अति हृदयस्पर्शी नाटिका,माता जी ने बहुत ही खूबसूरती से इसमें भावों को प्रस्तुत किया ह,और मंचन भी बहुत अच्छा किया गया ह,कलाकारों ने भी मन मोह लिया,जैसे सामने ही सब कुछ हो रहा हो। परंतु अंत में सीता सती के आर्यिका रूप को स्पष्ट नहीं दिखाया गया,वो बहुत छोटा हिस्सा रहा। सब कुछ हटा कर उन्हें अलग से प्रकट करना चाहिए था,जिससे अन्य धर्म के लोग भी इसे अच्छिं तरह समझ सकते।
@madhurjain86522 жыл бұрын
जी प्रस्तुति को इतना ध्यान से आपने देखा इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद..... आपका सुझाव बिल्कुल उचित है आगे की प्रस्तुति में हम इसमें सुधार करेंगे 🙏🙏🙏🙏☺