मैंने कुमार अंबुज जी का खाना बनाती स्त्रियां कविता सुनी है बहुत ही अच्छा लिखा है हालाकि यह स्त्रियों का विषय है लेकिन किसी दूसरे के दुख को समझ पाना, देख पाना व्यक्त कर पाना सबसे बड़ी बात हैं। जो इनकी इस कविता में झलकती हैं।
@gauravbhushan30323 ай бұрын
Ab download nhi hota isake liye kuch kijiye
@atheistnothing50393 ай бұрын
इनकी भाषा मक्खन है। फिल्मों के समानान्तर जो निबंध लिखा है। ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤