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साझेदारी संगठन की विशेषताएँ ll Features of Partnership Organisation II
साझेदारी संगठन की विशेषताएँ:
न्यूनतम दो साझेदार - साझेदारी संगठन में कम से कम दो व्यक्तियों की आवश्यकता होती है, जबकि अधिकतम संख्या देश के कंपनी अधिनियम के अनुसार सीमित होती है।
साझेदारी अनुबंध (Partnership Deed) - साझेदारों के बीच अधिकार, कर्तव्य और लाभ के बंटवारे को स्पष्ट करने के लिए एक लिखित या मौखिक अनुबंध किया जाता है।
लाभ और हानि का बंटवारा - साझेदारों के बीच लाभ और हानि का विभाजन पूर्व निर्धारित अनुपात में किया जाता है।
सीमित अस्तित्व (Limited Life) - साझेदारी संगठन का अस्तित्व साझेदारों पर निर्भर करता है। किसी साझेदार की मृत्यु, दिवालियापन या सेवानिवृत्ति से संगठन भंग हो सकता है।
सीमित पूंजी संसाधन - पूंजी केवल साझेदारों द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, जिससे इसकी वित्तीय क्षमता सीमित हो सकती है।
असीमित देयता (Unlimited Liability) - साझेदारों की व्यक्तिगत संपत्ति भी व्यवसायिक देनदारियों को चुकाने के लिए जिम्मेदार होती है।
संयुक्त प्रबंधन - सभी साझेदार व्यापार के प्रबंधन में भाग ले सकते हैं, जब तक कि अनुबंध में अन्यथा न कहा गया हो।
सरल पंजीकरण और नियमन - साझेदारी संगठन का पंजीकरण अनिवार्य नहीं होता, लेकिन पंजीकरण से कानूनी लाभ मिलते हैं।
आपसी विश्वास और सहयोग - साझेदारी का आधार आपसी विश्वास होता है, क्योंकि प्रत्येक साझेदार व्यवसाय के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कर लाभ (Tax Benefits) - साझेदारी संगठन को आयकर के कुछ लाभ मिल सकते हैं, क्योंकि इसे एक अलग कानूनी इकाई नहीं माना जाता।
यह संगठन छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों के लिए उपयुक्त होता है, जहां पूंजी और प्रबंधन को साझा करने की आवश्यकता होती है।