इस फैसले को सही ठहराने के लिए फैसला निर्णय कमेटी में SC,ST,OBC, GENERAL हर वर्ग का जज शिक्षाविदों का नियुक्ति होना चाहिए।
@Mukeshyadav-lf9ok2 жыл бұрын
ये आपने बिल्कुल सही कहा है
@surendraprasad11932 жыл бұрын
अरफाजी आपका निरपेक्ष मंथन इस मंच पर कराना काबिलेतारीफ है।आपके जज्बे को हमारा सलाम!ऊर्मिलेश जी,आशुतोष जी एव सभी वक्ताओ के लिए साधुवाद।
@jagpalsingh77862 жыл бұрын
आशुतोष के डिशकशन से बहुजनो को सहमति है लडाई होगी।
@satishkumarsingh66082 жыл бұрын
जजों की स्वर्ण मानसिकता उजागर हो गया अब कॉलेजियम सिस्टम खत्म करना बेहद जरूरी है।
@prabhatkirangupta85232 жыл бұрын
Hatane k liye yhi government constitutional amendment layi thi , tab isi channel ne use glt Kaha tha , soch lo kidhar khada hona hai ???
@rajput-ft2wm2 жыл бұрын
मतलब जो भी मुफ्त खोरी के खिलाफ बोले वो सर्वण मानसिकता वाह जी वाह तभी भारत में 75 नं वाला फेसबुक पर हिन्दुत्व बचा रहा है और 30नं पाने वाला डाक्टर मास्टर जिला अधिकारी बना बैठा है देश में वैज्ञानिक बड़े चिकित्सा क्यों नहीं बचे क्योंकि नौकरी मिलनी नहीं विदेश जाकर नोकरी करते हैं भारत के बुद्धिजीवी वहीं 30 नं वाला देश को गर्त में डाल रहे हैं।
@Avnya1232 жыл бұрын
Satish kumar jab Ambedkar bi sc tha tbi usne sc st obc ko reservation diya tab hum ye bole vo bi sc mansikta ujagar ki usne
@raghavkumar28802 жыл бұрын
@Sanjay Walde kyo kya hua kch glt to nhi kha ambedkar ne bhi to apne samuday ke liye soch isliye bolta hu sab apno ke liye hi sochte hai
@वन्देमातरम्-य3श2 жыл бұрын
हम *सनातनी SC,ST,OBC हिन्दुओं* को अल्पसंख्यक, मुस्लिम एवं ईसाई संस्थानों में बाबा साहब का दिया *संविधानिक आरक्षण* क्यों नहीं मिलता है भाई *???* *क्या हमें संविधानिक आरक्षण मिलेगा ?*
@ramdhaniram14892 жыл бұрын
एक साथी ने बहुत ही अच्छा लिखा है की भूमि सुधार का कानून लाया जाय और जमींदारों से भूमि लेकर गरीबों में बाँटा जाये
@MohinderSingh-jv7cw2 жыл бұрын
Ye kaam ye manuvadi kabhi nahi krenge sabkuch en logon ke paas hai
@sur31762 жыл бұрын
Shi kaha aise bahut se SC ST OBC hai jo Ameer hai jinke pass bhi jameen hai unse lekr gareeb swarno ko deni chahiye.
@ramdhaniram14892 жыл бұрын
@@sur3176 बहुत अच्छा सुझाव है कि जिनके पास ५ एकड़ से ज्यादा जमीन है , गरीबों में बाँटा जाये और देखो कि किसके पास ये जमीन निकलती है। हिम्मत दिखाओ और एक सुझाव PMO में भेजो। एक सबसे बड़ा सुझाव यह है कि मोदी जी ने जिस तरह एक ही दिन में EWS reservation Bill पास करवा लिया और लागू हो गया, ठीक उसी तरह Caste Annihilation का Bill लेकर आयें और जातिवाद खत्म हो जाये। यह कदम होगा जिससे हर बीमारी दूर हो जायेगी मतलब न हिन्दू होगा न बुद्धिस्ट इत्यादि, सिर्फ़ देश तरक्की करेगा
@RamanKumar-ri2cw2 жыл бұрын
Jameen par paav b rakha toh paav kaat dange
@ajayphadke12112 жыл бұрын
महाराज भूमि सुधार कानून लागू है land ceiling act का नाम सुना है ?
@banshidharyadav26202 жыл бұрын
अब देश में जातिगत जनगणना कराकर जिसकी जितनी संख्या है उसको उतनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करना चाहिए
@sugrivkumar34832 жыл бұрын
Obc 60 persent h. Ews hona chaye
@Riteshkumarvlog-qe2fz2 жыл бұрын
कराओ बेटा।मैं तो 20 20 बच्चे पैदा करूँगा।
@वन्देमातरम्-य3श2 жыл бұрын
जातीय जनगणना के साथ साथ आयकर एवम् अन्य मद में टैक्स देने वालो की भी जनगणना के अनुसार आरक्षण या लाभ मिलना चाहिए क्योंकि इन्ही के धन से सबको लाभ या सरकार का काम चलता है ।
@rajpalkhangwal28252 жыл бұрын
Real media
@asheeshmishra53922 жыл бұрын
देश का सबसे प्रतिशत से अधिक टैक्स बनिया समुदाय देता है देता है उसके पैसों पर मजा करना चाहते हो क्यों मुफ्तखोर
@tejkumar09242 жыл бұрын
ये लोग जज नहीं है आर एस एस और भाजपा के लोग हैं। अंग्रेजों ने सही कहा था ब्राह्मणों में न्यायिक चरित्र नहीं होता है। आज हम लोग देख लिए। बहुत बहुत धन्यवाद आखिर ये पाखंडी लोग हैं।
@bdgautambhagvandas78432 жыл бұрын
Right Sanghi sajish
@rishabmishra90712 жыл бұрын
Tabhi ek Hindu uska Prime Minister hua😂😂😂
@Mani.choudhary6792 жыл бұрын
Sb mad**od h saamle
@socialexpert-siddhantraj22632 жыл бұрын
सही बात है वास्तविकता है हम इसे मुख नहीं मोड़ सकते ब्राह्मणों में न्यायिक चरित्र नहीं होता है यह चिरंतन सत्य है वह कभी आप लोगों को आगे नहीं बढ़ने इस देश पर सिर्फ ब्राह्मणों का राज चलेगा कुछ साल में यह
@socialexpert-siddhantraj22632 жыл бұрын
यदि आज सड़क पर नहीं उतरे आज अपने बच्चों के लिए विरोध प्रदर्शन नहीं किया तो देख लीजिए आपके बच्चों के लिए रोना बन जाएगी
@devrajnagar78182 жыл бұрын
अब इस निर्णय के आधार पर जातीय जनगणना कराकर जाति समूहों को उनकी जाति की जनसंख्या के हिसाब से आरक्षण देना चाहिए और यह निजी क्षेत्र में भी होना चाहिए ।
@gyandev94792 жыл бұрын
आरक्षण के अंदर व आरक्षण होना चाहिए क्यों कि ओबीसी में कुछ जाति ही सारा मलाई मार रही है जैसे यादव कुर्मी वगैरह वैसे ही एससी में चमार के पास 22 फीसदी का 90 फीसदी आरक्षण है, आगर जाति जनगन्ना करोगे तो हरेक जाति को इंसाफ मिलना चाहिए न एससी माई सबसे पिचरी जाती डोम है जिनके पूर्वजो नै मैला तक धोया है, पर आज तक उनकी प्रतिष्ठा वैसी की वैसी ही है सारा मलाई चमार खा रहा है
@pawanparkash41902 жыл бұрын
अब हर दलित पिछड़े वर्ग के नेता से सवाल करेगा हर दलित पिछड़े वर्ग के लोग। इन्हे अपने ही समाज के लोगो को ज़बाब देना मुस्किल होगा
@TechnicalSK-252 жыл бұрын
वाह जज साहब वाह आपका न्याय 10% लोगों को 10% आरक्षण 60% लोगों को 27% आरक्षण
@TechnicalSK-252 жыл бұрын
@Yash Mudotiya जितनी आपकी जनसंख्या है उतना ही तो आपको मिलेगा या सबका आपको ही मिलना चाहिए
@TechnicalSK-252 жыл бұрын
@Yash Mudotiya दम कोई जंग थोड़ी ना लड़नी है जिसका सदियों से सुख सुविधा के सारे संसाधनों पर कब्जा है स्पष्ट सी बात है वो आगे ही होगा । अगर ऐसा है तो पहले वो सब भुगतो जो हम और हमारे महापुरुष अब तक झेलते आए है फिर आओ साथ दिखाते है दम
@TechnicalSK-252 жыл бұрын
@Yash Mudotiya हमारे महापुरुषों ने अत्याचार के बदले अत्याचार नहीं किया क्योंकि हम शांति , अहिंसा , और समानता में विश्वास रखते है
@TechnicalSK-252 жыл бұрын
@Yash Mudotiya हां वो हजारों वर्ष पुरानी बात है अभी हम कंस्ट्यूशनली ओबीसी है और हमें हमारा पॉपुलेशन के अकॉर्डिंग रिप्रेजेंटेशन , हक और अधिकार चाहिए
@TechnicalSK-252 жыл бұрын
@Yash Mudotiya भिखारी तुम और तुम्हारे पूर्वज रहे है मंदिरों की दान पर जिंदा हो हम मेहनतकश लोग है अपनी मेहनत का खाते है और हां ये बात हिस्सेदारी और प्रतिनिधित्व की है जिस पर तुमने सदियों से कब्जा कर रखा है
@jagdishmahay82922 жыл бұрын
बिलकुल सही बात है कि देश को जानबूझकर गृह युद्ध की तरफ धकेला जा रहा है
@ssk1662 жыл бұрын
Isliye sabka reservation khatam hona chahiye Verna Tere jaise fukrey apni khatiya PE lete lete roj grehyudh hi karwate rahenge , 😂😂
@rishabmishra90712 жыл бұрын
🤣🤣🤣🤣
@RakeshGupta-qu9yj2 жыл бұрын
@@rishabmishra9071 Abe ..panda.. tu Bach k rehna....jis din samne mil gaya .. pel diya jayega.be. Bhikmanga koum Ka...
@surendrakumardubey68512 жыл бұрын
काहे का गृह युद्ध ...बड़े लोगों को एससी एसटी आरक्षण से बाहर करने की जरूरत है ..उर्मिलेश एक नंबर का दल्ला पत्रकार है , जो अपने ही एससी एसटी वर्ग के हक पर डाका डाल रहा है ..
@demonslayer36832 жыл бұрын
Har baat pe yaar tumlog udh udh karne lagte ho
@hansrajkala17212 жыл бұрын
सभी St/sc/obcको अधिक से अधिक कानून शिक्षा प्राप्त करके कानून की लड़ाई लड़नी होगी। वकील ही वकालत कर सकता है। ऐसे जजों को सही न्याय का आना केवल वकील बन कर ही एक अच्छी वकालत करके ही दिखा सकते हैं। दूसरी ओर हमें शासित भी होना जरूरी है क्योंकि संसद में आना जरूरी है। इसलिए हमें अच्छे वकील एवं जज तैयार करना होगा।
@b.l.maurya29482 жыл бұрын
सुप्रीम कोर्ट में बैठे हुए लोग भी सरकार के लिए ही काम करते हैं
@dhansinghmarko42872 жыл бұрын
आदरणीय प्रोफेसर मनोज झा जी आपको कोटि कोटि बधाई आपके शब्द वाक्य जातिगत जनगणना के आधार पर आरक्षण लागू होना चाहिये पर मैं आपकी बातों से सहमत हूँ।
@sureshkumarverma41882 жыл бұрын
इस फैसले का एक निष्कर्ष यह निकलता है कि यदि वह सवर्ण है तो 8 लाख वार्षिक आय के साथ भी गरीब होता है और यदि वह एससी, एसटी, ओबीसी है तो वही 8 लाख आय उसे संपन्न बना देती है।
@Dr.amarjeet2 жыл бұрын
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है, यह नियम उन लोगों की मदद करता है जो आर्थिक रूप से गरीब हैं, कृपया मुझे बताएं कि कानून के खिलाफ कौन है,जो दिन-रात बोलते हैं मैं संविधान का पालन कर रहा हूं, क्या आप केवल अपने लालच के लिए संविधान का पालन कर रहे हैं, दूसरों को सम्मानपूर्वक जीने का कोई अधिकार नहीं है, आप दूसरों के अधिकारों को चुराने के लिए शक्तिशाली बनना चाहते हैं और आबादी की मदद से कुछ अनुसूचित जाति के लोग बिना श्रम के लाभ चाहते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी आप कभी सफल नहीं होते हैं और यदि आप सफल होते हैं तो नई प्रकार की संस्कृति निश्चित रूप से भारत को नष्ट कर देती है।
@mmandal63002 жыл бұрын
@@Dr.amarjeet पढ़ाई कर लो फिर बोलो लिखो
@meow-rd6op2 жыл бұрын
@@mmandal6300 tu bhi krle padhai
@deependrakumar11952 жыл бұрын
8 lakh Tak obc v poor hai general bhi hua phir hay tauba kyu
@lchaimlchaim2 жыл бұрын
@@mmandal6300 तुम लोग अगर पढ़ाई करते तो तुम लोगों को reservation की जरूरत नहीं पड़ता।
@ulendrasharma48742 жыл бұрын
देश में भूमि सुधार होना चाहिए सभी जाति धर्मों बराबर बांटना चाहिए
@rajeevpalthukral7642 жыл бұрын
A Gaye bhikhari
@RajKumar-uj8oh2 жыл бұрын
Wire channel per Aaj ka Dibet bahut him mahtwapurn Jai. Sc ka yeh jujment desh me grin yudh ki vigil dukes Dita hsi. Is Dubet ke like Arda khanam ji ko bahut bahu dhaybad
@RajKumar-uj8oh2 жыл бұрын
Aarfa khanam ji is jujment se grih yudh home ki Pura Pura sambhawna Jai.
@blackopss0172 жыл бұрын
are caste system khatam karne ka bhi kabhi to bolo
@demonslayer36832 жыл бұрын
Bhomi sudhar hogi to pta chalega aadhe se zyada sarkaari jaamen to sarkar ki kabhi thi ki nhi. Especially for st people
@Apsinghoficial1232 жыл бұрын
ये फैसला तो आना ही था... आखिर कौन अपने रिश्तेदारों को नाराज कर सकता है....😏 स्वार्थपूर्ण निर्णय.....👎
@user-te3ep7wn5l2 жыл бұрын
sahi bola 😂
@ramu72310 ай бұрын
Esa comment tto aana he tha jiska pariwaar sirf reservation se chalta ha bina mehnat ke vo dusro par jo sirf mehnat karke judge banne unse tto jalega he 😂
@angeshkumar77352 жыл бұрын
जातिगत जनगणना अवश्य प्रारंभ होना चाहिए।
@sanjeevsharma53062 жыл бұрын
Tu karne lag ja
@karshanchetiwal2252 жыл бұрын
10% सवर्णों को 10% रिजर्वेशन मिला अब तो upper लिमिट भी SC ने हटा दी तो Obc 52% को 52% रिजर्वेशन मिलेगा
@ArmyGovtTayariVirendraSingh2 жыл бұрын
जनरल 33% ह पर 2011 की jangna में 27% genarl h
@Gulshankumar-ue8cl2 жыл бұрын
Numbers r not permanent for any cast or religion in any time period so it is not a proper way to give or demand reservation on their present population.
@varshakaurav2 жыл бұрын
General category ke quote se diya hai , kash padh liya hota sirf reservation ke bharose na baithe hote
@Kharagu2 жыл бұрын
सही बात है भाई ओबीसी को 52% मिलना चाहिए, मैं इस मुद्दे पर आपके साथ हूँ
@asheeshmishra53922 жыл бұрын
सबको अपनी आबादी का आधी संख्या में रिजर्वेशन देना चाहिए तभी 50% तक रिजर्वेशन रहेगा और बाकी जनरल केटेगरी रहेगी जो न्यायोचित है किसी एक जाति का वर्चस्व नहीं होगा
@SujitV38382 жыл бұрын
अंग्रेज सही केहते थे भारत के सवर्ण न्याय नही कर सकते ये बात सही साबित होती रही हे
@bhashkerstudyvlogs75742 жыл бұрын
मनुवादियों की बेंच ने फैसला सुनाया है वाह री कोलेजियम सिस्टम का कमाल
@shris22102 жыл бұрын
अब ओबीसी को अपने जनसंख्या के आधार पर रिजर्वेशन मागना चाहिए
@gyandev94792 жыл бұрын
ताब तो मनोज बोझा जी आरक्षण के अंदर व आरक्षण होना चाहिए क्यों कि ओबीसी में कुछ जाति ही सारा मलाई मार रही है जैसे यादव कुर्मी वगैरह वैसे ही एससी में चमार के पास 22 फीसदी का 90 फीसदी आरक्षण है, आगर जाति जनगन्ना करोगे तो हरेक जाति को इंसाफ मिलना चाहिए न एससी माई सबसे पिचरी जाती डोम है जिनके पूर्वजो नै मैला तक धोया है, पर आज तक उनकी प्रतिष्ठा वैसी की वैसी ही है सारा मलाई चमार खा रहा है
@shris22102 жыл бұрын
@@gyandev9479 sahi jaatigat jangadna jaruri h kyonki pta chalega kon kitna malayi kha rha h 3% Brahman 90% malayi kha rha h waise general 15% hi hain aur 10% khulla ews aur 40 me bhi malayi kha rhe hain jiski jitni sankhya bhari uski utni bhaagidari
@millionaireclub98993 ай бұрын
15% upper caste 20% muslim and christian/other religion Remaining sc st obc
@noninutan94522 жыл бұрын
अंग्रेजो ने कहा था ,सवर्णों में न्यायिक चरित्र नही होता ..आज शत प्रतिशत देखने को मिला..
@Dr.amarjeet2 жыл бұрын
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है, यह नियम उन लोगों की मदद करता है जो आर्थिक रूप से गरीब हैं, कृपया मुझे बताएं कि कानून के खिलाफ कौन है,जो दिन-रात बोलते हैं मैं संविधान का पालन कर रहा हूं, क्या आप केवल अपने लालच के लिए संविधान का पालन कर रहे हैं, दूसरों को सम्मानपूर्वक जीने का कोई अधिकार नहीं है, आप दूसरों के अधिकारों को चुराने के लिए शक्तिशाली बनना चाहते हैं और आबादी की मदद से कुछ अनुसूचित जाति के लोग बिना श्रम के लाभ चाहते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी आप कभी सफल नहीं होते हैं और यदि आप सफल होते हैं तो नई प्रकार की संस्कृति निश्चित रूप से भारत को नष्ट कर देती है।
@MICROVISIONDETECTIONS2 жыл бұрын
MANUWADI सवर्ण are "True Backwards" !
@sanjeevsharma53062 жыл бұрын
Accha hua aapne apne nyayik charitra ki baat nahi boli, kyo angrezo ka to pata nahi kuch bhi bol dete the...
@ssk1662 жыл бұрын
Aur jahilo me akal nahi hoti na tameez ye aaj tujhe dekh ke pata chal gaya
@digmbersharma84032 жыл бұрын
Angrejono ke 😂😂😂 tumne ne hi h
@ramcharanverma69362 жыл бұрын
आरफा खानम जी यह बहस बहुत ही सार्थक व अच्छी है, आपके इस काम की में बहुत तारीफ़ करता हूँ, आशा है आप इसे जारी रखेगे।
@रजत-ध8ढ2 жыл бұрын
सुप्रीम कोर्ट में बैठे लोग जज नहीं थे, आरएसएस बीजेपी के लोग थे। 👍
@menezesl2 жыл бұрын
Kyon tumhara aarakshan chala gaya kya? Tum crororon mein dibe hue tribal ho?
@Dr.amarjeet2 жыл бұрын
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है, यह नियम उन लोगों की मदद करता है जो आर्थिक रूप से गरीब हैं, कृपया मुझे बताएं कि कानून के खिलाफ कौन है,जो दिन-रात बोलते हैं मैं संविधान का पालन कर रहा हूं, क्या आप केवल अपने लालच के लिए संविधान का पालन कर रहे हैं, दूसरों को सम्मानपूर्वक जीने का कोई अधिकार नहीं है, आप दूसरों के अधिकारों को चुराने के लिए शक्तिशाली बनना चाहते हैं और आबादी की मदद से कुछ अनुसूचित जाति के लोग बिना श्रम के लाभ चाहते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी आप कभी सफल नहीं होते हैं और यदि आप सफल होते हैं तो नई प्रकार की संस्कृति निश्चित रूप से भारत को नष्ट कर देती है।
@dklf6972 жыл бұрын
Isn't it an attack on sc st ovc reservation. It paves the way that reservation can be given more than 50% upto the desired limit. There must be caste census including socio economic conditions
@priyranjankumar99232 жыл бұрын
Tum logo mil rha h esse to ham logo ko koi dikkat nahi h fir tumhe kyu kira kat raha h
@krishanuadityapandey44142 жыл бұрын
Go to Pakistan.
@rajkumarjayswal41692 жыл бұрын
ओबीसी आरक्षण कम से कम पचास प्रतिशत होना चाहिए
@satishkumarsingh66082 жыл бұрын
10% अगड़ों को 10% आरक्षण तो फिर 60% पिछड़ों को 60% आरक्षण क्यों नहीं!
@dfuloria92992 жыл бұрын
10% gareebo ko mila h..sab 100% hi kr denge...phr to ameer ka bacha padh hi nhi payega..tum kya kisi bache ko sirf isliye sarkari job paane se rokna chahte ho kyuki uska baap jyada kamata h??
@gameworldramesh22072 жыл бұрын
EWS भी तो caste based reservation है
@ajayverma49522 жыл бұрын
आपको यह गलत आंकड़ा कहां से मिला
@chandrahassingh13912 жыл бұрын
सुप्रीमकोर्ट के बारे में उर्मिलेश जी ने बिल्कुल सही बात रखी।आज उदितराज ने स्पष्ट आरोप लगाया कि न्यायपालिका जातिवादी है, जो सही लगता है।सीपीआई एम एल ने सुप्रीमकोर्ट के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।आशुतोष जी ने जो शंका जाहिर की, वह सही है।मनोज झा जी ने अंततः उर्मिलेश जी के बातों का समर्थन किया।बहुत अच्छी चर्चा कराने के लिए आरफा जी धन्यवाद।
@buddhaandhisdhamma57092 жыл бұрын
देश खून मांग रहा है वो भी सवर्णों का खून जो दलित पिछड़े अल्पसंख्यक बहाएंगे क्योंकि ऐतिहासिक अन्याय हम भूले नही है।बाप दादाओं की कब्रें भले दफन हो पर न्याय की चादर उनपर ओढ़ाने की जिद अभी भी दिल मे जिंदा है।जय भीम।
@ic54422 жыл бұрын
Jab aisa kuch ho toh jagaa dena. 70% saal se aarakshan ka labh utha rahe ho & aaj toh bata kya aise rahe ho jaise Tumhara janma sidhe adhikaar ho.
@jainny10002 жыл бұрын
Buddh bhi savarn the...do you know @@
@hmmmm96612 жыл бұрын
Gobar saf kro
@shyammurarikarn2 жыл бұрын
Kya bat hai Sir khun bahane ki bat wo unka jo jinhone identity rakhi hai Buddha n His Dhamma . Sir ye chola utariye aur nikal padiye khun kharaba katl e aam machane k kiye. Agar galati se kanuni sikanje men aa jaye to Jay Bhim Jay Mim wale hain hi aapke liye. Badhiye Sir khun kharabe k liye badhiye shayad aisa karke aap kuchh yogdan kar saken samajik nyay ki taraf jo ki shikha aur awareness nahi de payi Bharatwarsh men.
@erleuchtet8079 Жыл бұрын
Bheemte toilet saaf kar....
@shivamrathour40632 жыл бұрын
जब जज भी वही तो वही कानून होगा
@rajeevpalthukral7642 жыл бұрын
Teri maa jo judge bana deta saale 27% iye
@shivamrathour40632 жыл бұрын
@@rajeevpalthukral764 मा चो # के लाईया बो देगे मोडि चो#
@shivamrathour40632 жыл бұрын
@@rajeevpalthukral764 चल भडवे तुम्हारी बुवा जवान कर दू गा रंडि की ओला#10भिख मिल गाई गलत तरीके से
@deependrakumar27482 жыл бұрын
गृहयुद्ध हुआ हक के लिए तो जीतेगा Obc sc st ही 15% वाले कुछ नही कर पायेगें हमारे पास शारीरिक शक्ति है भले ही आर्थिक शक्ति न हो
@raviprakash86402 жыл бұрын
मैं आपसे सौ प्रतिशत सहमत हूं
@raviprakash86402 жыл бұрын
@क्षत्रिय परमार भाई, एक बात सोचना कि भारत को गुलाम बनवाने में और तुम लोगों को अकेला युद्ध के मैदान में मरवाने में, आज़ भी तुमको बर्बाद करने में, जमीनें बिकवाने में, चने के झाड़ पर चढ़ाकर दूसरों से लड़वाने में केवल और केवल मनुवादी ब्राह्मण का हाथ है, दो राजपुत के लड़के बेचारे ब्राह्मणों के जाल में फंसकर दूसरों से झगड़ा करके अपना सब कुछ बेचकर ड्राइवर की नौकरी करने को मजबूर हैं, इसलिए ब्राह्मणों, बनियों के जाल में ना फंसकर अपने जीवन यापन पर ध्यान दो. एक सच को जल्दी ही तुम्हारे सामने आने वाला है, गौर करना कि कितने राजपूत युवा 10% सवर्ण आरक्षण में नौकरी पाते हैं और कितने ब्राह्मण, बनिए. गौर से देख ते रहना. तुम्हारे हित में यही है कि वह इन मनुवादी मानसिकता से ग्रस्त ब्राह्मणों, बनियों को सम्मान देना, इनसे कर्मकांड कराना बंद करके इनकी दुकानें बंद करो. बाकि तुम्हारी मर्जी
@मूलनिवासीचेतना2 жыл бұрын
जब सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग खडी हो रही है तो सभी श्रेणी को रिजर्वेशन दे देने से मतलब क्या? अब रही बात न्याय की जब न्याय हो ही नहीं रहा तो न्यायालय का मतलब क्या?
@digmbersharma84032 жыл бұрын
Sc or st kau population ke anusar reservation mil chuka h inko 16℅ population m 100 reservation chahiye
@00DP2 жыл бұрын
civil war hogi tay hai
@वन्देमातरम्-य3श2 жыл бұрын
हम *सनातनी SC,ST,OBC हिन्दुओं* को अल्पसंख्यक, मुस्लिम एवं ईसाई संस्थानों में बाबा साहब का दिया *संविधानिक आरक्षण* क्यों नहीं मिलता है भाई *???* *क्या हमें संविधानिक आरक्षण मिलेगा ?*
@rajeevpalthukral7642 жыл бұрын
To phir maa chudwao
@deependrakumar11952 жыл бұрын
Aaplog jitna yaha dukh dikha rahe ho aap honestly bataw kitane dalit ka jeevan star me sudhar kiye roji roti ki byawstha kiye Itna negative vichar lekar kaha rahoge Aaj England, France America ko bolo garibo ki population jyada hai so World ke natural resources par hak sabse jyada undeveloped country ka hoga Agar aapke pita ji job me ho aur chacha kuchh nhi kiye to kya koi bhi bhai chahe o kisi bhi cast ka ho ghar ka sara property garib bhai ke liye chhod deta hai koi apke ass pass example ho to batana phir usi tarah to yaha bhi hai Agar nafarat hi karna hai to Karo kaun rokega.ab time hai sabkoi milkar kaise sabko kam mile sab ka jiwan khushal hai kisi ke pass capital hai to kisi ke pass manpower uska combination se aage badhane ka to yaha din bhar nafarat phaila ke kuchh apne ke budhijibi samjhane Wale garibo ke development me hindrance ban rahe hai
@deonarayanrawat35662 жыл бұрын
धन्यवाद माननीय मनोज झा जी। आपका विष्लेशण सटीक है। सही बात है कि आबादी के आधार पर हीं आरक्षण होना चाहिए।
@gyandev94792 жыл бұрын
ताब तो मनोज बोझा जी आरक्षण के अंदर व आरक्षण होना चाहिए क्यों कि ओबीसी में कुछ जाति ही सारा मलाई मार रही है जैसे यादव कुर्मी वगैरह वैसे ही एससी में चमार के पास 22 फीसदी का 90 फीसदी आरक्षण है, आगर जाति जनगन्ना करोगे तो हरेक जाति को इंसाफ मिलना चाहिए न एससी माई सबसे पिचरी जाती डोम है जिनके पूर्वजो नै मैला तक धोया है, पर आज तक उनकी प्रतिष्ठा वैसी की वैसी ही है सारा मलाई चमार खा रहा है
@gogobamedia50802 жыл бұрын
आंदोलन होगा और बहुत बड़ा होगा। हर आम आदमी आंदोलन के लिए आगे आयेगा। Om
@dhammpaldhabre42752 жыл бұрын
🤔🤔😅😅
@indianeducation99842 жыл бұрын
मैं तो ये पहले से जानता था। सारे जज सामान्य वर्ग के है तो फैसला भी उन्ही के पछ में आएगा ।न्याय की उम्मीद मत करिए । जब तक आप लोगो का प्रधिनित्व सुप्रीम कोर्ट में नही होगा न्याय मिलना मुश्किल है। कोलिसियम सिस्टम हटाकर पेपर के माध्यम से नियुक्ति हो सुप्रीम कोर्ट में upsc ke तर्ज़ पर
@singga69462 жыл бұрын
आरक्षण भी खत्म होना चाहिए
@sudheerkumarmarskole73792 жыл бұрын
St sc obc जाग जाओ अभी भी टाइम है नहीं तो फिर गुलामी करना पड़ेगा
@RaviSingh-hw9yn2 жыл бұрын
ऐसे डिवेट यदि सभी मीडिया बन्धु करे तो देश कि तकदीर और तस्वीर बदल जायेगी द वायर को बहुत बहुत धन्यवाद है
@sureshkumarverma41882 жыл бұрын
पहले सवर्णों की वास्तविक जन संख्या को सार्वजनिक किया जाना चाहिए था। यह सरासर अन्यायपूर्ण है कि केवल 15% सवर्णों के लिए 10% पद आरक्षित कर दिया जाए और शेष 85% जनसंख्या के लिए मात्र 50% आरक्षण रखा जाये। मुझे तो पहले से ही पक्का था कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में मोदी के प्रतिकूल फैसला नहीं देगी और वही हुआ। 10% EWS आरक्षण के पीछे मोदी जी का असली मकसद सवर्ण मतदाताओं पर एकमुश्त कब्जा करना रहा है, जिस पर सवर्ण जजों से भरे सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है।
@ssca2z2112 жыл бұрын
Burnol
@rajnikantsinghrajnikantsin47252 жыл бұрын
Tumko kaise pata hai ki upper caste 15percent hai
@mmandal63002 жыл бұрын
@@rajnikantsinghrajnikantsin4725 पढ़ाई कर मुन्ना। पूरा बेईमानी की है जज ने
@krishanuadityapandey44142 жыл бұрын
@@mmandal6300 Darwin pado . Quran ka jhoot pata chal jayega.
@krishanuadityapandey44142 жыл бұрын
@@mmandal6300 Go to Fuckishtan.
@aniruddhaprakash9632 жыл бұрын
EWS कोटा निर्णय पर बहस के लिए बुलाये गए इस शानदार पैनल के लिए आपका बहुत शुक्रिया आरफा मैम...सभी विद्वानों ने मुद्दे के लगभग सभी पहलुओं पर रोशनी डाल दी है... इतना ही कहना है कि निश्चित तौर पर माननीय सर्वोच्च अदालत ने आज फिर से एक गलत फैसला दिया है जिसके द्वारा आरक्षण की मूल संकल्पना, प्रतिनिधित्व के साधन के रूप में, को ही ध्वस्त कर दिया गया है...👌👌👍🙏🙏🙏
@mahendraprasadyadav95872 жыл бұрын
भारत में न्याय नहीं मिलता क्योंकि मनुवाद बैठे हैं सारे बेईमान जुज है कैसे न्याय मिलेगा।
@dalbirpahal84922 жыл бұрын
Fir tujhe kaise mil gya aarakshan?
@rishabmishra90712 жыл бұрын
Judge ko juj lika hai hai ye juj Yadav.... Or inko aarakshan chahiye🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
@Mani.choudhary6792 жыл бұрын
@@dalbirpahal8492 phir tere baap n aaj aarakshan de hi Diya
@वन्देमातरम्-य3श2 жыл бұрын
हम *सनातनी SC,ST,OBC हिन्दुओं* को अल्पसंख्यक, मुस्लिम एवं ईसाई संस्थानों में बाबा साहब का दिया *संविधानिक आरक्षण* क्यों नहीं मिलता है भाई *???* *क्या हमें संविधानिक आरक्षण मिलेगा ?*
@Riteshkumarvlog-qe2fz2 жыл бұрын
आज सामान्य वर्ग को आरक्षण मिलने लगा तो,खुजली हो रही है।
@mahendrathakur7682 жыл бұрын
आदरणीय उर्मिलेश जी का विचार मानने योग्य है।
@jayhind33172 жыл бұрын
सर्वोच्च न्यायालय का यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है जो समाज में घोर विषमताओं को जन्म देगा।
@ratanlalbatham57822 жыл бұрын
बहुत ही तार्किक परिचर्चा का आयोजन करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आरफा खानम शेरवानी जी परिचर्चा में शामिल सभी महानुभाव धन्य है आप
@rameshchand212 жыл бұрын
बहन मायावती का एक सपना आज पूरा हुआ जो यह आरक्षण देना चाहती थीं स्वर्ण गरीबों को आरक्षण देना, अब दूसरा सपना भी जल्द ही पूरा होगा परशुराम की सबसे ऊंची मूर्ति बनाने का, सभी sc st मंदिर में घंटा बजाये और कांवर लेने जाएं
@ज्ञानेशवर्मा2 жыл бұрын
पढ़ाई लिखाई करनी नहीं है, जिन दलों ने विरोध भी किया था क्या वह बिल संसद मे रोक पाये? जब सरकार बहुमत मे होती है, कोई भी सविधान संशोधन करके क़ानून बनाकर पारित कर सकते हैं
@Dr.amarjeet2 жыл бұрын
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है, यह नियम उन लोगों की मदद करता है जो आर्थिक रूप से गरीब हैं, कृपया मुझे बताएं कि कानून के खिलाफ कौन है,जो दिन-रात बोलते हैं मैं संविधान का पालन कर रहा हूं, क्या आप केवल अपने लालच के लिए संविधान का पालन कर रहे हैं, दूसरों को सम्मानपूर्वक जीने का कोई अधिकार नहीं है, आप दूसरों के अधिकारों को चुराने के लिए शक्तिशाली बनना चाहते हैं और आबादी की मदद से कुछ अनुसूचित जाति के लोग बिना श्रम के लाभ चाहते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी आप कभी सफल नहीं होते हैं और यदि आप सफल होते हैं तो नई प्रकार की संस्कृति निश्चित रूप से भारत को नष्ट कर देती है।
@prabhashchandra26722 жыл бұрын
डॉक्टर चंद्रभूषण अंकुर जी की आवाज को बड़े से बड़े राजनीतिक व्यक्ति भी कहने से कतराते हैं गांधी विचार मंच चंद्र भूषण जी के विचार से सहमत है
@GulabSingh-kr4pu2 жыл бұрын
संविधान को किनारे करके असंवैधानिक कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है और यहां तक कि मनुवादियों की बात को साबित करने का प्रयास किया जा रहा है कि संविधान ही ठीक नहीं है
@dalbirpahal84922 жыл бұрын
Kyon 75 saal se khud malayi kha rhe ho ab dusro ko kuch mila to mirchi kyon lgi?
@dalbirpahal84922 жыл бұрын
@WORKOHOLIC SN Bilkul bhai esa krne se hi reservation khtm ho sakta hai.Reservation cancer se bhi KHTRNAK h.
@qpwoeiurtyhg2 жыл бұрын
बहोत सार्थक बहस ये न्यायालय अब एक पार्टी और जजों की एकतरफा झुकाव दिखता है
@kanhaiyalaljat17782 жыл бұрын
इस फैसले से अब 50% आरक्षण की सीमा खत्म हो गयी है तो अब ओबीसी को भी 27% के बजाय 52% आरक्षण तुरंत लागू होना चाहिए।
@sudhirsingh70392 жыл бұрын
आप के ईमानदार और स्वतंत्र पत्रकारिता को लाल सलाम
@rabindraanand56522 жыл бұрын
कोलोजियम पद्धति का यह कु प्रभाव है। यह कहावत हैं कि जबरा मारते जाय और रोने भी न दे।वर्तमान सरकार अपने मनसूबे को पूरा करने के लिये माननीय उच्चतम न्यायालय का सहारा ले रही है।
@jyotikumar48322 жыл бұрын
आप को बहुत-बहुत हार्दिक आभार सहित सादर अभिनंदन I आप ने बहुत बड़ी एवं अच्छी बात कही एवं देश व समाज के सामाजिक लोगों के माध्य रखते हुए सार्थक पहल की है I आप को आभार सहित बहुत-बहुत क्रांतिकारी जय भीम I
@anilkumarkori50012 жыл бұрын
उर्मिलैस जी क्या पत्रिकारिता का परिचय दिया है। सैल्यूट। सर जाति हैं की जाती नहीं। विशेष जाति को मजबूत कर रहीं हैं।
@angeshkumar77352 жыл бұрын
हम आपलोगों के विमर्श से धन्य हूँ । धन्यवाद
@rohitkumar-tz4xm2 жыл бұрын
इस समय कई फैसलों को देखे तो गलत दिये है लगता है जजों का हिला हुआ है
@jalajsoni26452 жыл бұрын
जात जनगणना होनी ही चाहिए और उसी अनुपात में आरक्षण होनी चाहिए।
@ajay345552 жыл бұрын
All Great Most Intellectuals Panelists. Regards Ajay Kumar. Thank You.
@ashishdahat912 жыл бұрын
सवर्णों में न्यायिक चरित्र नही होता आज देखने को मिला.
@Kharagu2 жыл бұрын
2 जज जो विपक्ष में थे वो भी सवर्ण ही थे। बात बस ये है कि जो तुम्हारे खिलाफ जाए वो गलत, बाकी सही।
@ashishdahat912 жыл бұрын
@@Kharagubhai aisa hai ki 5 judge ke bench ne ews reservation nhi dena chahiye aisa bola hi nhi wo 5 judge agree the usame se 2 sirf sc st obc ko involved krna chahiye ye bol rhe the mtlb 5judge ews ke favor me the aur jb reservation ki baat thi to sc st aur obc ke judge q nhi the bench me mtlb complect of intetest ki baat hai naa sbko pahle se pta tha ki decision kyaa ayenga qki yaha upper caste walo ke pass hi desh ki sb bhagdaud hai baki 80℅ bahujan ki koyi nhi sunta aur naa unke haque adhikar ke baare me bolate hai
@Kharagu2 жыл бұрын
@@ashishdahat91 कितनी कमाल की बात है ना, 80% जनसंख्या 5% जनसंख्या को अधिकार दे देती है ऊपर रहने का। और गलती 5% की निकाली जाती है। और एक बात देखो 5 में से 2 जज चाह रहे थे कि इसमें sc st obc को भी शामिल करना चाहिए । मतलब परसेंटेज निकालें तो 40%, लेकिन 40 % sc stवाले कभी नहीं कहेंगे कि ये भी हमारे भाई हैं, इन्हें भी रिज़र्वेशन दे दो, इससे हमारा तो रिज़र्वेशन कम नही हो रहा। बड़ा दिल चाहिए भाई इसके लिए प्रेम चाहिए साथ में।
@ashishdahat912 жыл бұрын
@@Kharagu bhai ye fact hai apke manane naa manane se nhi chnge honga desh ke sare resources pr 10% upper caste kaa 96% kabja hai chahe judiciary ho media ho,administrative etc.fir bhi apko lagta hai ews reservation jiska sbse jada representation hone ke bawjud unhe aur representation chahiye kyaa baat hai
@Kharagu2 жыл бұрын
@@ashishdahat91 भाई मेरे मानने या ना मानने से कुछ भी फर्क नहीं पड़ता ये आपको पता है। लेकिन मैं फिर भी आपको मेरा पॉइंट समझाने का प्रयास करके देखता हूँ। बात यह है कि आप जितने भी लोगों को देखते हो उसमे उनकी जाति देखते हो इसलिए आपको जाति का परसेंटेज दिखता है, लेकिन यह भी सच है कि जब कोई व्यक्ति किसी पद पर पहुचता है तो या तो उसे स्वयम को फायदा होता है या उसके निजी लोगों को, चाहे वो किसी भी जाति के हो, जैसे मेरा कोई मित्र जिसका सरनेम हरिजन हो और वह किसी पद पर पहुचता हो तो भी उसकी जाति से ज्यादा उसके पद का फायदा मुझे मिलेगा। ये राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए जातियों की भागीदारी की बात करते हैं। किसी के नौकरी या पद प्राप्त करने में उसकी जाति का शायद योगदान नहीं होता, केवल उसकी स्वयम की कड़ी मेहनत का परिणाम होता है। अब यदि कोई मेहनत के दम पर कहीं पहुँचा हो और लोग उसकी जाति की बात करे ये तो गलत बात है। फिर भी यदि आप फैक्ट की बात करते हो तो फैक्ट भी आप चेक करलो, किसी भी एग्जाम में सबसे ज्यादा सिलेक्शन ओबीसी का होता है। आप राजनीति में देखना , किसी की कही बातों में आने के बजाय कल स्वयं गूगल से लॉक सभा mp की लिस्ट डाउनलोड करके देखना सबसे ज्यादा mp किस कैटेगरी के हैं। एक बात और जब कोई घर मे ज्यादा बीमार होता है, तो आप जाति का डॉक्टर पता करते हो या किसी से कोई बेस्ट डॉक्टर पूछते हो। जब कोई घर बनवाना हो तो बेस्ट मिस्त्री, कपड़े सिलवाने हो तो बेस्ट टेलर, मतलब साफ है जब हमे खुद को काम हो तो बेस्ट ढूंढना होता है, लेकिन देश के मामले में हम आसानी से कह देते हैं कि हमारी जाति का नहीं है इस पद पर। अब ये तो सीधी सी बात है ना देश मे भी जो ज्यादा नम्बर लाएगा उसे उच्च पद मिलेगा। अब इस का अर्थ ये मत निकाल लेना कि ज्यादा मेहनत वाले केवल किसी एक जाति के ही होते हैं। लेकिन उच्च पदों पर मिलेंगे ज्यादा मेहनत करने वाले ही, फिर वो चाहे किसी भी जाति के हो। अगर उदाहरण चाहिए तो राजस्थान के DGP हरीश चंद्र मीना भी रह चुके हैं। जो कि st कैटोगरी से आते हैं। और मैं फिर कह रहा हूँ किसी की बात मत मानिए कोई अपने स्वार्थ के लिए आपसे झूठ भी बोल सकता है, अतः कोई भी एग्जाम में सिलेक्टेड कैंडिडेट की लिस्ट डाऊनलोड करना और देखना किस कैटेगरी के कितने परसेंट लोग लग रहे हैं। अतः जाति का कीड़ा दिमाग से निकालिये, और समाज को शिक्षा की ओर लाइये, ताकि कोई भी व्यकि अपने स्वार्थ के लिए किसी को बेवकूफ ना बना सके। इतना लंबा लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद। अगर अभी भी कोई शंका हो तो अपना नंबर दे दीजिए आमने सामने विचार विमर्श कर लेंगे। लिखने में समय अधिक लगता है और बाते कम हो पाती है। एक बार पुनः आपका धन्यवाद।
@amarjitkandola43062 жыл бұрын
Thanks!
@amarshiamarshi54102 жыл бұрын
जय भीम जय संविधान सामाजिक कंम्पलसरी होना चाहिए तो ही आरक्षण मिलना चाहिए
@dalbirpahal84922 жыл бұрын
Aarakshan bilkul band hona chahiye.
@mansinghdhruw80572 жыл бұрын
एसी एसटी एवं पिछड़े वर्ग को उनके हक से दूर कर दिया ,सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय
@shatrohanlal79162 жыл бұрын
A very unbiased and transparent discussion. Hats off to Arafa Ji.
@nareshroy92952 жыл бұрын
आशुतोष जी आपका तर्क एकदम सही एवं तकनीकी रूप से सही हैं।
@rampraveshray43762 жыл бұрын
सुप्रीम कोर्ट भी महा पक्षपात और अन्याय का रास्ता चल रहा है।नाम आर्थिक आधार और फायदा मलाईदार को ।वाह रे आरक्षण।
@Dr.amarjeet2 жыл бұрын
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है, यह नियम उन लोगों की मदद करता है जो आर्थिक रूप से गरीब हैं, कृपया मुझे बताएं कि कानून के खिलाफ कौन है,जो दिन-रात बोलते हैं मैं संविधान का पालन कर रहा हूं, क्या आप केवल अपने लालच के लिए संविधान का पालन कर रहे हैं, दूसरों को सम्मानपूर्वक जीने का कोई अधिकार नहीं है, आप दूसरों के अधिकारों को चुराने के लिए शक्तिशाली बनना चाहते हैं और आबादी की मदद से कुछ अनुसूचित जाति के लोग बिना श्रम के लाभ चाहते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी आप कभी सफल नहीं होते हैं और यदि आप सफल होते हैं तो नई प्रकार की संस्कृति निश्चित रूप से भारत को नष्ट कर देती है।
@lochansingh24122 жыл бұрын
यह फैसला कोर्ट से नहीं जनमत से होना चाहिए
@dhansinghmarko42872 жыл бұрын
पीसीएस की एवं समस्त परीक्षाओं मे साक्षात्कार भी बंद होना चाहिए
@भारतराव-ध3ष2 жыл бұрын
आरक्षण पर आप सबका बहुत बढ़िया विश्लेषण। इस वार्ता को सार्थक बनाने के लिए आप सबको धन्यवाद। ❤️
@humbharatkelog47942 жыл бұрын
OBC मेहनती वर्ग है इसे आरक्षण की भीख नही चाहिये l ऐसा OBC वर्ग का सोचना है🙏
@asvijayghote51202 жыл бұрын
aise kitane OBC sochte hai unhone arkshan ka labh nahi uthana chahiye tum to bramhano ki jaal me fase hue ho
@subh21732 жыл бұрын
उर्मिलेश जी आप बोहोत ही सही बात कही obc st sc को अभि तक पुरी तरह आरक्षण नही दिया गया
@Guftugu2 жыл бұрын
Great Discussion for UPSC aspirants
@hanumantareddy62942 жыл бұрын
तथ्यों को सही तरीके से पेश करने की कोशिश करती हैं आप। इन्साफ । Looks very hard working and devoted and passionate. Hindi gyan aur hindi boli ati-durust hai aapki.
@kamatayadav6742 жыл бұрын
वाह रे सुप्रीम कोर्ट,लाज शरम रह गयी न अब तो गोडसे के चेलों मे। इतिहास न तुमको माफ करेगा याद रहे पीढि़या तुम्हारी करनी पर पछतायेंगी ।
@asvijayghote51202 жыл бұрын
sahi baat hai bahujano ka bhi time ayega aaj kal to sab you tube par milta hai chun chun kar hisab lege
@SunilKumar-wu5tn2 жыл бұрын
न्यायपालिका भी अब न्यायप्रिय नही रह गई है अब ओबीसी को अपनी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग को पूर जोर तरीके से उठानी चाहिए।
@anwarkhan-jc5pb2 жыл бұрын
Honest and true journalism
@demonslayer36832 жыл бұрын
Journalism or leftist propaganda?
@user-te3ep7wn5l2 жыл бұрын
Debate ke liye mai arfa khanam ji ko tahe dil say sukriya krna chahta hu 🙏🙏
@yadavykyk86702 жыл бұрын
अब आर क्षण की अब जरूरत नहीं है जातिगत जनगणना होनी चाहिए और उ
@vijay48442 жыл бұрын
Akdam sahi aur super dibet huaa👍💐
@ssca2z2112 жыл бұрын
Sach me aaj mja aa gya ......burnol ki demand aaj badh gyi hogi
@krishanuadityapandey44142 жыл бұрын
Bilkul.
@ashokkumardeswal83802 жыл бұрын
Right
@rajkumargautam88482 жыл бұрын
यह निर्णय बहुजनो का लिटमस टेस्ट है जो मनुवादी मानसिकता के राजनेता, मीडिया कर्मी, एवं न्यायालय के न्यायाधीश ले रहे हैं ।अब बारी बहुजनो की चेतना, सहनशीलता एवं मनुवादी मानसिकता के लोगों के खिलाफ लडने वाली अंतिम लड़ाई लडने के जज्बे का परीक्षण है। बहुजनो याद रखो कभी भी अधिकार मागने से नहीं छिनने से ही मिला है ।
@krupatiwari65602 жыл бұрын
आरफाजी कहना चाहता हूं- ये दुख काहे खत्म नहिं होति है।
@chandradhanyadav71762 жыл бұрын
हर वर्ग के गरबों के लिए आरक्षण का प्रावधान उन वर्गों में गरीबों के संख्या के आधार पर होना चाहिए !
@Surendrayadav-s2w2 жыл бұрын
पहले लोग कहते थे कि कानून अंधा होता है आज अंधे लोगों को लोगों ने देख लिया
@ramcharanverma69362 жыл бұрын
कुछ सालों से उच्च न्यायालय के द्वारा लिए गये फैसलों ने जनता को निराश किया है, इस लिए न्यायालय से जनता का विश्वास खत्म हो रहा है, न्यायालय में अब जजों की नियुक्ति एक ऐसी प्रक्रिया के द्वारा होना चाहिए। तथा जजों मे भी सभी समाज का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना चाहिए। तभी हम नयाय को सुरक्षित कर सकते हैं।
@रणजीत-फ9ज2 жыл бұрын
Very nice debate. U r fighting great arfaa ji
@abhaysharma11272 жыл бұрын
आरफा जी अगर आर्थिक आधार पर आरक्षण उच्चतम न्यायालय पास कर दिया है, तो फिर देश में " विधायकोंऔर सांसदों " की सीट भी आर्थिक आधार पर करीजाय। आरक्षित सीटों को ।
@nasreennas12 жыл бұрын
👍🏼❤️ Excellent discussion, Jiski jitni sankhya bhari uski itni sajhedari yehi theek rahega aur sab ko insaaf milega..
@booksquotes9482 жыл бұрын
Is this applicable while tax collection. ?
@वन्देमातरम्-य3श2 жыл бұрын
हम *सनातनी SC,ST,OBC हिन्दुओं* को अल्पसंख्यक, मुस्लिम एवं ईसाई संस्थानों में बाबा साहब का दिया *संविधानिक आरक्षण* क्यों नहीं मिलता है भाई *???* *क्या हमें संविधानिक आरक्षण मिलेगा ?*
@वन्देमातरम्-य3श2 жыл бұрын
@WORKOHOLIC SN भारत में मूर्खतापूर्ण बातें, देश विरोधी मानसिकता वाले लोगों को लगता है कि नोबेल पुरस्कार का भी नाम पाखंड नोबेल पुरस्कार होना चाहिए ,,,, जय हो
@nilch14592 жыл бұрын
Tumhari sankhya se tum apna hissa le chuke ho pahle hi, 1947 me.
@donttellmejustlisten45982 жыл бұрын
@@वन्देमातरम्-य3श agar SC ST se itna pyar hai apke bhai hai toh hazoron saal unko dba kar kyun rakha brahmno ne , pani nahi pya kabhi hathon se par brahman ke dharam ke bata kar unka use karo jayada se jayada , Sir BR Ambedkar ji ne isi liye sabhi SC ST bhaiyon ko Buddhism follow karne ko kaha hai
@krishanshah52422 жыл бұрын
जय सेवा जय भीम आशुतोष जी नमस्ते जाति जनगणना कराकर सबका जितनी जनसंख्या उसके हिसाब से हिस्सा देना चाहिए क्योंकि अब समय आ गया है जाति जनगणना कराने की और उसी के हिसाब से जिस का जनसंख्या उसके हिसाब से क्योंकि जितने भी बैठे हुए हैं ऊपर सारे उच्च जातियों के लोग कोई ऐसा ऑफिस नहीं है जिसमें यह लोग नहीं बैठेइसलिए पहले गिनती की जाए किसके घर से कितने संख्या में लोग बैठे हैं उसी के हिसाब सिर्फ आरक्षण जय सेवा जय भीम जय सविधान
@pawanparkash41902 жыл бұрын
पिछड़े वर्ग के लोग जब पत्थर पूजने से फुर्सत मिले तब हक की बात करेगे। आंदोलन करना होगा
@subh21732 жыл бұрын
100 प्रतिशत आरक्षण लागू करणा चाहीये
@pandurangarao88142 жыл бұрын
It's unfortunate that the social justice is killed and giving the way to up hold the casteism of Hindu society.
@lchaimlchaim2 жыл бұрын
EWS reservation shall be on the basis of economic condition not caste or religion. So, how social justice system is killed?
@demonslayer36832 жыл бұрын
@@lchaimlchaim exactly, even one of my muslim friends benefitted from ews reservation. These people don't want social justice and equality. They want social dominance.
@gangayadav37682 жыл бұрын
Yes Professor Chandra Bhushan ji,Agreed .
@menezesl2 жыл бұрын
Achi quality ki weed istemaal karo bhai. Logic ghaplagaya hai
@penacle72 жыл бұрын
@@lchaimlchaim are you judged based on your religion or caste ? People conclude you are not fit to have a moustache and killed coz u belong to a particular caste ? Even if u do economically well still treated as a person worthless of respect or honour ? Coz that was the reason fr reservation coz pple don’t want pple of certain caste or religion in same position even if they are fit .
@nirmalkant55792 жыл бұрын
Thanks Didi Arfaji very Very good post SC St OBC Mainority Akata jinda Baad Radhey Radhey District Firozabad UP
@skillreflections83322 жыл бұрын
Great expression Shri Urmileshji... Hat's off to you sir
@charansinghbhuttay37752 жыл бұрын
Everybody know the agenda of R.S.S.B.J.P.is working on this.All the decisions were taken by this govt.are unconstitutional.It is a fraud with the people of this country.So we can say it is a govt. of stupid peiple.
@tanmaytejasnarayan56962 жыл бұрын
जातीय आधार पर जनगणना जरूरी है, जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी तय हो
@mahendrathakur7682 жыл бұрын
स्वर्ण का आरक्षण संविधान के मूल भावना के विरुद्ध है। यदि गरीबी के आधार पर आरक्षण होना है तो SC St OBC में कम से कम ८०%गरीब है अतः बाकी 90% SC St OBC को जन संख्या के आधार पर आरक्षण दिया जाना चाहिए
@omprakashnarnaware34782 жыл бұрын
हिंदू राष्ट्र घोषित कर ना बाकी है। लोकशाही खत्म।
@ramtejverma33952 жыл бұрын
ओबीसी जो विभिन्न जातियों में बटे उन्हें जाति की भावनाओं से ऊपर उठ कर एक जुट होकर उन्हें सड़क पर संतीपूर्बक उतरना पड़ेगा तभी इस वर्ग के लोगों को न्याय मिल सकता है।
@Dr.amarjeet2 жыл бұрын
यह सुप्रीम कोर्ट का अच्छा फैसला है, यह नियम उन लोगों की मदद करता है जो आर्थिक रूप से गरीब हैं, कृपया मुझे बताएं कि कानून के खिलाफ कौन है,जो दिन-रात बोलते हैं मैं संविधान का पालन कर रहा हूं, क्या आप केवल अपने लालच के लिए संविधान का पालन कर रहे हैं, दूसरों को सम्मानपूर्वक जीने का कोई अधिकार नहीं है, आप दूसरों के अधिकारों को चुराने के लिए शक्तिशाली बनना चाहते हैं और आबादी की मदद से कुछ अनुसूचित जाति के लोग बिना श्रम के लाभ चाहते हैं, पीढ़ी दर पीढ़ी आप कभी सफल नहीं होते हैं और यदि आप सफल होते हैं तो नई प्रकार की संस्कृति निश्चित रूप से भारत को नष्ट कर देती है।
@bdgautambhagvandas78432 жыл бұрын
Right.sanghi.sajis ko
@carinaynek57652 жыл бұрын
बिलकुल जी अब बहुजनों को Supreme Court के फेसले पर इकट्ठे होकर एक आंदोलन चलाना चाहिए अब तो जागो बहुजनों जागो अगर आज भी बहुजन नहीं जागे तो ये मनुवादी लोग आपको ख़त्म करके रख देंगे जय भीम जी
@kanhaiyalaljat17782 жыл бұрын
सुप्रीम कोर्ट का फैसला न्यायिक फैसला नही होकर राजनैतिक फैसला है।
@singga69462 жыл бұрын
नौकरी देना नहीं है सिर्फ आरक्षण को बढ़ाना घटाना है
@lachhindarkumar29492 жыл бұрын
जब सरकार पावरफूल होता है तो सुप्रीम कोर्ट कमजोर पड़ता है
@ranjeetverma3692 жыл бұрын
Great debate 🙏🙏🙏
@marutnandanAsst.2 жыл бұрын
गृह युद्ध होगा🙏 गलत निर्णय है सुप्रीम कोर्ट के जाति जनगणना होना चाहिए