बहुत अच्छी और सच्ची जानकारी के लिए धन्यवाद....🙏 सच में महिलाओं की हालत बड़ी शोषण युक्त और दयनीय बना रखीं थी इन जैसे लोगो ने, कोटी कोटी वंदन बाबासाहेब आंबेडकर जी का, सावित्रीबाई फुले जी का, ज्योतिराव फुले जी का की आज महिलाएं सुशिक्षित/सुरक्षित हैं, फिर भी फ़िलहाल पुरी तरह से अभी भी नहीं हैं जो इन्हीं के कुकर्मों की वजह से हैं...
@RAVIYADAV-tj6ql22 күн бұрын
फिर भी लोग समझ नहीं रहे हैं क्योंकि एसे बातों को लोगों तक पहुंचाया नहीं गया है
@rahulsalvi791022 күн бұрын
बहोत सुंदर विश्लेषण किया हैं सर आपने. इसकी सहायता से RSS सावरकर और मनुस्मृती को समजनेमे और भी आसनी होगी. जयभिम नमोबुध्दाय.
@user1397523 күн бұрын
👌 आशुतोष जी, बहुप्रतीक्षित कंटेट लाने के लिए धन्यवाद. 🏜 संविधान में समानता, सम्पत्ति, मतदान के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी के प्रावधानों के पिछे 1930 से लेकर तत्कालीन सामाजिक आर्थिक राजनैतिक परिस्थितियों व शासन प्रणाली के मद्देनजर उक्त और अन्य व्यवस्थाएँ संविधान में की गई. उनकी विवेचना और मनुस्मृति के उपबंधों की तुलनात्मक स्थिति पर प्रस्तुति जारी रखने पर विचार करना चाहिए ताकि जन-मानस भ्रमित न हो.
@mahanthichoudhary170620 күн бұрын
बहुत सी बातें बी जे पी वाले और आर आर एस जनता को बताना नही चाहते ,जानकारी देने के लिए धन्यवाद
@Rihanrihan11423 күн бұрын
BJP aur Amit Shah ke Dil mein jahar bhara hai Babasaheb Ambedkar ji ke liye sirf upar se tarif Karti hai BJP aur Modi Babasaheb Ambedkar ji ki
@ashoksaxena661522 күн бұрын
अम्बेडकर जी सम्माननीय हैं सभी केलिए 🎉
@neerajgupta859122 күн бұрын
अमबेडकर एक विचार है मुझे गर्व है कि मैं अमबेडकरवादी हूँ जय भीम🙏💕 जय भारत
@DrUasa23 күн бұрын
जय भीम ही जय संविधान है . जय संविधान ही जय भारत है . ⚖️🇮🇳🙏
@LOKESHKUMAR-zp5qb23 күн бұрын
Dr. BABA Saheb Bhim Rao Ambedkar is the God of modern India 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@deec256423 күн бұрын
Amma Ko shaadi karwa de
@JuliusKachhap23 күн бұрын
Ambekar has served this Nation; only few can parallel him!!!
@bholashah331022 күн бұрын
Baba saheb Bhimrao Ambedkar is God for sc,st,obc and minorities in India.
@JitendraKumar-nh5jy20 күн бұрын
@@bholashah3310 obc bhi 😂😂
@akmaljaveedhassan418523 күн бұрын
My stand with Baba Saheb Ambedkar ji 🙏
@RajkumarYadav-wf9jo23 күн бұрын
अब तड़ीपार को कड़ी बाजरा खिलाएंगे मनुस्मृति गई तेल लेने बाबा साहब अम्बेडकर की स्मृति इस देश में चलेगी जय भीम जय संविधान
@sheeladevi512923 күн бұрын
Bjp ki jhuth ujagar ho gai kitna jhuth faila rahe h rss or bjp modi n tabhi apni wife ka respect nhi kiya inki soch aaj ke yug ki nhi h
@nareshkundal514523 күн бұрын
यदि मनुस्मृति में संशोधन करने पडे तो इसका पूर्ण रूप से शोधन हो जायेगा क्योंकि यह उन लोगों द्वारा रचित है जो अन्य वर्गों को हेय की दृष्टि से देखते थे,जो एक विशेष फोबिया से ग्रस्त थे!
@amodkumar295320 күн бұрын
कचरा में संशोधन नहीं होता
@MoharsinghMeena-lp1cr18 күн бұрын
आषुतोष सत्य हिंदी चैनल को बहुत बहुत धन्यवाद सत्य बात बताकर आप परमार्थ का कार्य कर रहे हैं आपको बहुजन समाज के लिए परोपकार कर रहे हैं उनकी दुआएं आपको मिलेगी आपका तहे दिल से धन्यवाद
@ramzankabani57923 күн бұрын
Ashutosh ji, I really appreciate from the depth of my heart sir, and and janab shamsul islam ji, whom first time am hearing, and proud to be born in India, I should say our beautiful india, we have people like shamsul islam are born in India who.... I sir I don't have words to express in words, insha allah, woh subha kabhi to aayegi, Every things has an end, Aadmi ko chahiye waqt se darr kar rahe, koun jaane kis ghadi waqt ka badle mijaaz. Keep it up,
@ashoksaroj665323 күн бұрын
तड़ीपार। इस्तीफा।दे। स्वर्ग।लो।जय। भीम 🌹
@RAVIYADAV-tj6ql22 күн бұрын
जीसे भगवान का नाम लेकर स्वर्ग जाना है जाएं खुद जाए या परिवार के साथ जाएं जितनी जल्दी संभव हो जाएं रोकता कौन है,जिसे बाबा साहेब अम्बेडकर जी और संविधान के जरिए हक अधिकार और मान-सम्मान प्राप्त करके तथाकथित स्वर्ग का आनंद भारत देश में लेना है ले किसी के सीने में जलन पेट में दर्द भी नहीं होना चाहिए
@sangitapatil909321 күн бұрын
Tadipar istifa De ,aur Swarga wao😂😂😂
@AshokKumar-w5p3u19 күн бұрын
29:18
@surendraprasadsah987923 күн бұрын
मनुस्मृति सभी को पढ़ना चाहिए। इसमें सढे छब्बीस सौ के करीब श्लोक है।
@KrishnaKumar-so6gr23 күн бұрын
शायद यह भी कपोल कल्पित ग्रन्थ ही है, आ चुकी है पढ़ना बाकी है।
@surendraprasadsah987922 күн бұрын
@@KrishnaKumar-so6gr काल्पनिक ही क्यों न हो पढ कर ही तो उसे जान सकते हैं। चूंकि मध्य काल में भारतीय समाज इससे काफी प्रभावित रहा है।आज भी प्रभावित है।
@drsandhyarani176721 күн бұрын
बेबाक प्रस्तुति,निर्भीक पत्रकारिता। हमें गर्व है आशुतोष जी 🙏
@t.kabraham358723 күн бұрын
ASUNTHOSH YOU HAVE DONE A GOOD JOB BY HAVING THIS DISCUSSION, BECAUSE THE FA CTS DISCUSSED ARE NOT KNOWN TO THE PEOPLE WHO ARE BORN AFTER INDEPENDENCE. YOU MUST TAKE IT FURTHER FOR THE PEOPLE OF INDIA THE TRUTH.
@maheshpaswan80422 күн бұрын
Sachhi Patrakarita ke liye Dil se Salute
@prashuramgupta759921 күн бұрын
बहुत ही अच्छी तरह से देश की विचार धारा को प्रमुखता से रखे है
@sharmendrakumar212420 күн бұрын
वेरी गुड सर नमो बुद्धाय Jay bhim namo buddhay Jay sanvidhan Jay mulniwasi Jay Bharat 🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳💙🇮🇳
@pandurangmanwar703718 күн бұрын
Dhanyavad sir Jay bhim nmobudhday bahut badhiya
@umamehta910223 күн бұрын
जातिवाद कोई आदर्श व्यवस्था न होकर सामाजिक गलती है ये स्वीकार्य नही !
@oneatulin22 күн бұрын
शूद्र विधान में तो जात है ही नहीं?😅
@ManishKumar-in5ie14 күн бұрын
अगर कोई जाति नहीं है, तो क्या अपनी बहन की शादी मुझसे करोगे😅
@dr.ashokbathwar778721 күн бұрын
30 मिनट की बातचीत में यह जानकारी देने के लिए धन्यवाद कि इस्लाम साहब को इसकी जानकारी नहीं थी, इसलिए महिलाओं और मूलनिवासियों को कभी भी RSS पार्टियों का चयन नहीं करना चाहिए, वे देश की एकता के लिए अच्छे हैं।
@sheelamahar571122 күн бұрын
महत्त्वपूर्ण जानकारी शेयर करने के लिऐ शुक्रिया आभार आपका 🙏🌺❤
@ramzankabani57923 күн бұрын
I pray may ALMIGHTY fulfill all your Noble desires and grant you success in all your endeavours..... A M E N . . . . .
@RameshYadav-np5dj22 күн бұрын
माननीय गृहमंत्री जी कह रहे हैं कि अगर अम्बेडकर जी जितना नाम भगवान का लिया होता तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता । सभी देशवासियों की कामना है कि वह यह सीख अपने ऊपर लागू करके स्वर्ग जाने की कामना करें ।
@chhedilal595820 күн бұрын
Dhanyvad Ashutosh aap Jaise vicharak logon ki baten kab samajh mein aaegi pakhand mein kab Tak yah samaj fansa rahega
@RKKumarcotala23 күн бұрын
बीजेपी और आरएसएस को समझना चाहिए। बहुजन समाज को आर एस एस की किताब मनुस्मृति पड़ना चाहिए।
@KrishnaKumar-so6gr23 күн бұрын
पहले स्कूल तो जाएं 😮😮😮😮
@sheeladevi512923 күн бұрын
Haa ji aapne sahi kha school jayenge tabhi padh payenge modi n govt schools ko lock lga diye or pvt mahnge kar diye garib kaise padhe shame on bjp
@KrishnaKumar-so6gr23 күн бұрын
@@sheeladevi5129 स्कूल में और स्कूलिंग में उनका विस्वास ही न था न है। स्कूल गये होते तो चुनावी बांण्ड्स असंवैधानिक घोषित नहीँ होता।
@shreeram58519 күн бұрын
Excellent explanation. Congratulations to Ashutosh and shamsul Islam
@vedprakash-hh6np23 күн бұрын
Thanks!
@sumanmehta182723 күн бұрын
Very true interpretation 👍
@mudassirzshaikh116122 күн бұрын
Babut achchi jaankari keliye aap dono ka shukriya.❤
@dipikakonwar831523 күн бұрын
Knew many things about Manusmriti. Have not read the book. Impressed.
@छिमेतदोरजे23 күн бұрын
आप दोनों वरिष्ठ पत्रकारों को प्रणाम ❤🎉❤🎉🎉🎉
@BM-cz5uz21 күн бұрын
Shocking!
@rashmichaudhary489718 күн бұрын
Awesome sir
@MoharsinghMeena-lp1cr18 күн бұрын
बाबा अम्बेडकर जी बहुजनों के लिए मसीहा के रूप में आये थे बहुजन समाज उनको हजारों साल जब तक सूरज चांद रहेंगे उनको महापुरुष के रूप में पूज्यनीय मानता रहेगा
@SpSingh-jv3ne22 күн бұрын
Hats off to the clarity of issues that Samshul Islam because he speaks on every point on the basis of documented facts.
@nahmad25420 күн бұрын
Bring science journey for clarifying real Manusmriti of its hidden hate for woman and non brahmins.
@msultan59623 күн бұрын
Thank you
@pitamberbhaiparmar882823 күн бұрын
अमित शाह का भाषण धीमा ज़हर है..वह एक क्रूर है..
@umeshtiwari715323 күн бұрын
Shamshul sir please ये भी बता दीजिए RSS का अंत कैसे होगा???? कैसे बीजेपी के राज से देश को मुक्ति मिलेगी????
@Mnj-s5d22 күн бұрын
जिस दिन st sc obc अपना वास्तविक इतिहास पढ़ लेगा और असली दुश्मन को पहचान लेगा उसी दिन rss का अंत हो जायेगा
@AshokKhurana-ux3zr22 күн бұрын
Be educated Baba dr ambedkar Nama save savidan way of life
@umeshtiwari715322 күн бұрын
@@Mnj-s5d काश ऐसा जल्दी हो।
@anildubey776421 күн бұрын
@@Mnj-s5dYour real history is that u went to Pakistan with Jijadis and Mondal and still being killed
@anildubey776421 күн бұрын
Baba Saheb ne Islam ke bare me kya likha. Ashutosh if you have intellectual honesty then challenge you to debate Baba Saheb on Islam
@ambatisatyanarayana925515 күн бұрын
JAY BHIM JAY BHUDDHAI JAY PHULE JAY MULNIVAASEE JAY SAMVIDHAN JAY INDIA
@sidharthbhardwaj392821 күн бұрын
जो व्यवस्था सभी जन मानस के हित की बात करती हो सभी को उसकी वकालत करनी चाहिए।ऐसा चाहूं राज मैं यहां मिले सबने को अन्न। शाट बड़े सब सम बसें। रविदास रहे प्रसन्न।
@luckyverma132922 күн бұрын
Sir we are proud of you
@gulveersingh568422 күн бұрын
वो कैसा भगवान है जो भेदभाव करता है, भगवान तो परम् पूज्य बाबा साहब भीमराव अंबेडकर है जो सबमें मनुष्य को देखते , सबको सम समान रूप से देखते हैं सभी की भावनाओं को समझते हैं नमो बुद्धाय जय भीम जय संविधान
@ShakeelAhmadAhmad-f8g23 күн бұрын
Great sirji God bless you and your family and friends 🙏 ❤️ and wish you all the best 👍 👌 Allah hafiz
@gianchamdal53723 күн бұрын
Aushtosh ji ,you have done to call upon this learned Sir Sahib ji to explain especiall w
@mamraj-l4j23 күн бұрын
Excellent 👌👌👍👍
@kamalakarmishra889623 күн бұрын
Ashutosh ji, you are fearless.
@Niculatuskio23 күн бұрын
Bjp se duri ab hai bahoot jaroori. Jai bhim
@kshah557223 күн бұрын
Very Good study by Samsudin Saheb.
@chandarbhansingh189718 күн бұрын
*भारत की एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता* *जनहित एवं प्राकृतिक संरक्षण के लिए* *संवैधानिक 'कानून और व्यवस्था' ही* *शांति का मात्र आधार है* 🔹🔷🔹 *'कानून की जमीन' हमारा भारतीय संविधान विश्व के अन्य सभी देशों के संविधानों की तुलना में एक अद्वितीय संविधान है। इस पर पूर्णत: किया हुआ अमल ही लोकतंत्र के सर्वांगीण विकास को सम्यक दृष्टिकोण के संदर्भ में समता, स्वतंत्रता, बन्धुता और न्याय के साथ जोड़कर अनेकता को एकता में प्रस्थापित करता है।* *भारत की एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता, जनहित एवं प्राकृतिक संरक्षण के लिए संवैधानिक 'कानून और व्यवस्था' ही शांति का मात्र आधार है।* *शांति को निरंतर बनाए रखने लिए प्रत्येक नागरिक के अन्दर अपने भारतीय संविधान की बुनियादी समझ का होना परम आवश्यक है लेकिन इसके लिए देश के समस्त शिक्षण संस्थानों के अन्दर भारतीय संविधान के पाठ्पक्रम को अनिवार्य शिक्षा के रूप में लागू किए जाने की नितांत आवश्यकता है ..!* *जय भीम जय संविधान नमो बुद्धाय्*
@hasmukhlakum263823 күн бұрын
Very nice 👍
@ijparekh220323 күн бұрын
पहले देवी देवता खुद राक्षस को जन्म देते थे ऊपर से वरदान भी देते थे फिर उसको मारने के अलग से जन्म लेते कैसे कैसे भगवान े यार
@BalwanSingh-r3l21 күн бұрын
Sahi kaha aapne 🙏🙏🙏
@Freedomtofly123 күн бұрын
In the late 1990s, the Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) and its political arm, the Bharatiya Janata Party (BJP), stood at a crossroads. They had finally come to the realization that, to seize political power, they could no longer afford to ignore the Dalits and the backward communities of India. This shift in strategy became apparent when, in 1990, the government led by then-Prime Minister V.P. Singh (not the BJP, which was not in power at that time) awarded the Bharat Ratna, India’s highest civilian honor, to Dr. B.R. Ambedkar, the architect of the Indian Constitution. The gesture was monumental, but it also raised questions: Why now? Was this genuine recognition or just a political move to win Dalit support? For decades, the RSS had viewed Ambedkar’s work with skepticism, particularly due to his role in pushing for the Hindu Code Bill, which sought to reform Hindu personal law. During Ambedkar’s lifetime, the RSS had even burned effigies of him and openly opposed his ideas. Ambedkar, a tireless advocate for Dalit rights, famously declared, "I like the religion that teaches liberty, equality, and fraternity." His battle against caste discrimination and fight for social justice were well-known, but to the RSS, Ambedkar was a threat to the traditional social order they aimed to uphold. But as the political landscape shifted, the BJP and RSS realized they couldn’t afford to ignore the Dalits any longer. As the winds of change swept through the country, the RSS began to reframe its relationship with Ambedkar’s legacy. By awarding him the Bharat Ratna, they tried to show their newfound support for his ideals-some argued, perhaps, as a way to court the Dalit vote. This embrace of Ambedkar, however, was not without its contradictions. In the 1930s and 1940s, figures like Vinayak Damodar Savarkar, a key leader in the Hindu nationalist movement, had dismissed Ambedkar’s views, focusing instead on a vision of Hindu unity that excluded the lower castes. Savarkar himself had once urged Indians to join the British army during World War 2 to thwart Subhas Chandra Bose’s efforts to liberate India. “The British Empire is not our enemy,” he declared, “the enemy is the foreigner.” This opposition to Bose stood in stark contrast to the later attempts by the RSS to claim Bose as part of their legacy. Ironically, it was Sardar Vallabhbhai Patel, one of the founding fathers of the Indian state, who had banned the RSS in 1948 after the assassination of Mahatma Gandhi. Patel, a staunch advocate for unity, had seen the RSS as a divisive force. Yet, in later years, the BJP and RSS sought to honor Patel’s legacy by constructing the Statue of Unity in 2018-a towering monument dedicated to the leader who once distanced himself from them. This rewriting of history has been a common theme in recent decades, with the BJP and RSS taking figures who were once outside their ideological fold and attempting to claim them as their own. As historian and political commentator Arundhati Roy once said, "History is not just what happened, but how it’s told." This selective embrace of historical figures and events underscores a larger political narrative-one that often glosses over the complexities and contradictions beneath the surface. The story of Ambedkar, Patel, and Bose serves as a reminder that history is rarely black and white. To truly understand it, we need to dig deeper, look beyond the surface, and question what really lies beneath the lines. As Ambedkar once advised, "Educate, Agitate, Organize." In a world where political moves often overshadow real history, these words continue to resonate.
@ashoksaxena661522 күн бұрын
ईमानदारी से सच्चाई मिलती है टीवी गरिमा जी चौधरी जी की डिबेट ठीक लगती है पर दोनों खुद ज्यादा बात करते हैं मेहमानों को पूरी बात का समय पहले की तुलना में कम मिलता है🎉
@rblal900719 күн бұрын
अमित शाह माफी मांगे एवं स्तीफा दें।
@neerajgupta859122 күн бұрын
मैं बनिया हूँ लेकिन अमबेडकरवादी हूँ जय भीम🙏💕 जय भारत अमितशाह बनिया है अमबेडकर के संविधान के कारण ही मंत्री बने नहीं तो राम राज्य और हिन्दू राष्ट्र में तराजू पकड़े होते😃
@prakashpatil705523 күн бұрын
Good
@laljeetram79722 күн бұрын
मनुस्मृति जैसा जहरीला और कोई ग्रंथ नहीं है। अगर मनुस्मृति लागू हुआ तो देश का बंटवारा हो जायेगा। इसलिए संविधान ही सबसे अच्छा ग्रंथ है।
@AmarjeetSingh-lb2mr22 күн бұрын
Thanks sir.
@devkisharma-zr1xo22 күн бұрын
Very good debate
@arunsamadhiya518822 күн бұрын
मनुस्मृति इतिहास बन गयी है।आज जो दलित नेता अब भी मनुवादियो के साथ खड़े हैं,उनका क्या करोगे।
@KrishanKumar-xd7gd22 күн бұрын
🎉🎉🎉 आशुतोष जी। ये सब शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार से और भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए अनाब सनाब ब्यान दे रहे हैं इन्हें जेल से डर लगता है। सरम इनके करीब नहीं है।
@RamShiromani-f8z22 күн бұрын
RSS/बीजेपी का agenda है देश को मनुस्मृति के नियम से चलना. बहुजनों से तीन ऊँची जातियों क़ी सेवा करवाना यानि उनको दास बनाकर रखना.
@SamsulSekh-oq6ed22 күн бұрын
अपने ख्याल से मनुस्मृति का कानून चलता 50 साल में भारत में आधी मुस्लिम हो जाता है सैयद इसीलिए मेरा पूर्व जननी अल्हम्दुलिल्लाह मुसलमान अपनाया
@07sbk4522 күн бұрын
Great 👍 Sir✨
@sanjayurmaliya382622 күн бұрын
जाति व्यवस्था कर्म आधारित थी, एक ही पिता के चार पुत्र कर्म के आधार पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र हो सकते थे....
@GopalBibhor-x8m23 күн бұрын
मनुस्मृति में विवाह संबंधी नियमों में अनुलोम और प्रतिलोम विवाह का उल्लेख मिलता है। 1. अनुलोम विवाह: जब उच्च वर्ण का पुरुष निम्न वर्ण की स्त्री से विवाह करता है। इसे समाज में अधिक मान्यता दी गई थी। 2. प्रतिलोम विवाह: जब निम्न वर्ण का पुरुष उच्च वर्ण की स्त्री से विवाह करता है। इसे समाज में निंदनीय और अधर्म माना गया। श्लोक: अनुलोम विवाह के संदर्भ में मनुस्मृति (10.4-10.11) में वर्णित है: > ब्राह्मणात्क्षत्रियो जातः क्षत्रियात्तु तथाविधः। वैश्यात्तु वैश्यशूद्राभ्याम् शूद्रात्स्त्रीषु हि जातयः।। (मनुस्मृति 10.6) अर्थ: ब्राह्मण पुरुष क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र स्त्रियों से विवाह कर सकता है और उनकी संतति को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। प्रतिलोम विवाह के संदर्भ में मनुस्मृति (10.12-10.16) में इसे अधम माना गया: > शूद्राद्वैश्यास्तु या जातिः स जातः क्षत्रियात्पुनः। वैश्यात्क्षत्रिया शूद्रायां शूद्रस्त्रीष्वथ ब्राह्मणात्।। (मनुस्मृति 10.12) अर्थ: प्रतिलोम विवाह से उत्पन्न संतति समाज में अधम या अवांछनीय मानी जाती थी। नियम: 1. ब्राह्मण पुरुष: तीन निम्न वर्णों (क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र) की स्त्रियों से विवाह कर सकता है। 2. क्षत्रिय पुरुष: वैश्य और शूद्र स्त्रियों से विवाह कर सकता है। 3. वैश्य पुरुष: केवल शूद्र स्त्री से विवाह कर सकता है। 4. शूद्र पुरुष: उच्च वर्ण की स्त्रियों से विवाह नहीं कर सकता।
@Ppatel492918 күн бұрын
अब समय आ गया है मुसलमान को 100% भाजपा को वोट करना चाहिए।
@RajKumar-lt7fn18 күн бұрын
Very good work 🎉
@banshilalpanchal714322 күн бұрын
Thanks sir ❤
@sheshraojagtap22 күн бұрын
Thanks Satya Hindi .Thanks so much Ashutoshji,fine analysis.
@dcpandey914622 күн бұрын
अपमान किसी भी महापुरुष का नहीं होना चाहिए लेकिन मैं पूछना चाहता हूं हमारे देश के महान से महानतम शहीद क्रांतिकारी सपूतों आदरणीय मंगल पांडे चंद्रशेखर आजाद भगत सिंह इत्यादि लोगों से बड़ा इस देश हिंदुस्तान में और कोई पैदा हुआ है और इन महानतम शहीद क्रांतिकारी सपूतों की वजह से आज खुली हवा में सांस ले रहे तो उनसे बड़ा हिंदुस्तान में कोई नहीं है
@sheeladevi512923 күн бұрын
Aashutosh ji ko thanks bjp or rss ki manu samriti btane ke liye kitni gandi h manu samriti boycott manu samriti bjp hatao desh bachao
@muradkhan806323 күн бұрын
🙏🙏
@khursheedahmad908921 күн бұрын
Shamsul sahab ka ❤ sowagat hai
@neerajgupta859122 күн бұрын
मैं 35 साल भाजपा और संघ में रहा हूँ यह दंगे कराते हैं इसलिए छोड़ दिया
@SukhchainSinghBatth-m5j16 күн бұрын
SBGAI INTERNATIONAL STUDIO 🎙️
@murlidharyadav178722 күн бұрын
आशुतोष जी को साहसिक पत्रकार के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं
@mohmadyusufsyed672523 күн бұрын
मनुस्मृति में क्या कहा गया है वो यहाँ बताया गया है । देश के लोगों को ये जानना ज़रूरी है । ख़ास करके दलितो , स्त्रियों और अन्य सब को भी ये जानना बहुत ही ज़रूरी है । क्या जो संगठन और पार्टीयाँ मनुस्मृति को लागू करने की बात कर रहे हैं उनको साथ देना चाहिए ?
@angadparwar573317 күн бұрын
ब्राह्मण बर्चस्व का बहु प्राचीन ग्रंथ मनु- स्मृति मौजूदा इक्कीसवी सदी की वैश्विक परिस्थितियों में पूरी तरह नकारने/खारिज करने योग्य है।
@SpSingh-jv3ne22 күн бұрын
Sikhism and Khalsa Panth were in protest against Manuvadi forces led by RSS and now BJP.
@gulveersingh568422 күн бұрын
जिस संविधान से देश चलता है, जो भी संविधान की अविहेलना करता है, उसे संसद बैठने का कोई हक नहीं है
@virendrasinghholkar140323 күн бұрын
*भारत रत्न बाबा साहेब डॉ आंबेडकर 33 करोड़ देवी देवताओं से भी ज्यादा बड़े हैं। जो भगवानों ने नहीं किया वो काम बाबा साहेब डॉ आंबेडकर ने किया है।* *जय हिन्द जय भीम जय भारत जय संविधान*
@Lavishsaroy3421 күн бұрын
भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ही हमारे भगवान हैं
@Rihanrihan11423 күн бұрын
Ashutosh ek imandar aur nishpaksh patrakaar hai isiliye andhbhakt inko pasand nahin karte
@SanjayRaj-ov2pe20 күн бұрын
I am with Ambedkar Saheb .
@RajendraKumar-ge3jt23 күн бұрын
मनुस्मृति बहुजन समाज को गुलाम बनाकर रखने का कानून था बाबा साहेब ने संविधान के माध्यम से बहुजन समाज को सम्मान जनक जीवन जीने का अधिकार प्रदान किया। हिन्दु राष्ट्र का तात्पर्य ब्राह्मण राष्ट्र अर्थात बहुजन समाज को पुनः गुलाम बनाना।
@Samasaya_Samadhaan23 күн бұрын
Bilkul sahi kaha he aapne, hame gulami se aajadi bas shariya se mil sakti he!!
@mewapurkhali501922 күн бұрын
These people converted the glorious history of India into the mystery of India. These people are implementing mystery on the Indians forcibly and religiously. That is why the country which was called the gold sparrow, has gone back for hundreds of years .
@gulveersingh568422 күн бұрын
मनु स्मृति एक संकीर्ण विचार धारा है जो कि मानव जाति के लिए अभिशाप है हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं लेकिन हम बात करते हैं बाबा आदम के जमाने की लेकिन होना चाहिए वर्तमान क्या चाहता है
@vivekjain672123 күн бұрын
Bharat ki aazadi sabse mahaan aur unique hai Sirf angrezon se aazaadi nahi thi … par sabse badi aazaadi Hindu Samaaj ko mili thi … rakshasi manuvad se
@ramswaroopram18321 күн бұрын
पहले संविधान पर हमला करते थे अब बाबा साहब पर भी टिप्पणी करना इनकी मानसिकता को दरशाता है जो बहुत ही घिनौना है, जो देश के लिए खतरनाक और देश को हजारों साल पीछे ले जाने की मंशा प्रतीत होता है।
@PramodKumar-oe1im15 күн бұрын
Manusmiti ne baba kos hizkia nahin aam aadmi kos ghut-ghut marne kos mazboor kiya ,jay samvidhan 🎉🎉🎉🎉🎉❤❤
@MahipalSinghKatheriaSaral22 күн бұрын
आशुतोष जी आप वास्तव में एक निर्भीक, सच्चे एवं निषपक्ष पत्रकार हैं।
@SitaramMaurya-f4v22 күн бұрын
जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय भीम जय अमित शाह इस्तिफा दो अमित शाह इस्तिफा दो अमित शाह इस्तिफा दो अमित शाह इस्तिफा दो अमित शाह इस्तिफा दो
@janardanyadav376120 күн бұрын
भाजपा जब किसी को खत्म करना चाहती है तो पहले उसको सम्मानित करती है फिर आक्रमण करती है। OBC आयोग बना कर OBC के आरक्षण को समाप्त करना और उस आयोग का ढ़िढोरा पीटना यही दर्शाता है! बाबा साहेब को भारत रत्न अवॉर्ड देकर बाबा साहेब और उनके संविधान को समाप्त करने का एक षड्यंत्र ही है👌
@RamShiromani-f8z22 күн бұрын
बहुजनों को ये बात मालूम होनी चाहिए क़ी शुद्रो, जिन्हे आज बहुजन कहा जाता है, का काम एक गुलामो क़ी तरह ऊँची तीन जातियों क़ी सेवा करना है. मनुस्मृति बहुजनों के खिलाफ है. वह अन्य धर्मों के खिलाफ नहीं है.