साधक प्रश्नोत्तर १ (प्रचारक में गुरु भाव) | Sadhak Q&A #1 (Worshipping a Preacher as Guru)

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Jaanki Prasad

Jaanki Prasad

Күн бұрын

Пікірлер: 377
@sushilashrivastava7758
@sushilashrivastava7758 4 жыл бұрын
महाराज जी जगतगुरु की उपाधि से विभूषित हैं इतनी बड़ी महान विभूति से अलंकृत होने के पश्चात भी इतने सरल व सहज है कि अपने प्रचारकों के लिए इतनी सहजता से कह देते हैं कि इन्हें भगवत प्राप्ति नहीं हुई है ,विश्व में शायद ही ऐसे कुछ ही महापुरुष हैं जो इतना बड़ा सच जग जाहिर करते हैं वरना तो झुठे बाबाजीयो की कमी नहीं है जय हो महाराज जी की जय हो राधे राधे
@AjitSingh-yl5wd
@AjitSingh-yl5wd 3 жыл бұрын
दीदी - श्री महाराज जी ने इस प्रवचन के बाद एक आदरणीय दीदी /प्रचारिका को जिनसे मै परिचित हूं को नित्य सिद्ध महापुरुष बताया है जिसका जिक्र श्री महाराज जी ने अपने पत्र में किया है। राधे-राधे
@sushilashrivastava7758
@sushilashrivastava7758 3 жыл бұрын
@@AjitSingh-yl5wd राधे राधे मुझे पता नहीं था क्षमा करें ।
@Agyaatr108
@Agyaatr108 3 жыл бұрын
@@AjitSingh-yl5wd kon hai vo
@Agyaatr108
@Agyaatr108 3 жыл бұрын
@@JKDivineBliss vo patr please dijiye Radhe Radhe
@sr-gg4gc
@sr-gg4gc 3 жыл бұрын
@@JKDivineBliss धोखे में हो। वो पत्र का वास्तविक भावार्थ केवल महाराज जी बताएगें बाकी अपनी बुद्धि से नही समझ सकते।
@shiwanimishra6456
@shiwanimishra6456 4 жыл бұрын
Jaanki prasad channel is really...a Treat for all sadhaks!!....bhot bhot dhanyavad🙏
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@yogeshbhatt9190
@yogeshbhatt9190 6 жыл бұрын
Shri Maharaj Ji is divine. Thank you SMJ for providing us (the fallen souls) with true spiritual knowledge. Please grace me so that I always remember you. Jay Shri radhe
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@rinkuvijaywargiya3857
@rinkuvijaywargiya3857 5 жыл бұрын
Thanku Shri Guruvar pyaare for every everything... Radhe Radhe Shri Maharajji 🙏🙏🙏
@रजनीशठाकुर-म5ठ
@रजनीशठाकुर-म5ठ 3 жыл бұрын
बहुत सुंदर आखें खोल देने वाला सतसंग जय श्री राधे कृष्णा 🌺🌸🌺🌸🌸🌺🌸🙏
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@debalinanath7620
@debalinanath7620 6 жыл бұрын
Guruji this truth is God .Lots of thanks to you.
@learner4584
@learner4584 6 жыл бұрын
Thank you Bhaiya ji. This is a very important lecture, especially much relevant in the current scenario when we cannot see Maharaji Ji with material eyes.
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@jayshyamshastri7821
@jayshyamshastri7821 6 жыл бұрын
श्रीमत्पदवाक्यप्रमाणपारावारीण , वेदमार्गप्रतिष्ठापनाचार्य , निखिलदर्शनसमन्वयाचार्य , सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापनसत्संप्रदायपरमाचार्या, भक्तियोगरसावतार , भागवदनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु १००८ स्वामी श्री कृपालु जी महाराज की जय हो
@krisnakhadka2777
@krisnakhadka2777 4 жыл бұрын
Radhe Radhe
@jayshyamshastri7821
@jayshyamshastri7821 4 жыл бұрын
Radhe Radhe ji
@kripalujimaharaj5006
@kripalujimaharaj5006 6 жыл бұрын
JAI SADGURU SARKAR😊😊😊.. Radhey Radhey 😊 😊😊 😊😊 😊😊 😊
@rajnishthakur8276
@rajnishthakur8276 2 жыл бұрын
मेरे ह्रदय सम्राट भगवान श्री कृपालु क्रष्ण महाराज साहब दण्डवत प्रणाम जय जय🙏🌏📿🚩🌹
@akhilhils
@akhilhils 6 жыл бұрын
Awesome......Srimad Sadguru Sarkar ki Jai............🤷🏻‍♂️
@peacesoultk
@peacesoultk 6 жыл бұрын
Powerful lecture. RadheyRadhey. All the Preachers🌹finally send the new comer to ShreeMaharajji🙏🙏🙏 my experience. Any body can not do this.Feeling blessed lucky and grateful.Radhey Radhey. 💝
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@purnimabakery9839
@purnimabakery9839 2 жыл бұрын
@@GovindKumar-cg2xm Buddhi to tum laga rahe ho???
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@rajnikantsingh5764
@rajnikantsingh5764 7 ай бұрын
Bilkul sahi kaha bhaiya. Radhey radhey.
@adityarsharma2383
@adityarsharma2383 4 ай бұрын
महाशय आपके वक्तव्य से ( लेखनी) मैं अत्यधिक प्रभावित हुआ हूँ आपके नाम से तो आप स्वयं ब्रह्म जान पड़ते हो मैं इन बातों से तो भ्रमित हो gaya हूँ कृपया मेरा मार्ग निर्देशित करे
@jogindermatta6075
@jogindermatta6075 6 жыл бұрын
श्री कृपालु महापप्रभु की जय
@rajivgavasker9818
@rajivgavasker9818 6 жыл бұрын
Jai gurudev aapke chrno me koti-koti pranam.
@hiteshbhardwaj1980
@hiteshbhardwaj1980 6 жыл бұрын
ParnAam hey divya gyaan ka bhandaar jai jai shri radhe
@Jkp5496
@Jkp5496 5 жыл бұрын
Radhe Radhe Jai Ho sadguru sarkar ki jai ho 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@dipankarmondal8
@dipankarmondal8 6 жыл бұрын
Maharajji Radhe radhe maharajji miss you
@purnimabakery9839
@purnimabakery9839 2 жыл бұрын
Only Sri Maharaj Ji Only Sri Maharaj Ji Only Sri Maharaj Ji ❤❤❤
@theperfectcelibate8669
@theperfectcelibate8669 5 жыл бұрын
Too much valuable video. Invaluable knowledge.🙏
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@hlagarwal9508
@hlagarwal9508 6 жыл бұрын
Radhey ! Radhey !
@krishanmohansharma8306
@krishanmohansharma8306 6 жыл бұрын
बहुत गहरी अभिव्यक्ति.. सत्संग. जय श्री कृष्ण
@hemant671
@hemant671 4 жыл бұрын
Radhey radhey...🙏🙏🙏
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@purnimabakery9839
@purnimabakery9839 2 жыл бұрын
@@GovindKumar-cg2xm Nicely said ,but a gentle reminder Sir, knowingly or unknowingly all so called angrej ke mandir wale sadhaks are Sri Maharaj Ji's Bhakt And they themselves are openly welcoming Sri Maharaj Ji and Sri Maharaj Ji's Teachings and Ashrams as sole Guru and sole driving power of Inner Bhakti and spirituality. We mayic jeev must not interpret Sri Maharaj Ji's any Leela Or teachings on our scale. Guru mero Kripalu Subhaag Hamaro
@purnimabakery9839
@purnimabakery9839 2 жыл бұрын
Mere Guruwar Bhakti Ras Avataar
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@nareshaggarwal7804
@nareshaggarwal7804 5 жыл бұрын
Kirpalu ji ke shri charno me koti koti parnam
@janhvipandey9502
@janhvipandey9502 6 жыл бұрын
Thanks for sharing this video
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@apratimdwivedi1772
@apratimdwivedi1772 6 жыл бұрын
राधे राधे जय श्री राधे हार्दिक आभार
@SurajYadav-tl4rk
@SurajYadav-tl4rk 5 жыл бұрын
Radhe Radhe maharaj ji you are great Anirudh Yadav Siddharth Nagar up I have no word for praise of you Radhe Radhe maharaj ji
@jayshyamshastri7821
@jayshyamshastri7821 6 жыл бұрын
श्रीमद् सद्गुरु सरकार की जय
@basubaishnabbasubaishnab5026
@basubaishnabbasubaishnab5026 6 жыл бұрын
Rini Radhey..... Sashtang Dandwat pronam.....
@soniyakaushik5890
@soniyakaushik5890 3 жыл бұрын
Radhe Radhe Gurudev Pyaareee 🙏🙏 Shrimad Sadgurudev Bhgwaan ki jai 🤗🙌🙌🤗
@keepitsimple9466
@keepitsimple9466 6 жыл бұрын
Shri Maharajji has made it crystal clear here...love and serve Hari Guru only. But, respect and help Pracharaks to spread the teachings of Hari Guru. Not to forget, these pracharaks were handpicked by Jagadguruttam Himself to propagate his philosophies, which they are doing diligently to this day and will continue to do. They are Shri Maharajji's children to, for and about whom Sadgurudev has a right to say anything. However, we as striving sadhaks cannot and mustn't ever disrespect them. For sure that will not please Shri Maharajji
@JaankiPrasad
@JaankiPrasad 6 жыл бұрын
Of course. Shri Maharajji had chosen only them for a certain reason. Because of their selfless seva, so many fortunate souls are able to reach Shri Maharajji. What to say of Shri Maharajji's preachers, but even an atheist who curses God must not be treated disrespectfully. Our Shyamsunder resides within everyone.
@keepitsimple9466
@keepitsimple9466 6 жыл бұрын
@@JaankiPrasad Absolutely! I consider myself fortunate that I get the association of Pracharaks like Braj Banchary didiji, Siddheshvari didiji, Maheshvaranand bhaiya time and again. They help keep me on track when it is very easy to get distracted specially in this part of the globe
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
@@JaankiPrasad इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@akanshasharma001
@akanshasharma001 9 ай бұрын
हमारे प्यारे महाराज जु के जुगल चरणों मे प्रणाम 🙏🙏🙏राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे 🙏🙏🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️
@Sanjanak6643
@Sanjanak6643 6 жыл бұрын
Thank you for sharing. Radhe Radhe
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@DharmPalJangra
@DharmPalJangra 6 жыл бұрын
Radhey Radhey aadarniya Bhaiya ji... Haardik Aabhaar...
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@nishasirpaul
@nishasirpaul 6 жыл бұрын
Jai Shri Radhe 🌹
@devashishsonowal1505
@devashishsonowal1505 6 жыл бұрын
Maharaj is ultimate and funny too😂 Radhe Radhe
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@SantoshKrYadav
@SantoshKrYadav 6 жыл бұрын
Thanks you for sharing , jai guru dev
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@SantoshKrYadav
@SantoshKrYadav 2 жыл бұрын
@@GovindKumar-cg2xm जय जय श्री राधे, आप बहुत आहत लगते है, दूसरो के ऊपर बहुत विश्लेषण कर रहें है अशा है आप साधना भी करते होंगे, क्षमा करे आप को दूसरो में दोष दिख रहे हैं, क्या इसका मतलब आप सिद्ध अवस्था मे है, जीसे जो मतलब निकालना हो इस वीडियो से ये उसकी प्रकृति या स्वभाव पर छोड़ दे, शांत रहें और भजन करे, जय जय श्री राधे 📿
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@akanshasharma001
@akanshasharma001 4 ай бұрын
सदगुरुदेव भगवान के जुगल चरणों मे प्रणाम 🙏🙏प्रभु 🙏
@prakharshukla1135
@prakharshukla1135 6 жыл бұрын
Maharaj ji us time jyada tej bolte the ☺️☺️☺️ maja a gya awaj sunke
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@julisharma8108
@julisharma8108 3 жыл бұрын
Hare Krishna sant sadgurudeo ke sadar charan kamlo me dandwat pranam
@krupalusevak2765
@krupalusevak2765 6 жыл бұрын
Radhey Radhey pranam mahaprabhu koti koti pranam prabhu
@beu6336
@beu6336 6 жыл бұрын
Radhe Radhe
@gopalsinghparmar9532
@gopalsinghparmar9532 8 ай бұрын
Sri Maharaj ji ke charno me koti koti pranam.
@krishnakumariyer260
@krishnakumariyer260 6 жыл бұрын
Thank you Maharajji!
@kirpaludasi1932
@kirpaludasi1932 2 жыл бұрын
Dhanya Dhanya mere satguru Sarkar 🙏🙏🙏
@debadattaraula7483
@debadattaraula7483 6 жыл бұрын
Radhey Radhey
@ashwendrasingh481
@ashwendrasingh481 5 жыл бұрын
Shri Guru sharanam. Shri Guru sharanam. Shri Guru sharanam. 🙏🙏🙏💖🌹🌹🌹
@AshaSharma-qd1kb
@AshaSharma-qd1kb 2 ай бұрын
राधे राधे श्री महाराज जी 🙏
@ganeshkc9873
@ganeshkc9873 2 жыл бұрын
Radha rani herself is giving the power full and divine speech radhe radhe
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@paarthasaarathi4277
@paarthasaarathi4277 6 жыл бұрын
JSHRI RAADHE KRISHN GURUVAR KI JAIHO
@kailash_Kumar86
@kailash_Kumar86 3 жыл бұрын
सदगुरुदेव महाप्रभु के पावन चरणों में अनंत प्रणाम जय श्री गौरीशंकर जय श्री सीताराम, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, राधे कृष्ण राधे कृष्ण कृष्ण कृष्ण राधे राधे राधे श्याम राधे श्याम श्याम श्याम राधे राधे l
@radhayradhay2206
@radhayradhay2206 Жыл бұрын
❤❤❤ radhay radhay Shyama Shyam Ji Jai Guru Dev Kripalu ji Maharaj ji Jai Guru Dev ❤❤❤
@seematripathi9129
@seematripathi9129 Жыл бұрын
Koti Koti a great word in maharaj jee ❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@Abhaykumar-hi4xk
@Abhaykumar-hi4xk 6 жыл бұрын
Aap ko bahut bahut dhanyvad ji
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@Abhaykumar-hi4xk
@Abhaykumar-hi4xk 2 жыл бұрын
@@GovindKumar-cg2xm 🙏 मै केवल श्री महाराज जी को ही अपना गुरु मानता हूं, हा मै श्री महाराज जी का ये वीडियो मैंने नहीं देखा था, इसलिए मैंने धन्यवाद दिया,,,,,, 🙏🙏राधे राधे 🙏🙏🙂
@smileyboy18
@smileyboy18 6 жыл бұрын
very nice share to all people
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकते है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@kuldeepmalik1083
@kuldeepmalik1083 6 жыл бұрын
Jai ho guru ji ki Jai ho Jai ho Jai ho Radhey Radhey
@ashishkumarstrugglingboy1565
@ashishkumarstrugglingboy1565 4 жыл бұрын
Jai guru Dev and Jai shri Radhe krishn.
@balarammugicadhikari7820
@balarammugicadhikari7820 5 жыл бұрын
He manuse Bhagawan ke antim tatto batane wala pancham mul jagadguru he kripalu jee maharaj radhey radhey gurudev
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@tinkupattnaik8199
@tinkupattnaik8199 6 жыл бұрын
Jay shree radhey. ...
@maharajkrishanraina6222
@maharajkrishanraina6222 6 жыл бұрын
Thanks a lot.Radhey Radhey.
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@jiyacartoonworld8410
@jiyacartoonworld8410 6 жыл бұрын
Radhe Radhe 🙌🙌🙌🙌 Shri satguru sarkar ki jai Radhe Radhe 🙌🙌🙌🙌
@rajendrachauhan981
@rajendrachauhan981 5 жыл бұрын
Joohi Shrivastav जगतगुर मह।र।ज र।धे र।धे नम
@jaganathyadav8713
@jaganathyadav8713 4 жыл бұрын
हमारे प्यारे प्यारे श्री महाराज जी की जय। अलबेली सरकार की जय। जय जय श्री राधे जय जय श्री राधे।
@omprakashmittal2210
@omprakashmittal2210 Жыл бұрын
satguru kripalu mahaprabhu ki jaiho
@anjalidash1217
@anjalidash1217 2 жыл бұрын
Jayashree radhe radhe 🙏
@alokmohanty6611
@alokmohanty6611 3 жыл бұрын
Most powerful speech ever ❤️
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@Kishoriju84
@Kishoriju84 Жыл бұрын
Radhe Radhe mere pyare sadguru sarkarjii❤❤❤🙏
@satishthakur8464
@satishthakur8464 4 жыл бұрын
Mare guru dave prabhu app ke shri cherno main shat shat naman 🙏🙏🙏
@brijeshmishra4751
@brijeshmishra4751 4 жыл бұрын
Jai jai Shri pyare pyare Maharaj ji param pujay mere pyare pyare
@Dineshkumar-ee5vo
@Dineshkumar-ee5vo 2 жыл бұрын
Radhe Radhe हमे अपने अध्यात्मिक उन्नति के लिए किसी Guide की तो अति आवश्यकता है हम जैसे पतीत और घोर ससांरआशक्त जीवों के लिये. विषेष करके जब श्री माहाराज जी पत्यक्ष रूप से हमारे बिच नहीं हैं. यह बात उच्च कोटि के साघको के लिए लागू नहीं हो सकती है. दुसरी बात श्री माहाराज के प्रवचन मे ही सूना है कि हरी एवं गुरु दासो के दास के सेवा करने से जितना खुश होते हैं उतना उनके सेवा करने से नहीं. राधे राधे
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@sujatamallick9716
@sujatamallick9716 4 жыл бұрын
Maharaj Ji Radhe Radhe 🌹🙏🌹 Ananta pranaam aapki pabitra charano mein 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏......🙏🙏🙏...👌👌👌
@jaatboykeshavchaudhary2675
@jaatboykeshavchaudhary2675 5 жыл бұрын
Radhe radhe Maharajji
@sashidahal7001
@sashidahal7001 Жыл бұрын
राधे राधे
@JaiShreeRam_1985
@JaiShreeRam_1985 Жыл бұрын
Jai Shree sdguru bhgwan ki jay ho guru gowind bhgwan ke charn kamlo me koti koti prnam prbhu radhey radhey radhey radhey radhey radhey radhey
@Mamtatpsharma
@Mamtatpsharma 3 жыл бұрын
श्रीमद् सद्गुरु सरकार की जय🙏🙏🙏🌹🌹🌹❤️❤️❤️
@RadheRadhe-fm4jc
@RadheRadhe-fm4jc Жыл бұрын
राधे राधे श्री महाराज जी 💕🌷❤️🌸❤️🌷💕
@anujpattanayak5141
@anujpattanayak5141 5 жыл бұрын
Radhe Radhe ! Shree Maharajji sabka aankh khol diye .iska koi tulna nahin hein. Aparampar !!
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@shivanitrivedi5469
@shivanitrivedi5469 3 жыл бұрын
Radhe Radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe radhe 🙏🌹🙏
@jagdishchanderverma8162
@jagdishchanderverma8162 2 жыл бұрын
Jai guru dev Namo Narayan Hari Om tat sat. Radhe radhe. RAM RAM JI.
@bairagisecuritytrainer1679
@bairagisecuritytrainer1679 6 жыл бұрын
Radhe
@gautam642
@gautam642 3 ай бұрын
Jaanki Prasad Bhaiya Ji Thank You So Much ❤❤
@sumithakur1610
@sumithakur1610 4 жыл бұрын
Maharaj ji ki jai ho Radhey Radhey 😘😘😘😘🌹🌹🌹❤️❤️❤️😊😊
@abhishekpastor1979
@abhishekpastor1979 6 жыл бұрын
jai shree radhe krishna sarkar
@bhupendragajmer9562
@bhupendragajmer9562 2 жыл бұрын
Jagadhguru Shree kirepalumaha parbhuki jahey radhey radhey gobindh ...!
@arunsaini5365
@arunsaini5365 2 ай бұрын
आभार गुरु जी राधे राधे कृष्णा कृष्णा
@santoshdhurwe6267
@santoshdhurwe6267 Жыл бұрын
श्री महाराज जी के चरणो में बलिहार बलिहार जाता हूं
@arunbaisla3626
@arunbaisla3626 3 жыл бұрын
Radhe Radhe shri Maharaj jii 🙇‍♀️🙇‍♀️🌹🌹
@gobindodas9582
@gobindodas9582 5 жыл бұрын
Radhey radhey sadguru sarkar ki jay🙏🙏🙏🙏🙏
@ashaparthsarthi4323
@ashaparthsarthi4323 3 жыл бұрын
Radhey Radhey Maharaj Ji Guruji for guidance , Kripa Kariye ga Guru ji 🙏🙏🌹🌹❤️🌹🌹❤️
@nikita6995
@nikita6995 Жыл бұрын
Please don't consider this video true for always. God realization can happen anytime in a second. Pracharaks are not devoid of it as every human has this opportunity. This was status given by Shri Maharajji in 1984. Now its 2023. Now, what is the status, has any preacher become God realized... Nobody knows that. It's a namapradh to say a saint that he is not a saint on this basis.. Please don't forget this point 🙏
@lalankumarverma8432
@lalankumarverma8432 10 ай бұрын
Perfect video hai
@geetasharma5899
@geetasharma5899 6 жыл бұрын
Radhey Radhey bhiya ji..
@sunitysingh2541
@sunitysingh2541 6 жыл бұрын
Thanks a lot
@GovindKumar-cg2xm
@GovindKumar-cg2xm 2 жыл бұрын
इस विडिओ को पोस्ट करने वाले ने बहुत बड़ा कमाल नहीं किया है बल्कि मैं तो कहूँगा उसने प्यारे सत्संगियों को भ्रमित किया है, छोटी सी बात है 1. पूरे विश्व में ऐसे कितने लोग होंगे जो श्री महाराज जी को गुरु ना मानकर प्रचारक को ही गुरु मानते हो ? और आप 2 - 4 मान भी ले तो क्या वे प्रचारक उनको सपोर्ट करते हैं ? हाँ जी बिल्कुल मैं ही तुम्हारा गुरु हूँ मेरे चरण पखारते रहो। 2. विडिओ में श्री महाराज जी जो भी कह रहे हैं वो सिर्फ उसी दिन के लिए थी या कह लीजिए कुछ लोगों को समझा रहे हैं जिस पर श्री महाराज जी का अधिकार है वे उसे ही डाटते थे और समझते थे, श्री महाराज जी ने बार बार कहा है मैं जो भी बोलता हूँ उसमे कुछ बात पब्लिक के लिए , कुछ बात सतसंगी के लिए और कुछ बात प्रचारकों के लिए होती है इसलिए आप सभी काफी ध्यान से सुना करें। 3. श्री महाराज अपने प्रचारकों को कितना प्यार करते थे वे जाकर देख ले जरा सा भी असम्मान वे बिल्कुल नहीं सहते थे, और आजकल लोग बिना कुछ जाने समझे इसी विडिओ को देखकर अपनी बुद्धि लगाकर कहते हैं - मैं तो सिर्फ श्री महाराज जी को मानता हूँ और कोई प्रचारक को नहीं सुनता। और प्यार कितना है श्री महाराज से वो तो उनके सेवा भाव से ही पता चल जाएगा, बीच बीच में मनगढ़ चले गए थोड़ी मोड़ी सेवा कर दी, वृंदावन, बरसाना घूम लिया बस फिर घर आकर सुत, वित, नारी की सेवा में लगे हैं और तो और नाती पोते में भी। इनमे भी दो तरह के लोग हैं पहले जो किसी प्रचारक के माध्यम से श्री महाराज के बारे में जाना लेकिन अब वे उस प्रचारक को नहीं मानते क्यूंकी वो प्रचारक तो तन मन धन समर्पित करने के लिए कहेगा ही चाहे आप उसको जितना भी गाली दो वो तो आपकी चापलूसी नहीं करेगा क्यूंकी उसे श्री महाराज जी को जवाब देना होता है, दूसरे वे लोग हैं जो डिजिटल मीडिया के माध्यम से जुड़ रहे हैं इनमे ज्यादातर यूथ होते हैं और उनके मन में शंका भी अधिक होती है क्यूंकी वे नहीं जानते श्री महाराज जी के जितने प्रचारक हैं उन्होंने काफी संघर्ष किया है मोटरसाइकिल, रिक्शा, पब्लिक ट्रांसपोर्ट बस इत्यादि से घूम घूम कर दिन हो या रात सिर्फ और सिर्फ श्री महाराज जी की सेवा और सिद्धांत का प्रचार किया है। ये जो भी लोग हैं क्या अपने धन और पुत्र को श्री महाराज को हँसते हँसते समर्पित कर सकते हैं ? और अगर यूथ है तो क्या अपनी जवानी और जीवन श्री महाराज जी के प्रचार कार्य के लिए दे सकती है ? 4. आज वृंदावन का मंदिर जिसको अंग्रेजों का मंदिर कहते हैं पूरे विश्व में अपने गुरु के द्वारा बताई गई सिद्धांत का प्रचार कर रही है और हमने श्री महाराज जी का कितना नाम रौशन किया? आज जो भी साहित्य और स्मारक हैं उसे श्री महाराज जी ने ही स्थापित किया है। आज अंग्रेजों के मंदिर के जो भी प्रचारक हैं उसे वहाँ की कमिटी नियुक्त करती है वो भी थ्योरी के ही प्रचारक हैं जबकि हमारे यंहा जो भी प्रचारक हैं वो श्री महाराज के द्वारा चुने गए हैं क्यूंकी उनमें कुछ विशेष है । हाँ यह अलग बात है कि कुछ प्रचारक ही बहुत ज्यादा प्रचार कर सकें क्यूंकी प्रचार के लिए धन और लोग की आवश्यकता होती है। 5. जब भी गुरुधाम जाता हूँ वहाँ प्रचारकों की मीटिंग होती है लेकिन उसका परिणाम कभी मिला नहीं क्यूंकी अब तक श्री महाराज जी का सिद्धांत पूरे world wide प्रचार हो जाना चाहिए था लेकिन ज्यादातर प्रचारक अपने पुराने सतसंगी तक ही सिमट गए। इसमे भी हमारी पेरेंट कमिटी की भी भूल हुई या उन्होंने नजरअंदाज किया। पहला प्रचार स्वरूप - जैसे अंग्रेजों के मंदिर के फाउन्डर ने अपने गुरु से कुछ नहीं लिया लेकिन पूरे विश्व में प्रचार किया , दूसरा स्वरूप - आज वहाँ जो भी प्रचारक होते हैं उनको कमिटी और सत्संगियों का पूरा सहयोग होता है ज्यादा से ज्यादा यूथ उनके तमाम सेंटर से जुड़ जाते हैं और कार्य को आगे बढ़ाते हैं जिसमे उनकी पेरेंट कमिटी की काफी भूमिका होती है और हमारे यंहा कोई प्रचारक अगर किसी की प्रणाम / माला भी स्वीकार कर ले तो शंकालु लोग घूरते लगते हैं। 6. अनुरोध करता हूँ अच्छा हो इस विडिओ के अर्थ को अनर्थ करने वालों के लिए पेरेंट कमिटी कोई एक्शन ले और सही मार्गदर्शन उनको प्रदान करे वरना बड़े बड़े लोगों के सिर फटने लगता है और युवा वर्ग जो सोशल मीडिया के माध्यम से सुन रही है वो भी प्रचारक के साथ जुडने से हिककिचाती है , जबकि कई प्रचारक online या offline के माध्यम से उन्हे जोड़ने का प्रयास कर रहे है।
@naveensolanki2565
@naveensolanki2565 4 жыл бұрын
🙏🙏🙏💙💚❤️Jai ho Shri Maharaj ji ki ❤️💚❤️Shri💙💚❤️ radhe ❤️💙❤️ radhe ❤️💚❤️🙏🙏🙏
@harekrishna6258
@harekrishna6258 6 жыл бұрын
Radhey radhey
@PranavMishra-ze2jq
@PranavMishra-ze2jq 3 жыл бұрын
Radhe Radhe 🙏🏽
@anuradhashukla8330
@anuradhashukla8330 6 жыл бұрын
Dhnaybad
@smileyboy18
@smileyboy18 2 жыл бұрын
Thank you bhaiya for sharing the divine words of maharaji .Please keep on posting Maharajji philosophy no matter
@ashwendrasingh481
@ashwendrasingh481 5 жыл бұрын
Jay ho mere Shyama Shyam 🙏🙏💖🌹🌹
@hiitusharma6306
@hiitusharma6306 6 жыл бұрын
Hari bol
@narayandasmundada5870
@narayandasmundada5870 2 жыл бұрын
Srimad Sadguru Sarkar ki Jai ho Jai ho Radhe Radhe
@shrutitripathi3532
@shrutitripathi3532 6 жыл бұрын
राधे राधे
@govindkushwaha2507
@govindkushwaha2507 5 жыл бұрын
Radhey radhey....hari bol...
@madhuverma3558
@madhuverma3558 2 жыл бұрын
Radhe Radhe Shri Maharaj ji 🙏🙏❤🌷🌷🌹🌹🌻🌻
@renutanwar628
@renutanwar628 4 жыл бұрын
radhey radhey 🙏❤️
How Strong is Tin Foil? 💪
00:25
Brianna
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Disrespect or Respect 💔❤️
00:27
Thiago Productions
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Twin Telepathy Challenge!
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Stokes Twins
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Informal Explanations (Mangarh, 1979)
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Jaanki Prasad
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Why We Don't Make Spiritual Progress - Important Lecture by Kripaluji Maharaj [Subtitled]
20:07
Kripaluji Maharaj Special Lectures
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How Strong is Tin Foil? 💪
00:25
Brianna
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