Assalatu wassalamu alaika ya Habib Allah assalatu wassalamu alaika ya Rasool Allah Sallallahu alaihi wasallam😍😍😍
@shahzadraza98364 жыл бұрын
ماشاء اللہ
@shahanazagwan76084 жыл бұрын
As salamu alaikum mamujaan mashallah bahut achhi takrir hai subhanallah Alhamdulillah
@nafesulqadri35233 жыл бұрын
ﷺ
@khananisa87614 жыл бұрын
ماشاءاللہ جزاك اللهُ سبحان الله الحَمْدُ ِلله ان شاء اللہ
@showbizstories88464 жыл бұрын
Ma shah Allah 💓
@naseemaharsolia99994 жыл бұрын
A.salam Duaa me khs yad
@bilqeeshejazi75733 жыл бұрын
اَ لسَّلَامُ عَلَیْکُمْ وَ رَحْمَتُہ اللہِ وَ بَرَ کَتُہُ ماشاءاللہ ماشاءاللہ اَ للّٰله تعالیٰ آپ کی عمر میں برکت عطا فرمائے آمین ثم آمین Very nice
@firozpasha28914 жыл бұрын
MASHA ALLAH
@khananisa87614 жыл бұрын
👌
@aqiballie83434 жыл бұрын
Subhan allah
@babagvlogs78794 жыл бұрын
ماشاءالله
@shekhabdulrashid4 жыл бұрын
MASHALLAH
@mrkiller46634 жыл бұрын
2nd to coment
@TeacherRamzanMadani4 жыл бұрын
یا ایھا النبی کی ترکیب کردیں یا ایھا النبی یا حرف ندا قائم مقام ادعو ایھا ای مبدل منہ یا موصوف ھا للتنبیہ النبی بدل یا صفت مبدل منہ بدل یا موصوف صفت مل کر منادی مفعول بہ ادعو کا
@raisazam59874 жыл бұрын
*सलतनत ए🗡️ उस्मानिया* *पोस्ट नम्बर 27* *(1)सुलेमान शाह* (बेटे) *गाज़ी अल तुगरल (ertgrule)* *सुल्तान उस्मान गाजी* *सुल्तान ओरहान गाज़ी* *सुल्तान मुराद गाज़ी* *सुल्तान ब-यजीद अव्वल* *सुलतान मोहम्मद अव्वल* *सुलतान मुराद सानी* *सुलतान मोहम्मद फातेह* *तारीख की अज़ीम जंगे कुस्तुन्तुनिया* *सुलतान मोहम्मद अल फातेह इससे पहले दो बार सुलतान बने उनके वालिद ने उन्हें 14 साल की उम्र पहली बार फिर एक बार उसके बाद गद्दी पर मुन्तख़ब किया ,लेकिन ना कामयाब रहे । इसके बाद सुलतान मुराद सानी ने मोहम्मद फातेह को दीनी तालीम हासिल करने के लिए एड्रिन भेजा जहा उन्होंने दीनी तालीम हासिल की इस्लाम की तारीख को पढा उसके बाद जब तीसरी मर्तबा वो सुलतान बने मुराद सानी के विशाल के बाद उस वक़्त अवाम का ये ख्याल था के वो एक काबिल सुलतान साबित नही होंगें लेकिन सुलतान की काबिलियत धीरे धीरे सब को समझ मे आने लगी ।* उनके गद्दी नशीन होते ही सौतेले भाई को क़त्ल करने वाला जेनिससेरी फ़ौज़ का सिपाह सालार, जो असल में एक जासूस था ,उसको हिकमत अमली से मौत की सजा देना और जेनिस्सेरी फ़ौज़ का भरोसा बनाये रखना काबिले तारीफ था । *नोट: ये सब वाक़ियात इस सीजन के बाद जब ,जासूसों, पे सीरिज बनाऊँगा तो तफसील से सारी दास्तान बयान करुंगा, अभी सिर्फ जंगो ओर फतुहात को बयान कर रहा हु* *सुलतान मोहम्मद फातेह ने कुस्तुन्तुनिया फ़तेह करने के लिए सबसे पहले दो काम किए एक तो आस पास की रियासतों से मुहाइदा करलिया ताके अमन क़याम रहे और उनको कुस्तुन्तुनिया के अलावा दूसरी तरफ कोई जंग ना करनी पड़े इसी के साथ दूसरा ये की एक ऐसी ताक़तवर तोप बनवाई जाए जो कुस्तुनुतिया कि दीवार को ढा सके* *15 वी सदी के सुरु में जो तोपे बनती थी वो sulfur, saltpeter, ओर chrcoal से गोले तय्यार किए जाते थे और इन सारी चीज़ों को मैदान जंग में ही मिक्स करके तोप में भरा जाता था ,ओर जब फायर किया जाता तो ये गोला टारगेट पे गिरने के बाद धमाके से नही फटता था ,धीरे धीरे जलता रहता था इस वजह से टारगेट को ज्यादा नुकसान नही होता था* इस मसले की वजह से सुलतान चाहते थे कि कोई नई तकनीक से बेहतर तोप बने जो टारगेट को ज्यादा नुकसान पोहचाए *सुलतान मोहम्मद फातेह के दौर में तोप के माहिरीन ने ऐसी तोपे बनाना सुरु करदी थी जिसके गोले टारगेट से टकरा ते ही ब्लास्ट हो जाते फ़ढ़ जाते थे, गोलो के साथ तोपे भी मज़बूत हो गई थी , लोहे की जगह अब Bronze (कांसा कांस्य तांबे या ताम्र-मिश्रित धातु मिश्रण ) से बनने लगगई थी इसमे पहले के मुकाबले खर्चा तो ज्यादा होता था लेकिन डिजाइन बेहतर हो जाती थी* ओर Bronze हासिल करना ज्यादा मुश्किल नही था, बलकान के गिरजाघरो में bronze से बनी घण्टियो को तोड़ कर उनसे ब्रोंज हासिल किया ओर फिर उसको इस्तिमाल में लिया जाने लगा *उस वक़्त की तोपे 16 फुट लम्बी ओर साढ़े सात सो पाउंड वजन के गोले फेक सकती थी , सुलतान मोहम्मद फातेह को इससे भी बड़ी तोप चाहिए थी इतनी बड़ी के कम गोलो में ज्यादा दीवार को नुकसान पोहचाया जा सके* सुलतान चाहते थे कि कोई कमी ना रहे , किसी भी सूरत ना-कामी हाथ ना लगे ,, *सुलतान को जरूरत थी एक ऐसे इंजीनियर की जो इतनी पावरफूल तोप बना सके जितनी वो चाहते थे , ओर वो मिल गया हंगेरियन तोप इंजीनियर ओर्बन के रूप में* *इसको सुलतान का मुकद्दर ही कहेंगे, कि हेंगरी से एक इंजीनियर ओर्बन तोपे बनाने की पेशकस लेकर कुस्तुन्तुनिया Constantine XI Palaiologos के पास आता हे ओर उसे तोपसाजी की पेशकस की ,लेकिन इन तोपो के बदले में ओर्बन ने बोहोत बड़ी तनख्वाह ओर इनाम की पेशकस भी करदी कुस्तुन्तुनिया की माली हालत उस वक़्त बोहोत खराब थी उसपे कर्ज़ों का बोझ था Constantine XI ने तोपों से ज्यादा खज़ाना भरने की फिकर थी* *वो उस्मानों के नए सुलतान मोहम्मद फातेह को कोई खतरा नही समझता था बल्कि मोहम्मद फातेह के सुलतान बनने पर कुस्तुन्तुनिया से लेकर फ्रांस तक यूरोपी हुक्मरानों ने एक दूसरे को मुबारकबादे दी थी के आलमी ताकत के तख्त पर एक कमजोर सुलतान आ बैठा हे* Constantine XI सुल्तान मोहम्मद फातेह से कोई खतरा नही महसूस कर रहा था , इसलिए उसने ओर्बन तोप इंजीनियर को टाल दिया, ओर उसकी थोड़ी सी तनख्वाह मुकर्रर करदी *,ताके इतना माहिर इंजीनियर कहि ओर ना चला जाए* *ओर्बन ने कुछ दिनों तक तो काम किया लेकिन इतनी कम तनख्वाह ओर वो भी टाइम पे ना मिलने साथ ही उसमे भी सरकारी अधिकारियों का डंडी मारने की वजह से ओर्बन ने सलतनत ए उस्मानिया में नोकरी करने का फैसला किया, ओर यू सुलतान की मुराद पूरी हो गई और उन्हें उनकी पसंद का इंजीनियर मिल गया* *ओर्बन इस बात को जनता था कि सुलतान कुस्तुन्तुनिया की दीवार गिराने के लिए बे करार हे लिहाज़ा उसने अच्छी तरह कुस्तुन्तुनिया क