जाति भेदभाव ने समाज में एक ऐसी खाई बना दी है जिसने इन्सान को ही इन्सान का दुश्मन बना दिया है और यह समाज देश की उन्नति में बहुत बड़ी बाधा है
@surendrasinghkush29535 ай бұрын
Gulami ka karan bhee bhi Varn Byavastha hai.Brahmano ne desh ka mahaul bigada hai aur Hinduon ko gulami dee hai.Yadi Brihdrath Maurya kee hatya na hoti to desh gulam na hota.
@mahenderSingh-ix1eg2 ай бұрын
@@surendrasinghkush2953सादर जय भीम नमो बुद्धाय 🌹🇮🇳🙏
@prabhakar.bharti74132 ай бұрын
सही है
@UrmilaDeviKushwah2 ай бұрын
Aap desh ke liye apne liye kuchh karte ho to aap ko koin rokta hain koin si jati apke karya main Bandha dalta hain
अपने जाति में ही जो लोग अमीर है , वो अपने जाति के गरीब से शादी नहीं करते है , वो भी अपने बराबरी के ही खोजते है , सत्य हैं बिलकुल
@arpitmishra7983 Жыл бұрын
Right yahi to sacchai hai
@Shriramkrishnhari Жыл бұрын
आप एकदम सही कहे जाति से नहीं धन से बहुत अंतर पड़ता है सुना जा रहा है साहरुख ख़ान और अमिताभ के परिवार में वैवाहिक संबंध बनता है
@awadheshyadav6300 Жыл бұрын
Ha ye bhi sahi hai sala ye dukh kahe nahi khatam hota 😅😅😅
@वसुदैवकुटुम्बकम्-ण4ग Жыл бұрын
जाति खत्म होने पर एक भिखारी भी टाटा बिडला अंबानी की लडकी से शादी कर सकेगा।
@jagdishprasadsharma128210 ай бұрын
@@Shriramkrishnharim
@dayaramsuravanshi88782 жыл бұрын
जाति व्यवस्था खत्म होना मानव मानव सब एक ऊंच-नीच का भाव खत्म होना चाहिए जय भीम जय भारत जय, बाबा, साहेब
@ranjaymaurya80582 жыл бұрын
Fir to arachhan khatm hona chahiye keval garib ko arachhan milna chahiy e jati ko nhi
@himanshugurjar90022 жыл бұрын
@@ranjaymaurya8058 Ye dhire dhire hoga. ek raat me na jati khatam ho rahi na arakshan
@virendrasingh-cl6qs2 жыл бұрын
Or Arachhad bhi khatam hone ki bhi bol liya karo
@prashant-bm4fp Жыл бұрын
@@virendrasingh-cl6qs chalo aarakshan khatam karte hain,, iske liye Intercaste arrange marriage karte hain,, araksan apne aap khatam ho jaaegaa
@hemrajhemraj6198 Жыл бұрын
@@himanshugurjar9002 mehnat kash to khatam ho hi rha, jiska khoon bheem ambedkar kuvidhanik durvyavastha choos rhi aarakshhan sanrakshhan muftkhori se
@prashantmuni2 жыл бұрын
वर्ण और जाति में अंतर वर्ण-- चार होते हैं ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र जाति-- चार होती है अंडज पिंडज स्वेदज जरायु वर्ण- गुण कर्म स्वभाव के अनुसार होते हैं जाति-- योनि जन्म के आधार पर होती है वर्ण --गुण कर्म के अनुसार परिवर्तन हो जाते हैं जाति-- जीवात्मा का दूसरी योनि में मरणोपरांत परिवर्तन होती है (वर्ण) ब्राह्मण-- शिक्षक उपदेशक समाज को ज्ञान देने वाला क्षत्रिय-- रक्षक सैनिक समाज की रक्षा करने वाला वैश्य-- पोषक कृषक व्यापारिक समाज का भरण करने वाला शूद्र--- सेवक चपरासी समाज की सेवा करने वाला (जातियां) अंडज--- पक्षी आदि अंडे से पैदा होने वाले जीव पिंडज--- वृक्ष वनस्पतियां आदि पृथ्वी से पैदा होने वाले स्वेदज--- बिच्छू जुआं आदि कीचड़ पसीने से पैदा होने वाले जीव जरायु-- मनुष्य पशु आदि गर्भ से पैदा होने वाले जीव अतः मनुष्य बंदर हाथी घोड़ा मोर सर्प आदि प्राणी जातियां कहलाती हैं। जो मरणोपरांत दूसरी योनि में जाने से परिवर्तन हो जाती हैं चार वर्ण ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र जीवन काल में परिवर्तन हो जाते हैं अर्थात कर्मानुसार शूद्र ब्राह्मण और ब्राह्मण शूद्र हो सकता है इसी तरह वैश्य और क्षत्रिय को समझो। यही वेद आदि शास्त्रों में और मनु आदि स्मृतियों में उल्लेख है इतना स्पष्ट होने पर भी यह स्वार्थी मानव समझते हुए भी नहीं मान रहा है। जो चार वर्णों को अपनी अज्ञानता और मूर्खता से जातियां समझ रहा है। धिक्कार है इस मानव जाति को ! इससे तो पशु पक्षी आदि जातियां श्रेष्ठ है जो अपने नियम व्यवस्था में रह रहे हैं।
@RAJPUTANA.6508 Жыл бұрын
Moorkh manav ko gyan dene bale. ME APKE IS GYAN KO NAMAN KARTA HU. BHAGWAN AAPKO KHUSHIYAN DE
@munilaldas2679 Жыл бұрын
Accha mujhe batau atna sab kuch ho na ka bad ve chuay chuat ku he ha ku dalit aaj ve dalit he ha ku un ko aaj ve kast utana pad ta he ku dur ky jata he ainn samjo se ku un kasar chuay chuat jasa or har samay partret key jata he ha aap barin babasta ke bat kar ta he
@munilaldas2679 Жыл бұрын
Phale ey bat ey na aap
@Devraj__6305 ай бұрын
100 percent right.
@bagbandasgautam7343 ай бұрын
Yahi Manuwadi dhoortta hai
@sandeepgajbhiye8233 Жыл бұрын
जाति, वर्ण व्यवस्था आदि सबकुछ के बारे में महान सम्राट ज्योतिबा राव फुले ने अपनी किताब गुलामगिरी में स्पष्ट कर दी।😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘😘
@killercomedies5051 Жыл бұрын
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर से ज्यादा विद्वान नहीं थे ज्योतिबा फुले। ज्योतिबा अंग्रेजों का दलाल था।
@roopchand-v8s10 ай бұрын
Super good
@prakashanaik208010 ай бұрын
Ab ta sab chalta hai
@SankarDas-vg6if8 ай бұрын
@pushpendersharma-xd3ld8 ай бұрын
@@Sampitarhimmatwala tu h kinke Teri cast bta
@indiangandhi2805 Жыл бұрын
मानवता तभी कायम रह सकती है जब लोग अपने आगे जाति सूचक शब्द लगाना छोड़ दे,
अंग्रेज इस देश में राज नहीं करते तो शूद्रों की गुलामी ख़त्म नहीं होती। चारों युगों मे एक ही भगवान पैदा हुआ जिसने सभी इंसानो को एक समान जीवन जीने का अवसर दिया।
@rishtokidunia2 жыл бұрын
मैंने जो भारत का इतिहास पढ़ा है उसके आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि भारत में जातियाँ लगभग 2000 वर्ष पूर्व से शुरू हुई लेकिन देश में अंग्रेजो के आने के बाद जातिवाद मे काफी कमी आई क्योंकि अंग्रेजो ने बहुत सारे ऐसे कानून बनाये तथा सख्ती के साथ लागू किए जिसका परिणाम हुआ कि जो लोग अपने को जानवरो से बदतर मानते थे जिनको सभी हक अधिकारों से वंचित किया हुआ था एवम ऐसे शोषित और पीड़ित लोगो के साथ अमानवीय वयव्हार कुछ प्रतिशत् जातिवादी लोग किया करते थे जिनके हाथ में सत्ता,पैसा और पॉवर हुआ करती थी उनके द्वारा इस देश मे अमानवीय कार्यो को ठोकर से उडाने का कार्य करना शुरू किया जिससे हर पीड़ित शोषित को अहसास होना शुरू किया कि वो भी इंसान है तथा उनको भी जीने का अधिकार है इसीलिए देश से अंग्रेजो को देश से भगाया गया क्योंकि वो जातिवाद के खिलाफ काम किया करते थे जिससे जातिवादी लोगो के पेट में बहुत दर्द रहा करता था तथा उनके द्वारा गरीबो के ऊपर किए जाने वाले शोषण मे कमी आ रही थी जिसका परिणाम हुआ कि अंग्रेजो के कारण ही भारत को नया संविधान मिला जिसमें जातिवाद जैसी कुप्रथा को नष्ट करने का काम किया गया है लेकिन जातिवादी लोगो के पेट में हर वक्त इसी कारण दर्द रहता है कि उनके द्वारा दूसरो के ऊपर किए जाने वाले शोषण और पीड़ित करने का अधिकार छीन लिया गया तथा ऐसे कुछ प्रतिशत् जातिवादी मानसिकता के लोग आज भी प्रयासरत है कि वर्तमान संविधान खतम करके दोबारा गरीबो का शोषण करने वाला विधान लागू किया जाए तभी उनकी आत्मा को शांति मिलेगी लेकिन अब यदि ऐसा हुआ ये पूरा देश शमशानो और कब्रो का देश बन कर रह जायेगा जिससे मानव सभ्यता का अंत भी हो सकता है.
@PD1304702 жыл бұрын
अंग्रेजों को देश से इसलिए भगाया गया था कि वे देश का पूरा सोना चांदी कपास अनाज ब्रिटेन में ले जाते थे। बंगाल में अकाल अंग्रेजों के कारण ही पड़ा था। अंग्रेज पूरा चावल गेंहू ब्रिटेन ले गए थे जिससे करोड़ों लोग मरे थे। तुम अंग्रेजों की वकालत कर रहे हो।
@meenu999 Жыл бұрын
Aaj ke kaal mein dalit jaatiyan aapas mein hi chua chhut karte hain aur unka takraav sabse zyada shudron ke saath hi hota hai na ki savarn brahmano ke saath.
@dansinghpanara6343 Жыл бұрын
Bilkul sahi kaha aapne sir hame aisa samaj rachna hai jis me koi unch Nich na hi koi Garib na ho koi tavangar na ho sabhi ek saman ho Kiya aisa ban sakta hai
@nikeshshriwas7482 Жыл бұрын
Matlab angrejo ko aaj bhi india me rhna tha aap ke vicharo se to abhi sabhi log niyam se rahte
@nitinbhai9516 Жыл бұрын
@@nikeshshriwas7482 Desh ko gulam banane wale ki tarif karne wale log deshbhakt kaise ho sakte hai? Rani Lakshmi bai ne angrejo ko isliye thode bhagaya tha ki jaat paat shuru ho, bhagat singh Or kai jawan jaat paat shuru hone ke liye faasi par chadhe the🤔? Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo KZbin par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
@ShishpalSinghal2 ай бұрын
मनुष्य जाति धर्म में न उलझ कर सबको एक इंसान समझे तो पृथ्वी स्वर्ग बन जायेगी
@manojghritalahre7702 ай бұрын
ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य ,,,,और मुस्लिम कभी नहीं चाहते कि मानव समाज एक हो ।। बांट कर रखना ही उनका उद्देश्य है
@ramsharan3008 ай бұрын
शूद्रों को पढ़ने का कोई अधिकार नहीं था अब भी मनुवादी लोग दुहले को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देते पहले तो आप खुद ही सोच कर देख लें कया हालत होंगे
@pratapbhaibodar9604 Жыл бұрын
SC, ST, OBC भारत देश के मूलनिवासी है बाकी सभी विदेशी है जय मूलनिवासी
@666mhboys6 ай бұрын
sc st obc कभी भी आपस मै नही लडते क्यूकि यही असली यही के लॉग है ओर जो विदेशी स्वर्ण है उन्हे पता है की ये उनकी धरती नही नही है इसलिये यहा के मूलनिवासी को परेशान करते है.
@shubhverma2195 ай бұрын
Sc st obc bhi videshi hai , africa ka manushya 60,000 bce pehle bharat mein aakar basa tha😅
@666mhboys5 ай бұрын
@@shubhverma219लगता है आप कभी स्कूल नहीं गये गये होते तो भूगोल पढ़ा होता इंडिया का कांटीनेंट अफ्रीका से जुड़ा था लाखो वर्ष पहले जिसमे ऑस्ट्रालिया भारत दक्षिण अमेरिका अफ्रिका एक ही खंड हुवा करता है जिसे गोंडवाना लैंड कहते है ओर उत्तर के भाग को लाऊरेसिया जिसे उत्तर अमेरिका ओर यूरोप जुड़ा था जिस खंड मै जिनका जन्म हुवा वहा के मूल वासी यही sc st obc है जो अफ्रीका से अलग हो के भारत का कांटीनेंट एशिया से टकराया जहा हिमायल जैसे पर्वत का जन्म हुवा बाद मै कै हजारों वर्ष के बाद देश बना गूगल कर ले इस देश का मालिक sc st obc है बाकी सब विदेशी है।
@shubhverma2195 ай бұрын
@@666mhboys😂😂😂,कहा लिखा है और तुम पढ़े हो कि इंसान का विकास भारत में हुआ? अफ्रीका में नहीं, दुनिया के सभी इंसानों की मां आज से 1.5 लाख साल पहले अफ्रीका में रहती थी ,😂😂तुम पर तरस आता है
@BanshilalmeenaHarmor3 ай бұрын
हां आपने सही बात कही है मूलनिवासी तो आदिवासी लोग ही है बाकी सब विदेशी जातियां हैं बहार सेआए विदेशी जातियां ने हमको पिछे धकेल दिया है लेकिन अब विदेशी जातियों को से सावधान रहें 626
@raj_gamer44032 жыл бұрын
यह पर्दा डालने की कोशिश की नहीं तो सिर्फ तीन ही लोगों के बच्चे पढ़ाई लिखाई कर सकते थे वह तो शुक्र मनाओ कि अंग्रेज भारत में आए उन्होंने शिक्षा का अधिकार 1813 में शिक्षा का अधिकार दीया वह अधिकार यह तीनों वर्ण व्यवस्था वाले भी दे सकते थे मगर उन्होंने कभी नहीं अब आप लोग इस पर पर्दा जरूर डाल रहे हैं गोदी मीडिया
@papag91262 жыл бұрын
अबे चूतिया है क्या बे कुछ भी बकवास करने लगते हो कब और किसने रोका पड़ने से जरा बताना तो
@panditsatishattri3062 жыл бұрын
बहुत खुश हुए होंगे तेरे पुरखे,जब अंग्रेज आए थे| इसलिए ही तुम नीच हो और हमेशा नीच ही रहोगे |
@krmusic35232 жыл бұрын
अंग्रेजों के आने से पहले नालंदा विश्वविद्यालय था जो बौद्धों का था उन्होंने कोई प्रयास क्यों नहीं किया।
@yogendramohan280910 ай бұрын
😮😮
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤
@kedarnath440510 ай бұрын
इतिहास के साथ - साथ समय के अनुकूल और प्रतिकूल राज्यों के रजवाड़ों के ब्राह्मणों के कर्मकांडों tatha संबंधो के भी चर्चा साथ - साथ होना अनिवार्य है ।जय भीम ।samvidhan जिंदाबाद ।
@manumahli603310 ай бұрын
जगत के विश्वगुरु भगवान बुद्ध के अनुसार जाति=जन्म से है | लेकिन आज इसका अर्थ ही बदल दिया गया है | मान लें कोई एक बच्चा गौ~ माता के घर में जन्म लिया हो, 10:38 वह गौवंश जाति का माना जाएगा | वैसे ही जो कोई एक बच्चा यदि मानव जीव के घर जन्म लिया हो,वह "मानव जाति" का कहलाएगा | अतः जाति भिन्नता तो जीव~जंतुओं, पेड़~ पौधों में पाए जाते हैं |मनुष्यो में सिर्फ दो ही जातियां हैं~ एक पुरुष और दूसरी स्त्री | इसके अलावे कोई तीसरी जाति नहीं हैं | जय भीम नमो बुद्धाय |❤
@ArvindKol-u2vАй бұрын
आज के समय में मजदूर गरीब परिवारों को इतने नीचे गिरा दिया गया है कि इंसान ही नहीं है क्योंकि आज उनका जीवन जीने के लिए कोई सहाराही नहीं है नाउन की प्रशासन मदद कर रहे हैं कुछअमीर लोग उन्हें ढंग से जीवन यापन करने ही नहीं देते
@yashkumar85912 жыл бұрын
9वीं सदी से प्रारंभ हुआ जाति व्यवस्था जो ब्राह्मणों ने जबरन मूलनिवासियों का शोषण किया व जाति धोपी
@RajeshKumar-tm5sh2 жыл бұрын
Jb sadi suru v nhi hue thi to usase pahle Smrat Ashok ek baniya the kyo jhuth bolte ho ki 9vi sadi me brahmno ne thopa tha jiska jo mn kiya wahi krne lga yhi saty hai. Jay Hind 🙏🙏🙏
@yashkumar85912 жыл бұрын
@@RajeshKumar-tm5sh श्रीमान जी, फाहियान, हेनसोंग, इतिसिंग, अल-बरुनी आदि की पुस्तकें पढ़िए और अपना सही ज्ञान बढ़ाएं
@RajeshKumar-tm5sh2 жыл бұрын
Hmara sanatan dharm etna kmjor nhi ki hm videsiyo ko apna adrsh mane aphi apna gyan badaye. Jo khud ko bhul gya ho o apne ghar walo ko videsi hi btayega.
@nileshyadav782 жыл бұрын
@@RajeshKumar-tm5sh वो सही बता रहे हैं पढ़ोगे तब पता लगेगा 9 वी सदी में शंकराचार्य के आने के बाद ही ब्राह्मणवाद मजबूत होना शुरू हुआ मैगस्तिनी कि इंडिका पढ़ो सब पता लग जायेगा वेद पुराण उपनिषद गीता रामायण महाभारत सारे भगवान थे क्या अस्तित्व में उस समय
@PD1304702 жыл бұрын
@@nileshyadav78 मेगस्तिनी ने तो लिखा है कि सभी भारतीय सोने चांदी के बर्तनों में भोजन करते थे।
@amritnaam-channel1057Ай бұрын
वर्ण व्यवस्था में ब्राह्मण पैरों से पैदा क्यों नहीं होता और वो अछूत क्यों नहीं होता।।
@vbmaurya12962 жыл бұрын
जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान जय विज्ञान
@ManojKumar-sy2no2 жыл бұрын
Pahle padho yah log buraiyan chhupate Hain FIR bad mein bolna Jai bhim Baba sahab ke Naam Lene Wale sab unke vichar per nahin hote Naam lekar Dhokha Dene Wale hote Hain
@kunjsahukunj7504 Жыл бұрын
😅😅😅😅
@pushpendersharma-xd3ld8 ай бұрын
Jai shree Ram
@pushpendersharma-xd3ld8 ай бұрын
Jai IND
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤
@nobatlal47392 жыл бұрын
अंग्रेज नहीं ब्रह्माण्ड प्रमुख जिम्मेदार देश के शुभ चिन्तक नहीं!
@arpitmishra7983 Жыл бұрын
Haan mai yahan se tumko lutne aaya tha.bina vehicle ke bina phone ke😂🤣
@SaurabhAgrawal-c1h2 ай бұрын
अभी बात जाति की हो रही है अभी यह देखो बोल रहा है ब्राह्मणों को बाहर कर दें चाणक्य भी ब्राह्मण थे , तुम्हारी हिम्मत थी तो ,उसको बहार कर देते ,उसने भी एक बहुत छोटी जाति के लड़के को राजा बनाया तो आरक्षण वाले उसका लाभ लेते हैं और जो उनका भला करता है उसका गली बकते हैं कोस्ते है l
@cschansoliya34332 ай бұрын
अभी तक पता नही कि सूद्रो को आरक्षण किस आधार पर मिल रहा है इनके तो राजा भी हुए थे
@bdgautam95103 ай бұрын
मनु ने मनुस्मृति के द्वारा शुद्र अछूत बनाया और गुलाम बनाया अब भी यही प्रयास चल लहा है भाजपा आरएसएस द्वारा सावधान रहने की जरुरत है।
@kartikdwivedi71302 ай бұрын
आपका कहना बिलकुल गलत है
@bivekchaudhary60402 ай бұрын
Bjp rss bjp rss evm hatao desh bachao jaybhim namo bhudhay jay samvidhan
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@kansinghchouhankansinghcho74242 жыл бұрын
अब समय नहीं है कि हम क्या है क्या नहीं है वर्तमान समय में क्या करना है
@deonath39342 жыл бұрын
जिसको पढ़ने का अधिकार था।वही लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं। अब गुमराह नहीं किया जा सकता है क्योंकि सब पढ़ने लिखने समझने लगे हैं । अगर हर जाति की उत्पत्ति और उनके अपमानित करने वाली श्लोकों /बातें मनुस्मृति, उपनिषद, पुराण, बाल्मिकी रामायण और गीता में उल्लेख है। इसमें हर जाति समझ सकता किसकी क्या औकात है। ये जातिवाद को बढ़ावा देते हैं। यह सब किस जाति के लोगों ने लिखा है सर्व बिदित है। अंग्रेजों ने नहीं लिखा है।
@roopchand-v8s10 ай бұрын
Super good
@yogendramohan280910 ай бұрын
❤🎉अति सुन्दर कितने गुमराह है लोग कि मुंह से ,हाथों से ,पेट जंघाओं से ,पैरों से ,मानव जन्म ले रहा था /है ,उनको इस पर समझने की जरूरत है कि ,यदि सरदार पटेल जी को लौह पुरुष कहते हैं तो वे सचमुच लोहे से नहीबने थे ,किवे तो रोबोट नहीं थे ,हाड़ माश से ही बने थे ,रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे और अंग्रेजों से लोहा लेती रही😂क्या उन्होंने अगरेजो को इमलीऔर कच्चे आम की चटनीजबरन खिलातीथी और क्या अंग्रेज लोहा बेचते थे ,, पिताजी ने मरते समय बेटे को कहा कि बेटा हमारे खेतों में ही सोना पड़ा है परिश्रम करो और सम्पन्न होते रहो ,तो बेटा खेतों में मजदूर लगा कर सोने के गले ढूंढने लगा ,जबकि वह ग़लत समझ बैठा ,उसे उसमें खेती करनी थी ,होने के डले नहीं ,तो कैसे समझें और कैसे समझाया गया ,और मिलकर क्या और कितने प्रयास किए गये , हिन्दू के चारों वर्णों को आपस में सहृदयता से बिचार गोष्ठी करनी चाहिए और लोगों के षड्यंत्रों को समझ कर एकता करनी चाहिए , जो दलित लोग बौद्ध बन रहे हैं उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि मुसलमानों की नजर में सभी गैर मुस्लिम काफिर ही होता है ,, म्यांमार उदाहरण है जब बौद्धों को हथियार उठाने को बिवश किया जो संघर्ष अभी जारी है ,,घर छोड़ने के बजाय सपरिवार सबको बात करके समस्या का समाधान करना चाहिए । उपमाओं को समझना चाहिए , लगता है मनु स्मृति को बाबा साहब भी नहीं समझ पाए ,और तैश में आ गये ,उसमें और भी कयी बातें लिखी थी जो समाज के लिए उपयुक्त है तो बाबा साहब जैसे बिदवान ने पूरी किताब जला दी ,उन्हें केवल वे ही पन्ने फाड़ने थे जो बिवादित थे ।अंग्रेजों ,बामी कम्युनिस्टों और कुछ लालची बिदवान उसमें ब्राह्मण भी शामिल होता है के मिले जुले षड्यंत्रों से हिन्दू समाज को तोड़ने के और स्थाई रूप से भारत को गुलाम रखने के लिए किताबों में मिलावट करना और उन्हें प्रचारित करना जारी रहा ,सभी हिन्दू आपस में समीक्षा करने की अपेक्षा दूर जाने लगे जिसकी जिम्मेदारी क्रमश सबको लेनी चाहिए थी ,और अब भी है ,क्यों कि हिन्दू से बौद्ध आदि बनने से वे वहां पर मौलवीमुललापौप फादर या मठाधीश बना दिए गये हैं या पर्याप्त बराबरी से शादी आदि हुई हो सन्देह ही होता है ,अपना घर छोड़ना तोड़ना स्थाई समाधान नहीं होता।
@deonath393410 ай бұрын
@@yogendramohan2809 अपना घर पहले ठीक करना चाहिए। अभी भी भेदभाव, छुआछूत ,ऊँच नीच मौजूद है। लीपापोती करके गुमराह नहीं करना चाहिए। हजार साल से पढ़ने,पढ़ाने और वेद सुनने का अधिकार छीन लिया था। संविधान ने हक दिलाया तब सब एवं स्त्री को पढ़ने का अधिकार मिला। अभी भी गांव में कोई भी अन्त्ज्य चाय या होटल खोल नहीं सकता है। मार कर बन्द करवा दिया जाता है। गरीब अपनी आजीविका छुआछूत की वजह से चला नहीं सकता है।अभी भी मन्दिरों में प्रवेश वर्जित है। मुहावरा और उपमा को समझाकर गुमराह करने की आदत नहीं जा रही है। अभी भी अत्याचार कितना हो रहा है,खबरों से बेख़बर हैं? बाबासाहब सूरज हैं कोई दीपक नहीं हैं। कुछ खुद्दार जातियाँ हैं जो मिट गयी परन्तु धर्म परिवर्तन नहीं किये। बहुत सी जातियाँ चाटुकार बने और धर्म परिवर्तन भी कर लिए थे।अल्लाह उपनिषद भी चाटुकारिता में लिख डाले और बाकी को खुब सताया भी। मिलावट वहीं किये जिसको पढ़ने का अधिकार था। गुमराह न होने वाले कभी भी गुमराह न हुए थे न होगें। डर उनसे है जो चाटुकार बने थे। देश भक्त देशभक्त ही रहेगा। डर केवल गुमराह करने और चाटुकारिता करने वाले से है।
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@pratapbhaibodar9604 Жыл бұрын
ये लोग भारतीय नहीं है भारतीय होते तो भारतीयों से ऐसा वयवहार नहीं करते,
@ramawadhsingh73032 жыл бұрын
इस वीडियो में ब्राह्मणवाद का बचाव किया जा रहा है।
@mukulkulshreshtha12842 жыл бұрын
I think she's not a brahmn
@sonofgod7932 жыл бұрын
Toh kay bhimwadi atankwad ka support kare jo pfi ke sath mile chuke ha
@asishpurohit68102 жыл бұрын
ᴀᴄʜʜɪ ʙᴀᴀᴛ ʜᴀɪ
@PD1304702 жыл бұрын
@@sonofgod793 PFI par ben lag chuka he. PFI तो गयौ।
@sonofgod7932 жыл бұрын
@@PD130470 😂 ek baap nikal liya bhimwadi logo ka bhot bura hua 😭😂
@digital_marketing20223 ай бұрын
पूरा विश्व कर्म के आधार पर ही आपको पहचान देता हैं वैदिक काल से लेकर कलयुग तक।
@niralkongari48172 ай бұрын
कर्म और काम फर्क है। कर्म जिसे पाप हो। उसे बुरा समझना चाहिए। काम, काम है । नालियों की सफाई का काम है वह बड़ा काम है। जो जरुरी है।उस को करने वालों को दलित बना दिया गया। यही हिन्दू धर्म की गलती है।
@krishansingh6552 жыл бұрын
भारत के बाद भाग्य विधाता जो लिखा है वह आध्यात्मिक बाद से अछूता नहीं है इसीलिए यही ब्राह्मणवाद का प्रतीक है
@RamKumar-ml4bq Жыл бұрын
क्या अग्रेजो के समय वेद नहीं थे यह बात गलत है कि अंग्रेजों ने मनुस्मृति को ही हिदुओं का ग्रंथ माना था उन्होंने सबसे पहले एक हृह्मण को फांसी दी थी,!
@dhanrajrecordsbhojpuri2 жыл бұрын
नमो बौद्ध जय भीम जयभारत संविधान हम आपके साथ है
@shubhverma2195 ай бұрын
जनसांख्यिकी परिवर्तन से देश बदल रहा है और यहाँ आज भी जाति जाति का खेल हो रहा है, अच्छा है
@jasrambauddh49502 жыл бұрын
में इस मनोस्मरेटी को नहीं मानती जो मुझे जीने की आजादी नहीं देती है मै तो बाबा साहेब को मानती हूं जो मुझे जाने की आजादी दे गए
@user-lp2ib1is8f2 жыл бұрын
Sahi baat hai
@IndianPrakash_Insan Жыл бұрын
😂😏 अबे भाई अंबेटकर के चमचे जा हटा कुछ उसने उखाड़ लिया कुछ तुम जैसे भी उखाड़ लेंगे मैं किसान हूं और मैं हिंदू हु गर्व से कहता हु मालूम है क्यों क्योंकि पढ़ाई तो मैंने भी की है b,a,c की है पर रही तो बता मैरी मैं किसान हुं पर मैं अपने धर्म को जनता हु और उसी राह पर चलता हु नहीं तो तुम जैसे चूतिए खाना कैसे खाते 😂🚩
@suryakantnatkar93802 жыл бұрын
मानव ने जाती बनाई .नष्ट करना अपने ही हात मे और मन से निकालने शुरुवात करो.।
@adivasiknowledgeofficial32172 ай бұрын
आदिवासी हिंदू नहीं है हम प्राकृतिक पूजक है। मंदिर से हमें कोई लेना-देना नहीं है।
@PawanBhardwaj-fx9dwАй бұрын
Hamare Chhattisgarh me aao dikhate hai ki aadivasi se bada Hindu to pure bharat me nahi hai.
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@bhushan19552 жыл бұрын
1- मुह से ब्राह्मण पैदा होना अर्थात ज्ञान प्राप्त कर समाज को ज्ञान देने वाला 2- हाथों से जन्म लेना अर्थात हाथों से तलवार तीर चलाने में महारथ 3- पेट से जन्म लेना अर्थात उदर पूर्ति के संसाधन जुटाने मे महारथ 4- पैर से पैदा होना अर्थात ज्ञान प्राति का केन्द्र बनाना, तीर तलवार बनाना, कृषि यंत्रों को बनाना आदि कार्य करने में महारथ इनके आधार पर कर्म आधारित व्यवस्था थी
@SanjaySharma-jh4lt2 жыл бұрын
Haat pair aaur mukh kaam karna band kar Diya toh muh mein reh jayega
@ashokvijay1144 Жыл бұрын
Every time new explanation of varna vyavastha . It is still non sensical to have any group to not have 360 development . Just because I am a doctor and serve people does not mean I should not be able to gain knowledge
@weareindianfirstlast714111 ай бұрын
जातीव्यवस्था जन्म से लादने वाले कौन
@Eesanshiva5 күн бұрын
5. Sanghis - Born from shits
@LalsinghButrecha10 ай бұрын
खानपान बदलने से ही अच्छे इंसान का जन्म होता है, चांडालों भी बदलकर ब्रह्मण बन (समाज के प्रतिष्ठित पदों पर आरूढ़) सकेगा।.... ।।वंदे मातरम् भारत माता की जय।।
@ShannkarGavade11 ай бұрын
धन्यवाद ऐसे चॅनल देश के जनतेकेलिए फायदा हो सकता है❤
@ishwardeensharma42372 жыл бұрын
काश मनुष्य जाति धर्म में न उलझ कर सिर्फ मनुष्य बन जाता.….
@himanshugurjar90022 жыл бұрын
Nahi banega jabtak koi alien na aa jaye Kyuki insan individual hota hai. Jab bhi group banega wo kisi ke khilaf hi banega. Or sab manushya ban jaye bas to desh ka kya kaam? Desh hata ke one world government bnao fir
@aakashmishra20092 жыл бұрын
Bilkul hai hamara bharat me bahut jyada bhaichara hai bhai meri nazar se dekho mujhe to kahin ladai nahi dikhti
@All_Song_Remake2 жыл бұрын
Bhai ji..ye tumhare hi purvaj ki den hai.....Manu...ne yesi bimari daali ki aaj tak nahi jaa saki....
@antimsharma19252 жыл бұрын
मनुष्य बनने की अवधारणा ही वेद धर्म से आती है अगर धर्म न होता तो समाज यहा तक की यात्रा कर ही नही सकता था अगर धर्म न होता तो मनुष्य जाती जङ्गल में जिस तरहा एक शक्ति शाली जीव कमजोर को मारकर खा जाता है अगर वह उसे खाता भी न हो तो भी मार डालता है रही बात मनुष्यो के कई जातियो वर्गो मत पन्थो संप्रदायो में बटने की और आपस में वर्ग संघर्ष और भेद भाव की तो इसके पीछे कई कारण है
@All_Song_Remake2 жыл бұрын
@@antimsharma1925 ओ। ज्ञानी शास्त्री, सिंधु घाटी सभ्यता के दौरान हम सब मूलनिवासी खुशहाली से रह रहे थे, किसी भी धर्म, किसी भी शास्त्र,वेद, इत्यादि की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन मादरचोद विदेशी मनु ने, हम मूलनिवासीयों पर अनेकों ज़ुल्म ढाये, और हमें गुलाम बना लिया... भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर जी तो कोई भी धर्म नहीं मानते थे, फिर भी आज तक कोई नहीं कर पाया वो काम किया!.. साले। धर्म और वेद, शास्त्र को भी तो किसी ने लिखा होगा...? जिस तरह बीज अंकुरित होकर एक विशाल बृक्ष के रूप में तब्दील हो जाता है उसी हम भी विकसित हो ही रहे थे, सिंधुघाटी सभ्यता के दौरान... हमें धर्म की कोई आवश्यकता नहीं.... तुम्हारे धर्म में स्त्रीयों को जिंदा जलाया जाता था, पढ़ने का अधिकार नहीं था, ना जाने कितने दुष्कर्म थे।।। क्या यही धर्म है ऐसा है पाखंडवाद मत फैलाओ हमारे देश में।।।। विदेशीयों
@learnandstudy..01222 жыл бұрын
मनुसम्रति हिंदू धर्म का विभाजक है
@rameshprasadsingh45422 ай бұрын
शिक्षा हीं ऐसा अस्त्र है जिससे जंग जिता जा सकता है।
@rajeshsinha74217 күн бұрын
फ़िर तेज़, तेजस्वी कैसे जिन्दगी के जंग जीतते हैं अनपढ़ होके 😅😂😅😂😅 पप्पू
@kashavrastogi50312 жыл бұрын
ये बात ही गलत है जब लोग रिसर्च की जगह सत्ता का लोभ में हो जाते हैं तब एक ससकत संविधान का बिनाश हो जाता है धर्म के ठेकेदारों को ना ये पता है कि जाति आयी कहा से दूसरा ना धर्म का पता है सनातन धर्म जैसी मजबूत व्यवस्था खंडित करदी आज्ञान के कारण,🌷🌷🌷🌷
@devendsinghdevend3245 Жыл бұрын
ऐसा कब तक होगा क्या इसका समाधान नहीं है
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@hansrajrathee06.2 ай бұрын
जातीय एकता का काम तो इस्तेमाल है कि किसी पर जुल्म ना ही ना कि अपने जाति के अपराधियों को बचाने में सहायक हो
@digital_marketing20223 ай бұрын
वे व्यक्ति की मानसिकता होती थी और हैं। कि वह और उसका समाज सब से श्रेष्ठ बने इसके लिए कभी कभी सही गलत मै अन्तर नहीं कर पाता है और गलत का साथ देता हैं ये साधारण बात है जबकि सत्य यह है कि कर्म ही प्रधान होता हैं। जय हिन्द
@champalalkatara20059 ай бұрын
मानव समाज 100 % सत्य। आर्थिक विषमता दूर करे समाज (सामाजिक विवाद समाप्त हो जाएगा)
@jagdishraikwar34152 жыл бұрын
मुगलों और अंग्रेजों की दी गई ये व्यवस्था का छिन्नादिभेद जल्द होगा भारत अनादि था और रहेगा,सर्वजन को ईश्वरीय ज्ञातव्ता का अधिकार प्राकृतिक है जो सदैव रहेगा🌷
@prashant-bm4fp Жыл бұрын
1000 saal pahele to mugal nehi thaa fir adi sankar k jibani me achhut kahan se aayaa
@gangsram Жыл бұрын
Jantajnardn
@anshumanvandemataram7702 Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/rZzalZZ7jsegl9U
@bagbandasgautam7343 ай бұрын
Bakwas manuwad ki den usi ki sajish hai
@BechuBhaiPatel2 ай бұрын
बहन जी आप ने हमको बहुत अच्छी जानकारी दी है जिसका वर्णन करना सम्माननीय है नमो बुध्दाय जय भारत
@ramsametsaket98652 жыл бұрын
महोदय जी---आप ने जिस तथ्य पूर्ण बातो से अपने सुझाव/विचार वीडियो मे समझाया, आज के समय मे कुछ कहा नही जा सकता, मूलतः तीन वर्ण (ब्राहमण, क्षत्रिय ,और वैश्य)उक्त तीनों वर्ण वर्तमान मे जातियो के नाम से जाने जाते है।इनके कागज प्रमाण है, धार्मिक ग्रंथ है ।पुराण तथा महापुराण है।जिनमे तीनों वर्णो का उल्लेख किया गया है तो अब आगे चौथा वर्ण शूद्र का कोई सत्यापित प्रमाण नही है।मैंने भारतीय समाज के किसी भी जाति के अंकसूची ,जमीन राजस्व रिकार्ड, भूमिसवामी कागज मे नाम के सरनेम मे शूद्र शब्द लिखा नही पढा ।(जैसे राजू शूद्र ) जब किसी के नाम मे सरनेम शूद्र लिखा नही मिल रहा है तो चौथा वर्ण शूद्र भारत देश के किस कोने मे है। और जब प्रमाण नही मिल रहा है तो मै मानता हू कि जाति सूचक शब्द का प्रयोग उन लोगों के दवारा किया गया जो ईरशालु है निकम्मे हैं, कयोकि मनुष्य जाति मे उपरोक्त गुण जन्मजात पाये जाते है,चाहे वह किसी भी जाति का क्यो न हो ।हमारे देश भारत का दुर्भाग्य है कि हभ भारतीय आज भी जातिय जीजिविषा के शिकार है।लोग इतना नफरत करते है।कि काश इन भगवानो की भारत भूमि में चौथे वर्ण का जन्म ही नही होता । मै जब सब प्रकार से शक्तिशाली संपन्न भारत की बात सुनता हूँ ।और विपन्नता चारो तरफ़ दिखाई देती हैं ।तो लगता है भारत भूमि की शिक्षा मे जो कुछ भी पढ़ाया जाता है ।इतिहास के सभी प्रमाण झूठे हैं ।परन्तु फिर भी हम अपने अतीत के गौरवशाली इतिहास को जानकार गर्व करते है ।(सिवाय छुआ-छूत जाति के नाम पर) 🙏🙏🙏🙏🙏
@meenu999 Жыл бұрын
Shudra bhi kayi jaatiyon mein hain aur apne jaati ke naam lagate hain, shudra nahi! Jaise Ram Chauhan, not Ram Kshatriya, Krishna Aggrawal, not Krishna Vaishya!! Shiv Nadar, not Shiv Dalit. Iska matlab koi apne varna ka surname nahi lagate! Bhartiya sabhyata mein kuchh yogdaan toh savarno ka bhi hai😏. Aarakshan jo jaatiyon ke naam par lete hain kintu jaativaad chhodne ki baat karte hain😆
@nitinbhai9516 Жыл бұрын
@@meenu999 Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo KZbin par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
@nitinbhai9516 Жыл бұрын
Ye vo log hai jo sirf hindu ko target karte hai, or kisi ko nhi ek baar "burakumin" Search karo KZbin par buddhism me to jaise unch neech nhi hoti, burakumin buddhism ke untouchable hai😒 ye baat bheemte nhi batate nhi to kon apnayega buddhism😒 Sanatan Samiksha channal dekho buddhism ek no. Ka pakhandi religion hai😒
@vansgopal8661 Жыл бұрын
9
@vinodmuneshwar78502 жыл бұрын
जाती और वर्ण भारतीय समाज को तोडणे का सबसे बडा हत्यार है. जिसने येह बनाये वाह उनके फायदे के लिये बनाये. येह स्वार्थी व्यवस्था है. और ब्राह्मण के फायदे के लिये बनाइ
@krmusic35232 жыл бұрын
जाति व्यवस्था कोई नहीं मिटा सकता वो किसी न किसी रूप में अवश्य रहेंगी।
@PD1304702 жыл бұрын
@@krmusic3523 आर्य समाज में कोई भी नाम में आर्य लगाते हैं।
@Sampitarhimmatwala11 ай бұрын
195 देश मे कोन गया जातीया बनाने के लिए ॲमेझोन के जंगलो मे न जाने कितने अलग अलग आदीवासी कबिले है सात हजार भाषा के उपर बोली जाती है दुनिया मे अलग पहचान अलग वर्न चपटे काले सब ब्राम्हन ने हि बनाया क्या
@Sampitarhimmatwala11 ай бұрын
हम हींन्दु सनातनी है जय श्रीराम
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@RajeshKumar-f4i4p9 ай бұрын
बड़े ही खूबसूरती से ब्राह्मणो का बचाव किया गया है ! इसलिए कि ये स्वयं ब्राह्मण है !जातिवाद सिर्फ और सिर्फ ब्राह्मणो की देन है
@WilsonNBodat9 ай бұрын
ब्रह्मांड की रचना हुई इनके बाद ही सभी प्रजातियों का अस्तित्व हुआ तो उसी समय जाति बाती नही होगा ये तो आम इन्सान को बनाया हुआ व्यवस्था है। अब तो इंसानियत, करुणा,दया, अनुकंपा, और सबका साथ सबका विकास होना चाहिए।
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
ऐसा कहीं कुछ नहीं है सारा मनुष्य 1212 ब्राह्मणों का पाखंड फैलाया हुआ है पूजने के चक्कर में
@krmusic35232 жыл бұрын
खत्म सब करना चाहते हैं पर छोड़ना कोई नहीं चाहता
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
@@krmusic3523 अरे मूर्ख कोई धर्म क्यों छोड़ेगा सनातन धर्म देवी देवताओं को मानेगा नहीं ब्राह्मण पाखंडी है इसका मतलब कोई भगवान को सनातन धर्म को छोड़ देगा और तुम्हारे अंबेडकर को मानने लगेगा एक साधारण मनुष्य को
@krmusic35232 жыл бұрын
@@Brokergamingofficial मैंने किसी ब्राह्मण को इतना परेशान नहीं देखा जितने तुम हो तुम्हारी फितरत ही है ब्राह्मणों की गुलामी करना।
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@DharamandaraDharad10 ай бұрын
भीमराव जो पढ़े लिखें थे तभी तो सविधान लिखा किसी पंडित ne❤उसे रोका नहीं योगत्या थी इसलिए वो आज आदरणीय. 🙏है आगे भी रहेंगे इस मे जाती की बात नही
@dharma47310 ай бұрын
😅kaub bol rha h ki roka nhi . Bus tum rok nhi paye . Warna wo school me kaise padhe h sb jante h
@rajendrachoudhary13032 жыл бұрын
कोई बड़ा नही हो सकता कियू कि पूरे वर्ल्ड मे ब्लड 8 गुरब मै है और अभी के सारे जाति मे सारे गुरब ब्लड है, विज्ञान से सोचिये
@arpitmishra7983 Жыл бұрын
Right brother 🥰
@anshumanvandemataram7702 Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/rZzalZZ7jsegl9U
@ArunKumar-tk3xb10 ай бұрын
ऋग्वेद में पुरुष सूक्त में ब्रहं के बिभिन्न अंगों से विभिन्न जातियों के पैदा होने का श्लोक प्रक्षिप्त है क्योंकि हमारा वेद निराकर ब्रहं की बात कर्ता है।
@bagbandasgautam7343 ай бұрын
Manuwadi dhoorto ki den
@manubhairohit97912 ай бұрын
Be tere ved se amerika me jati kyu peda nahi hui? World's me koi bhi desh batae.
@kksule73565 ай бұрын
१)एक परिवा में एक ही आरक्षण हो। २)जिन के मॉं बाप आज भी पूर्वजों का व्यवसाय कर रहें हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाये। ३)नौकरी में आने पर आरक्षण समाप्त हो। ४) आरक्षण हमेशा के लिए लागू रहे। ५)सभी उल्लंघन के वाद human rights में सुलझाये जाय।
@kksule73565 ай бұрын
परिवार
@Shriramkrishnhari Жыл бұрын
सामाजिक बदलाव धीरे धीरे होते हैं,सभी को सच्चे दिल से प्रयास करना चाहिए किसी को खामख्वाह दोषी मानना ठीक नहीं, वास्तविक मीमांसा होनी चाहिए...
@lalsingh1658 Жыл бұрын
आपने सत्य कहा
@Shriramkrishnhari Жыл бұрын
@@lalsingh1658 देखिए साहब! एक प्रचलित लोकोक्ति कुछ प्राचीन है जाति पांति पूछै नहिं कोय । हरि को भजै सो हरि का होय। जो सही और प्रामाणिक है अटल रहेगा। राजनैतिक लालच वश है ये सब वही आज वही कल रहेगा।।
@jaiprakashyadav999 Жыл бұрын
क्योंकि कबीर ब्राह्मण नहीं थे ना इसलिए सब जायज है। गाली तो कवेल तुलसी दास जी को ही देंगे चाहे उनकी सही रचना को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा हो.... कबीर ने नारी के विषय में लिखा: ‘नारी की झांई पड़त, अंधा होत भुजंग । कबिरा तिन की कौन गति, जो नित नारी को संग’।। (नारी की छाया पड़ते ही सांप तक अंधा हो जाता है,तो जो हमेशा नारी के साथ रहता है उसकी कितनी दुर्गति होगी ) 'कबीर नारी की प्रीति से, केटे गये गरंत। केते और जाहिंगे, नरक हसंत हसंत।। (नारी से प्रेम के कारण कितने लोग बरबाद होकर नरकगामी हो गए हैं और जाने कितने हंसते हंसते जायेंगे।) 'कबीर मन मिरतक भया, इंद्री अपने हाथ। तो भी कबहु ना किजिये, कनक कामिनि साथ।। (तो भी आप धन और नारी की चाहत न करें।) 'कलि मंह कनक कामिनि, ये दौ बार फांद। इनते जो ना बंधा बहि, तिनका हूं मैं बंद।। (कलियुग में जो धन और स्त्री ये दोनों माया मोह के बड़े फंदे हैं।) 'कामिनि काली नागिनि, तीनो लोक मंझार। हरि सनेही उबरै, विषयी खाये झार।। (स्त्री काली नागिन है जो लोगों को खोज-खोज कर काटती है।) 'कामिनि सुन्दर सर्पिनी, जो छेरै तिहि खाये। जो हरि चरनन राखिया, तिनके निकट ना जाये।। (नारी एक सुन्दर सर्पिणी है। उसे जो छेड़ता है उसे वह खा जाती है।) नारी कहुँ की नाहरी, नख सिख से येह खाये। जाल बुरा तो उबरै, भाग बुरा बहि जाये।। (इन्हें नारी कहा जाय या शेरनी। यह सिर से पूंछ तक खा जाती है।) छोटी मोटी कामिनि, सब ही बिष की बेल। बैरी मारे दाव से, येह मारै हंसि खेल।। (स्त्री छोटी हो या बड़ी सभी जहर की लताएं है। जो मार देती है।) नागिन के तो दोये फन, नारी के फन बीस। जाका डसा ना फिर जीये, मरि है बिसबा बीस।। (नारी बीस फन वाली नागिन है।) फिर भी प्रगतिशील, वामपंथी और स्त्रीचिन्तक लेखक कबीरदास के मुरीद हैं।
@prakashshirsath40782 жыл бұрын
आपने जातीवाद की वृध्दी, विकास,प्रकार ,दायरा ,बताया,उसके काम का तरीका बताया हैं , परंतूआप जातिवाद की जड तक पँहुचनेमें नाकामयाब रहे हैं ।
@shekharjoshi72922 жыл бұрын
इनके विचार मैक्समूलर के अध्ययन पर आश्रित हैं. वेदों का अध्ययन ब्राह्मणों के लिए भी एक कठिन कार्य है. हाँ मनुस्मृति आदि ग्रंथों को समझना आसान है. आजकल राजनीति करने वाले लोग ही मनुस्मृति आदि का जिक्र ज्यादा करते हैं. या इक्का दुक्का कर्मकांडी ब्राह्मण. भारत का संविधान भी घोर जातिवादी मानसिकता का है. यहाँ तक कि जातिवादी मानसिकता से प्रदूषित कानून भी बने हुए हैं. जातिवाद को बनाये रखना शासन की मजबूरी आज भी राजनैतिक कारणों से है.
@Ankitjat54412 жыл бұрын
जातिवाद धर्म का हिस्सा नहीं
@Ankitjat54412 жыл бұрын
@Crime Master GoGo ये जो चैनल दिखाया है ये सब बकवास बता रहा है क्योकि भगवान राम ने किसी सम्मुख का वध नहीं किया, सर तन सै जुदा 🤣🤣🤣 पता नहीं कहा सै लाते हो
@ShivamRaikwar-sq3nb11 ай бұрын
@@Ankitjat5441बाल्मिकी रामायण में कुल ६ कांट है सातवां कांट है ही नहीं जिसमें शंम्बूक वध सर तन से जुदा है
@Amratbhaivankar10 ай бұрын
योनि मोसे सब लोग पधारे
@ajitseth23562 жыл бұрын
जात पात की करो विदाई । हिन्दु हिन्दु भाई भाई ।
@SANJEEVKUMAR-bu3yk Жыл бұрын
Mazaak achchha kar lete ho
@aniruddhyagoswami1975 Жыл бұрын
Seth bol rha hai
@toshansahu6643 Жыл бұрын
Sty
@shubhverma2195 ай бұрын
@@SANJEEVKUMAR-bu3ykmajak tab ata chalega jab desh converted ho jayega 😂😂😂
@Aanayashorts14 ай бұрын
sc st hindu nhi h
@keshbhansingh7554Ай бұрын
पाखंड वाले ये बतायें मुस्लिम व अंग्रेज. यहूदी कैसे पैदा हुए.
@rameshwarjee73982 жыл бұрын
ब्रह्मण शब्द घृणित है। क्योंकि इसने जनता को अपना चरागाह बनाने में अनेक हथकंडे अपनाए।
@prashantm88612 жыл бұрын
Brahman tumhara baat hai usi se Mano Jaat ki utpati Hui hai tumhare Se jaahilon ke kahane se kuchh hone wala nahin hai Jo sahi hai vah sahi hai
@kamalbhattarai90922 жыл бұрын
ब्राह्मण शब्द कै से घृणित है? नियत कितना नफरत भरा मानसिकता है।
@All_Song_Remake2 жыл бұрын
@@prashantm8861 हमें जितना पाखंडी मनु ने जातियों में बांट दिया है, हमें पूर्ण विश्वास है कि एक दिन जरूर एक हो जायेंगे।।।।
@aanchalsingh32402 жыл бұрын
@@All_Song_Remake Kabhi real manusmriti ko padha bhi hai kya 😂Ya bas sunkar bolte rehte ho.
@All_Song_Remake2 жыл бұрын
@@aanchalsingh3240 ha... Pada hai.... Madam... Tumhe bhi padna chahiye... Ladies ke liye kya kya likha hai .. hansi ruk jayegi hamesha ke liye
@ajay-ul8ib Жыл бұрын
इसलिए बाबा साहब अंबेडकर ने ओबीसी एससी एसटी को आरक्षण देकर बराबर लाने का प्रयास किया आज पार्लिमेंट के अंदर भी इससे दारी है सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी है
@jayramgautam5430 Жыл бұрын
Raght है इंसान को इंसान जानो जाति पेड़ व जानवरो में होती हैं इंसानों में नहीं होती है जय भारत जय संविधान नमो बुद्धाय
@HaridevSharma-rc1jv6 ай бұрын
जाति पाति एक गहरी खाई मानव बने तो उभरें भाई।। सत्य कथा जो समझ ना पाये हंस नहीं वे काग कहाये।। लौमश ऋषि के वचन ना मानें काकभुशुण्डि भये जग जाने।। राम चरित्र मानस।। जय हों काकभुशुण्डि जी महाराज। धन्यवाद।।
@gopalsaha-no9er Жыл бұрын
ताज्जुब है जो दुसरे की कमाई खाने वाले उच्च जाति के हैं।
@ravilalsingh329610 ай бұрын
एक टिप्पणी- विश्व के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में 10मण्डल हैं जिसमें अनेक ऋषियों के10852मंत्र हैं। ऋग्वेद के विभिन्न मंत्र लगभग 1600वर्ष तक कहते जाते रहे। सर्वप्रथम विश्वामित्र फिर भरद्वाज, आगे कण्व और अत्रि, वशिष्ठ, वामदेव व शौनक ऐसे 7 ऋषि और उनके परिवार जनो के मंत्र सात मण्डलों में रखे गये, दूसरे से आठवें तक। पहला और नवमां मण्डल विभिन्न ऋषियों के मत्रों वाले। दसवाँ मण्डल जिसमें पुरुष सूक्त है यह मण्डल बाद में जोडा गया है। इसमें ही पहली बार शूद्र शब्द आया। ऋग्वेद में और कहीं भी शूद्र शब्द नहीं है।
@bagbandasgautam7343 ай бұрын
Manuwadi dhoorto ki sajish . hai
@adityafoujdar6600 Жыл бұрын
ये,,कैसा,,खेल,,है,,अप्रमाणित ,,बातों,,,से, झुठ,,,को,,प्रमाणित,,,किया जा रहा है,,, ये ही तो,,पाखंडवाद है ,
@ksr4702 Жыл бұрын
आपकी आर्थिक स्थिति ही बताती है कि आपकी जाती क्या है । अगर कोई गरीब हो तो उसे कोई नहीं पूछता चाहे वह उसकी ही जाती का क्यों न हो । इसलिए अमीर बनिए जाती अपने आप ही खत्म हो जाएगी ।
@rajkumarchauhan572011 ай бұрын
जय श्री राम क्षत्रिय हिंदू संगठन एकता ग्रुप में आपका स्वागत है, ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्ध हम सभी एक परमात्मा के बने हुए इंसान हम सभी हिंदू एक है हिंदू संगठन एकता जय जय भवानी मां❤❤
@rajkumarchauhan572011 ай бұрын
हम सभी सनातनी है हम सभी हिंदू है हम सभी भारत मां के लाल हैं सभी एक माला के फूल हैं जय जय भवानी हम सभी हम सभी हिंदू एक हैं
@Rrrrrrrr-l9j8 ай бұрын
हम सबी एक परमात्मा के बने इन्सान हे. केवल भारत देश मे. विदेश मे क्यू नही. क्या परमात्मा नै विदेश नही बनाया. वर्ण व्यवस्था भारत मे ही क्यू . यह भाई चारा अब नही चलेगा हम सब हिंदू का
@mayankkumar38526 ай бұрын
किसी जाती को छोटी और बड़ी कहने का अधिकार किसने दिया इनको..... इनपे sc/st act का मुक़द्दमा होना चाहिए..... और बड़े सफ़ाई के साथ ये बताने की कोशिश की जा रही है की ब्राह्मण धर्म बैद्ध धर्म से पुराना है.... वाह !!
@shivlalrawat29472 жыл бұрын
भाई साहब ब्राहमण व भील हमेशा साथ रहें है ब्राह्मणों ने कभी राज नहीं किया वह ब्राह्मण चाणक्य जेसे राजनीतिज्ञ ने चंद्रगुप्त जेसे व्यक्ति को राजा बनाया मेरे भाईयों किसी पर आरोप नहीं लगा ना वाल्मिक ऋषि ने भी भगवान् राम के जीवन पर महान ग्रंथ रामायण को लिखनेवाले थे व्यक्ति कर्म से ब्राहमण होता हे जात से ब्राहमण नहीं होता हैं जेसे कर्म करोगे एसी उपाधि मिलती हे शिक्षा से ही अच्छाई है । धर्म प्रेमी बनो मनुष्य को भगवान् ने अच्छे कर्मो के लिए जन्म दीया हे कि सी की बुराईयां नहीं करनी चाहिये ।
@virandrakumar7942 ай бұрын
जब तक हिन्दू धर्म में नाम के आगे सरनेम यानि जाति लिखना बंद नहीं करेंगे तब तक हिन्दू धर्म जाति में विभाजन बना रहेगा
@brijnandanprasad4782 жыл бұрын
मनुस्मृति को 2000 वर्ष या उससे भी अधिक पुराना बताने वाले क्या यह बता सकते हैं कि मनुस्मृति में प्रयोग किए गए ऋ,क्ष आदि वर्णाक्षर देवनागरी में कब प्रयोग में आयी ? अगर यह बहुत पुराना है तो पुरातात्त्विक खुदाई में जो शिलालेख मिले हैं देवनागरी लिपि का अस्तित्व कहीं प्राप्त हुआ है? अतः यह मनुस्मृति की रचना उत्तर बौद्ध कालीन है ।
@omsinha43162 жыл бұрын
Uuu7uuuuu7uuuuuuuuuuuuuucup
@munishthakur2192 жыл бұрын
Ye true
@munishthakur2192 жыл бұрын
Gore logo ne cast system ko khatam kiya hai
@prashantm88612 жыл бұрын
Swayambhu Manu ki utpati lagbhag 12000 varsh purv hui hai abhi tak 14 Manu hue hain shastron ki jankari nahin hai To kyon bakwas karte ho
@vishwajeetdixit50466 ай бұрын
@@prashantm8861tumhe kuch jyaada hi gyaan h😂
@Rahulitpe4 ай бұрын
आपका शुभचिंतक:- शूद्र राहुल अहीर...यदि सनातन में कुछ सत्य,नित्य और सनातन है तो वह शूद्र ही है....जब आप शूद्र रहते है तब आप स्वतंत्र रहते है...इसाई बनने पर ईसा मसीह के पीछे खड़ा होना पड़ेगा और यह सवाल बना रहेगा की ईसा के पहले हमारे पूर्वज क्या थे? मुस्लिम बनने पर मुहम्मद साहब के पीछे खड़ा होना पड़ेगा और यह सवाल बना रहेगा की मुहम्मद अर्थात इस्लाम के पहले हमारे पूर्वज क्या थे? बौद्ध बनने पर गौतमबुद्ध के पीछे खड़ा होना पड़ेगा और यह सवाल बना रहेगा की गौतमबुद्ध के पहले हमारे पूर्वज क्या थे? इसाई बनने पर ईसा मसीह के पीछे खड़ा होना पड़ेगा और यह सवाल बना रहेगा की ईसा के पहले हमारे पूर्वज क्या थे? सिख बनने पर गुरुनानक के पीछे खड़ा होना पड़ेगा और यह सवाल बना रहेगा की गुरुनानक के पहले हमारे पूर्वज क्या थे? जैन बनने पर महावीर स्वामी के पीछे खड़ा होना पड़ेगा और यह सवाल बना रहेगा की महावीर के पहले हमारे पूर्वज क्या थे? हिन्दू या सनातनी के ब्राम्हण बनने पर तिलक,जेनेऊ, आदि की पीछे खड़ा होना पड़ेगा, हिन्दू का क्षत्रिय बनने पर तीर तलवार आदि के पीछे खड़ा होना पड़ेगा, हिन्दू का वैश्य बनने पर तराजू आदि के पीछे खड़ा होना पड़ेगा ....*हाँ यह बात सच है की हिन्दू या सनातनी का शूद्र जन्मजात है, मूल है, सत्य है, नित्य है, असली सनातन है और यही पर किसी की पीछे खड़ा होने का सवाल खत्म हो जाता है ......यही सच है, असहमति रखने वाले लोग तर्कों के साथ खंडन करें...!!!???क्सिज़
@HasanRaza-lw3cm2 жыл бұрын
दुनिया का सबसे बड़ा पाप वर्ण व्यवस्था दुनिया के सबसे बड़े पापी वर्ण व्यवस्था बनाने वाले
@pushpendersharma-xd3ld8 ай бұрын
Sabse big pap to savidhan banane vale ne kiya h jisne bnaya uski chli nhi
@bagbandasgautam7343 ай бұрын
Manuwadi.dhoort.hai
@bagbandasgautam7343 ай бұрын
Yahi Manuwadi dhoortta hai
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@weareindianfirstlast714111 ай бұрын
ब्राह्मण किसी भी शाखा का हो...वह सत्ताधारी का साथी रहा. अत्याचार से दूर रहा..
@dhirajmakwana3214 Жыл бұрын
जै भारत जै संविधान जै भीम जै विज्ञान जै Dr Babasaheb Bhimrao Ambedkar का लिखा हुवा रचा हुवा भारतका जै संविधान 🙏🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🏹🏹🏹🏹🏹🌹🌹🌹🌹🌹💐💐💐💐💐
@vishramprasadbharatiy83362 ай бұрын
अनुराधा प्रसाद जी आपको लगता है कि वर्ण व्यवस्था और जाति व्यवस्था कोई ब्राम्हण समाज ने नहीं बनाया है या फिर उनका विरोध करने की क्षमता रखती है तो साइंस जर्नी सर, जी से मिलकर कार्य करने चाहिए ताकि आपके माध्यम से देश के आधी आबादी में महिलाएं आती हैं जो ज्यादा से ज्यादा मात्रा में कुरूतियो एवम मान्यता से ग्रसित हैं
@parmaraadiwasi48192 жыл бұрын
आदिवासी दलित यह के भगवान है
@arpitmishra7983 Жыл бұрын
Bagwan ji kaise hai 😂🥰
@royalhunters1114 Жыл бұрын
The first tribal community on this earth was the tribal community and different groups emerged from the tribals and caste religion was formed over time, that is, the ancestors of all are tribals.
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@saputlalmehra108410 ай бұрын
प्रस्तुति में सत्य का अभाव है।सबूतों के साथ प्रस्तुत करें।
@gopalchaudhary18702 жыл бұрын
Jai bhim jai sambidhan
@manumahli603310 ай бұрын
भारत में विचित्र अवैज्ञानिक व्यवस्था है | यह मुखपुत्रों की ही देन है | क्या वह भगवान ने विदेशों में भी ऐसी वर्ण व्यवस्था बनाई है !!😂😂😂
@baburam-qy3hf Жыл бұрын
आपके सभी प्रश्नों का उत्तर है सत्यार्थ प्रकाश। यदि हम अपने को यह मान लें कि हम हिन्दू नहीं आर्य हैं तो सारी समस्याएं समाप्त हो जायेंगीं।
@shbttrust7199 Жыл бұрын
@usertv5. धन्यवाद जी, आपका आर्य हा शब्द प्रयोग बहोत महत्वपूर्ण हैं.यही से तोड-फोड करके आदमीका माकड बनानेमें संकोच नहि किया .और अनुसंधान की जरुरत हैं.प्रेमपूर्वक हस्ताअंदोलन करके नमस्कार.!!!.
@Shakya_ji_vlogs_3706 ай бұрын
भारत जाति हो और किसी देश विदेश में नही भीमराव अम्बेडकर जैसा आदमी नहीं होता तो आज गुलाम होता
@dilipnaik37902 жыл бұрын
ब्रान्मा के मुहसे मतलब ब्रह्मा के अल्टीसे ब्राह्मण पैदा हुआ ब्रह्मा के बाजू से क्षत्रिय ए बात अलग है 21 बार परशुराम ने क्षत्रिय यो धरती से खत्म किया लेकिन आज भी क्षेत्रीय जिंदा है?😀😀😀। जो क्षत्रिय है उनके पिता कोन है ओर दुबारा कैसे पैदा हुए उसका पूरा लेखा जुका महाभारत। शिव पर्व में है गीता प्रेस से दोनो किताबे पड़े
@prabhakarpatil39412 жыл бұрын
क्षेत्रीय के बायोलॉजिकल फादर ब्राह्मण हैं कैसे छतराणिया जब विधवा हुई थी तब परशुराम के पास गई और परशुराम ने बंचे कैसे होंगे ये प्राबलेम दुर कि थी जैसे पहले ब्राम्हण लोग मंदिरो में देव दासियां रखते थे वैसे ऐसा इतिहास बताता है जय शिवराय जय जिजाऊ
@RaniRani-ri8nl2 жыл бұрын
@@prabhakarpatil3941 bhai🔥🔥🔥👌
@ramanandshukla17322 жыл бұрын
अधजल गगरी छलकत जाय,हैहय वंश के क्षत्रियों का नाश किया था किन्तु कुछ उसमें भी बच गए थे
@meenu999 Жыл бұрын
Jaise yadav krishna ke marne ke baad paida ho gaye
@priyammaurya640411 ай бұрын
@@prabhakarpatil3941😂😂 maratha bhi to kstriye hii hain😂😂😂
@RajeshKumar-f4i4p9 ай бұрын
तू क्या सटीक विष्लेषण करेगी ! जातिवाद का जिम्मेदार " मुगलों " अंग्रेजो को बता रही है लेकिन ब्राह्मणो को नहीं ! ब्राह्मणो का फुल बचाव कर रही है ये मैडम
@MukeshKumar-wk9lt9 ай бұрын
Very nice thank you
@kaluramahirwar88605 ай бұрын
ब्रह्मण के अलावा किसी नहीं बांटा किसी ने बंटे समाज का उपयोग अपने पक्ष में किया क्यों न करते।
@kusum.sharmakls.66232 жыл бұрын
🌹🌹🌹गुरुदेव वाणी 🌹🌹🌹 जीवन में क्षण-क्षण परिवर्तन होता है, अवस्थाएं बदलती है, परिस्थितियां बदलती हैं, सुख आता है, दुःख आता है, धूप आती हैं, छाया आती है, धन आता है, धन जाता है, वैभव आता है, वैभव जाता है, दुनिया की हर वस्तु स्थिति पल पल बदलती रहती है बदलाव ही संसार का नियम है । राम राम जी । 🌹🌹🌹गुरुदेव 🌹🌹🌹
@the_observe5 ай бұрын
जाति व्यवस्था देवतावाद या दैत्त्यवाद जो शंकराचार्य और रामानुजाचार्य ने लाई थी तब जैन ओर बुद्ध का सामूहिक नरसहार हवा था
@vasudevkutumbkmbhajan86472 жыл бұрын
ईसि जाती धर्म के वजह से मुस्लिमो की ख्रिस्ती की जनसंख्या बढी है❓ क्योंकि आदमी को जीधर अपनापन मान सम्मान मिलता है आदमी ऊसी ओर चल देता है ईस हिन्दू समाज ने छोटे समाज के साथ बहुत बहुत बर्बतासे व्यवहार कीया है ईसलिए हिन्दू समाज टुटके बिखर गया है ये गलती पढ़े लिखे धर्म के ठेकेदारो की है. धन्यवाद🙏💕 जय अवधूत जयहिंद जयहिंद की सेना💂💂💂💂💂💂💂💂💂
@meenu999 Жыл бұрын
Musalman samman dekar love jihad kar beti ko suitcase mein bhejte waaah, kya samman!
@milindwelekar15595 ай бұрын
समाजात दोनच जाती आहेत स्त्रिवपुरूष जय भीम
@kansinghchouhankansinghcho74242 жыл бұрын
पचास साल पहले मेरे बाप को खण्डा क्यों मारा को याद कर अपने दुख को बढाय ही जा सकता है अब इस बात को भुलना चाहिए।
@bdgautambhagvandas78432 жыл бұрын
Pahle.aap.to.bhoolo
@meenu999 Жыл бұрын
Danda maarne ka koi saboot bhi nahi hai par musalman ke atyacharon ka saboot hote huey bhi unko ye dalit kuchh nahi kahte!
@peoplewill16 ай бұрын
बात तो सही है. पर सरकार को आज भी यह एडवांइजरी क्यों जारी करनी पडती है कि अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी अपनी जाति की पहचान इंटरव्यू में छुपा कर पहुंचे. क्या आज भी खंडे से सिर फोडने वालों पर किसी का कोई जोर नहीं है.
@GangaRam-vv2jsАй бұрын
जनताजनारदन❤❤❤❤❤
@narendrashukl52382 ай бұрын
ये हिन्दू धर्म का आदर्श है या नहीं। विश्व में ऐसा कौन-सा धर्म है जो इतना उच्च कोटि का है जो भारत का हिंदू धर्म है।
@drrnsharma23782 жыл бұрын
जाति प्रमाण पत्र संविधान देता। ब्राह्मण नहीं
@pawanmuntzir54966 ай бұрын
हर दुखांत के रिस्पोंसिबल केवल हम भारतीय ही हैं 🙏✒💖
@jaiprakashyadav999 Жыл бұрын
किसी भी व्यक्ति का आचरण ही उसे शूद्र बनाता है, स्वामी प्रसाद मौर्य इसका प्रमुख उदाहरण है...✍
@lalsingh1658 Жыл бұрын
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या गलत किया उन्होंने तो गलत लिखी हुई चीजों का विरोध किया है
@anshumanvandemataram7702 Жыл бұрын
kzbin.info/www/bejne/rZzalZZ7jsegl9U
@biranchiyadav458410 ай бұрын
क्या ब्राह्मण धर्म का विरोध करना ही शुद्र कहलाते है ।क्या यादव जाति आदि काल से शुद्र हैं ।
@biranchiyadav458410 ай бұрын
भाई साहेब ,क्या यादव जाति शुद्र है ? क्या वर्ण और वर्ग में कोई अंतर नही है ।
@roopchand-v8s10 ай бұрын
Not
@jyotidas27346 ай бұрын
Calcutta= sr.citizen= Clear answer= Sloka no.13 / chapter 4 = GEETA = Srikrsna explains to Arjuna that HE implemented 4 division in Society accordig to the profession / business - adopted by that group of people but not birth issue ! In Mahabharata society,Brahmins could become Astra-guru by own effort. In some book, Mongolians , some 1000 yrs back, settled in Rajasthan state ! Generals of Alexander, settled in different parts of India -extending upto Afghanistan.
@ravishankarpatel86212 жыл бұрын
राजपूत जाति अकबर के शासन काल मे जाने जानी लगी पहले इन्हे ठाकुर के नाम से जाना जाता था यह नाम इन्हे भगवान ठाकुर जी यानि लड्डू गोपाल जी के नाम से मिला जब इन्हें हिन्दू धर्म मे शामिल किया गया इन्हे क्षत्रिय किसी ने नही बनाया ये स्वयं को क्षत्रिय बताने लगे ठाकुर सुहाती के पुरोधा चारण भाटो ने इस बात को आगे बढाया विचार कीजिये क्या क्षत्रिय सिर्फ राजस्थान में ही होते थे यह लोग सिर्फ आटे मे नमक की संख्या मे है इनके पास आजादी के समय 222 रियासते थी इनमे से कोई भी रियासत छह सात सौ साल से पुरानी नही है जबकी कुर्मी समाज की 318 रियासते हजार वर्ष एवं उससे भी पुरानी है जगन्नाथ पुरी के गंगवार घराने की सत्ता ईसा पूर्व से चली आ रही है पुरी की रथयात्रा भी इसी परिवार के सोने की झाडू से झाडने के नेंग के बाद ही शुरू होती है
@priyammaurya6404 Жыл бұрын
Vhaa prr bhi bhai gangwar king hain
@krishnalalkishan86297 ай бұрын
यह वर्ण की चार जातियां भारत में ही हैं।दुनियां के दूसरे देशों में बेद पुरान गीता रामन भारत में ही है। इस कारण अंबेडकर को मानने वाले इस को नहीं मानते
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
दक्ष प्रजापति ब्रह्मा के चरण के दाने अंगूठे से पैदा हुए पैर के अंगूठे से ब्रह्मा के पैर के अंगूठे से ब्रह्मा के दक्ष प्रजापति का जन्म हुआ वह क्षत्रिय कैसे हो गए कोई जवाब दे पाएगा इस बात का
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
@vedha singh जन्म से ही होता है क्षत्रिय यादव जन्म से छत्रिय है कर्म से छत्रिय है जन्म से ही क्षत्रिय होता है कर्म से कोई क्षत्रिय नहीं होता सही बात तो यह है
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
@vedha singh पूरी गलत बात आपकी हमने ग्रंथ देखे हमने पुराण पढ़ें हम एक-एक शब्द जानते हैं यादवों ने सब ने राज्य किया हर राजधानी पर राजा था यादव केवल 2 गांव के यादव वृंदावन गोकुल के 2 गांव के यादवों के कारण पूरे यदुवंश को बदनाम किया जाता है
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
@vedha singh यादव राजधानी विदर्भ महिष्मति अवंतिकापुरी चंदेरी मथुरा बटेश्वर काशी द्वारका उज्जैन नासिक वृंदावन गोकुल इतनी जगह राजा यदु की संतान रहती थी
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
@vedha singh राक्षस तो राजा रहे सभी युद्ध किए लड़ाई लड़ी राक्षसों ने उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया अगर कर्म से छतरी किसी को बनाना चाहते हो तो किसी राक्षस तो राजा रहे युद्ध किए बाण अस्त्र-शस्त्र रहे उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया
@Brokergamingofficial2 жыл бұрын
@vedha singh मुसलमान भी राजा रहे युद्ध किए उन्हें छतरी क्यों नहीं लिखा गया भाई कर्म से कोई छत्रिय नहीं होता जन्म से होता है मजदूरी कर रहा हो जिसका जन्म क्षत्रिय घर में हुआ वह छत्रिय है