अब तो पागलपन की हद हो गई सरदार पटेल ने बहुत अच्छा किया था इसको बैनकरके अगर सरकारी कर्मचारी शाखों में जाएंगे तो इसी प्रकार वह भी नफरत फैलाएगे देश में आखिरभारतीय जनता पार्टी की चाहतीक्या है
@Nicerody3 ай бұрын
Kisne kaha RSS mein Jane se nafrat failati hai.. .. Use your mind
@naveennahata94593 ай бұрын
सरदार पटेल ने ही संघ से बैन हटाया
@sudarshansinghpatel3 ай бұрын
ये गलत हूआ है बैन लगा रहना चाहिए इससे सरकारी कर्मचारियों का निष्पक्षता नहीं रहेगी
@shankarmahato97893 ай бұрын
Jo khangress ka atankii sansta me jata hai usjlka ka
@prakashchandthakur52623 ай бұрын
बीजेपी वर्तमान में नहीं jभूतकाल में जीती है काम खुद करती हैं अपने बजुर्गो को देती है
@RandhirKumar-zl8jc3 ай бұрын
@@shankarmahato9789भारत जलाओ पार्टी देश को कंगाल ,,सवर्णों को मालामाल करने बाली है।।
@Sidd-kq9jw3 ай бұрын
Gandhi ko samajhne m der hogayi, usko 20 saal pehle niptana tha😂 Aur jitte log gandhi naam ke maala japte he unse poocho k godse ne gandhi ko kyo thoka, to muh m dahi jam jata he😂
इस निर्णय के खिलाफ तुरन्त सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
@sanjeevsaxena73913 ай бұрын
सरकार को सिर्फ़ सरकारी कर्मचारी, अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि रवीश कुमार, आशुतोष, अजित अंजुम जैसे लोगों के लिऐ भी आरएसएस शाखा में नियमित रुप से जाना अनिवार्य कर देना चाहिए।
@raydharmesh3 ай бұрын
नीतीश कुमार , चंद्रबाबू नायडू, चिराग पासवान, जयंत चौधरी को मोदी जी द्वारा सरकारी कर्मचारियों के RSS के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक हटाए जाने से वो सहमत है या नहीं।अगर मोदी द्वारा लिए निर्णय से वो सहमत नहीं तो तत्काल समर्थन वापस लेना होगा। और रही बात भारत की जनता की तो वह अपना निर्णय समय आने पर सुना देगी। भाजपा RSS की राजनीतिक ईकाई है।
@prashurambk15813 ай бұрын
👍👍👍👍👍👍
@Nicerody3 ай бұрын
Janta saath hai jo nirnay liya hai
@qayoomkhan90263 ай бұрын
आरएसएस में 52 साल तक तिरंगा नहीं लहराया अपने ऑफिस पर संविधान को आज भी नहीं मन है sanvidhan ki copyright strike jalaya
@gorakhnathsingh43833 ай бұрын
तुमने pelesten के लिए माँ खुदाई
@mdzulfequarzulfequar86203 ай бұрын
@@gorakhnathsingh4383 jab jwab nhi hota to bakchodi nhi karte atanki ho atanki hi rhoge
@gorakhnathsingh43833 ай бұрын
@@mdzulfequarzulfequar8620 हलाला वाले ज्ञानी जबाब सिखाएगा
@dr.kamleshkumar3 ай бұрын
देश का बेड़ा गर्ग कर दिया
@Nicerody3 ай бұрын
Ji nahi ek dam shi decision hai
@bhanudalal6113 ай бұрын
बिल्कुल संघ के हो जाएंगे अगर शाखा में जाएंगे
@Nicerody3 ай бұрын
Acchi baat hai
@MohanSingh-p6g3 ай бұрын
आशुतोष जी एकदम दमदार और तर्कसंगत बोलते हैं
@sanjeevsaxena73913 ай бұрын
@@MohanSingh-p6g बीजेपी जिंदाबाद थी, जिंदाबाद हैं और जिंदाबाद रहेगी, आशुतोष देश विरोधी है, रविश कुमार, अजित अंजुम और कन्हैया कुमार ये सब एक लाइन में काम करते हैं 😡😡
@reviewbyr.p.pal.11413 ай бұрын
@@sanjeevsaxena7391 तुम अंध भक्त थे और अंधभक्त रहोगे,गोबर खाओ।
@Nicerody3 ай бұрын
Ashutosh 😂😂 Damdar nahi chamcha ahai
@naveennahata94593 ай бұрын
सबसे बड़ा बेवकूफ जो आम आदमी पार्टी में जाकर पागल भी हो गया।
@meghakarnwal50943 ай бұрын
बीजेपी भगाओ सविधान बचाओ
@Nicerody3 ай бұрын
Bjp na bhagegi nahi 😂😂
@mominrzarza18603 ай бұрын
जिस शाखा ने 52 साल तक तिरंगा को अपमान किया वहां सरकारी अधिकारी को जाना तो दूर जाने का सोच भी देश का अपमान है
@gorakhnathsingh43833 ай бұрын
बोल भारत माता की जय मुल्ले
@RajKumar_b13 ай бұрын
illegal community
@Nicerody3 ай бұрын
Accha
@anwarhusain26803 ай бұрын
बार बार पेपर लीक हो रहा है यह आरएसएस संघ का ही कारनामा है
@AbhaySingh-cm7ez3 ай бұрын
😂😂 संघ की जय हुई ------ 😂😂😂 औकात बाले रोक दे----- 😮😮
@Alex-x-s6f3 ай бұрын
L
@gorakhnathsingh43833 ай бұрын
@@anwarhusain2680 पंक्चर छाप को पेपर लीक से क्या मतलब
@Nicerody3 ай бұрын
Bewkoof ho kya
@ishwarsingh89113 ай бұрын
Halala की औलाद बिहार में जो अरेस्ट हुए हैं वो मुस्लिम है
@nandramyadav78393 ай бұрын
सरकारी कर्मचारी अब निष्पक्ष नहीं रहेंगे।मोदी देश मिटाकर मानेगा भाई❤
@Motu-e4o3 ай бұрын
Ahir nispaksh ho jaye to achha ho jaye
@Nicerody3 ай бұрын
Accha pehle aap ho Jaye fer bole
@kripalsingh47803 ай бұрын
आर एस एस की स्वीकृति के बगैर भाजपा की कोई नीति लागू नहीं होती।
@ShahidPanwar-j1m3 ай бұрын
ये वोटरों को समझना होगा बीजेपी के पास रोज़ी रोटी शिक्षा विकास हेल्थ जैसे मुद्दों पर बात करने की फुर्सत नहीं, फिर वही राग क़ब्र से जिन बाहर आया वोटर को समझना होगा
@mominrzarza18603 ай бұрын
उम्मीद करता हूं rss की शाखा से सबसे पहले ed को बुलावा आयेगा
@RajivJha-wo7cl3 ай бұрын
राकेश जी सरदार पटेल अगर आर ऐस ऐस के होते तो लौह पुरुष नही कहलाते अगर आर ऐस ऐस सही मे हिन्दु भक्त है तो किसी दलित को संध प्रमुख बना कर दिखाए
@shankarmahato97893 ай бұрын
Dalit ko pm bana dega tah par bhi bjp ko 40% vote milega
@rafat_masood_official3 ай бұрын
आरएसएस पर सरदार पटेल ने जो पाबंदी लगाई थी पंडित जवाहरलाल नेहरू को उसे बिल्कुल भी नहीं उठाना चाहिए था 😮
@bcsharma6063 ай бұрын
आरएसएस की शाखा में जो अधिकारी जाएगा वह कभी भी निष्पक्ष नहीं हो सकता यह मेरा दावा है राकेश सिंह जी कह रहे हैं आरएसएस राजनीतिक संगठन नहीं है एकदम गलत है
@aryanyadav78363 ай бұрын
जात पात ऊच नीच खतम हो
@MaanSingh9543 ай бұрын
RSS को बैन क्यों नहीं किया जा सकता है???
@Nicerody3 ай бұрын
Kyu karna hai..
@meghrajraj87413 ай бұрын
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक अलग संस्था है, उसमें सरकार के अधिकारी एवम् कर्मचारियों को जाने की अनुमति असंवैधानिक है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अपने अलग विचार हैं।उन विचारों से सरकारी अधिकारी एवम् कर्मचारियों का क्या लेना देना।
@naveennahata94593 ай бұрын
संघ कोई राजनैतिक संगठन नहीं है। वहा जानेवाला देशभक्त ही बनेगा ।ऐसे में सरकारी कर्मचारी को आरएसएस में जाना चाहिए ।
@balamsinghrautela17623 ай бұрын
सरकारी कर्मचारी संघ में शामिल कैसे जाएगा आज तीन कर्मचारी की जगह एक कर्मचारी काम कर रहा है
@drmanojsingh38113 ай бұрын
जिस संघ के कार्यालय में तिरंगा नही लगाया वहा सरकारी कर्मचारी तोबा तोबा
@prateeknigam15343 ай бұрын
देश की आम जनता का विचार सरकारी कर्मचारियों एवं न्यायिक अधिकारियों एवं न्यायधीशों को कोड आफ कन्डक्ट आफ गोवर्नमैन्ट सर्विस रूल्स के अनुसार ही चलना श्रेयस्कर समझती है! निश्चित रूप से जनता के सौजन्य से बीजेपी का निरंकुश अहंकार टूटने के बाद बीजेपी की संघ की चरण वन्दना का स्वरूप ही प्रतीत होती है!
@anilkujur50633 ай бұрын
भारत को आगे बढ़ाने के लिए जिनको सुचित्ता होनी चाहिए थी वे ही देश को मोदी के सुख सुविधा के लिए बंटाधार पर तुले हैं।
@GovardhanKholiya3 ай бұрын
तो क्यों नहीं सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दलों में शामिल होकर चुनाव भी लड़ सकते हैं
@hajiqasim31113 ай бұрын
Is leny RSS per ban lga rehna bohat zaroori hai taki sanvidhan salamat rehy.
@naveennahata94593 ай бұрын
संघ ही सविधान की इज्जत करता
@subhashsinghrana50693 ай бұрын
जब कोई भी सरकारी अधिकारी विभागों में किसी ख़ास विचारधारा से नियुक्त होकर आयेगा तो वो कभी भी निष्पक्ष कार्य नहीं कर सकता
@prashantkumawat4103 ай бұрын
अब लगता हैं सभी कर्मचारियों के लिए यह वेश भूषा या गण वेश लागु होने वाला है...
@kamalkrishnaroy48193 ай бұрын
अरे , राकेश सिन्हा जी को कूदना पड़ा । ये तो विराट लाभार्थी बन गए थे इन लोगों का बड़ा बुरा वख्त आ गया क्या ।
@chamansinghkanwar97223 ай бұрын
ये मोदी जी का फैसला इसलिये आया है क्योंकि up में हार का समीक्षा जब हो रही थी तो उनके पार्टी के लोग ये बोले कि हमें अधिकारियों ने मदद नहीं की । ये इसीलिए किया जा रहा है कि हमारे कितने अधिकारी है और कौन कौन है। जो RSS से जुड़ेगा ओ तो bjp के ही पक्ष में रहेगा।
@naveennahata94593 ай бұрын
अरे पगले देश में अभी किसकी सरकार है
@sumitarora19743 ай бұрын
Rahul Gandhi zindaabad ❤
@meghakarnwal50943 ай бұрын
राहुल गाँधी किसान मजबूर गरीबों दलितों पिछडो अदिवासी समाज अलफसखया समाज करोड़ों बेरोज़गार युवाओं का मसिहा है
@chhipasita4363 ай бұрын
Ashutosh sir right
@RandhirKumar-zl8jc3 ай бұрын
आर एस एस को चुनाव में आ जाना चाहिए? पिछे से बार करना ठीक नहीं है?
@drmanojsingh38113 ай бұрын
देश तनाशाही की ओर बढ़ रहा है यदि 400पार होता तो सोचो क्या होता इस बार
@greatindia91193 ай бұрын
मोदी जी चाहते हैं कि लोकतंत्र का गला पूरी तरह घोंटा जा सके। मतलब साफ है कि जो अधिकारी संघ की शाखा में जाएगा वो बीजेपी की बोली बोलने लगेगा।
@Nicerody3 ай бұрын
😂😂 aisa nahi hai soch hai apni apni
@vijaysawantsawantwadi3 ай бұрын
400 पार हो जाते तो क्या होता
@radhekrishnayadav78023 ай бұрын
भारतीय संविधान और संस्कृति दोनों ख़त्म हो जाती।
@SanjeevKumar-it2ek3 ай бұрын
इस फैसले से तो ये ही लगता है किसी ने अपनी कुर्सी बचाई है
@dr.pravinkumarrai76903 ай бұрын
चेहरे से नकाब उतर जाएगा
@drmanojsingh38113 ай бұрын
RSS BJP से कैसा रिश्ता है ये दुनिया जानती है
@devendranayak75193 ай бұрын
इमरजेंसी भी संवैधानिक थी
@sushmarani9043 ай бұрын
जेपी नड्डा जी कहते हैं कि आरएसएस की जरूरत नहीं है
@mohansukhdeve43863 ай бұрын
मणिपुर में असली खलनायक संघी हैं।
@cphingole79893 ай бұрын
आर आर एस 💯%राजनितीक है! भारत के १३० कोटी लोगों मालुम है!
@abdulsattar2603 ай бұрын
Garima ji Ashutosh is 100% right🙏💕 ❤❤❤
@SamirSamir-id1ub3 ай бұрын
सभी के बातों से सुकेश रंजन का सही विश्लेषण किया है
@njrohit89903 ай бұрын
Garimaji should allowed Ashutosh to speak not intervene in between. Niraj Kumar has rightly said that government servants cannot be impartial if join RSS.
@dineshatri24173 ай бұрын
अव्व्ल तो जनता का बहुसंख्य इसे स्वीकार नहीं करता कि आर एस एस एक ग़ैर राजनैतिक संगठन है। तब यह बहस महत्वपूर्ण हो जाती है।
@rameshparihar68243 ай бұрын
इस पर रोक होनी चाहिए
@mohdsalman37383 ай бұрын
Right.m.
@vishaljaunpuri2873 ай бұрын
मनुस्मृति को लागू करवाएंगे
@AnilYadav-yn7zx3 ай бұрын
कतई निष्पक्ष नहीं रह पाएंगे
@Rjo31493 ай бұрын
ये बहुत गलत ये आरएसएस वाले तो गांधी को भी नहीं मानते हैं और इन्होंने नागपुर में अपने ऑफिस में तिरंगा झंडा भी नहीं लगाया था तो इसको ज्वाइन करने वाला कर्मचारी भी इनकी तरह से ही करेगा
@vimalkumawat13183 ай бұрын
Ham garibo ke sath agar koi bada afsar rahega to hame bahut Khushi hogi
@shankarpandey27203 ай бұрын
एक,ऐसा, फैसला जिस,पर,गोदी,सरकार,को,कटघरे,में,खड़ा,करता, है
@ramkumarrajwade31943 ай бұрын
जेडीयू भी समय समय पर बीजेपी को आईना दिखाता है।
@SanjayPandey-qr7vo3 ай бұрын
Right 😊😊😊😊😊
@associtatedprinters93 ай бұрын
कांग्रेस ने कभी भी RSS से कोई संघटन से संबंधित साक्ष्य नहीं मांगा संघ के कार्यकर्ताओं ने सदा राजनीतिक दलों की तरह कार्य किया एक विशेष मनुवादी सोंच के साथ जिसका परिणाम आज देखने को मिल रहा है
@mohdtalib19143 ай бұрын
हमारे यहां जिला बदायूं में एक डीएम साहब रहे हैं जिनका नाम है दिनेश कुमार सिंह मैं अपने कार्यकाल में मंदिरों का जीवन दान किया गंगापुर घाट बनाए बीजेपी के नेताओं के लिए काम किया और एसुस रस से संबंधित थे और अब रिटायर होने के बाद बीजेपी का खुला प्रचार बताएं ऐसे अधिकारियों से इंसाफ की उम्मीद कैसे की जा सकती है
@sampattilekar19993 ай бұрын
News 24. Aaj. Kaliyug hai. Jay. Sanvidhan.
@bhupendrasinghkuntal77523 ай бұрын
Garima Singh ji selute hai aapko 🙏🙏
@sanjeevsaxena73913 ай бұрын
आरएसएस, बीजेपी जिन्दाबाद थी जिंदाबाद हैं और जिंदाबाद रहेगी. आशुतोष को कोई सीरियस नहीं लेता अब। 🤣🤣
@nandkumar89923 ай бұрын
नही RSS चुनाव नही लड़ता है तो क्या हुआ लेकिन वह राजनीतिक पार्टी जैसी ही है। प्रमाण संघ हमेशा राजनीतिक बयान बाजी करता है।
@rajendraprasad5673 ай бұрын
जितने भी आरएसएस से संबंधित वर्तमान में अधिकारी हैं, निष्पक्ष नहीं हैं और इसीलिए विश्वविद्यालयों में वी सी हों या प्रोफेसर या अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं।
@indrasonar79983 ай бұрын
Garimaji aap ko salute
@mohansukhdeve43863 ай бұрын
सरकारी लोगों को संघ में जाना खतरनाक साबित होगा, देश का माहौल इतना खराब होगा आम आदमी हाशिये पर जायेगा।
@naveennahata94593 ай бұрын
फैक्ट पर न्यायलय नीर्णय लेता है तो फिर कांग्रेस को मिर्ची क्यों लग रही चुनाव आयोग में जब RSS रजिस्टर्ड नहीं है राजनैतिक रूप से तो फिर बात साफ है
@shekhkarim30943 ай бұрын
This will dangerous for our Contry.
@babloorajubhat5473 ай бұрын
1977 में इसलिए बैन हटा दिया था की इंदिरा जी गांधी को लिखित में आरएसएस वालों ने कहा था कि हम कभी भी राजनीति में नहीं आएंगे लेकिन 1984 के बाद से आरएसएस ने अपनी एक शाखा निकाल जंनसंघ के बाद बीजेपी पार्टी निकले और सत्ता मैं है आज
@munnagowala20693 ай бұрын
Rakesh Sinha is an amazing spokesperson.🎉
@tanveerahmadkhan80652 ай бұрын
गरिमा की सरकारी हर ऑफिसर 24 हर ड्यूटी पर होता है फिर उसे आरएसएस की शाखा में जाने का समय कहां है और अगर जाएगा तो अपनी ड्यूटी से गद्दारी करेगा
@beinghuman8523 ай бұрын
If judges are biased with one ideology then wat kind of justice will be done???
@sigmasix093 ай бұрын
I was so happy when Sukesh entered in the debate.
@bpssingh29233 ай бұрын
सैकड़ो उदाहरण है जिसमे RSS संघ से जुड़े जीतने भी ऑफिसर हैँ वो खुल कई भेदभाव करते है.यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलेर को देख लो, बहुत से example मिल जायेंगे.
@Bokoliya953 ай бұрын
आशुतोष ने आरएसएस को रगड़ दिया
@Nicerody3 ай бұрын
Kalutosh kuch nahi hai smjhe na
@LaxmiNarayan-e7b3 ай бұрын
अच्छा तो ये होगा ड्रेश भी RSS वाली कर दी जाये अन्यथा जनता को मालूम न होगा ....
@nutramoney3 ай бұрын
अब सरदार पटेल से भी कन्नी काट रहा ये वैसे प्रचार के लिए इसकी आरएसएस कांग्रेस को बदनाम करते है... रामकृष्ण आश्रम और विवेकानंद जी को तुमने use kiya है
@narayannarayan48283 ай бұрын
Sarkari karmchariyon ko bhi election ladne aur politics karne ka pravadhan karna chahiye
@krishnanarayanshukla33453 ай бұрын
एक सिक्के के दो पहलू। आशुतोष जी की एक एक बात डंके की चोट पर सही है।
@hajiqasim31113 ай бұрын
RSS pichhe se political h.
@RandhirKumar-zl8jc3 ай бұрын
ईतना अधिक पढ़ा लिखा पदाधिकारी क्यों जायेगा आरएसएस सरकारी प्रशिक्षण केन्द्र है क्या???
@prtatawe63703 ай бұрын
काॅग्रेस प्रवक्ता को क्यों नहीं बोलने देती गरीमा .तेरा यह हमेशा का है.
@meenabarve85723 ай бұрын
Puri govt system andarse hilyengi sazis.
@balkardhaliwal-r7f3 ай бұрын
Salute ASHU Ji 🙏🏻🦁🙏🏻
@rameshmishra73443 ай бұрын
Mr सुकेस दुनिया में कुछ भी निरपेक्ष नहीं है
@sampattilekar19993 ай бұрын
News 24. Garima ji. Jatigat. Janganna. Kyo. Nahi. Sare. SC st OBC ko sochna chahiye.
@RandhirKumar-zl8jc3 ай бұрын
अंबेडकर बाद का दुसमन है ।आरएसएस का कुलपति दिल्ली विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडलिस्ट प्रोफेसर को बेशर्मी से निकाल दिया?
@3333-w8w3 ай бұрын
Singh sahab public pagal nahi hai
@drramakantsingh61723 ай бұрын
Govt employee/ officer should not participate in any organization linked with politics.
@rameshmishra73443 ай бұрын
आशुतोष जी कांग्रेस के कुकर्म की मलाई कोफ्ता खा रहे थे अब विधवा विलाप कर रहे हैं, इनको विधवा पेंशन मिलना चाहिए बेचारा
@YKYadav-om1ou3 ай бұрын
गरिमा जी आप इंदिरा जी की बात कर रहे हैं बीजेपी अभी क्या कर रही है वह भी तो कांग्रेस ने तो कभी नहीं कहा कि सरकारी कर्मचारी हमारे संगठन से जुड़े
@shivkumarsharma86873 ай бұрын
Ashutosh jee correctly mam
@rameshmishra73443 ай бұрын
Ms महिमा ऑर्डर में क्या लिखा है कि अधिकारी आरएसएस शाखा में जायेगा ही, या जा सकता है उसकी मर्जी पर