❤❤ दादा शशि राजकमल जी को हृदय से प्रणाम करता हूं बहुत अच्छा गीत गया है बहुत पुराना गाना गया है बहुत बहुत धन्यवाद है और श्रीमती क्रांति माला जी को हृदय से प्रणाम करता हूं बहुत अच्छा गीत गया है बहुत बहुत धन्यवाद है ❤❤❤
@bhanvarsingh30864 күн бұрын
सवाल गीत में बोतल के ढक्कन खुलने की आवाज का तो कोई जवाब ही नहीं | बढ़िया सवाल व जवाब गीत | जो माया सब जगहिं नचावा |जासु चरित लखि काहु न पावा || सो प्रभु भ्रू बिलास खगराया |नाच नटी इव सहित समाजा || जो माया सम्पूर्ण जगत को नचाती है, और जिसके चरित (करतूत) को कोई समझ नहीं पाया, हे खगराज ! वही माया भगवान् की भ्रकुटि के इशारे पर समाज (परिवार) सहित नटी की भांति नाचती है | यन्मायावशवर्ति विश्वमखिलं ब्रम्हादिदेवासुरा, यत्सत्वादमषैव भांति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रम: | जिसकी माया के वशीभूत सम्पूर्ण विश्व, ब्रम्हादि देवता और असुर हैं | जिनकी सत्ता से रस्सी में सर्प के भ्रम की भांति सारा दृष्य-जगत सत्य ही प्रतीत होता है |
@pragatishukla4144 күн бұрын
Bahut sunder rachana 🎉🎉🎉🎉🎉
@satyaprakashsharma57754 күн бұрын
Nice Dada shashi raj ji ❤❤❤❤❤Manu foam bareilly se satya Prakash Sharma ❤❤❤❤❤❤