श्री कृष्णा जी एक नहीं तीन है। कृष्णाकृष्णा सब कोई कहे भेद न जाने कोए एक कृष्णा बैकुंठ का दूजा हैगोलोक तीजो अखंडधाम को जहां जाएं सब शौक़।। एक श्री कृष्णा रुक्मणी बैकुंठ नाथ विष्णु भगवान हैं दूसरे श्री कृष्ण राधा रानी गोलोक धाम में अखंड लीला कर रहे हैं। तीसरे श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा जी निज धाम में विराजमान हैं। श्री महेश्वर तंत्र।। शिव पार्वती संवाद।। इसका खुलासा कलयुग बुद्ध शाखा में पूर्ण ब्रह्म सच्चिदानंद के आवेश अवतार श्री विजियाभिनंद बुद्धनिष्कलंक द्वारा जागृत बुद्धि से हुआ है इसलिए कलयुग चारों युगों में श्रेष्ठ है।🎉🎉🎉🎉🎉🎉