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"भारत में समाजशास्त्र के विकास की प्रवृत्तियाँ" | MPPSC Assistant Professor 2024 | Paper -2 Unit-1| Narendra Bhadoria sir
समिक्षा इंस्टीट्यूट में आपका स्वागत है! इस वीडियो में नरेंद्र भदोरिया सर "भारत में समाजशास्त्र के विकास की प्रवृत्तियाँ" पर गहन चर्चा कर रहे हैं, जो MPPSC सहायक प्रोफेसर 2024 परीक्षा, पेपर-2, यूनिट-1 के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस सत्र में भारत में समाजशास्त्र के विकास की प्रमुख प्रवृत्तियों, इसके ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, और विभिन्न कालों में इसके विकास के चरणों को विस्तार से समझाया गया है।
भारत में समाजशास्त्र का विकास एक जटिल प्रक्रिया रही है, जिसमें उपनिवेशवाद, स्वतंत्रता आंदोलन, और स्वतंत्रता के बाद के समाजशास्त्रीय अध्ययन शामिल हैं। इस वीडियो में इन विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा और यह भी बताया जाएगा कि कैसे भारत में समाजशास्त्र ने अपनी अलग पहचान बनाई है।
📌 मुख्य बिंदु जो इस वीडियो में कवर किए गए हैं:
भारत में समाजशास्त्र का उद्भव - समाजशास्त्र की शुरुआत और इसके प्रारंभिक चरण।
समाजशास्त्र पर उपनिवेशवाद का प्रभाव - उपनिवेशवाद के दौरान समाजशास्त्र के विकास की दिशा।
MPPSC परीक्षा के लिए समाजशास्त्र की प्रासंगिकता - MPPSC सहायक प्रोफेसर परीक्षा में समाजशास्त्र के इन पहलुओं को कैसे महत्व दिया जाता है।
यह वीडियो MPPSC सहायक प्रोफेसर 2024 परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है। समाजशास्त्र के विकास को समझने से आपको इस विषय में गहरी समझ विकसित करने में मदद मिलेगी और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
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