ताज्जुब है कि दंगो की आग लगाने वाले बर्क और अखिलेश जैसे नेताओ के बच्चे नहीं मरा करते, मरते है तो सिर्फ गरीब मां के लाल जिनका घर उनकी रोज़ी से चलता था..😢😢
@Limited.edition953 күн бұрын
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। अनपढ़ सबको पता है दंगा कौन करवाता है😂😂😂
@jklmnop35112 күн бұрын
@@Limited.edition95 hath pather kon diya .😂
@abdulrazzaque15712 күн бұрын
सरकार और पुलिस पूरी तरह जिम्मेवार है। संघी लोग को जयकारा लगाने के लिए आदेश कौन दिया और गैर सरकारी लोग क्यों गए।
@mohitgarg87852 күн бұрын
@@abdulrazzaque1571 जयकारा लगाने से पत्थर फेंकने का सर्टिफिकेट मिल जाता है क्या?? एकदम से इतने पत्थर कहां से आ जाते है..??
@abdulrazzaque15712 күн бұрын
@@mohitgarg8785... पुलिस के साथ ग़ैर सरकारी लोग कहां से आ गए। जयकारा कहां से आ गया, कट्टा कहां से आ गया। ये तीनों हरकतें पहले हुई है। तब एक्शन का रिएक्शन हुआ होगा। हमलोग तो न्यूज ही देखते हैं न। स्पॉट पर थोड़े हैं। जयकारा लगाने से बात बढ़ी है। मस्जिद ही मिलती है जयकारा के लिए। अपनी ग़लती समझ नहीं आती।
@atulmishra823910 сағат бұрын
mata baba zindabad
@KaushleshTripathi-l5m3 күн бұрын
Harvah ke mehat ka natiga
@sunilsharma-bg2oq3 күн бұрын
Pandey ji satta aur daulat k liye kuchh bhi jhooth bol rahe ho. Brahmin ho kuchh toh Sharm karo.
@abdulrazzaque15712 күн бұрын
माता प्रसाद जी का बयान एकदम सही है। घटना की नब्ज पकड़ी है उन्होंने