Рет қаралды 11,258
नमस्ते सभी! आज मैं आपके साथ भगवान शिव की स्तुति में एक दिव्य श्लोक साझा कर रहा हूँ। 🙏✨
"नमामीशमीशान निर्वाण रूपं, विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदः स्वरूपम्।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं, चिदाकाश माकाशवासं भजेऽहम्॥"
इस श्लोक में भगवान शिव की स्तुति की गई है। इसमें कहा गया है कि मैं ईशान (शिव) को नमस्कार करता हूँ, जो मोक्ष रूपी हैं, सर्वव्यापी और ब्रह्मांड के स्वरूप हैं। वे स्वभाव से निर्गुण, निर्विकल्प और निष्क्रिय हैं। वे चिदाकाश में निवास करते हैं। मैं उन शिव की भक्ति करता हूँ।
भगवान शिव के इस दिव्य स्वरूप का ध्यान करते हुए हमें शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जय भोलेनाथ! 🌟🙏
#jaibholenaath #shivstuti #SanskritShloka #DivineGrace #ShivaBhakti #Spirituality #Hinduism #Bhakti #IndianCulture #VedicWisdom #Devotional #SpiritualJourney #Peace #LordShiva #DivineMantras #shiva #shivameditation #shivamantra #omnamahshivaya