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सृष्टि की मूल ध्वनि
नमस्कार श्रोताओं, और स्वागत है इस हमारे विशेष नाद योग (योग विद्या) पर सचेतन के इस विचार के सत्र में।और आज हम बात करेंगे उस शक्तिशाली ध्वनि के बारे में, जो न केवल हमारी आध्यात्मिक यात्रा का आधार है, बल्कि पूरी सृष्टि का मूल भी है-ॐ की शक्ति।
ॐ का महत्व
ॐ, जिसे प्रणव मंत्र भी कहा जाता है, वह ध्वनि है जिसे ब्रह्मांड का आदिम और मूल स्वर माना गया है। यह वह ध्वनि है जिससे सृष्टि की उत्पत्ति हुई, और यही ध्वनि पूरी सृष्टि में व्याप्त है। जब हम ॐ का उच्चारण करते हैं, तो हम उस ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ जाते हैं, जो हमें शक्ति, शांति, और संतुलन प्रदान करती है।
"प्रणव" शब्द संस्कृत से आया है, और इसका मूल अर्थ होता है "वह जो नाद से उत्पन्न हुआ हो।" यह ध्वनि न केवल ब्रह्मांड की उत्पत्ति का प्रतीक है, बल्कि समस्त सृष्टि में व्याप्त ऊर्जा और शक्ति का भी प्रतीक है।
ॐ की शक्ति
शारीरिक और मानसिक शांति:
ॐ का उच्चारण हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह मन को शांत करता है और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करता है। जब हम ॐ का जाप करते हैं, तो हमें एक गहरी शांति का अनुभव होता है, जो हमारे तनाव और चिंता को कम करता है।
आध्यात्मिक उन्नति:
ॐ की शक्ति हमें हमारी आत्मा से जोड़ती है। यह हमें आत्म-साक्षात्कार की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करती है। ॐ का उच्चारण हमारे भीतर की दिव्यता को जागृत करता है और हमें मोक्ष की दिशा में ले जाता है।
ध्यान में गहराई:
ध्यान करते समय ॐ का उच्चारण करने से ध्यान की गहराई बढ़ती है। यह हमारी एकाग्रता को मजबूत करता है और हमें ध्यान की गहन अवस्थाओं में ले जाता है। ॐ की ध्वनि हमें उस अद्वितीय शांति और स्थिरता का अनुभव कराती है, जो ध्यान का उद्देश्य होता है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
ॐ की ध्वनि हमारे चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। यह नकारात्मकता को दूर करती है और हमारे आस-पास के वातावरण को पवित्र और शुद्ध बनाती है। ॐ का नियमित जाप हमारे जीवन में सकारात्मकता और शांति को बढ़ावा देता है।
ॐ का उच्चारण कैसे करें?
ॐ का उच्चारण बहुत सरल है, लेकिन इसे सही ढंग से करना आवश्यक है।
आराम से बैठें:
सबसे पहले एक शांत और आरामदायक स्थान पर बैठ जाएं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और आँखें बंद करें।
गहरी श्वास लें:
गहरी श्वास लें और श्वास को धीरे-धीरे छोड़ते हुए ॐ का उच्चारण करें। ॐ को तीन भागों में विभाजित करें-‘अ’, ‘उ’, और ‘म’-और इसे धीरे-धीरे, पूरे मन से उच्चारित करें।
ध्यान केंद्रित करें:
ॐ का उच्चारण करते समय अपनी ध्यान को ध्वनि पर केंद्रित करें। इसे पूरे मन और आत्मा से महसूस करें और इसके कंपन को अपने शरीर और मन में महसूस करें।
ॐ की शक्ति न केवल हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक है, बल्कि यह हमें आध्यात्मिक उन्नति और आत्म-साक्षात्कार की दिशा में भी अग्रसर करती है। यह ध्वनि हमें ब्रह्मांड की मूल ऊर्जा से जोड़ती है और हमें शांति, स्थिरता, और संतुलन का अनुभव कराती है।
आज के इस सत्र में इतना ही। हमें उम्मीद है कि आपको ॐ की शक्ति के इस विषय के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। हम फिर मिलेंगे एक नए और रोचक विषय के साथ। तब तक के लिए, ध्यान में रहें, खुश रहें, और ॐ की शक्ति को अपने जीवन में अनुभव करें।