सच्चाई छापने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद ,,,, जब ग्रामीण बोटिंग नहीं करना चाहते थे तो क्या ज़रूरत थी SDM साहब को ज़बरदस्ती वोटिंग करवाने की ,,,, जब ग्रामीणों की ये माँग थी कि जिला कलेक्टर हमारे समक्ष आकर हमारी समस्या का समाधान करें क्यों नहीं जिला कलेक्टर ने अपना कर्तव्य निभाया ,, जब शांति से ग्रामीण धरने पर बैठे थे तो खाना खाते किसानों पर क्यों पुलिस ने लाठीचार्ज किया ,,, ग़रीब किसानों का लाखों का नुक़सान हो गया प्रशासन की लापरवाही से इसका कौन है ज़िम्मेदार ,, ( SDM साहब के नरेश ने जो थप्पड़ मारी वो सब मीडिया दिखा रही है लेकिन SDM महोदय ने अपने पद का दुरूपयोग करके ज़बरन बोटिंग कार्रवाई यह सच्चाई क्यों नहीं दिखाई जा रही है )