कर्म, अकर्म, विकर्म किसके लिए हैं? || आचार्य प्रशांत, अवधूत गीता पर (2020)

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शास्त्रज्ञान

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Күн бұрын

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⚡ आचार्य प्रशांत कौन हैं?
अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
संक्षेप में कहें तो,
आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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वीडियो जानकारी:
पार से उपहार शिविर, 15.02.20, ऋषिकेश, उत्तराखंड, भारत
प्रसंग:
पुंसोऽयुक्तस्य नानार्थो भ्रमः स गुणदोषभाक् ।
कर्माकर्मविकर्मेति गुणदोषधियो भिदा ।।
भावार्थ: जिस पुरुष का मन अशांत है, असंयत है, उसी को पागल की तरह अनेको वस्तुएँ मालुम पड़ती हैं; वास्तव में यह सब चित्त का भ्रम ही है । नानात्व का भ्रम हो जाने पर ही ‘यह गुण है’‘यह दोष है’ इस प्रकार की कल्पना करनी पड़ती है । जिसकी बुद्धि में गुण और दोष का भेद बैठ गया है, जो दृढ़मूल हो गया है उसी के लिए कर्म, अकर्म और विकर्म के भेद का प्रतिपादन हुआ है ।
~अवधूत गीता (अध्याय १, श्लोक ८)
~ " बुद्धि में नानात्व का भ्रम हो जाता है " इसका क्या अर्थ है?
~ नानात्व दूर कैसे हो?
~ मन की अशांति दूर कैसे हो?
~ ज्ञान को जीवन में कैसे उतारें?
~ नानात्व को पचेड़ा क्यों कहते हैं?
~ कर्मों को गौर से देखने पर इतना ज़ोर क्यों है?
~ कर्म- अकर्म, विकर्म या निष्काम है, यह जानने पर क्यों इतना ज़ोर है?
~ कर्ता परेशान क्यों है?
संगीत: मिलिंद दाते
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Пікірлер: 35
@AP_Shastragyaan_Hindi
@AP_Shastragyaan_Hindi 11 ай бұрын
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@priyankagupta8002
@priyankagupta8002 11 ай бұрын
अकर्म वो सबकुछ जो आपकी चेतना द्वारा संचालित नहीं है, फिर भी आपकी देह करती है। अकर्म वो सबकुछ जिसको करने में वास्तव में आपका चुनाव शामिल ही नहीं। जैसे साँसों का चलना ये दिखने में कर्म है लेकिन फिर भी अकर्म है। जो व्यक्ति सच्चाई की ओर बढ़ना चाहता हो, शांति की ओर बढ़ना चाहता हो, उसको समझना पड़ेगा कि उसके जीवन में अकर्म कहाँ बैठा हुआ है? कितना बड़ा दायरा है ऐसे कर्मों का जो बस उससे हुए जा रहे हैं। लग रहा है वो कर रहा है लेकिन वो कर नहीं रहा है। -आचार्य प्रशांत
@priyankagupta8002
@priyankagupta8002 11 ай бұрын
अकर्म जब हो रहा है तो कर्ता है- प्रकृति विकर्म जब हो रहा है तो कर्ता है- अहंकार निष्काम कर्म हो रहा है तो कर्ता है- आत्मा को समर्पित अहंकार। -आचार्य प्रशांत
@priyankagupta8002
@priyankagupta8002 11 ай бұрын
कर्म-जहाँ आपने चुनाव करा है। जहाँ चुनाव शामिल है सिर्फ़ उसको कर्म कहा जा सकता है। उदाहरण के लिए- गाय घांस खाती है, शेर मांस खाता है। लेकिन आदमी मांस खाता है- ये कुकर्म है। -आचार्य प्रशांत
@priyankagupta8002
@priyankagupta8002 11 ай бұрын
ये पहली बात मानो कि दुनिया के प्रलोभन बड़े नहीं हैं अपना विवेक और अपना संकल्प छोटा है। ये बात ज्ञान की है। और दूसरी बात संकल्प और साधना की है। -आचार्य प्रशांत
@Dharmadhyaksh
@Dharmadhyaksh 5 ай бұрын
अकर्म में आपका कोई चुनाव नहीं। कर्म में चुनाव सम्मिलित होता है। विकर्म मे सिर्फ़ अहंकार की पूर्ति के लिए काम किया जाता हैं। दुनिया के प्रलोभन बड़े नहीं है, अपना संकल्प और ज्ञान छोटा है।
@prasanjr
@prasanjr 11 ай бұрын
🙏
@geetaji3887
@geetaji3887 11 ай бұрын
Pranaam Aachary Ji.Fine explaination.❤
@ghananandchaturvedi8519
@ghananandchaturvedi8519 11 ай бұрын
प्रणाम आचार्य जी,इस विडियो के लिए आपका धन्यवाद और आभार है! 🌹🌹🌹🌹
@RajeshKumar-r7e7o
@RajeshKumar-r7e7o 11 ай бұрын
🙏🙏👌👌
@msinder11
@msinder11 11 ай бұрын
❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏
@satyavatikumari1476
@satyavatikumari1476 4 ай бұрын
आत्मज्ञान का अर्थ ही यही है अपने कर्मो को जानना
@simabiswas8031
@simabiswas8031 11 ай бұрын
Pranam acharya ji 🙏🙏🙏❤️
@priyankagupta8002
@priyankagupta8002 11 ай бұрын
कर्म 2 प्रकार का होता है 1) निष्काम कर्म 2) विकर्म 1)निष्काम कर्म- निष्काम कर्म वो जिसमें आप कर्म कर रहे हो अपने सीमित सरोकारों से आगे का। निष्काम कर्म गीता का सार है, गीता की आत्मा है। 2)विकर्म- जिसमें आप काम कर रहे हो अहंकार की तृप्ति के लिए। -आचार्य प्रशांत
@vaishnavisultane56
@vaishnavisultane56 11 ай бұрын
@manojnamdev4925
@manojnamdev4925 11 ай бұрын
Pranam acharyaji
@manoramasharda723
@manoramasharda723 11 ай бұрын
Very beautifully explained ❤ Pranam Aacharya ji 🙏🙏❤️❤️💐
@RajniKumari-rf9vl
@RajniKumari-rf9vl 5 ай бұрын
Thank you Acharya Prashant
@NandanYadav-sz3nq
@NandanYadav-sz3nq 5 ай бұрын
Jai shree krishan
@manishrajpal6092
@manishrajpal6092 11 ай бұрын
आप बोलते हो न , जो सही है वो चुप चाप कर ।🌱🙏🌱
@pearlxyou
@pearlxyou 10 ай бұрын
Pronam Acharyaji🙏🏻🙏🏻🙏🏻
@avdhutsurywanshi1602
@avdhutsurywanshi1602 10 ай бұрын
Mera Naam avdhut hai... Lekin mujhe Acharya ji ..se malum hua ki ... avdhut Gita bhi hai...🙏🙏
@Himanshu_Upadhyay_
@Himanshu_Upadhyay_ 5 ай бұрын
चरण स्पर्श, आचार्य जी। 🙇🏻🪔
@ujjjval
@ujjjval 11 ай бұрын
धन्यवाद आचार्य जी
@ravindraqqq
@ravindraqqq 10 ай бұрын
❤❤❤❤❤
@HarpreetKaur-zi1ky
@HarpreetKaur-zi1ky 11 ай бұрын
💯❤️🙏♥️
@ritukukreti6369
@ritukukreti6369 11 ай бұрын
Naman acharya ji 🎉
@sandeepkumardagur1317
@sandeepkumardagur1317 10 ай бұрын
नमन आचार्य जी 🙏
@sanjupandey190
@sanjupandey190 11 ай бұрын
Thanku sir ji gud guidance 🙏
@gaurangdeshpande1747
@gaurangdeshpande1747 2 ай бұрын
यह स्लोक उद्धव गीता से है अवधूत गीता से नहीं।
@karamjitkaursidhu6622
@karamjitkaursidhu6622 11 ай бұрын
🙏
@kyliegigi325
@kyliegigi325 11 ай бұрын
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@MkSahu-du5td
@MkSahu-du5td 10 ай бұрын
❤❤
@sunilduttojha6376
@sunilduttojha6376 11 ай бұрын
🙏
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