है जिसके बिना हिन्दी के विकास का अध्ययन अधूरा होगा। बीसवीं सदी के पूर्वाद्ध में, जब हिन्दी में तकनीकी सुविधाओं का अभाव था, उनका योगदान अतुलनीय है। प्रेमचंद ने हिन्दी कहानी और उपन्यास की एक ऐसी परंपरा का विकास किया जिसने पूरी सदी के साहित्य का मार्गदर्शन किया
Anchor - Preeti Singh
Producer - Rajeev Kumar, Ritu Kumar
Production - Akash Popli
Graphics - Nirdesh, Saurav, Rupesh
Video Editor - Anil Barniwal