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सहस्त्रार चक्र
यह चक्र हमारे सिर के ऊपर तालु भाग में होता है।
सहस्रार चक्र सभी चक्रों से ऊपर होता है और हमारे सिर के शीर्ष पर सभी चक्रों के संयोजन से बना है।
इस चक्र को जागृत करने के लिए इसका बीज मन्त्र ॐ और राग दरबारी होता है।
व्यक्ति को संवेदनशील, साधारण, रचनात्मक, त्याग करने वाला, दूसरों को समझने में सक्षम और आध्यात्मिक बनाता है। हमारे भीतर उत्पादकता, स्त्रीत्व और मातृत्व की विकसित भावनाओं का भी प्रतिनिधित्व करता है।
सहस्त्रार चक्र से कौन सी बीमारियां ठीक होती हैं -
हमारे शरीर में रीड की हड्डी के नीचे त्रिकोणी हड्डी में कुंडलिनी शक्ति होती हैं। जब 6 चक्र जागृत होकर ये शक्ति सहस्त्रार का भेदन करती है तो हमारा सम्बन्ध चोरों ओर फैली परमात्मा की ब्रह्मांडीय शक्तियों से जुड़ जाता है जिससे शरीर
के सभी रोग ठीक होने लगते हैं।
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