*हमें बताया गया कि धर्म परायण बनो लेकिन किसी ने नहीं बताया कि कर्म परायण बनो ?* *कोई भी देश हो धर्मस्थल से नहीं संविधान से चलता है जिसमें संसद शासकीय भवनों विद्यालयों की व्यवस्थाओं का वर्णन है! अगर धर्मस्थलों से देश चलता तो भारत में धर्मस्थल तीर्थस्थल धर्मगुरु धर्माचार्य कथावाचक रहते हुए भारत गुलाम नहीं होता, ना भारत के टुकड़े होते और ना अमन पसंद भाईचारा के मजहब वाले यमन सीरिया फिलिस्तीन लेबनान ईराक ईरान तुर्की अफगानिस्तान पाकिस्तान बंगलादेश में सामुहिक नरसंहार होता !!* *ब्रह्माण्डगुरु बीरेंद्र सिंह ब्रह्माण्ड पीठाधीश्वर*
@navratansen57019 күн бұрын
B j p or v i p walo ke pasek yahi mudda rah gaya hai ki har jagah mandir dudho or viwad khada karo taki logo ka dhyan main muddo se hate
@Vikku43619 күн бұрын
public sarakar ke sath hai jaha tak rahi worship act 1991 ki baat to ye present time ke hisaab se suitable nahi hai hinduo ne kisi other religion ke jameen par apna kabja nhi kiya hai logo ne hmare mandiro par अवैध कब्जा kiya hai ,worship act 1991 me sudhar ki jarurat hai