गायन देखूँ... की वाणी का चयन.......हत्प्रभ हूँ.....जेसे कबीर अमर हैं......आपकी गायकी भी अमर है....🎉🎉🎉🎉🎉
@jaibhagwan95685 ай бұрын
साहेब हम में साहेब तुम में जैसे प्राना बीज में मत कर बंदा गुमान दिल में खोज देख ले तन में कोटि सूर जहँ करते झिलमिल नील सिध सोहै गगन में सब ताप मिट जाएँ देही कै निर्मल होय बैठी जगा में अनहद घंटा बजै मृदंंगा तन सुख लेहि पियार में बिन पानी लागी जहँ वर्षा मोती देख नदीन में एक प्रेम ब्रह्मांड छाय रहो है समझ बिरले पूरा अंध भेदी कहा समझैगे ज्ञान के घरतैं दूरा बड़े भाग अलमस्त रंग में 'कबीरा' बोलै घट में हंस उबारन दुःख निवारन वावा गमन न मिटै छन में